/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1721402990591037.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1721402990591037.png StreetBuzz दरभंगा में घरेलू गैस पाइप लाइन का काम युद्धस्तर पर Arfa
दरभंगा में घरेलू गैस पाइप लाइन का काम युद्धस्तर पर
भोजन, वस्त्र, आवास हर मनुष्य की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति होना जरूरी है। उसमें घरेलू गैस का हर चूल्हा तक पहुंचना केंद्र की मोदी सरकार की प्राथमिकता है। दरभंगा में लाखों लोगों का इसकी आपूर्ति के लिए जागरूक दिखना। इसके कार्यों के प्रति एक जिज्ञासा रखना इसका ज्वलंत उदाहरण है।

दरभंगा में सांसद डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा में चल रहे उज्जवला योजना, गैस सिलेंडर कनेक्शन एवं वितरण, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, सीएनजी पंप, अंडर गैस पाइप लाइन सहित अन्य कार्यों की प्रगति और स्थिति से अवगत कराते उपरोक्त बातें कही।

सांसद ने कहा कि वर्तमान में दरभंगा में IOCL का 62, BPCL का 21 और HPCL का 15 पेट्रोल पंप क्रियाशील है। आने वाले दिनों में कई और नए जगहों पर पेट्रोल पंप खोले जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। सांसद ने अधिकारियों को ग्रामीण और क्षेत्र में जरूरत के अनुरूप नए पेट्रोल पंप खोलने और सभी पेट्रोल पंप पर सरकारी नियमानुसार दिए जाने वाले सुविधा जिसमें फ्री हवा, पीने का पानी, महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय, फोन की सुविधा सहित फर्स्ट एड किट की सुविधा उपलब्ध कराने के बारे में यह बात कही।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में दरभंगा में 9 लाख 32 हजार LPG उपभोक्ता है। वहीं, उज्जवला कनेक्शनधारियों की संख्या 4 लाख 91 हजार है। उन्होंने क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर छूटे हुए सभी परिवार को LPG कनेक्शन लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दरभंगा में कुल 77 गैस डिस्ट्रीब्यूटर क्रियाशील है। सांसद ने जानकारी देते हुए कहा कि दरभंगा में घरेलू गैस पाइप लाइन का काम युद्ध-स्तर पर चल रहा है।

दरभंगा में अभी तक 55 हजार से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। उसमें से लगभग 15 हजार घरों में पाइपलाइन लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। सांसद ने कहा कि दरभंगा में गैस पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर तक रसोई गैस पहुंचाना उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेगूसराय से बहेड़ी के बीच दोनों ओर से चल रहे मुख्य पाइप लाइन के कार्य को तीव्र गति से पूरा करने का जानकारी दिए।

वहीं, बहेड़ी से दरभंगा के बीच गैस पाइप लाइन बिछाने की प्रक्रिया को जल्द पूरा कर कार्य प्रारंभ करने की बात कही। सांसद ने क्षेत्रवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जनहित के किसी भी कार्य में कोई कठिनाई हो तो उसमें वह हर संभव सहायता करने का प्रयास करेंगे।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी का नतीजा है कि आज देश के छोटे शहरों तक CNG और गैस पाईप लाईन के माध्यम से गैस आपूर्ति संभव हो रही है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों वह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी से मिलकर भी इन सभी कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि विकसित दरभंगा बनाने के लिए वह हर समय प्रयत्नशील रहेंगे।
15 साल से जर्जर पड़ा स्कूल भवन, खंडहर में बदला
दरभंगा के गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र के बरदाहा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में राशि उठाव होने के 15 साल बाद भी स्कूल भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। काम कराने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापक को उसके मूल स्कूल बरदाहा उर्दू में स्थनांतरित कर दी गई है। आश्चर्य की बात है की स्कूल में भवन निर्माण से संबंधित कार्य स्थल पर योजना पट्ट नहीं लगाई गई है।

वहीं, इस बीच बना बनाया अधूरा भवन खंडहर में तब्दील होने लगा है। भवन का ईंट उखड़ रहा है। स्कूल के छत से मटेरियल झड़ रहे हैं। चारों ओर गंदगी और जंगल का अंबार लग गया है।

जर्जर हालत में छोड़ा भवन

मालूम होता हैं कि साल 2007-2008 में 15 साल पहले लगभग 12 लाख रुपए की लागत से तात्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापक मो.अकरम द्वारा 3 कमरे और एक किचन और बाथरुम के भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जैसे तैसे भवन के छत की ढलाई कर छोड़ दी गई है।

