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सावन में अंतिम शुक्रवार को है वरलक्ष्मी व्रत? जानिए, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में श्रावण मास के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत रखने की परंपरा है, जो विशेष रूप से मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। यह व्रत दक्षिण भारत में अत्यधिक प्रचलित है और इसे खासतौर पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। मां लक्ष्मी के इस व्रत के द्वारा घर में धन, समृद्धि, सुख, और समृद्धि के द्वार खुलते हैं। वरलक्ष्मी व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त इस वर्ष, वरलक्ष्मी व्रत 16 अगस्त 2024 को श्रावण मास के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन विभिन्न पूजा मुहूर्त निम्नलिखित हैं: सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (सुबह): 05:57 – 08:14 (2 घंटे 17 मिनट) वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (दोपहर): 12:50 – 15:08 (2 घंटे 19 मिनट) कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (शाम): 18:55 – 20:22 (1 घंटा 27 मिनट) वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्य रात्रि): 23:22 – 01:18, 17 अगस्त (1 घंटा 56 मिनट) पूजा विधि स्नान और घर की सफाई: व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत होकर घर की सफाई करें और स्नान करें। पूजा स्थल की सफाई: घर के मंदिर या पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल छिड़कें। व्रत संकल्प: मां वरलक्ष्मी का स्मरण करते हुए व्रत रखने का संकल्प लें। मूर्ति की स्थापना: एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करें। कलश और चावल: मां लक्ष्मी की प्रतिमा के पास थोड़े से चावल रखें और जल से भरा कलश स्थापित करें। दीपक और धूप: भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक और सुगंधित धूप जलाएं। अर्पण: भगवान गणेश को पुष्प, दूर्वा, नारियल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, और पुष्प माला अर्पित करें। मां लक्ष्मी को कुमकुम, अक्षत, पुष्पमाला, और सोलह श्रृंगार अर्पित करें। भोग: मिठाई का भोग लगाएं। मंत्र जाप और कथा पाठ: पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें और वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। आरती और प्रसाद: पूजा का समापन आरती करके करें और सभी को प्रसाद वितरण करें। वरलक्ष्मी व्रत का महत्व धन और समृद्धि: इस व्रत से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। सुख-शांति: यह व्रत परिवार में सुख-शांति लाने में सहायक होता है और घर का वातावरण खुशहाल बनाता है। सौभाग्य की प्राप्ति: विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत सौभाग्य देने वाला माना जाता है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। संतान सुख: संतान के स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना के लिए भी यह व्रत किया जाता है, और निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छा से यह व्रत करती हैं। दरिद्रता की निवृत्ति: वरलक्ष्मी व्रत के प्रभाव से दरिद्रता दूर होती है और जीवन की कई पीढ़ियां सुखी रहती हैं। वरलक्ष्मी व्रत एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है, जो न केवल धन और समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग खोलता है बल्कि परिवार के सुख और सौभाग्य को भी बढ़ाता है।
आज का रशिफल,14 अगस्त 2024: जानिए राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?

मेष- सामान्य कार्यां में समय और उूर्जा को व्यर्थ होने से बचाएं. आकस्मिकता पर नियंत्रण बनाए रखेंगे. तैयारी से कार्य करें. शोध कार्यां पर ध्यान जाएगा. अप्रत्याशित परिस्थिति बनी रहेगी. परिजनों से सीख सलाह पर ध्यान देंगे. व्यवस्था पर भरोसा बढ़ाएं. नीति नियम अपनाएं. सजगता से आगे बढ़ें. आवश्यक कार्या में धैर्य दिखाएं. कामकाज प्रभावित रह सकता है. अनुशासन व निरंतरता रखेंगे. स्मार्ट डिले की नीति अपनाएं. कार्य व्यापार सामान्य रहेगा. लेनदेन में सजगता बनाए रहेंगे.

वृष- नेतृत्व के प्रयास मजबूत होंगे. कार्यक्षमता बेहतर बनी रहेगी. साझा प्रयासों में वृद्धि होगी. लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेंगे. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा. स्थायित्व बल पाएगा. भिम भवन के मामले बनेंगे. रुटीन बेहतर रखेंगे. व्यापार संवरेगा. करीबियों का भरोसा जीतेंगे. टीम भावना बनाए रखें. सबको जोड़ने में सफल होंगे. विभिन्न कार्यां को आगे बढ़ाएंगे. निर्माण से जुडे़ेंगे. महत्वपूर्ण मामलों में तेजी बनाए रखेंगे. उद्योग व्यापार के लिए उचित समय बना हुआ है. दाम्पत्य जीवन में मिठास बढ़ेगी.

