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केंद्र सरकार ने किया नई पेंशन योजना का ऐलान, 10 साल बाद नौकरी छोड़ी तो म‍िलेंगे 10 हजार, 23 लाख कर्मचारियों को फायदा, भाजपा के लिए मास्टरस्ट्रोक

 केंद्र सरकार ने एक नई पेंशन योजना का ऐलान किया है. इसका नाम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) होगा. ये फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इस योजना के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया है, तो रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा.

इसके साथ ही अगर किसी पेंशनभोगी को मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को कर्मचारी की मौत के वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी मिलेगा. इसके साथ ही अगर कोई कर्मचारी 10 साल के बाद नौकरी छोड़ देता है, तो उसे 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. यूपीएस का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है. इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम से लाभ होगा. कर्मचारियों के पास NPS और UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा. यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा. इस योजना के तहत ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान किया जाएगा. हर 6 महीने की सेवा के बदले मासिक पारिश्रमिक (वेतन + डीए (महंगाई भत्ता)) का दसवां हिस्सा जुड़कर रिटायरमेंट पर मिलेगा.

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. उन्होंने कहा कि इस स्कीम के 5 पिलर्स हैं. 50 प्रतिशत सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला स्तंभ है और दूसरा स्तंभ सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन होगी. यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कम से कम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर 10 हजार रुपये प्रति माह सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन मिलेगी. 

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने केंद्र सरकार के जॉइंट कंसल्टेटिव मैकेनिज्म (JCM) के साथ कई बार मीटिंग की. इसके बाद दुनिया के कई देशों में किस तरह की स्कीम लागू हैं, इस पर भी विचार विमर्श किया. भारत की अर्थव्यवस्था और केंद्र सरकार के बजट को समझने के लिए आऱबीआई के साथ मीटिंग की गईं. इसके बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू किया गया. वैष्णव ने कहा कि कर्मचारियों की ओर से ये मांग की गई थी कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन दी जाए. इस डिमांड पर हमने रिसर्च किया और 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन इस योजना के तहत लेकर आए हैं.

यूपीएस के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है. यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

उज्जैन में शिप्रा नदी ने दिखाया रौद्र रूप, घाटों पर बने मंदिर डूबे, प्रशासन अलर्ट, पूरे एमपी में जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त

मध्य प्रदेश में जोरदार बारिश से नदी नाले उफान हैं. भारी बारिश के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. राजधानी भोपाल में भदभदा कालियासोत के गेट खोले दिए गये हैं. दूसरी तरफ उज्जैन में शिप्रा नदी में उफान पर है. इंदौर और शहडोल में भी मूसलाधार बारिश हुई है, 

 शुक्रवार (23 अगस्त) से ही मध्य प्रदेश के कई शहरों में जोरदार बारिश हो रही है. भोपाल में हुई तेज बारिश की वजह से बीती रात भदभदा डैम का एक गेट खोल दिया गया था. इसके बाद तीन गेट और खोलने पड़े. इसी तरह जलस्तर बढ़ने से कालियासोत डैम का भी एक गेट खोला गया है. इंदौर में तेज बारिश की वजह से उज्जैन में शिप्रा नदी भी उफान पर आ गई है. शिप्रा नदी के घाटों के मंदिर डूब गए हैं. इसके कारण प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है और घाटों पर स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

साइक्लोनिक सर्कुलेशन और मानसून ट्रफ के चलते उज्जैन शहर और आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया. इस जल स्तर में वृद्धि के कारण नदी के किनारे बने घाटों पर स्थित मंदिर जलमग्न हो गए. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर श्रद्धालुओं के लिए नदी में स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है. शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से सुरक्षा के इंतजाम किए.

इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है. यहां सुरक्षा के लिए 60 से 70 जवानों को तैनात किेया गया है. गौरतलब है कि शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ाने के कारण शिप्रा नदी के घाटों पर बने सारे मंदिर जलमग्न हो गए और उज्जैन से बड़नगर रोड को मिलने वाले छोटे पुल (ब्रिज) पर भी पानी आ गया है.

शिप्रा नदी छोटे ब्रिज के पांच फीट ऊपर से बह रही है. पुल के दोनों तरफ बैरिकेटिंग कर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है. मौसम विभाग ने चेताया है कि 25 से 27 अगस्त तक स्ट्रॉन्ग वेदर सिस्टम और साइक्लोनिक की एक्टिविटी रहेगी, जिसके असर से 24 और 25 अगस्त को भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन, चंबल, ग्वालियर, सागर संभाग के 40 जिलों में भारी बारिश होने के आसार है.

