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PUSHPENDRAKUMAR

Aug 21 2024, 11:38

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली में बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, कहा पर्यटक आएंगे, रोजगार बढ़ेंगें:
वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली जिला के वैशाली गढ़ स्थित निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन-सह- बुद्ध स्मृति स्तूप का निरीक्षण किया.
     
       निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने पूरे परिसर के विकास कार्यों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्तूप के भू-तल एवं प्रथम तल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की जानकारी ली. उन्होंने पुस्तकालय एवं घ्यान कक्ष का भी निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के बारें में जानकारी ली. निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने मुख्यमंत्री को बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं बुद्ध स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य की प्रगति का अद्यतन जानकारी दी.
    
       मुख्यमंत्री ने आगंतुक केंद्र स्थित सम्मेलन कक्ष में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह बुद्ध स्मृति स्तूप परियोजना से संबंधित समीक्षा बैठक की. बैठक में भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने पीपीटी के माध्यम से योजना के मुख्य अवयवों- बुद्ध स्तूप ( पत्थर की संरचना), संग्रहालय ब्लॉक पुस्तकालय एवं ध्यान कक्ष, आगंतुक केंद्र, अतिथि गृह आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
      
      मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के अनुरूप कार्य जल्द-से-जल्द पूर्ण करें. परिसर में वृक्षारोपण भी कराएं.यहां अच्छे ढंग से वाटर बॉडी का भी निर्माण कराएं. साथ ही परिसर के अंदर भी रास्ते का निर्माण भी ठीक ढंग से कराएं. उन्होंने कहा कि आवागमन को भी बेहतर किया जा रहा है ताकि आसानी से और कम समय में पर्यटक यहां पर पहुंच सके. अधिक से अधिक संख्या में पर्यटकों के आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली एतिहासिक और पौराणिक जगह है. भगवान बुद्ध के जितने भी अस्थि कलश मिले हैं, उसमें वैशाली में मिला अस्थि कलश सबसे प्रामाणिक हैं. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय - सह- बुद्ध स्मृति स्तूप के बन जाने के बाद यहां बौद्ध भिक्षु के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश- विदेश से पर्यटक भी आयेंगे. बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में महात्मा बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाओं और बौद्ध धर्म से जुड़े प्रसंगों को यहां दर्शाया जायगा.

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Aug 21 2024, 09:38

बिहार में जल्द होगी 2000 कृषि समन्वयकों की नियुक्ति, एग्रीकल्चर मिनिस्टर पांडेय ने की घोषणा.
बिहार: कृषि समन्वयकों के रिक्त 2000 पद यथाशीघ्र भरें जाएंगे. इसके लिए जल्द ही विज्ञापन का प्रकाशन होगा. कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने मंगलवार को कृषि भवन में 51 नवनियुक्ति कृषि समन्वययों को नियुक्ति पत्र देते हुए यह घोषणा की. स्वीकृत 4351 पदों के विरूद्ध अभी 2400 कृषि समन्वय कार्यरत हैं.
      
      मंगल पांडेय ने बताया कि बीपीएससी जल्द ही 866 प्रखंड कृषि पदाधिकारियों की परीक्षा का परिणाम जारी करनेवाला हैं. चयनित प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र एक माह के अंदर दे दिया जायगा. इसके साथ ही 155 नवचयनित सहायक निदेशक को भी नियुक्ति पत्र दिया जायगा.
          
      उन्होंने ने बताया कि कृषि विभाग में रिक्त सभी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाएगी. इससे किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायता में मिलेगी. सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को खुशहाल बनाना हैं. कृषि समन्वयकों के माध्यम से ही किसानों तक समय पर गुणवत्तापूर्ण बीज और उर्वरक पहुंचता हैं.
         
        उन्होंने ने कहा कि राज्य में फसल उत्पादन बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हैं. कृषि समन्वयकों की नियुक्ति होने से राज्य में कृषि विभाग की योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने में सहायता मिलेगी.
       