मिथुन- सेवाक्षेत्र में मेहनत और लगन से बेहतर प्रदर्शन बनाए रहेंगे. कार्यगति अपेक्षा के अनुरूप रहेगी. समय प्रबंधन का सम्मान करेंगे. विरोधी सक्रिय रह सकते हैं. आवश्यक विषयों में सजगता रखेंगे. बड़ी सोच से काम लेंगे. जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगे. जरूरी कार्य समय से ककरें. आर्थिक मामलों में सतर्कता रखें. कार्य व्यापार में ढिलाई से बचें. पेशेवर चर्चाओं में धैर्य बढ़ाएं. लेनदेन में स्पष्ट रहें. उधार से बचें. व्यवस्था को मजबूती देंगे. प्रलोभन में नहीं आएंगे. कर्मठता से काम लेंगे.

कर्क- परीक्षा प्रतियोगिता और निजी प्रदर्शन में बेहतर गति बनी रहेगी. मित्रों करीबियों से सामंजस्य बढ़ेगा. सक्रियता व सूझबूझ से काम लेंगे. बौद्धिकता पर जोर रहेगा. अवसर भुनाएं. अपनों के साथ स्मरणीय पल बिताएंगे. वातावरण सुधार पर बना रहेगा. अनुकूलता में तेजी आएगी. शि़क्षण प्रशिक्षण में रुचि बढ़ेगी. कामकाजी परिस्थितियों में सुधार लाएंगे. आवश्यक बदलाव करेंगे. उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन बना रहेगा. कला कौशल संवार पर रहेंगे. सभी प्रभावित होंगे. आत्मविश्वास बढ़ेगा.

सिंह- आवश्यक कार्यां में उतावली न दिखाएं. महत्वपूर्ण कार्यां को स्वयं पूरा करेंगे. व्यक्तिगत विषयों में रुचि बढ़ाएंगे. सबसे तालमेल रखेंगे. भावावेश में न आएं. भवन वाहन की प्राप्ति होगी. भावनात्मक विषयों में विनम्रता रखेंगे. पारिवारिक मामलों में धैर्य से काम लेंगे. गरिमा गोपनीयता पर जोर देंगे. घर से करीबी बढ़ेगी. संवेदनशीलता बनी रहेगी. उपलब्धियों पर फोकस रहेगा. पैतृक मामलों में सक्रिय रहेंगे. विभिन्न प्रयास बेहतर बनेंगे. व्यक्तिगत कार्यां के प्रयास तेज होंगे.

कन्या- समाज के कार्यां व उत्सवों में सक्रियता बढ़ाएंगे. महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. संचार संवाद में बेहतर रहेंगे. सामाजिक संबंध संवारेंगे. साहस पराक्रम बढ़ाएंगे. आलस्य छोड़ें. विनम्रता बढ़ाएं. सामूहिक कार्यां में रुचि रहेगी. वाणी व्यवहार प्रभावी रहेगा. कामकाजी मामले बनेंगे. कम दूरी की यात्रा हो सकती है. जोखिम उठाने से बचें. प्रदर्शन बेहतर रहेगा. रिश्तों को मजबूती देंगे. वाणिज्य व्यापार विस्तार लेगा. इच्छित परिणाम बनेंगे. भाई बंधुओं का सहयोग बढ़ा हुआ रहेगा.

तुला- सभी से अच्छा व्यवहार बनाए रखेंगे. वाणी व्यवहार में मिठास बनी रहेगी. अतिथि को प्रभावित करेंगे. मेहमानों का आगमन बना रहेगा. स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे. प्रेम और विश्वास बढ़ेगा. संग्रह संरक्षण में रुचि लेंगे. उत्सव से जुड़ेंगे. शुभ प्रस्ताव प्राप्त होंगे. आनंद का वातावरण रहेगा. आकर्षक प्रस्ताव मिलेंगे. वचन निभाने में आगे रहेंगे. रचनात्मकता और सक्रियता रखेंगे. धन संपत्ति में वृद्धि होगी. संस्कार परंपराओं को बल देंगे. साख सम्मान में वृद्धि होगी. अतिथि का आदर सत्कार करेंगे.