मन की बात में पीएम मोदी ने की मध्य प्रदेश के झाबुआ के सफाईकर्मियों की तारीफ, सीएम मोहन यादव ने इसपर कही ये बात

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पहले नेशनल स्पेस डे की चर्चा की। इसके अलावा पीएम ने मद्रास आईआईटी से पढ़े और अब गैलेक्स आई नाम से स्टार्टअप चला रहे युवाओं से भी बात की। उन्होंने देश के युवाओं में राजनीति को लेकर आ रही जागरुकता और असम के गांव में जानवरों से बढ़ते प्रेम पर भी बात की। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के युवाओं द्वारा खास थ्रीडी पेंटिंग और मध्य प्रदेश के झाबुआ सफाईकर्मियों द्वारा वेस्ट मटीरियल के रीयूज से पार्क की खूबसूरती बढ़ाने की भी बात कही।

इसपर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ''मुझे खुशी है कि पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में पूरे देश से जुड़कर एक अलग धारा बनाई है. जब से वह प्रधानमंत्री बने हैं, लगातार अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं...'' हमारे आदिवासी क्षेत्र झाबुआ में 'बेस्ट फ्रॉम वेस्ट' का निर्माण हुआ है, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया है, मेरी ओर से झाबुआ के लोगों को बधाई...''

इससे पहले मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक बार फिर बात होगी-देश की उपलब्धियों की, देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों की। 21वीं सदी के भारत में कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सबने इस दिन एक बार फिर चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया होगा। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति बिंदु पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।

मन की बात में पीएम मोदी ने की मध्य प्रदेश के झाबुआ के सफाईकर्मियों की तारीफ, सीएम मोहन यादव ने इसपर कही ये बात

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पहले नेशनल स्पेस डे की चर्चा की। इसके अलावा पीएम ने मद्रास आईआईटी से पढ़े और अब गैलेक्स आई नाम से स्टार्टअप चला रहे युवाओं से भी बात की। उन्होंने देश के युवाओं में राजनीति को लेकर आ रही जागरुकता और असम के गांव में जानवरों से बढ़ते प्रेम पर भी बात की। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के युवाओं द्वारा खास थ्रीडी पेंटिंग और मध्य प्रदेश के झाबुआ सफाईकर्मियों द्वारा वेस्ट मटीरियल के रीयूज से पार्क की खूबसूरती बढ़ाने की भी बात कही।

इसपर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ''मुझे खुशी है कि पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में पूरे देश से जुड़कर एक अलग धारा बनाई है. जब से वह प्रधानमंत्री बने हैं, लगातार अपने विचार व्यक्त करते रहे हैं...'' हमारे आदिवासी क्षेत्र झाबुआ में 'बेस्ट फ्रॉम वेस्ट' का निर्माण हुआ है, जिसका उल्लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया है, मेरी ओर से झाबुआ के लोगों को बधाई...''

इससे पहले मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक बार फिर बात होगी-देश की उपलब्धियों की, देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों की। 21वीं सदी के भारत में कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सबने इस दिन एक बार फिर चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया होगा। पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति बिंदु पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।

मप्र सरकार फिर लेगी 5 हजार करोड़ का कर्ज, 18 दिन पहले लिया था पांच हजार करोड़ का लोन, MP पर 3.8 लाख करोड़ का कर्ज

मध्य प्रदेश सरकार इस सप्ताह 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। यह इस वित्तीय वर्ष का दूसरा कर्ज होगा। नए कर्ज के साथ इस महीने लिया गया कुल कर्ज 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। इससे पहले 1 अगस्त को सरकार ने इस वित्तीय वर्ष का पहला 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की औपचारिकता शुरू की थी।

यह कर्ज 2500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में लिया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में लिया गया कर्ज भी 2500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में लिया गया था। राज्य सरकार का दावा है कि राजकोषीय स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन 31 मार्च 2024 तक राज्य का कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है। नए कर्ज के साथ मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज 3.85 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद बनी मोहन यादव सरकार को 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला था। मप्र सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जिसमें से मोहन यादव सरकार ने 1 जनवरी 2024 से 31 मार्च के बीच सिर्फ तीन महीनों में 17,500 करोड़ रुपए लगभग 41 फीसदी कर्ज लिया था।

पिछले महीने विधानसभा में राज्य का बजट पेश होने के बाद वित्त विभाग ने निर्देश दिया था कि 125 योजनाओं में पैसा वित्त विभाग की पूर्व अनुमति के बिना नहीं निकाला जा सकता है। प्रभावित 47 विभागों के अंतर्गत आने वाली 125 योजनाओं में कई बड़ी योजनाएं शामिल हैं। इनमें महाकाल परिसर विकास योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, तीर्थ यात्रा योजना, रामपथ गमन क्षेत्रीय विकास, पीएम जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत भी शामिल हैं।

