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*कुत्तों का हमला बढ़ा, एक दिन में 50 ने लगवाया एंटी रेबीज*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। बारिश के सीजन में कुत्तों से लेकर बंदरों तक के हमले बढ़ गए हैं। ब्लॉक क्षेत्र के अलग-अलग गांव में एक सप्ताह के अंदर 150 से अधिक लोग जानवरों के हमले के शिकार हो गए। बुधवार को सीएचसी औराई में 50 महिलाओं, बच्चों और पुरुषों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाए। बारिश में भादों का महीना शुरू होने से कुत्तों में बदलाव शुरू हो जाता है। इससे वह लोगों पर हमला करना शुरू कर देते हैं। ग्रामीण अंचलों में जहां कुत्तों के हमले से लोग परेशान हैं, वहीं औराई चौराहे पर बंदर लोगों को घायल कर रहे हैं। मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक 50 से अधिक लोग सीएचसी औराई पहुंचे और एंटीरेबीज का इंजेक्शन लगवाए। कुत्ते के काटने से अमीरपट्टी निवासी अरुण कुमार (24), उपरौठ निवासी साडो देवी (38), गोरी निवासी विकास यादव (32), औराई निवासी बबलू (22) गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बिल्ली के काटने से सांवरा निवासी शिवांश (11) और अंश पाल घायल हुए। बंदरों के आतंक से औराई निवासी पन्ना कुमार (52) भी गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे जानवरों को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
*जिले में पहली बार होगी स्ट्रॉबेरी की खेती, दो हेक्टेयर लक्ष्य तय*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। एकीकृत बागवानी योजना के तहत किसानों को इसके लिए 40 फीसदी अनुदान भी मिलेगा। पहले साल दो हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। विभाग में किसानों की चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। किसानों को प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर लाभ मिलेगा।किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। कई किसानों का परंपरागत खेती को छोड़ कर तकनीकी खेती की ओर रुझान बढ़ा है। अब तक अधिकतर किसान गेंहू और धान की खेती तक सीमित थे। हालांकि अब किसानों में बदलाव आ रहा है। किसान परंपरागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती की ओर बढ़े हैं। अब वे सब्जी सहित विभिन्न प्राकृतिक खेती में अपने हाथ आजमा रहे हैं। इस खेती में किसानों को कम लागत में बेहतर मुनाफा होता है। इस साल जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। इसके लिए शासन से किसानों को 40 फीसदी अनुदान भी मिलेगा। एक हेक्टेयर की स्ट्रॉबेरी की खेती में करीब 1.25 लाख रुपये अनुमानित खर्च आते हैं। उद्यान विभाग की ओर से किसानों को लागत का 40 फीसदी अनुदान मिलेगा। किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करके एक साल में करीब एक लाख से दो लाख रुपये तक प्रति हेक्टेयर इनकम कमा सकते हैं। शुरुआती दौर में थोड़ी दिक्कत होती है। इसके बाद व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाती हैं। जिला उद्यान अधिकारी ममता सिंह यादव ने बताया कि एकीकृत बागवानी मिशन में सबसे अधिक 125 हेक्टेयर में सब्जी की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें कद्दू, नेनुआ, लौकी, करेला, बजर बट्टू, पातगोभी, फूलगोभी, भिंडी, शिमला मिर्च आदि शामिल है। एक हेक्टेयर में सब्जी की खेती करने पर करीब 50 हजार रुपये का खर्च भी है। इसी में दो हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती की जाएगी। कार्यालय से सत्यापन के बाद ही किसानों का चयन किया जाएगा।
*बेघरों को मिलेगा पीएम आवास, नए सिरे से होगा सर्वे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित लोगों को आवास मिलने की उम्मीद जगी है। योजना के लिए जिले की 546 ग्राम पंचायतों में फिर से सर्वे का काम शुरू होगा। इसमें पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए टीमें लगाई जाएंगी। इसके क्रियान्वयन का आदेश मिलने के बाद सर्वे की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार को सीडीओ ने सभी बीडीओ को पत्र जारी कर इस प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिए।ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद और पात्र लोगों को घर मुहैया कराने के उद्देश्य से करीब एक दशक पूर्व पीएम आवास योजना शुरू की गई थी। इसके तहत बेघरों को पक्की छत उपलब्ध कराई गई थी। साल 2018 में आवास प्लस के तहत हुए सर्वे में चयनित पात्रों को योजना का लाभ दिया गया था। अब शासन ने फिर कुछ बदलावों के साथ योजना के लिए सर्वे कराने के आदेश जारी किए हैं।