         साथ ही किसान चौपाल, किसान पाठशाला, खरीफ अभियान, रबी अभियान आदि कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन होगा. कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने भी समारोह को संबोधित किया.

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Aug 20 2024, 09:12

बिहार के 445 अंचलों में भूमि सर्वेक्षण शुरू, ग्राम सभा की बैठक में दी जा रही जानकारी
बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के टास्क को समय पर पूरा करने के लिए राज्य के 445 अंचलों में विशेष भूमि सर्वेक्षण शुरू हो गया हैं. मुख्यमंत्री ने इसे अगले साल के नवंबर से पहले पूरा करने का टास्क दिया गया हैं. प्रारंभिक चरण में अभी ग्राम सभाओं का आयोजन हो रहा हैं. इसमें सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सर्वे के बारे में आम लोगों को जानकारी दे रहे हैं.
        
     उन्हें बताया जा रहा हैं सर्वे में अपनी जमीन के दावे के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होगी. ग्राम सभा के साथ खतिहान का सरांश भी लिखा जा रहा हैं.
     
       मालूम हो कि इससे पहले राज्य के 20 जिलों के 69 अंचलों में सर्वेक्षण चल रहा था. यह लगभग पूरा हो गया हैं. बचे 445 अंचलों में अमीन, कानून गो, एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों की कमी के कारण सर्वेक्षण रूका हुआ था.
      
      इन पदों पर करीब 10 हजार संविदा कर्मीयों की बहाली हुई. इन्हें प्रशिक्षण देने के बाद भूमि सर्वेक्षण में तैनात कर दिया गया. इससे पहले जमीन के सभी दस्तावेजों को डिजिटाइज्ड किया जा चुका हैं. ये अॉनलाइन भी उपलब्ध हैं. जमा बंदियों में सुधार की प्रक्रिया चल रही हैं. दावा किया गया हैं कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद जमीन का पूरा विवरण अॉनलाइन उपलब्ध होगा.
     
            राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरूप अगले साल तक विशेष सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार की एतिहासिक उपलब्धि साबित होगी.
      
          उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से जमीन से जुड़ा स्वामित्व का विवाद पूरी तरह समाप्त हो जायगा. जमीन विवाद के कारण उत्पन्न होने वाली कानून व्यवस्था की समस्या भी समाप्त हो जायेगी.

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Aug 19 2024, 09:49

अब सब्जी दुकान खोलेगी नीतीश सरकार, जाने क्या हैं सहकारिता विभाग का नया प्लान
बिहार: बिहार के किसानों के लिए खुशखबरी हैं. सब्जी की आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों की नीतीश सरकार मदद करेगी. उनके उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जायगा. सहकारिता विभाग ने इसकी योजना बनाई है. विभाग ने आर्गेनिक तरकारी बेचने के लिए सब्जी बूथ खोलने का निर्णय लिया हैं. पहले चरण में ट्रायल के तौर पर राजधानी पटना सहित प्रमुख शहरों में पंद्रह बूथ खोलने जायेंगें. इन दुकानों में बिक्री बढ़ाने पर सब्जी बूथों की संख्या बढ़ाई जाएगी. सरकारी संघों के जरिए सब्जी बूथों पर तरकारी उपलब्ध कराई जाएगी. बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि सचिवालय और अन्य 15 इलाक़ों में सब्जी बूथ खोलने की योजना है. जल्द ही इस संबंध में निर्णय लिए जाएंगे. सरकार आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसी के तहत विभाग ने भी आर्गेनिक सब्जी को बढ़ावा देने का निर्णय लिया हैं.