सरकार की प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों में लाड़ली बहना योजना का भुगतान भी शामिल है, जिसके लिए हर महीने करीब 1,600 करोड़ रुपये की जरूरत होती है। यह योजना पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी। इसे भाजपा के लिए गेम चेंजर बताया गया था। इस योजना के लिए अभी तक धन की कोई कमी नहीं है। इसी तरह सरकार नया सरकारी विमान खरीदने, मंत्रियों के लिए कार खरीदने और मंत्रियों के बंगलों के रिनोवेशन पर भी पैसा खर्च करने से पीछे नहीं हटी है।

राज्य का बजट पेश करने के एक सप्ताह बाद 10 जुलाई को मप्र सरकार ने राज्य के लिए 230 करोड़ रुपये से अधिक की लागत का जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। अगले कुछ महीनों में मंत्रियों के बंगलों के रिनोवेशन पर कम से कम 18 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मई में सरकार ने मंत्रियों के लिए करीब 5 करोड़ रुपये की एसयूवी खरीदने का ऑर्डर दिया था। अधिकारियों ने बताया कि हर लोन के लिए केंद्र सरकार की सहमति ली जाती है। वित्तीय स्थिति के आधार पर राज्य सरकार द्वारा लोन लेने की सीमा तय की गई थी। सरकार द्वारा लिए गए लोन का इस्तेमाल राज्य में लागू की जाने वाली उत्पादक विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।

जात-पात को छोड़ हिंदू समाज को एकजुट होना होगा...हिंदुओं की एकता के लिए धीरेन्द्र शास्त्री निकालेंगे पैदल यात्रा, जानिए क्या बोले कथावाचक

 बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदुओं की एकता के लिए बड़ा संकल्प लिया है. बागेश्वर धाम तीर्थ क्षेत्र से ओरछा रामराजा सरकार की नगरी तक पैदल यात्रा निकाली जाएगी. यह यात्रा 8 दिन की होगी. इसका शेड्यूल भी धीरेंद्र शास्त्री ने बता दिया है. यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री गांव-गांव में रुकेंगे और एकता का संदेश देंगे. धीरेंद्र शास्त्री 21 से 30 नवंबर तक पैदल यात्रा करेंगे, जो भी इस यात्रा में शामिल होंगे उन्हें पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासनिक अनुमति मिलते ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

बता दें कि 21 नवंबर से रामराज की नगरी ओरछा के लिए शुरू होने वाली पैदल यात्रा रोजाना 20 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इसमें हजारों लोग साथ में होंगे. यात्रा का पड़ावा रोज किसी न किसी गांव में होगा. इस दौरान बागेश्वर सरकार एक बड़ा भगवा केसरिया ध्वज लेकर यात्रा के आगे-आगे चलेंगे और फिर इसे राम राजा सरकार के मंदिर पर विधि विधान के साथ अर्पित करेंगे. यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा. फिर साथ में कंबल, थाली और बिस्तर लेकर चलना होगा, जितने लोगों का रजिस्ट्रेशन होगा, उस हिसाब से रोजाना भोजन बनेगा.

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि बांग्लादेश की स्थिति को देखकर मन बहुत खिन्न हुआ है, इसलिए आगे के लिए हमें अभी से तैयार होना पड़ेगा. हमने यह संकल्प लिया कि राष्ट्रहित में, सनातन हित में, हिंदुत्व के हित में 160 किलोमीटर की पैदल यात्रा 21 से 30 नवंबर तक करेंगे. इसकी पूरी तैयारी हो गई है, केवल प्रशासनिक अनुमति शेष है. 

हिंदुओं की एकता के लिए जात-पात सबसे बड़ी दीवार है. जब तक यह नहीं मिटेगी, तब तक हिंदुओं की एकता नहीं होगी. हिंदुओं की एकता नहीं होगी तो राष्ट्र की समृद्धि में हमेशा रुकावट बनी रहेगी. इस देश के विकास में सबसे बड़ा अवरोध यही है, इसलिए गुरु प्रेरणा से प्रण लिया पूरे भारत के लिए यह सबसे बड़ी क्रांति होगी. उन्होंने जात-पात को छोड़ने और हिंदू समाज को एकजुट होने की अपील की है, साथ ही भविष्य में हिंदू सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है.