इस बीच कई बार स्थानीय लोग भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करने की मांग करते रहे। लेकिन उक्त भवन को उसी अवस्था में छोड़ दिया गया। इन सालों में अर्ध निर्मित भवन भी जर्जर होने लगा है। जबकि उक्त स्कूल में लगभग 150 छात्र नामांकित हैं। प्रत्येक दिन 120 की संख्या में बच्चों की उपस्थिति रहती है।

भवन के अभाव में छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है। 4 शिक्षक दो कमरे में ही कक्षा 1 से वर्ग 5 तक की छात्रों को पढ़ाने में विवश हैं।

शुक्रवार को स्कूल रहती है बंद

कई लोगों ने बताया कि विभागीय पदाधिकारी और अभियंता की मिली भगत से स्कूल भवन की राशि को निकाल कर बंदरबांट कर लिया गया है।

भवन को यूं ही अधूरा छोड़ दिया गया है। इस दिशा में विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस संबंध में कई अभिभावकों ने ऐसे अधूरे भवन को शीघ्र पूर्ण कराने के साथ ही वैसे शिक्षक और विभागीय अभियंता पर कार्रवाई की मांग की है।

मुस्लिम  क्षेत्र होने की वजह से यह स्कूल शुक्रवार को बंद रहती है। RTI कार्यकर्ता राजकुमार झा ने सूचना अधिकार के तहत उक्त स्कूल के स्थापना काल से ही अब तक विभाग से विभिन्न मद से उठाव और खर्च की गई राशि का विवरण पंजी की मांग BEO से किया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक नवीन कुमार ने बताया कि स्कूल के प्रधानाध्यापक के चार्ज लिए डेढ़ साल हुए है। उन्होंने कहा कि हमसे पहले के प्रभारी प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार गुप्ता ने अधूरे भवन का निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कई बार शिक्षा पदाधिकारी से अनुरोध किया था। लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशानंद हाजरा ने बताया कि ये मुझसे पहले का मामला है। मैं इसकी जांच करवाता हूं की आखिर क्या वजह है।

वहीं, DEO समर बहादुर सिंह ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में है। मैं इस बात की जानकारी जुटवाता हूं। उचित समाधान किया जाएगा।
मखाना खेती जागरूकता के लिए होगा राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार
मिथिला के मखाना ने दरभंगा सहित पूरे मिथिलांचल को विश्व मानचित्र पर एक बार फिर से प्रतिष्ठित किया है। इस चमत्कारिक जलीय फसल में उत्तर बिहार की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में क्रांति ला देने की पूरी क्षमता है। अब मखाना की खेती और इसके ग्लोबिंग मार्केटिंग के माध्यम से करोड़ों लोगों को रोजगार मुहैया होगी। दरभंगा के सांसद डॉ.गोपाल जी ठाकुर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक डॉ.के.नरसैया और राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.मनोज कुमार के साथ दरभंगा स्थित अपने आवासीय कार्यालय में एक बैठक के बाद उपरोक्त बातें कहीं।

डॉ.नरसैया ने जानकारी दी कि मखाना और मखाना आधारित उत्पादों की बढ़ती राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मांग उत्तर बिहार की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकती है। विश्व के कुल मखाना उत्पादन में बिहार का योगदान लगभग 80 प्रतिशत है।

अब मखाना की दोगुना हो रही खेती

मखाना की खेती और प्रसंस्करण में किसानों और उद्यमियों की बढ़ती रुचि, बेहतर आमदनी की सम्भावना, सकारात्मक नीतियां और राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा के शोध और प्रसार प्रयासों के कारण पिछले 5 सालों में मखाने की खेती का विस्तार तेजी से हुआ है। 5 साल पहले तक मखाने की खेती लगभग 15 हजार हेक्टेयर में होती थी, जो अब 30 से 35 हजार हेक्टेयर में होती है। इसकी उत्पादकता इस दौरान 14-16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ गई है। प्रति हेक्टेयर आमदनी 50-60 हजार रुपए से बढ़कर 1.5 से दो लाख तक अनुमानित है। मखाना किसानों और उद्यमियों की संख्या भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है।