    दरअसल, आर्गेनिक सब्जी के उत्पादन में लगान अधिक लगती हैं. ऐसे में इसका दाम अधिक होता हैं. जबकि खुले बाजार में कम कीमत की सब्जी उपलब्ध रहती हैं. इसलिए इसे बेचने के लिए किसानों को स्थानीय स्तर पर बाजार नहीं मिल पाता हैं. उन्हें कम कीमत पर ही उत्पाद बेचना पड़ता हैं सब्जी बूथों के जरिए किसान को आर्गेनिक तरकारी के उचित दाम दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
   
      वर्तमान में राज्य के 20 जिलों के 300 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समितियां गठित हैं. करीब 41 हजार इसके सदस्य बन चुके हैं. सरकार की योजना सभी जिलों में इसका विस्तार करने की है. इसे देखते हुए सहकारिता विभाग अभी से ही इसके लिए बाजार विकसित करने की तैयारी कर रहा हैं. सब्जी बूथ उसी दिशा में एक कदम हैं.
   
       वर्तमान में अॉनलाइन सब्जी बेची जा रही हैं. तरकारी मार्ट से लोग सब्जी खरीद सकते हैं. मार्ट से कई होटल, इस्कॉन मंदिर जैसी संस्थाएं सब्जी खरीद रही हैं. सामान्य दिनों में सरकारी मार्ट के जरिए रोजाना 75 हजार से एक लाख रूपए तक की सब्जी बिक रही हैं. नेजफेड के जरिए वर्ष 2019 से अब तक 74251 टन सब्जी बेचकर 130 करोड़ रूपये से अधिक का टर्न ओवर हुआ हैं.
       
      इसके पहले राजधानी में कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की ओर से सब्जी बिक्री केंद्र खुला था. पंत भवन में इसकी दुकान थी. यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से सब्जी बेची जा रही थी. यह योजन परवान नहीं चढ़ी तो विभाग ने इसे फ्रेंचाइजी को दे दिया. अभी यह दुकान नहीं खुलती हैं.

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Aug 18 2024, 12:05

बिहार में रोजगार की बहार ! नेशनल कॅरियर सर्विस पोर्टल पर सवा लाख कंपनियों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बिहार:  बिहार के बेरोजगारों के लिए राहत भरी खबर हैं. देश-विदेश की कंपनियों ने अब बिहार के लोगों को रोजगार देने में दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया हैं. नेशनल कैरियर सर्विस ( एन सी सी) पोर्टल पर अब तक एक लाख 28 हजार से अधिक कंपनियों ने निबंधन कराया हैं. ये कंपनियां बिहार के लोगों को अपने यहां रोजगार देना चाहती हैं. हालांकि दो साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार के लिए काफी था.
       
       पहले साल वित्तीय वर्ष 2015-16 में मात्र दो कंपनियों ने ही पंजीकरण कराया. इसके अगले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 49 कंपनियों ने पंजीकरण  कराया.  वित्तीय वर्ष 2017-18 में 50 तो 2018-19में भी मात्र 98 कंपनियों ने ही- पंजीकरण कराया. सरकार की कोशिश के बाद 2019-20 में 775, 2020-21 में 757 कंपनियों ने पंजीकरण कराया. वहीं वित्तीय वर्ष 2023-2024 में रिकॉर्ड 68 हजार 154 कंपनियों ने पंजीकरण कराया. चालू  वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी कंपनियों ने बिहार के लोगों को रोजगार देने के लिए पंजीकरण कराया हैं. यानी तीन महीने में ही 18 हजार 254 कंपनियों ने पंजीकरण कराया हैं. निबंधित कंपनियां बिहार में केंद्र या राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले रोजगार मेला में शामिल होंगी और राज्य के बेरोजगारों को रोजगार देगी.
      
           समाजशास्त्री प्रकाश लूईस के अनुसार बड़ी संख्या में कंपनियों का बिहार आना अच्छी बात हैं. इससे बिहार को लाभ होगा. लेकिन इसका एक पहलू यह भी हैं कि इन कंपनियों के द्वारा बिहार के लोगों को किस तरह व किस प्रकार का रोजगार दिया जाएगा. अगर बिहार के लोगों को बिहार में ही रोजगार मिले तो राज्य के लिए बेहतर साबित होगा. वरना बिहार के लोगों को सस्ता श्रम मानकर कंपनियों की ओर से दोहन किया जा सकता हैं.
      