किसी भी चुनाव में कांग्रेस और सपा से नहीं करेंगे गठबंधन', बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया ऐलान, राहुल गांधी पर साधा निशाना

डेस्क: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ऐलान किया है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से किसी भी चुनाव में गठबंधन नहीं करेंगे. मायावती ने कांग्रेस और सपा पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने कभी भी उन्हें जीते जी या मरणोपरांत भी भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया. 

उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कांशीराम के देहांत पर राजकीय अथवा राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था. 'इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें.' बसपा सुप्रीमो ने सवाल उठाया कि कांग्रेस ने इतने साल सत्ता में रहने के बाद भी जाति जनगणना क्यों नहीं कराई.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को प्रयागराज पहुंचे और 'संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा' कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, '90 प्रतिशत लोग सिस्टम के बाहर बैठे हैं और उनकी भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता और इसके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का बैरियर उखाड़ फेंकेंगे.'

राहुल गांधी के इस बयान पर मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'केंद्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें? जबकि बीएसपी इसके हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है.'

मायावती ने कहा, 'कल प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहांत के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया.'

अबू धाबी को लगातार आठवें साल दुनिया का सबसे सुरक्षित शहर का मिला दर्जा, टॉप 20 में नहीं है भारत के किसी जगह का नाम

डेस्क: जिस तरह से दुनिया में ट्रैवलिंग का क्रेज बढ़ा है, उसे देखते हुए हर कोई सेफ सिटीज को प्राथमिकता देने में लगा है। अब लोग फैमिली या फ्रेंड्स के साथ ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं, जो हर लिहाज से सुरक्षित हो। हाल ही में संयुक्‍त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी को क्राइम और सेफ्टी इंडेक्स ने दुनिया की सबसे सेफ सिटी का दर्जा दिया है।

जानकारी के अनुसार, सुरक्षा के लिए 88.2 और क्राइम में 11.8 स्‍कोर के साथ, इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स ने इसे रहने लायक शहर बताया है। बता दें, अबू धाबी में क्राइम रेट बहुत कम है। जिसके चलते पिछले कुछ सालों में यह एक परफेक्‍ट डेस्टिनेशन बन चुका है। अब अगर आप भी ऐसी जगह पर जाना चाहते हैं, तो चलिए फिर घूमने के शौकीनों को बताते हैं अबू धाबी की कुछ बढ़िया जगह, लेकिन उससे पहले टॉप 20 सेफेस्ट सिटी की लिस्ट पर एक नजर डाल लेते हैं। 

लिस्‍ट में अबू धाबी के बाद दूसरे नंबर पर अजमन, तीसरे पर दोहा, चौथे पर ताईपेई, पांचवें पर दुबई, छठवें पर रस अल खैमाह, सांतवें स्‍थान पर मस्‍कट, आठवें पर द हैग, नौवें पर म्‍यूनिक और दसवें स्‍थान पर नॉर्वे का शहर ट्रॉन्‍डहाइम है। जबकि 11वें स्‍थान पर बर्न, 12वें पर ग्रोनिंगन, 13वें पर स्‍लोवेनिया का जुब्लजाना, 14वें पर जाग्रेब, 15वें पर हांगकांग, 16वें पर ऐंधोवेन, 17वें पर चिआंग माई, 18वें पर रोमानिया का क्‍लूज नापोका , 19वें स्‍थान पर येरेवान का नाम शामिल है।

UPS : मोदी कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को दी मंजूरी, आखिरी सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा

डेस्क : मोदी कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसमें सरकारी कर्मचारियों को आखिरी सैलरी का करीब 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा। शनिवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी है। वैष्णव ने कहा, 'आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंजूरी दे दी है। 50% सुनिश्चित पेंशन इस योजना का पहला स्तंभ है। दूसरा स्तंभ सुनिश्चित फैमिली पेंशन होगी। लगभग 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना से लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों के पास एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।'

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने दुनिया की पेंशन स्कीम्स को देखा, एक्सपर्ट्स से परामर्श लिया। उसके बाद भारत की अर्थव्यवस्था को देखते हुए एक यूनिफाइड पेंशन स्कीम का सुझाव आया था। आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस स्कीम को अप्रूव किया है। यह स्कीम अभी आने वाले समय में लागू होगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के 5 पिलर्स हैं। उन्होंने कहा, 'कर्मचारियों की तरफ से सबसे बड़ा पॉइंट यह था कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन चाहिए। यह वाजिब मांग थी। इस मांग पर हमने पूरी रिसर्च करके एक प्रोसेस के साथ 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन इस योजना में लेकर आए हैं।'