प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2024-25 से 2028-29 के आगामी चरण के लिए योजना का सर्वे किया जाएगा। इसके तहत 2018 की सूची में शामिल पात्र, जिन्हें उस समय आवास नहीं मिला पाया है उन्हें भी इसमें जोड़ा जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी ने कहा कि योजना के तहत पंचायत स्तर पर रजिस्टर बनाए जाएंगे। रजिस्टर को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लाभार्थी चयन 2024 का नाम दिया जाएगा। चयन से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी भी दर्ज होगी। इस बार योजना की दो शर्ताें में संशोधन किया गया है। चयन के मानकों को पूरा करने वाला दो पहिया वाहन धारक भी योजना में शामिल हो सकता है, लेकिन किसी एक भी अपात्रता की श्रेणी में आने पर उसका चयन निरस्त हो जाएगा। वहीं, परिवार का कोई सदस्य अगर 15 हजार रुपये प्रति माह कमा रहा हो तो वह अपात्र माने जाएंगे। पिछले सर्वे में 10 हजार रुपये मासिक आय की शर्त रखी गई थी। ये होंगे पात्र - आश्रय विहीन परिवार - बेसहारा अथवा भीख मांग कर जीवन यापन करने वाले लोग - हाथ से मैला ढोने वाले - जनजातीय समूह - वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर ये नहीं ले सकेंगे योजना का लाभ - मोटर युक्त तिपहिया अथवा चौपहिया वाहन धारक - तिपहिया अथवा चौपहिया कृषि उपकरण धारक - 50 हजार रुपये अथवा इससे अधिक केसीसी कार्ड धारक - ऐसा परिवार जिसमें कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो - सरकार के पास पंजीकृत गैर - कृषि उद्यम वाले परिवार - ऐसा परिवार जिसका कोई सदस्य 15 हजार रुपये मासिक से अधिक कमाता हो - आयकर देने वाले परिवार - व्यवसाय कर देने वाले परिवार - ऐसे परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो - ऐसे परिवार जिनके पास पांच एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि हो
*विदेशी सरजमीं पर फहराया संस्कृत का पताका*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अंतरराष्ट्रीय संस्कृत विद्वान पद्मश्री डॉ कपिलदेव द्विवेदी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कीर्ति आज भी विद्यमान है। उनकी रचित सैकड़ों रचनाएं आज भी लोगों को संस्कृत वेद का ज्ञान दे रही है। वेदामृतम से वेद के दुरुह ज्ञान को भी उन्होंने सरल कर दिया। विदेशी सरजमीं पर संस्कृत का पताका फहराने पर 1999 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। उन्हें देश और विदेश से 25 से अधिक बड़े पुरस्कार मिले। मूल रूप से गाजीपुर के गहमर निवासी डॉ कपिल देव द्विवेदी ने ज्ञानपुर भदोही को अपना कर्मभूमि बनाया। हिंदी, संस्कृत, समेत जर्मन, फ्रेंच समेत अन्य कई विदेशी भाषाओं में वह पारंगत रहे। गोरखपुर और हरिद्वार के क‌ई डिग्री काॅलेज के साथ वह केएनपीजी कॉलेज के क‌ई साल तक प्राचार्य भी रहे। डॉ कपिल देव द्विवेदी ने 35 वर्ष की अवस्था में ग्रेथों का लेखन शुरू किया। करीब 80 से अधिक ग्रथ और रचनाएं लिख डाली। छह दिसंबर 1918 को जन्में डॉ कपिल देव द्विवेदी 28 अगस्त को 2011 को पंचतत्व में विलीन हो गए। मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार दिया गया। सेवानिवृत्त प्रोफेसर उनके बेटे डॉ भारतेन्दु द्विवेदी ने बताया कि पिताजी ने संस्कृत और भारतीय संस्कृति का पताका फहराने के लिए अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, जर्मनी, हाॅलैंड फ्रांस,इटली, स्विट्जरलैंड, सूरीनाम, गुयाना,मारीशस , कीनिया, तंजानिया और सिंगापुर आदि देशों की क‌ई बार यात्रा की। देश-विदेश की अनेक संस्थाओं की ओर से 25 से अधिक सम्मान और पुरस्कार मिले।