      
         देश में अब तक 29 लाख 53 हजार 932 कंपनियों ने पंजीकरण कराया हैं. इसमें सबसे अधिक महाराष्ट्र के लिए पांच लाख 26 हजार 817 कंपनियों ने पंजीकरण कराया हैं. वहीं आंध्रप्रदेश के लिए 67 हजार 715, छत्तीसगढ़ के लिए 53 हजार, दिल्ली के लिए 92 हजार 843, गुजरात के लिए एक लाख 72 हजार 49, हरियाणा के लिए 99 हजार 224, कर्नाटक के लिए एक लाख 58 हजार 728, मध्यप्रदेश के लिए एक लाख 52 हजार 849 कंपनियों ने पंजीकरण कराया हैं. जबकि ओडिशा के लिए एक लाख पांच हजार 898, पंजाब के लिए दो लाख 12 हजार, तेलंगाना के लिए एक लाख 16 हजार, उत्तरप्रदेश के लिए दो लाख 74 हजार और पश्चिम बंगाल के लिए एक लाख 73 हजार कंपनियों ने पंजीकरण कराया हैं.

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Aug 13 2024, 13:28

चेक से लेता हूं, चेक से देता हूं, जन सुराज के चंदे का हिसाब देंगें प्रशांत किशोर, बोले- सारा पैसा व्हाइट
बिहार: दिग्गज चुनाव राजनीति कार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया हैं कि जन सुराज के दो साल से चल रहे अभियान पर खर्च हुआ सारा पैसा सफ़ेद धन हैं क्योंकि वे सिर्फ चेक से चंदा लेते हैं और चेक से ही बिल और सैलरी का भुगतान करते हैं उन्होंने एलान किया कि अभियान के बाद के बाद सारे चंदे का हिसाब जारी करेंगें जिससे पता चल जाएगा कि किसने कितना दिया और कहां खर्च हुआ. प्रशांत ने कहा कि पिछले 10 साल में उन्होंने जिन लोगों के साथ काम किया, और जिन लोगों ने उनके साथ काम किया, देश भर में फैले उन सारे लोगों से वे चंदा मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि जन सुराज के उम्मीदवारों को दूसरे दलों से प्रचार, संगठन और पैसा में कमजोर नहीं पड़ने देंगें.

           प्रशांत किशोर ने लाइव सिटीज के साथ एक इंटरव्यू में जन सुराज की फंडिंग के सवाल पर कहा, प्रशांत किशोर के पास सरस्वती की कृपा है. लक्ष्मी सरस्वती से आती हैं. प्रशांत किशोर के पास सरस्वती का वरदान हैं. बाप-दादा उद्योगपति नहीं हैं,  जमींदार नहीं हैं,हम कोई धंधा, बिजनेस या ठेकेदारी भी नहीं करते. बिहार में कोई नहीं कह सकता कि मैंने एक रूपया लिया हो." प्रशांत ने कहा- पैसा आता हैं उन लोगों से, पूरे देश से, जिन्होंने मुझे पिछले 10 साल से काम करते हुए देखा है. जो मेरे अनुभव को, मेरी समझ को, मेरी विद्वता को, मेरे पराक्रम को, मेरे प्रयास को माना हैं कि ये आदमी कुछ कर सकता हैं. उसी अनुभव, उसी प्रयास, उसी विद्वता से मैनें एक-दो नहीं, सदियों राज्यों में लोगों की मदद की, उनको सरकार बनाने में मदद की.
      प्रशांत किशोर ने कहा कि जितने लोगों ने उन्हें काम करते देखा, जिनके साथ उन्होंने काम किया हैं या जिन्होंने उनके साथ काम किया वो एक बहुत बड़ा समूह है. उन्होंने बताया कि वो उन सबके सामने हाथ फैला रहे हैं कि सबसे गरीब से गरीब का लड़का भी अगर काबिल हैं तो उसको चुनाव लड़ाया जाय.पीके ने कहा कि- ' उसके सामने बालू माफिया हैं, शराब माफिया हैं, विधायक का बेटा हैं, सांसद का बेटा हैं, लेकिन उसे लड़ाने के लिए प्रशांत किशोर हैं. तुम पैसा दो ताकि वो पैसे के कारण न हारें. पूरे हिन्दुस्तान से पैसा मांग के ला रहा हूं.
        जन सुराज के चंदे में काला धन होने की संभावना को खारिज करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिल्कुल व्हाइट में जा रहा हैं. उन्होंने कहा-' किसी को एक रूपया कैश में नहीं दिया हैं. किसी को सैलरी का बिल का भुगतान कैश में नहीं किया. कोई खड़ा होकर कह दें तो कैमरे पर माफी मांग लूंगा. चेक से ही पैसा लेता हूं और चेक से ही पैसा खर्च करता हूं. हर महीने को किसने दिया, और कहां खर्च हुआ, हिसाब दूंगा. अभियान खत्म होने के बाद.
      राष्ट्रीय पार्टियों और उनके संसाधन के मुकाबले जन सुराज की तैयारियों पर प्रशांत किशोर ने कहा कि सब बिल्कुल व्हाइट में आ रहा हैं. किसी को सैलरी या बिल का भुगतान कैश में वो सोच-समझकर और कितना पैसा बहाना पड़ेगा, कितनी मेहनत करनी पड़ेगी, कैसी व्यवस्था बनानी पड़ेगी,  कितना चंदा जमा करना होगा. उन्होंने न कहा कि जन सुराज के कैंडिडेट को पैसे की कमी नहीं होने देंगें. प्रशांत ने कहा- प- गरीब घर के लोग पैसा और जाति की चिंता न करें. इन सभी चीजों में तुमको बाकी दलों से आगे कर दूंगा. तुम बस समाज का वोट जीतकर लाओ.

