लखनऊ एयरपोर्ट पर फ्लोरीन रिसाव का पता चलने से हड़कंप, एनडीआरएफ की टीम पहुंची
लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार दोपहर टर्मिनल 3 के कार्गो क्षेत्र में फ्लोरीन रिसाव की सूचना मिलने के बाद दहशत फैल गई।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआर) की टीमों के साथ अग्निशमन सेवा घटनास्थल पर है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफकी ज़रूरी चेकिंग बढ़ा दी। सुचना मिलते ही लोगों में डर फ़ैल गया जिसे काबू में लाया जा रहा है।
लखनऊ हवाई अड्डे पर फ्लोरीन का रिसाव कहाँ हुआ?
अग्निशमन विभाग के अनुसार, रिसाव एक दवा की पैकेजिंग से हुआ है जिसमें फ्लोरीन होता है और स्थिति की पहचान करने और उसे प्रबंधित करने के प्रयास जारी हैं।
फ्लोरीन के नकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
सुरक्षा डेटा शीट के अनुसार, फ्लोरीन के संपर्क में आने से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं:
• फ्लोरीन आग का कारण बन सकता है या उसे तेज़ कर सकता है; ऑक्सीडाइज़र के रूप में कार्य करता है।
• इसमें दबाव वाली गैस होती है, जो गर्म होने पर फट सकती है।
• यदि साँस के द्वारा शरीर में चला जाए तो यह घातक है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर ख़तरा उत्पन्न होता है।
• गंभीर जलन और आंखों को गंभीर क्षति पहुंचाता है।
• श्वसन पथ के लिए संक्षारक, जिससे संभावित दीर्घकालिक क्षति हो सकती है।
फ्लोरीन के संपर्क को कैसे रोकें
• सुरक्षात्मक दस्ताने, आंख या चेहरे की सुरक्षा, और श्वसन सुरक्षा का उपयोग करें।
• फ्लोरीन को कपड़ों, असंगत सामग्रियों और दहनशील सामग्रियों से दूर रखें। सुनिश्चित करें कि रिडक्शन वाल्व ग्रीस और तेल से मुक्त हैं।
• गैस के संचय को रोकने के लिए फ्लोरीन का उपयोग केवल बाहर या अच्छी तरह हवादार क्षेत्रों में करें।
• फ्लोरीन गैस में सांस न लें। पदार्थ को संभालते समय खाने, पीने या धूम्रपान करने से बचें।
• फ्लोरीन को संभालने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोएं और इसे केवल अच्छी तरह हवादार स्थानों पर ही संग्रहित करें।
Aug 17 2024, 16:22