वृश्चिक- रचनात्मक गतिविधियों में अधिकाधिक समय देने की सोच रहेगी. विभिन्न प्रयासों में तेजी लाएंगे. अनोखी कोशिशों से सभी को प्रभावित करेंगे. व्यक्तिगत मामलो में महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे. करियर व्यापार में निरंतरता रखेंगे. आत्मविश्वास से भरे रहेंगे. सबको जोड़कर चलेंगे. दीर्घकालिक योजनाओं में गति आएगी. साझीदार सहयोगी होंगे. नवीन कार्यां में रुचि बढ़ेगी. लेंगे. अनुकूलता बढ़त पर बनी रहेगी. वाणिज्यिक विषयों में रुचि दिखाएंगे. भावनात्मक रूप से मजबूत बने रहेंगे.

धनु- रिश्तेदारों पर भरोसा बना रहेगा. सबके प्रति आदर रखेंगे. वाणी व्यवहार से सभी प्रभावित होंगे. विभिन्न कार्यां में सफलता के संकेत हैं. खर्च एवं निवेश बढ़ा हुआ रहेगा. विस्तार योजनाएं गति लेंगी. सहजता से आगे बढ़ेंगे. करियर कारोबार में सावधानी बरतें. न्यायिक मामलों में धैर्य बढ़ाएंगे. सूची बनाकर कार्य करेंगे. स्पष्टता रखें. मेहनत पर भरोसा रखेंगे. बजट पर ध्यान देंगे. जल्दबाजी में नहीं आएंगे. व्यक्तित्व प्रभावी बना रहेगा. लेनदेन में ढिलाई न दिखाएं. वैदेशिक कार्यां को पूरा करें.

मकर- उद्योग व्यापार में सूझबूझ और चतुराई परिणाम संवार पर रहेगां. योजनाएं गति प्राप्त कर सकतीं. आर्थिक लाभ पर फोकस रहेगा. सभी का भरोसा जीतेंगे. विभिन्न विषय बल पाएंगे. प्रतिस्पर्धा बढ़ाएंगे. चर्चा में प्रभावी रहेंगे. पेशेवर कार्यां को पूरा करेंगे. प्रभाव में वृद्धि होगी. आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी. प्रबंधन संवरेगा. सोच बड़ी बनाए रखेंगे. निसंकोच आगे बढ़ेंगे. तेजी से मामले हल करेंगे. करियर व्यापार को मजबूती मिलेगी. सकारात्मक परिणामों से उत्साहित रहेंगे. मामले पक्ष में बने रहेंगे.

कुंभ- अनुभवियों से सहयोग समर्थन बनाए रखेंगे. पद प्रतिष्ठा को बल मिलेगा. पैतृक कार्यां में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. सामंजस्य बढ़ाएंगे. बड़प्पन रखेंगे. विभिन्न कार्यां को आगे बढ़ाएंगे. सभी की मदद से महत्वपूर्ण परिणाम सधेंगे. निसंकोच आगे बढ़ते रहेंगे. मीटिंग्स में प्रभावी रहेंगे. करियर व्यापार लाभ में रहेंगे. गंभीर विषयों में रुचि रहेगी. भाग्य पक्ष बलवान बना रहेगा. श्रेष्ठ जनों से भेंट के अवसर बनेंगे. बड़ों के प्रति सम्मान का भाव बढ़ेगा. प्रबंधन प्रशासन के कार्यां में तेजी रहेगी.

मीन- भाग्य पक्ष की मदद बनी रहेगी. चहुंओर सफलता की नई राहें बनेंगी. लाभ का प्रतिशत बढ़त पर रहेगा. शुरूआत साधारण रहेगी. सामाजिक आयोजनों में शामिल होंगे. संबंध संवरेंगे. परिस्थितियों में तेज सुधार होगा. पेशेवर पक्ष मजबूत होगा. आस्था विश्वास में वृद्धि होगी. संपर्क संवाद का लाभ उठाएंगे. धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यां से जुड़ेंगे. अवरोध दूर होंगे. स्वास्थ्य सुधार पाएगा. शारीरिक समस्याएं कम होंगी. सुखद सूचना प्राप्त हो सकती है. जनकल्याण के कार्य करेंगे.