1 लाख से 3 लाख तक पहुंची

आमदनी बिहार के दरभंगा में मखाना की खेती से 1 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से 3 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तक की आमदनी देखी गई है। दरभंगा स्थित मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त होने के साथ ही संस्थान में रिसर्च के लिए जरूर आधारभूत संरचनाओं का विकास तेज हो गया है। विकासात्मक कार्यों के लिए फंड की उपलब्धता बढ़ी है। साथ ही वैज्ञानिकों की संख्या भी बढ़ी है।

मिथिला के किसानों और उद्यमियों के साथ-साथ पूरे देश में मखाने के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आगामी 17 अक्टूबर को मखाना अनुसंधान केंद्र में एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होना है। आश्विन शुक्ल पूर्णिमा कोजागरा के दिन हर साल अक्टूबर महीने में राष्ट्रीय मखाना दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि और दर्जनों मखाना खेती और उद्यमी मौजूद थे।
1350 रुपए की डीएपी के लिए किसानों को खर्च करने पड़ रहे 1700 से अधिक रुपए
दरभंगा में खरीफ मौसम के तहत विभिन्न फसलों की बुआई हो चुकी है। किसानों को डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) और एनपीके खाद को लेकर दिक्कत शुरू हो गई है। किसानों को डीएपी खाद मिलने में कठिनाई हो रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले करीब 4 महीने से जिले में डीएपी की भारी किल्लत चल रही है। किसानों का कहना है कि 1350 रुपए की डीएपी के लिए वह 1700 रुपए देने के लिए भी तैयार हैं।

फिर भी खाद नहीं मिल रही है। मानसून आने के बाद किसानों को डीएपी खाद की किल्लत शुरू हो गई है। बारिश के बाद किसान धान, मरूआ, मक्का, मूंग, उड़द की फसलों की खेती कर ली है। लेकिन डीएपी और एनपीके खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

5 दिनों से चक्कर काट रहे थोक विक्रेता

बहादुरपुर प्रखंड के किसान अरुण झा कहते हैं पिछले 5 दिनों से थोक विक्रेता व खुदरा विक्रेता के यहां चक्कर काट रहे हैं। लेकिन धान की फसल में देने के लिए डीएपी नहीं मिल रहा है। यूरिया देना पड़ रहा है। डीएपी की किल्लत से मेरे जैसे सैकड़ों किसान परेशान हैं।

कई किसान तो मजबूरी में बिना डीएपी और एनपीके धान में डाल रहे हैं। किसान संगठन से जुड़े रमेश कुमार ठाकुर कहते हैं कि देश के कई राज्यों में डीएपी खाद की कमी है। इसकी वजह है कि केंद्र सरकार ने राज्यों का कोटा घटा दिया है। इसमें कालाबाजारी से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। डीएपी खाद की प्रति बैग की कीमत 1350 रुपए है।

लेकिन व्यापारी 1650 से लेकर 1700 रुपए तक वसूल रहे हैं। डीएओ कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से अगस्त माह तक जिले में यूरिया की 20 हजार मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। लेकिन जिले को 10,124 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार से अप्रैल से अगस्त माह तक 5400 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता थी। लेकिन 2097 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया।

इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी विपिन विहार सिन्हा ने बताया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। सरकार डीएपी की जगह मिक्सचर की आपूर्ति अधिक कर रही है। ताकि किसानों को खेती की लागत में कमी आ सके। एक बोरी डीएपी की जितनी कीमत है। उतने में किसानों को मिक्सचर मिल रहा है। मिक्सचर में सभी पोषक तत्व मौजूद रहता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
दरभंगा के SSP का तबादला एक्सप्रेस
दरभंगा में बड़े पैमाने पर पुलिस अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग की गई है। इसको लेकर दरभंगा के SSP जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने जानकारी दी है। ये ट्रांसफर और पोस्टिंग उन्हीं के आदेश पर जिले के अलग-अलग थाने में की गई है। जानकारी हो की वरीय पुलिस अधीक्षक ने 8 थानों के थानेदार को बदल दिया है। इसमें कुछ थानेदार को इधर से उधर कर दिया है। इसके अलावा नए कनीय अवर निरीक्षक को भी थानाध्यक्ष का मौका एसएसपी ने दिया है। ये वैसे कनीय अवर निरीक्षक हैं, जिन्होंने थाना में रहते हुए बेहतर पुलिसिंग की है।