*स्टेशन रोड पर आरसीसी रोड निर्माण समेत अन्य मांगों को लेकर नगर उद्योग व्यापार मंडल ने डीएम को सौपा ज्ञापन*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौपा। दिए गए ज्ञापन में स्टेशन रोड पर आरसीसी रोड निर्माण एवं दोनों तरफ नाली का निर्माण तथा सीतामढ़ी से मुख्यालय तक सिटी बस चलाने की मांग किया है। नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी नगर अध्यक्ष श्रीकांत जायसवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम को एक ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने ज्ञापन के माध्यम से बरगदा हनुमान मंदिर से स्टेशन तक आरसीसी रोड का निर्माण करने एवं दोनों तरफ नाली का निर्माण करने की मांग किया। व्यापारियों ने इसके अलावा सीतामढ़ी से मुख्यालय तक सिटी बस चलाने का भी मांग किया। व्यापारियों ने कहा कि पड़ाव से स्टेशन तक सड़क निर्माण के लिए कई बार पत्रक दिया जा चुका है। जबकि स्टेशन रोड की सड़क पूरी तरह खराब हो गई है जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं । नालियां ना होने से सड़क पर पानी जमा हुआ है। जिससे आवागमन करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों ने बताया कि इसी मार्ग पर दो विद्यालय हैं जहां बच्चे प्रतिदिन विद्यालय जाते हैं । व्यापारियों ने बताया कि सिटी बस न चलने की वजह से लोगों को सीतामढ़ी ज्ञानपुर होकर मुख्यालय जाना पड़ता है। लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। सिटी बस न होने के कारण ऑटो चालक मनमानी किराया वसूलते हैं।
*छह करोड़ का ऋण बकाया, 341 को नोटिस*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। रोजगार करने के नाम पर ऋण लेकर उसकी अदायगी में लापरवाही बरत रहे 341 बकाएदारों को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने नोटिस जारी किया है। इन पर पांच करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपये और मार्जिन मनी के नौ लाभार्थियों पर 14 लाख 61 हजार रुपये बकाया है। 31 अगस्त तक बकाए की अदायगी न होने पर आरसी जारी कर इनसे बकाया वसूला जाएगा।अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश वित्तीय एवं विकास निगम की ओर से टर्मलोन-मार्जिन मनी योजनांतर्गत ऋण देने की योजना संचालित की गई थी। इसके तहत डेढ़ से दो दशक पहले से ऋण लिए लोगों की ओर से ऋण की अदायगी नहीं की जा रही है, जबकि ऋण धनराशि बढ़कर करीब छह करोड़ रुपये पहुंच चुकी है।विभाग की ओर से बार-बार अदायगी को लेकर निर्देश जारी करने के बाद भी बकाएदारों की ओर से गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसे देखते हुए विभाग की ओर से अब सख्ती की तैयारी की गई है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि टर्मलोन योजना के तहत 332 लोगों पर पांच करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपये और मार्जिन मनी के नौ लाभार्थियों पर 14 लाख 61 हजार रुपये बकाया है। बताया कि सभी को अनंतिम नोटिस जारी की गई है। 31 अगस्त तक पैसा जमा करने के लिए निर्देश दिया गया है। इसके पश्चात आरसी जारी कराकर वसूली की जाएगी।अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि टर्मलोन योजना के तहत 332 लोगों पर पांच करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपये और मार्जिन मनी के नौ लाभार्थियों पर 14 लाख 61 हजार रुपये बकाया है। बताया कि सभी को अनंतिम नोटिस जारी की गई है। 31 अगस्त तक पैसा जमा करने के लिए निर्देश दिया गया है। इसके पश्चात आरसी जारी कराकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
*अब 30 और 31 को होगी परीक्षा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में पुलिस भर्ती परीक्षा के तीन दिन बीत गए। अब 30 और 31 अगस्त को केएनपीजी कॉलेज, जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज, जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज गोपीगंज, सेवासदन इंटर कॉलेज मोढ़,राम सजीवन इंटर कॉलेज खमरिया और गुलाबधर मिश्रा इंटर कॉलेज गोपीगंज में परीक्षा होगी।
*हर दिन गुजरती हैं 24 से 36 ट्रेनें, 40 मिनट पर गिरता है फाटक*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के पर्यटनस्थल सीतामढ़ी से जोड़ने वाले जंगीगंज-धनतुलसी रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के पास फ्लाईओवर न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इस रूट से हर दिन पैसेंजर, एक्सप्रेस और मालगाड़ी मिलाकर कुल 24 से 36 ट्रेनें गुजरती हैं। इस कारण लगभग हर 40 मिनट पर एक बार फाटक गिराया जाता है। इससे फाटक के दोनों तरफ वाहनों की कतार लग जाती है।माधोसिंह-प्रयागराज रेलखंड पर भदोही जिले में तीन से चार स्टेशन पड़ते हैं। इसमें ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर अधिकतर ट्रेनों का ठहराव होता है। इस रूट से करीब 24 घंटे में लगभग 32 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। इसके अलावा करीब आधा दर्जन मालगाड़ी भी होती हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो हर एक 40 मिनट में एक ट्रेन का परिचालन होता है। लगातार ट्रेनों के आने के कारण बार-बार फाटक भी गिराना होता है। इस कारण आवागमन प्रभावित होता है।