आज का पंचांग, 14 अगस्त 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

आज श्रावण मास की नवमी तिथि उपरांत दशमी तिथि का आरंभ होगा। साथ ही आज अनुराधा नक्षत्र मध्याह्न 12 बजकर 13 मिनट तक उपरांत ज्येष्ठा नक्षत्र का आरंभ। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय कब से कब तक रहेगा।

राष्ट्रीय मिति श्रावण 23, शक सम्वत् 1946, श्रावण शुक्ल, नवमी, बुधवार, विक्रम सम्वत् 2081। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 30, सफ़र 08, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंगे्रजी तारीख 14 अगस्त सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक।

नवमी तिथि पूर्वाह्न 10 बजकर 24 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ। अनुराधा नक्षत्र मध्याह्न 12 बजकर 13 मिनट तक उपरांत ज्येष्ठा नक्षत्र का आरंभ। ऐन्द्र योग सायं 04 बजकर 06 मिनट तक उपरांत वैधृति योग का आरंभ। कौलव करण पूर्वाह्न 10 बजकर 24 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।

सूर्योदय का समय 14 अगस्त 2024 : सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय 14 अगस्त 2024 : शाम में 7 बजकर 1 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 14 अगस्त 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 23 मिनट से 5 बजकर 7 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 1 मिनट से 7 बजकर 23 मिनट तक। अमृत काल सुबह 5 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 29 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 14 अगस्त 2024 :

राहुकाल दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। इसके बाद सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल। इसके बाद सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक।

आज का उपाय : जल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

काशी के पाताललोक में है ये महाशिवलिंग, दर्शन से पितृ दोष से मिलती है मुक्ति, महाशिवरात्रि पर भक्तों के लिए खोला जाता है मंदिर


काशी में जगह- जगह महादेव का मंदिर है जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है. इसी काशी के पाताललोक में भगवान शिव का ऐसा चमत्कारिक मंदिर है. जिनके दर्शन मात्र से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. भगवान शंकर का ये मंदिर साल में सिर्फ 24 घण्टे के लिए खुलता है. 

नाथो के नाथ बाबा विश्वनाथ

काशी विश्वनाथ मंदिर के दरबार से आधा किलोमीटर दूर सिंधिया घाट के करीब शीतला गली में महेश्वर महादेव का ऐतिहासिक मंदिर है.जमीन से 30 फीट नीचे पाताललोक में बसे महेश्वर महादेव को बाबा विश्वनाथ का पिता कहा जाता है.काशी खण्ड में इसका जिक्र भी हैं.काशी का ये महाशिवलिंग जमीन से 30 फीट नीचे है जिसके कारण यहां सांप और बिच्छू भी देखे जाते हैं. इस महाशिवलिंग के ऊपर बड़े छेद से भक्त बाबा का जलाभिषेक करते हैं.

ये है कथामंदिर के पुजारी सुरेश शर्मा ने 'न्यूज़ फास्ट' को बताया कि काशी में जब गंगा नहीं थी उसके पहले से यहां महेश्वर महादेव विराजमान है. भगवान शंकर के बाद जब सभी देवी देवता काशी आए तो शिव के पिता को न देख वो उदास हो गए. इसके बाद सभी देवी-देवताओं ने उनका आह्वान किया. जिसके बाद बाबा विश्वनाथ के पिता महेश्वर महादेव प्रकट हुए और शिवलिंग स्वरूप में यहां विराजमान हो गए.

पितृ दोष से मिलती है मुक्ति

मान्यता है कि काशी के इस महाशिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेक से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है.महाशिवरात्रि पर मंदिर को भक्तों के लिए खोला जाता है. मंदिर खुलने के साथ ही यहां भक्तों की भीड़ होती है. महाशिवरात्रि के अलावा सावन के महीनें भी भक्त यहां आते हैं और शिवलिंग के ऊपर छेद से बाबा पर जल अर्पण करते हैं.

आज का राशिफल, 13अगस्त 2024:जानिये राशि के अनुसार आज का दिन कैसा रहेगा..?

मेष- रक्त संबंधियों से करीबी बढ़ेगी. परिवार के लोगों के साथ हर्ष आनंद से रहेंगे. साहस पराक्रम बनाए रखेंगे. आत्मविश्वास उूंचा बना रहेगा. मूल्यवान भेंट प्राप्त हो सकती है. रहन सहन प्रभावशाली रहेगा. वचन के पक्के बने रहेंगे. घर में सुख सौख्य बढ़ेगा. सूझबूझ और सामंजस्य से काम लेंगे. शुभचिंतकों की सलाह से आगे बढ़ेंगे. आपसी सहयोग समर्थन पाएंगे. स्वास्थ्य व व्यक्तित्व पर ध्यान देंगे. रुटीन में सक्रियता लाएंगे. तेजी से आगे बढ़ेंगे. जोखिम उठाने का भाव रहेगा. विनम्रता बढ़ाएंगे.