वैष्णव ने कहा, 'यह अमाउंट रिटायरमेंट से पहले की 12 महीने की एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी होगा। इस पेंशन के लिए सर्विस योग्यता 25 साल रहेगी। यानी जो कर्मचारी 25 साल तक सर्विस देगा, उसे यह सुनिश्चित पेंशन मिल पाएगी। 25 साल से कम और 10 साल से ज्यादा सर्विस है, तो उसे सर्विस के समानुपात में पेंशन मिलेगी।'

कर्मचारी की अगर मृत्यु हो जाए, तो फैमिली पेंशन परिवार को बहुत मदद करती है। वैष्णव ने कहा कि इस योजना में दूसरा पिलर सुनिश्चित फैमिली पेंशन है। किसी भी कर्मचारी की मृत्यु से पहले जो पेंशन थी, उसका 60 फीसदी मृत कर्मचारी की पत्नी/पति को मिलेगा।

योजना का थर्ड पिलर सुनिश्चित मिनिमम पेंशन है। कई बार कर्मचारी की सर्विस कम होती है और सर्विस के दौरान जितना योगदान हुआ है उससे पेंशन में पर्याप्त राशि नहीं मिल पाती। यह भी केद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच एक बड़ा मुद्दा था। इसलिए 10,000 रुपये प्रति माह की सुनिश्चित मिनिमम पेंशन का प्रावधान इस स्कीम में किया गया है। महंगाई राहत जो मिलेगी, वो आज की तारीख में 15,000 रुपये प्रति माह हो जाती है।

इस स्कीम का चौथा पिलर इन्फ्लेशन के साथ इंडेक्सेशन है। जैसे केंद्र सरकार के कर्मचारी के लिए सैलरी में महंगाई भत्ता होता है, उसी पैटर्न पर समान इंडेक्स को यूज करके सुनिश्चित पेंशन, सुनिश्चित फैमिली पेंशन और सुनिश्चित मिनिमम पेंशन इन तीनों पर इन्फ्लेशन इंडेक्सेशन लगेगा। यानी पेंशन में महंगाई का ध्यान रखा जाएगा।

इस स्कीम का पांचवां पिलर सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान है। हर 6 महीने की सर्विस के लिए सेवानिवृत्ति की तारीख पर मंथली वेतन (pay + DA) का 1/10 वां हिस्सा मिलेगा। इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की रकम कम नहीं होगी।

वैष्णव ने बताया कि इस स्कीम से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों के सामने विकल्प रहेगा कि अगर वे एनपीएस में रहना चाहे, तो उसमें रह सकते हैं। राज्य सरकारें इसी फ्रैमवर्क को यूज करना चाहें, तो कर सकती हैं। राज्य सरकार के कर्चमारी भी इसमें शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों पर इस स्कीम का भार नहीं पड़ेगा।

दक्षिणी गाजा पर इजरायली सेना ने फिर बरपाया कहर, हवाई हमले के घातक हमले में 36 फिलिस्तीनियों की मौत

डेस्क: गाजा को पूरी तरह तबाह करने के बावजूद इजरायली सेना ने अभी हमले कम नहीं किए हैं। इस बार दक्षिणी गाजा पट्टी में इजरायल ने एक साथ कई हवाई हमले किए। इन हमलों में कम से कम 36 फिलस्तीनी मारे गए। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे हाहाकार मच गया। अधिकारियों ने बताया कि नासिर अस्पताल के अनुसार, शनिवार की सुबह खान यूनिस शहर में एक इजरायली हवाई हमले में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में कुल 33 शव लाये गये जो खान यूनिस और उसके आसपास के इलाकों में तीन अलग-अलग हमलों में मारे गए थे। शहर के अल-अक्सा अस्पताल ने बताया कि शनिवार की सुबह हुए हमले में मारे गये तीन और लोगों के शव लाये गये हैं। नासिर अस्पताल ने बताया कि खान यूनिस के दक्षिण में एक सड़क पर हुए हमले में सत्रह अन्य लोग मारे गए। वहीं गाजा के आरोपों के बाद इजरायली सेना ने कहा कि वह इन रिपोर्टों की जांच कर रही है, लेकिन तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।

गाजा में युद्ध सात अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास और आतंकवादियों ने इजराइल पर अचानक हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें मुख्य रूप से नागरिक शामिल हैं। इजराइली अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्ष संघर्ष विराम के दौरान 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया था, लेकिन माना जाता है कि हमास ने अभी भी लगभग 110 बंधकों को बंधक बना रखा है, जिनमें से लगभग एक तिहाई की मौत हो चुकी है।