उज्जैन में शिप्रा नदी ने दिखाया रौद्र रूप, घाटों पर बने मंदिर डूबे, प्रशासन अलर्ट, पूरे एमपी में जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त
मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश से नदी नाले उफान हैं. भारी बारिश के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. राजधानी भोपाल में भदभदा कालियासोत के गेट खोले दिए गये हैं. दूसरी तरफ उज्जैन में शिप्रा नदी में उफान पर है. इंदौर और शहडोल में भी मूसलाधार बारिश हुई है,
शुक्रवार (23 अगस्त) से ही मध्य प्रदेश के कई शहरों में जोरदार बारिश हो रही है. भोपाल में हुई तेज बारिश की वजह से बीती रात भदभदा डैम का एक गेट खोल दिया गया था. इसके बाद तीन गेट और खोलने पड़े. इसी तरह जलस्तर बढ़ने से कालियासोत डैम का भी एक गेट खोला गया है. इंदौर में तेज बारिश की वजह से उज्जैन में शिप्रा नदी भी उफान पर आ गई है. शिप्रा नदी के घाटों के मंदिर डूब गए हैं. इसके कारण प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है और घाटों पर स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
साइक्लोनिक सर्कुलेशन और मानसून ट्रफ के चलते उज्जैन शहर और आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया. इस जल स्तर में वृद्धि के कारण नदी के किनारे बने घाटों पर स्थित मंदिर जलमग्न हो गए. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर श्रद्धालुओं के लिए नदी में स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है. शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से सुरक्षा के इंतजाम किए.
इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है. यहां सुरक्षा के लिए 60 से 70 जवानों को तैनात किेया गया है. गौरतलब है कि शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ाने के कारण शिप्रा नदी के घाटों पर बने सारे मंदिर जलमग्न हो गए और उज्जैन से बड़नगर रोड को मिलने वाले छोटे पुल (ब्रिज) पर भी पानी आ गया है.
शिप्रा नदी छोटे ब्रिज के पांच फीट ऊपर से बह रही है. पुल के दोनों तरफ बैरिकेटिंग कर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है. मौसम विभाग ने चेताया है कि 25 से 27 अगस्त तक स्ट्रॉन्ग वेदर सिस्टम और साइक्लोनिक की एक्टिविटी रहेगी, जिसके असर से 24 और 25 अगस्त को भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, चंबल, ग्वालियर, सागर संभाग के 40 जिलों में भारी बारिश होने के आसार है.
Aug 25 2024, 14:07