वृष- रचनात्मक कार्यां में वृद्धि होगी. लोकप्रियता बढ़त पर रहेगी. साख सम्मान बनाए रखेंगे. लाभ में बढ़ोतरी होगी. लोगों का भरोसा जीतेंगे. करियर कारोबार से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य बनेंगे. रचनात्मक क्षमता बढ़ेगी. सबको साथ लेकर चलेंगे. मित्र संख्या में वृद्धि होगी. व्यक्तित्व बल पाएगा. प्रशासनिक पक्ष मजबूत रहेगा. भूमि भवन के कार्य बनेंगे. साझीदारी में सफल होंगे. लक्ष्यों को पूरा करेंगे. व्यापार पर फोकस रहेगा. आय के नवीन स्त्रोत बनेंगे. स्वयं पर फोकस बनाए रखेंगे.

मिथुन- विभिन्न कार्यां में खर्च निवेश बढ़ाएंगे. रिश्तों को सहज सुखद बनाए रखेंगे. अपनों की मदद में आगे रहेंगे. सबसे बनाकर चलेंगे. भवन वाहन की खरीदी कर सकते हैं. बजट बनाकर आगे बढ़ेंगे. दूर देश के मामले सधेंगे. अनुशासन पर जोर देंगे. आर्थिक मामले सहज सगज रहेंगे. विरोधी सक्रियता दिखा सकते हैं. मितभाषी बने रहें. परिस्थितियों पर नियंत्रण बढ़ाएं. पेशेवरता से काम लें. लेनदेन में सावधानी बरतें. नीति नियम निरंतरता पर जोर रखें. दान धर्म में रुचि रहेगी.

कर्क- विभिन्न कार्यां को तेजी दिखाएंगे. पेशेवर प्रयासों में प्रतिस्पर्धा बनाए रखेंगे. सहजता से बड़ी उपलब्धियां बन सकती हैं. आय के नए स्त्रोत सृजित होंगे. रुके हुए वित्तीय मामले पक्ष में बनेंगे. प्रतिस्पर्धा का भाव रहेगा. आर्थिक पक्ष संवार पर रहेगा. कारोबारी संबंध मजबूत होंगे. करियर व्यापार में तेजी लाएंगे. मित्रों से भेंट होगी. अध्ययन अध्यापन में अच्छा करेंगे. विस्तार योजनाएं फलेंगी. सूझबूझ से काम लेंगे. निसंकोच आगे बढ़ते रहेंगे. कार्य विस्तार की सोच रखेंगे. शुभ सूचना मिलेगी.

सिंह- घर मे हर्ष आनंद का वातावरण बना रहेगा. सुख सौख्य अपनों से साझा करेंगे. प्रबंधकीय जिम्मेदारियों में आगे रहेंगे. सभी का समर्थन पाएंगे. लक्ष्य को पूरा करेंगे. सुविधाओं पर जोर रहेगा. समाज शासन से पुरस्कृत हो सकते हैं. पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. जिम्मेदार सहयोगी होंगे. संसाधन संवरेंगे. अवसर बढें़गे. कामकाज फोकस में रहेगा. निजी विषयों में तेजी दिखाएंगे. आर्थिक विषय गति लेंगे. वरिष्ठों से बनाकर चलेंगे. स्पष्टता बढ़ाएंगे. व्यापार में अनुकूलन रहेगा. स्वस्थ स्पर्धा रखेंगे.

कन्या- भाग्योदय में सहायक समय है. भगवत्कृपा से श्रेष्ठ परिणाम बनेंगे. आर्थिक लाभ का योग बना रहेगा. सफलता का प्रतिशत संवार पाएगा. नवीन उूंचाइयां छुएंगे. दीर्घकालिक प्रयासों पर फोकस बढ़ाएंगे. धर्म आस्था विश्वास मनोवांछित स्थिति बनी रहेगी. महत्वपूर्ण कार्यां को गति देंगे. सबसे मेलजोल रखेंगे. भाईचारा बढ़त पर रहेगा. सामाजिक विषयों में सक्रियता आएगी. संचार तंत्र मजबूत रहेगा. चर्चाओं में सफल रहेंगे. अवसरों का लाभ उठाएंगे. लंबी दूरी की यात्रा के सकेत हैं.