जिले का जंगीगंज-धनतुलसी मार्ग बहुत व्यस्त रहता है। यह मार्ग जिले के एक मात्र पर्यटन स्थल सीतामढ़ी को जोड़ता है। हर दिन बड़ी संख्या में इस मार्ग से पर्यटक सीतामढ़ी पहुंचते हैं। फाटक के पास फ्लाईओवर न होने के कारण पर्यटक से लेकर आम लोग भी फाटक गिरने के बाद यहां इंतजार करते नजर आते हैं। कई बार दो से तीन ट्रेनें गुजरती हैं तो लोगों को आधे से एक घंटे तक खड़ा रहना पड़ता है। इससे लोगों का समय तो नुकसान होता ही है। दूसरी तरफ धूप और बारिश से भी झेलनी होती है। यह मार्ग करीब 20 से 22 गांव को जोड़ता है। हर दिन इस गांव के लोग परेशान होते हैं।
*236 शिक्षक होंगे समायोजित, पठन-पाठन होगा बेहतर*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। एक या दो शिक्षकों के भरोसे संचालित विद्यालयों में अब शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। समायोजन के जरिए शिक्षकों की कमी और अधिकता के अनुपात ठीक होगा। शासन से आए निर्देश के बाद समायोजन को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से सूची तैयार कर ली गई है। 236 शिक्षकों का समायोजन दूसरे विद्यालयों में किया जाएगा।जिससे शिक्षण कार्य को सुचारू करने को लेकर आ रही समस्या को दूर हो सके। जिले में 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें करीब 5200 शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्र तैनात हैं। कई साल से समायोजन न होने से 100 से अधिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अनुपात में शिक्षकों की कमी हो गई। जिससे संबंधित विद्यालयों में पठन-पाठन प्रभावित होने लगा। परिषदीय विद्यालयों में कहीं अधिक शिक्षकों की तैनाती है, जबकि वहां बच्चे कम हैं। वहीं कहीं बच्चों की अधिकता के बाद भी शिक्षकों की संख्या कम है। जिसको लेकर कुछ माह पूर्व निदेशालय की ओर से समायोजन का निर्देश दिया गया था।


जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शिक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है। 16 हेडमास्टर और 220 सहायक अध्यापकों का समायोजन किया जाएगा। एक या दो शिक्षकों के सहारे चलने वाले विद्यालयों में शिक्षकों को भेजा जाएगा।
*आठवीं की मान्यता, इंटर तक चल रही कक्षाएं*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में आठवीं की मान्यता लेकर इंटर तक की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। सालों से चल रहे अटैचमेंट के खेल को शिक्षा विभाग खत्म नहीं कर पा रहा है। शिक्षा सत्र शुरू होने पर ऐसे विद्यालयों पर सख्ती का दावा तो किया जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद सब सामान्य हो जाता है। जिले में 38 राजकीय, 25 वित्तपोषित, 100 से अधिक वित्तविहीन समेत कुल 193 माध्यमिक एवं इंटरमीडिएट कॉलेज संचालित हैं। जिसमें एक लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। मान्यता लेने वाले विद्यालयों के अलावा कई ऐसे स्कूल हैं जो बेसिक शिक्षा परिषद से आठवीं तक की मान्यता लिए हैं, लेकिन वहां नौवीं, 11वीं तक के छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जा रहा है। विद्यार्थियों को अच्छे नंबर से पास कराने का हवाला देकर उनका प्रवेश किसी दूसरे विद्यालय में कराते हैं। यह एक, दो नहीं बल्कि 15 से 20 साल से चल रहा है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। अभोली ब्लॉक के दशवतपुर, अभोली बाजार, सुरियावां, चौरी, औराई, कोइरौना समेत अन्य क्षेत्रों में करीब 50 से अधिक ऐसे विद्यालय संचालित हैं जो मान्यता तो आठवीं तक लिए हैं, लेकिन कक्षाएं इंटर तक चला रहे हैं। जिससे बोर्ड परीक्षा के समय छात्र-छात्राओं संग अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूलों में तैनात अप्रिशिक्षित शिक्षक उन्हें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं। इससे विद्यार्थी किसी तरह हाईस्कूल व इंटर उत्तीर्ण तो हो जाते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पीछे रह जाते हैं। चिह्नित हो रहे अटैचमेंट वाले स्कूल ज्ञानपुर।


जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि आठवीं की मान्यता लेकर इंटर तक कक्षाएं चलाने वाले विद्यालय चिह्नित किए जा रहे हैं। अभी तक करीब 10 विद्यालय चिह्नित हुए हैं। सभी ब्लॉकों में ऐसे विद्यालयों की सूची बनाई जा रही है। जल्द ही टीम के साथ कार्रवाई की जाएगी।