PUSHPENDRAKUMAR

Aug 05 2024, 10:43

श्रावणी मेला में बड़ा हादसा, बिहार के हाजीपुर में करंट लगने से 8 कांवरियों की मौत, 6 झुलसे, ये सब मरे
बिहार: बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर में रविवार की रात दर्दनाक हादसा हुआ. पहलेजा स्थित गंगा नदी से जल लेकर जा रहे 8 कांवरियों की झुलसकर मौत हो गई. पटना औद्योगिक थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में ( नाईपर के सामने) रविवार की रात करीब 11:40 बजे की हैं. हाई- वोल्टेज तार की चपेट में आने से 8 कांवरियों की मौके पर मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से झुलस गए.
 

    कांवरियों का जत्था पहलेजा घाट से गंगाजल भरने और हरिहरनाथ जलाभिषेक करने के लिए निकला था. हादसे में मृत कांवरिए जेठुई गांव के रहने वाले हैं.
      
       कांवरियों का जुलूस गांव से करीब 500 मीटर दूर बढ़ा होगा कि हादसा हो गया. एक ट्रोली पर डीजे और साउंड सिस्टम सेट किया हुआ था जो 11 हजार वोल्ट के तार से सट गया. इससे पूरी ट्रॉली में 11 हजार वोल्ट का करंट फैल गया और इसकी चपेट में कांवरिया आ गए. करंट लगने से 8 कांवरियों की मौके पर मौत हो गई. वहीं कुछ झुलस कर गंभीर रूप से घायल हो गए. उनका इलाज कराया जा रहा हैं. बताया जा रहा है कि स्थिति ठीक नहीं है. मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
    
       इस मामले में हाजीपुर एसडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि डीजे ट्रॉली में बांधकर ले जाने के दौरान 11 हजार वोल्ट के तार माईक में सट गया, जिससे ट्रॉली में करंट फैल गया और आठ लोगों की मौके पर मौत हो गई. इस हादसे में झुलसे लोगों में दो ज्यादा गंभीर हैं.
    
       कांवरियों का जत्था हर साल पहलेजा घाट से जल भरकर बाबा हरिहरनाथ पर जलाभिषेक के लिए जाता हैं.
   
       आक्रोशित लोगों का कहना था कि जैसे तार  डीजे से सटा और करंट लगा, बिजली विभाग को फोन किया गया, लेकिन फोन नहीं उठाया. यदि समय पर फोन उठ जाते तो करंट की चपेट में आने वाले युवकों की जान बचाया जा सकता था.
  
     हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने बिजली विभाग के अफसरों और कर्मियों को मौकेपर बुलाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया.

PUSHPENDRAKUMAR

Aug 04 2024, 12:19

CM उद्यमी योजना को लाभुक ही लगा रहे पलीता, 4 लाख में लोन की एक भी किस्त जमा नहीं, 122 करोड़ बकाया.
बिहार: बिहार में उद्योगों के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर चलाएं जा रहे  मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में लाभार्थी सहयोग नहीं कर रहे हैं. 84 फीसदी लाभार्थियों ने पिछले चार वर्षों( 2018-22) में लोन की एक भी किस्त अदा नहीं की हैं. इनपर सरकार का 112 करोड़ 46 लाख बकाया हैं. सूबे के सभी 38 जिलों में कुल 19977 उद्यमियों को कर्ज दिया गया था. जिनमें 9329 ने कर्ज चुका दिया हैं. लेकिन 10648 उद्यमियों ने लोन की एक भी किस्त अदा नहीं की हैं.
        
   विभाग को अब तक कुल कर्ज की मात्र 16 प्रतिशत राशि ही प्राप्त हो पायी हैं. ऐसे में 84 फीसदी राशि प्राप्त नहीं होना विभाग के लिए बड़ी चुनौती हैं. ऐसे लाभार्थियों को चिन्हित किया गया हैं और उन्हें नोटिस भेजा जा रहा हैं.
        
    पटना जिले की स्थति खराब हैं. 1029 उद्यमियों को कर्ज दिया गया था, जिनमें 283 ने ही इसे चुकाया हैं. 746 उद्यमियों ने एक किस्त भी अदा नहीं की हैं. इनपर 7 करोड़ 4 लाख बकाया हैं. पटना जिला उद्योग केंद्र के जीएम विवेक कुमार ने बताया है कि इन सभी को नोटिस भेजा गया हैं. नोटिस के बाद भी किस्त नहीं चुकायेंगे तो 18 प्रतिशत ब्याज भी भरना पड़ेगा. घर की कुर्की जब्ती और केस भी दर्ज होगा. इस योजना में सरकार 10 लाख तक लोन देती हैं. इसके तहत 50 फीसदी अनुदान और 50 फीसदी ब्याज रहित लोन होता है. यह राशि 84 सामान किस्तों में 7 साल में लौटानी होती हैं.

PUSHPENDRAKUMAR

Aug 01 2024, 08:24

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना पर बड़ा अपडेट, इस तारीख तक बढ़ा आवेदन की तिथि, 10 लाख स्कीम की जानें पूरा डिटेल
बिहार: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना 2024-25 पर बड़ा अपडेट आया हैं. राज्य सरकार ने योजना आवेदन देने के लिए अंतिम तिथि 16 अगस्त तक बढ़ा दी गई हैं. इच्छुक आवेदक अब 16 अगस्त शाम 5 बजे तक आवेदन कर सकते हैं. इससे पहले 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी गयी थी.लेकिन सर्वर स्लो रहने के कारण कई दिक्कतें आई थी. जिसके चलते आवेदन की तिथि बढ़ाई गयी हैं. जिसके चलते आवेदन की तिथि बढ़ाई गयी हैं. आपको बता दूं नीतीश कुमार राज्य के युवाओं को उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रूपए दे रही हैं. उद्योग विभाग की वेबसाइट http://udyami.bihar.in पर अॉनलाइन आवेदन होंगें. इसके लिए पोर्टल सोमवार सुबह 11 बजे खुलेगा. आवेदन की अंतिम तिथि 16 अगस्त कर दी गई है.
          
       हालांकि इससे पहले कहा था कि आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई के बाद बढ़ाई जाएगी. लेकिन स्लो सर्वर के चलते कई आवेदक आवेदन नहीं दे पाए थे जिसके चलते तिथि बढ़ाई गयी हैं.     
        इस बार भी कुल पांच वर्गो में लाभुकों का चयन होगा. मुख्यमंत्री उद्यमी अनुसूचित जाति- जनजाति उद्यमी योजना, अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, युवा उद्यमी योजना और अल्पसंख्यक योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इस बार करीब 9200 लाभुकों का चयन होगा.
     
       मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति उद्यमी योजना, अतिपिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, महिला उद्यमी योजना, युवा उद्यमी योजना और अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के तहत लाभुकों का चयन होता हैं. इन्हीं वर्ग में आवेदन करना होता हैं. इस योजना के तहत 10 लाख रूपए तक की राशि मिलती है. इसमें 50 फीसदी अनुदान और 50 फीसदी ब्याजरहित ऋण होता हैं.
    
      मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए आवेदन कर्ता को बिहार का स्थायी निवासी होना अनिवार्य हैं. आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष साल के बीच होनी चाहिए. यह राशि कोई उद्यम शुरू करने के लिए दी जाती है. आवेदक को राशि मिलने के बाद इसे आसान किस्तों में वापस करना होता हैं.

PUSHPENDRAKUMAR

Jul 31 2024, 17:10

जिला मुख्यालयो़ से जुड़ेंगें गांव कस्बे, बिहार के हर मार्ग पर बस चलाने की तैयारी, परिवसन विभाग कर रहा पहचान
बिहार: बिहार का कोई मार्ग अब बगैर संपर्कता के नहीं रहेगा. वहां भी बसें दौड़ेंगी. सुदुर इलाकों को भी भी बेहतर संपर्कता देने और उन्हें शहरों, जिला मुख्यालय के साथ-साथ निकटवर्ती स्थानों से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया हैं. राज्य में जरूरत के ऐसे सभी परिवहन मार्गों की पहचान होगी जहां बसों का परिचालन किया जा सकता हैं. परिवहन विभाग ने इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की हैं.
     
        परिवहन रूट चार्ट में शामिल करने की भी योजना हैं. भविष्य में इस परिवहन रूट चार्ट का और विस्तार किया जाएगा.इन्हीं को ध्यान में रखकर सभी 38 जिलों के लिए परिवहन विभाग कार्ययोजना बना रहा हैं. इस समय कई रूट ऐसे हैं, जहां मांग के अनुरुप यात्री वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा हैं. जहां हो रहा है, वहां निजी वाहन ही केवल चल रहे हैं. ऐसे में वे मनमानी भी करते हैं, जिससे आम लोग परेशान रहते हैं
     
         राज्य सरकार पहले से गांवों और प्रखंडों में परिवहन योजना को मजबूत करने की योजना पर काम कर रही हैं. इसके तहत गांवों को पंचायतों, कस्बों और जिला मुख्यालयों से जोड़ने के लिए भी बसें चलाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना चल रही हैं. इसके तहत स्थानीय लोगों को बसों की खरीद पर अनुदान भी दिया जा रहा हैं. तय मांगों पर वहां की जरूरत का ध्यान रखा जाएगा. तय मार्ग पर आबादी कितनी हैं, कितने लोग पहले से सफर करते रहे हैं, क्या  आवश्यकता है, भविष्य में ट्रैफिक ग्रोथ हो सकता हैं आदि बिन्दुओं पर वाहनों की आवश्यकता का आकलन होगा. इस समय कई रूट ऐसे हैं. जहां अधिक वाहनों की जरूरत हैं, लेकिन वहां इस समय कम वाहन हैं.
 
         इसके पहले राज्य में 120 मार्गों पर नई बसें चलाने की योजना पर अमल शुरू हो गया है. 376 बसों का परिचालन किया जाना है. पथ परिवहन विभाग ने बसों के परिचालन को लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाई हैं. ये सारे मार्ग राज्य के अंदर के हैं और कई जिलों को जोड़ते हैं. यही नहीं लगभग सभी प्रमुख शहरों को अन्य शहरों या जिलामुख्यालय से जोड़ने की योजना हैं. इसके अलावा कई महत्वपूर्ण छोटे शहर भी हैं, जहां बसों के परिचालन की जरूरत हैं.