अमेठी जिले में 22 हजार संरक्षित, फिर भी सड़कों पर काल बने गोवंश
अमेठी।प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना निराश्रित गोवंश संरक्षण योजना फेल नजर आ रही है। विभाग का दावा है कि जिले की गोशालाओं में क्षमता से अधिक करीब 22 हजार से अधिक गोवंशों का संरक्षित किए गए हैं। अभियान भी चल रहा है। बावजूद इसके निराश्रित गोवंशों के झुंड सड़कों व आबादी में दिख रहे हैं, जो लोगों के लिए काल बन रहे हैं।
जिले में निराश्रित गोवंश संरक्षण को लेकर कुल 116 (कान्हा गौशाला, कांजी हाउस, वृहद स्थाई एवं अस्थाई गौशाला) संचालित हैं। इन स्थलों में 12 हजार निराश्रित गोवंशों के संरक्षण की क्षमता है। विभाग की माने तो इन गोशालाओं में 22,239 निराश्रित गोवंशों को संरक्षित कराया गया है। निराश्रित गोवंशों के संरक्षण को लेकर अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय स्थित कोतवाली के सामने, ओवरब्रिज, टिकरिया, फैक्टरी मोड़ सहित अन्य मार्गों पर तो अमेठी शहर में अमेठी गौरीगंज मार्ग पर बाईपास के पास, देवीपाटन मंदिर, गांधी चौक, किठावर मार्ग स्थित मंदिर के सामने समेत अन्य स्थानों पर रात में निराश्रित गोवंशों के झुंड दिखते हैं। आएदिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में राहगीरों की मौत हो रही हैं।
वृहद गोशालाओं का निर्माण कार्य जल्द होगा पूरा
प्रभारी सीवीओ डॉ. हेमंत कुमार ने बताया कि जिले की शाहगढ़ ब्लॉक के गांव दखि्खनवारा, भेटुआ के कोरारी लच्छनशाह, भादर के टीकरमाफी और बाजार शुकुल के जोदिलमऊ में बृहद गौशाला का निर्माण चल रहा है। जल्द ही निर्माण पूरा होगा। एक वृहद गोशाला की क्षमता 250 पशुओं की है।
प्रभारी सीवीओ डॉ. हेमंत कुमार ने बताया कि जिले में इस समय क्षमता से अधिक निराश्रित गोवंश संरक्षित हैं। बताया कि गोशालाओं में मनरेगा के तहत शेड का विस्तार कराया जा रहा है। साथ ही अभियान चलाकर निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किया जा रहा है।
Aug 30 2024, 11:38