पुअनि शैलेश कुमार को त्रिलोकेश्वर थाना अध्यक्ष से हटाकर विशनपुर का थानाध्यक्ष, पुअनि रूदल कुमार को सोनकी थाना अध्यक्ष से हायाघाट थानाध्यक्ष, पुअनि मनीष कुमार को बाजितपुर थाना से थानाध्यक्ष सिमरी, पुअनि धर्मेंद्र कुमार हांसदा शुभंकरपुर टीओपी से थानाध्यक्ष रेड्याम थानाध्यक्ष, पुअनि आलोक कुमार कअनि घनश्यामपुर थाना से थानाध्यक्ष अनुसूचित जनजाति/जाति थानाध्यक्ष, पुअनि मुकेश कुमार कअनि कमतौल थाना से बाजितपुर थानाध्यक्ष, पुअनि बसंत कुमार कअनि बहेड़ा थाना से सोनकी थानाध्यक्ष, पुअनि अंकित कुमार को कअनि बिरौल थाना से तिल्केश्वर थाना का थानाध्यक्ष बनाया गया हैं।
दरभंगा में 29 अगस्त को लगेगा जॉब कैंप
दरभंगा के युवाओं को एक बार फिर रोजगार के अवसर दिए गए है। संयुक्त श्रम भवन दरभंगा में 29 अगस्त को जॉब कैंप का आयोजन होगा। कैंप दिन के 11 बजे से शाम के 3 बजे तक लगेगा। 18 से 32 साल के युवक इस जॉब कैंप में भाग ले सकते है। फील्ड एसिस्टेंट ट्रेनी के पदों पर चयनित युवकों की बहाली की जाएगी। बहाली इन्टरव्यू के आधार पर रोगी। जॉब कैंप में कुल 50 सीट निर्धारित है। बहाली Bharat Financial Inclusion LTD की ओर से होगी।

जानकारी अवर प्रादेशिक नियोजनालय ने दी है। सहायक निदेशक (नियोजन) ने कहा कि इस जॉब कैंप में चयनित अभ्यर्थियों को 10,500 रुपए (Fresher) और अनुभवी अभ्यर्थी को साक्षात्कार के आधार पर वेतन सहित अन्य मुफ्त आवास इनसेंटिव, फ्यूल खर्च प्रतिमाह मिलेगा। चयनित अभ्यर्थी को दरभंगा व मधुबनी में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों के पास दो पहिया वाहन और लाइसेंस होना अनिवार्य है।

जॉब कैंप में निःशुल्क भाग ले सकते

उप निदेशक, जन-सम्पर्क सत्येन्द्र प्रसाद ने कहा कि इच्छुक अभ्यर्थी मेले में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर रोजगार के अवसर का लाभ उठा सकते हैं। जॉब कैंप में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों के लिए नियोजनालय निबंधन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इच्छुक अभ्यर्थी भारत सरकार के NCS Protal (www.ncs.gov.in) पर जाकर खुद से या इस नियोजनालय में आकर निबंधन करा सकते हैं।
NH-57 पर ट्रक ने स्कॉर्पियो में मारी टक्कर, 8 घायल
सुपौल के राघोपुर थाना इलाके के सिमराही में एनएच-57 पर टीपीडी पेट्रोल पंप के पास शुक्रवार की देर रात तेज रफ्तार में आ रहे एक ट्रक ने स्कॉर्पियो में टक्कर मार दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कॉर्पियो के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में 8 लोग घायल हो गए। पुलिस ने सभी को इलाज के लिए राघोपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद दो घायलों को रेफर कर दिया गया। अररिया से दरभंगा जाने के दौरान हादसा

बताया जा रहा है कि स्कॉर्पियो अररिया से दरभंगा जा रही थी। इस दौरान सिमराही एनएच-57 पर टीपीडी पेट्रोल पंप के समीप कट पर अचानक ट्रक चालक (बीआर 50जी 9009) ने गलत दिशा में ट्रक को मोड़ दिया।

इसके बाद सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (बीआर 07पीबी 9523) से टक्कर हो गई। घायलों की पहचान दरभंगा जिले के लहेरियासराय दुमदुमा निवासी 55 साल की सवीना खातुन, 55 साल की नसीमा खातून और 42 साल के एकराम अंसारी के रूप में की गई है। इसके साथ ही लहेरियासराय के चकजोड़ा निवासी 42 साल के मो निजामउदीन, 40 साल के इसमत आरा का नाम भी शामिल है।

जबकि तीन अन्य लोग भी घायल हैं। मामले में राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। दोनों गाड़ी को कब्जे में लेकर कार्रवाई की जा रही है

NH-57 पर ट्रक ने स्कॉर्पियो में मारी टक्कर, 8 घायल
सुपौल के राघोपुर थाना इलाके के सिमराही में एनएच-57 पर टीपीडी पेट्रोल पंप के पास शुक्रवार की देर रात तेज रफ्तार में आ रहे एक ट्रक ने स्कॉर्पियो में टक्कर मार दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कॉर्पियो के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में 8 लोग घायल हो गए। पुलिस ने सभी को इलाज के लिए राघोपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद दो घायलों को रेफर कर दिया गया। अररिया से दरभंगा जाने के दौरान हादसा

बताया जा रहा है कि स्कॉर्पियो अररिया से दरभंगा जा रही थी। इस दौरान सिमराही एनएच-57 पर टीपीडी पेट्रोल पंप के समीप कट पर अचानक ट्रक चालक (बीआर 50जी 9009) ने गलत दिशा में ट्रक को मोड़ दिया।

इसके बाद सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (बीआर 07पीबी 9523) से टक्कर हो गई। घायलों की पहचान दरभंगा जिले के लहेरियासराय दुमदुमा निवासी 55 साल की सवीना खातुन, 55 साल की नसीमा खातून और 42 साल के एकराम अंसारी के रूप में की गई है। इसके साथ ही लहेरियासराय के चकजोड़ा निवासी 42 साल के मो निजामउदीन, 40 साल के इसमत आरा का नाम भी शामिल है।

जबकि तीन अन्य लोग भी घायल हैं। मामले में राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। दोनों गाड़ी को कब्जे में लेकर कार्रवाई की जा रही है

LNMU के कुलपति पर लगा जुर्माना
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित गांधी सदन के सामने तालाब के चारों ओर और सतह के पक्कीरण का खामियाजा अब कुलपति प्रो.संजय कुमार चौधरी को भुगतना पड़ रहा है। तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर 60 लाख रुपए की पहले तो बंदरबांट हुई। फिर विरोध होने पर इसको प्राकृतिक स्वरूप में लाने के लिए भी मोटी रकम खर्च की गई। लेकिन ट्रिब्यूनल इससे संतुष्ट नहीं हुआ। मिथिला विशेष रूप से दरभंगा में तालाबों के संरक्षण में जुटी संस्थान तालाब बचाव अभियान इस मामले में अपना जोरदार विरोध दर्ज करते आ रहा है। पिछले 22 अगस्त को भी मामले की सुनवाई ट्रिब्यूनल में हुई। ट्रिब्यूनल ने विश्वविद्यालय की ओर से विस्तृत शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर अपनी नाराजगी जताई है। विश्वविद्यालय इस मामले में गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उसने कुलपति पर व्यक्तिगत रूप से 5 हजार रुपए का जुर्माना करते हुए बिहार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया है।

वह तालाब की विस्तृत जांच कर 10 दिनों में अपना प्रतिवेदन ट्रिब्यूनल को समर्पित करें। इस मामले में आगामी 27 सितंबर को फिर से सुनवाई होगी।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट
महिला अत्याचार के खिलाफ छात्राएं सड़क पर उतरीं
दरभंगा में सैकड़ों स्कूली छात्राओं ने महिला अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। सड़क पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया। हाथों में अलग-अलग बैनर पोस्टर लेकर इंसाफ की मांग कर रहीं थीं। वी वांट जस्टिस के अलावा 1 2 3 4 बंद करो अत्याचार जैसे नारे लगाकर महिला अत्याचार के खिलाफ विरोध जताया। तकरीबन आधे घण्टे तक सड़क पर खड़े होकर प्रदर्शन करने के बाद सभी छात्राएं नारे लगाते हुए अपने स्कूल तक गईं।
सुरक्षा के लिए पुलिस रही मौजूद

प्रदर्शनकारी बच्चे की मुख्य मांग थी कि बलात्कारी को बचाने का काम कोई नहीं करे। बल्कि फांसी की सजा दी जाए। कोलकाता नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसी घटना हो रही है। जिसके खिलाफ यह प्रदर्शन है।

ताकि महिला के खिलाफ अगर कोई अत्याचार होता है तो हम सब उसकी आवाज बने और इंसाफ की लड़ाई लड़ सके। बच्चों के प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा इंतजाम के लिए पुलिस प्रशासन भी मौके पर मौजूद था।