तुला- जरूरत की स्थिति में कुल कुटुम्बियों का सहयोग बना रहेगा. अपनो की सीख सलाह से आगे बढ़ेंगे. मेहमानों की आवक रहेगी. व्यवहार में सहजता सजगता बनाए रखेंगे. आकस्मिक घटनाक्रम बढ़ सकता है. सामंजस्य बनाकर चलेंगे. अप्रत्याशितता बनी रहेगी. घर परिवार से लाभ और सहयोग पाएंगे. निजी आयोजन में शामिल हो सकते हैं. स्वास्थ्य संकेतों को नजरअंदाज न करें. अवसर भुनाएंगे. सबको बना़कर चलेंगे. वार्ता में गंभीरता दिखाएंगे. विनम्र और सहनशील रहेंगे. शोधकार्य बढ़ाएं.

वृश्चिक- दीर्घकालिक योजनाओं को गति देंगे. लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास बढ़ाएंगे. पेशेवरता पर जोर बनाए रखेंगे. आर्थिक पक्ष के बल मिलेगा. साझा कार्यां को गति देंगे. साख सम्मान में वृद्धि होगी. रचनात्मक प्रयास बेहतर होंगे. सफलता का प्रतिशत उूंचा रहेगा. उद्योग व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. नेतृत्व करने का भाव रहेगा. लाभ के मामले संवरेंगे. लेनदेन में प्रभावी रहेंगे. निसंकोच आगे बढ़ेंगे. प्रयासों में तेजी आएगी. सोच बड़ी रखेंगे. कार्य विस्तार के अवसर बनेंगे. चर्चा में शामिल होंगे.

धनु- नीति नियमों का सम्मान करेंगे. सूझबूझ से आगे बढ़ेंगे. तर्क तथ्य पर विश्वास रखेंगे. स्पष्टता से निर्णय लेंगे. अनुबंधों का पालन करेंगे. सेवा़क्षेत्र प्राथमिकता में बनाए रहेंगे. स्मार्ट डिले की नीति रखेंगे. कार्य उूर्जा बनी रहेगी. आय-व्यय उूंचा रहेगा. निवेश पर जोर रखेंगे. आर्थिक मामलों में व्यस्त रहेंगे. निजी पक्ष सामान्य रहेगा. पेशेवर मामलों में गति आ सकती है. जल्दबाजी न दिखाएं. विपक्षी सक्रिय होंगे. सावधान रहें. नौकरीपेशा अच्छा करेंगे. नियम पालन बनाए रखेंगे. जिद में नहीं आएं.

मकर- जीवन में हर्ष आनंद बढ़ा रहेगा. नपातुला जोखिम उठाएंगे. लक्ष्य पर नजर बनाए रखेंगे. मित्रों के साथ भ्रमण मनोरंजन पर जाएंगे. उल्लेखनीय प्रदर्शन बनाए रहेंगे. परीक्षा प्रतियोगिता में अच्छा करेंगे. आकर्षक प्रस्ताव मिलेंगे. निजी संबंधों में सुधार होगा. लाभ में वृद्धि होगी. सहयोग समर्थन पाएंगे. महत्वपूर्ण कार्या को आगे बढ़ाएंगे. योजनाओं को तेजी से पूरा करेंगे. पेशेवर बेहतर रहेंगे. कला प्रदर्शन उम्मीद से अच्छा रहेगा. साहस पराक्रम बनाए रखेंगे. तेजी से काम लें. सक्रियता रखेंगे.

कुंभ- कामकाजी यात्रा की संभावनाएं हैं. पदोन्नति व स्थानांतरण हो सकता है. कार्यव्यवस्था को मजबूती देंगे. घर परिवार से करीबी बढ़ेगी. निजी विषयों में आनंद बना रहेगा. सुख सुविधाओं पर ध्यान देंगे. व्यक्तिगत विषयों पर फोकस बढेगा. महत्वपूर्ण बात साझा कर सकते हैं. बड़ों की सलाह का सम्मान रखें. भावनात्मक विषयों में जल्दबाजी से बचें. प्रबंधकीय एवं प्रशासनिक मामलों में गति आएगी. पैतृक विषय प्राथमिकता में रहेंगे. वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा. सहजता बनाए रखेंगे. विनम्र बने रहें.

मीन- प्रभाव में वृद्धि होगी. दीर्घकालिक योजनाओं को बल मिलेगा. समकक्ष एवं अधिकारी प्रसन्न रहेंगे. विभिन्न मामले पक्ष में बनेंगे. धार्मिक व मनोरंजक यात्रा संभव है. आस्था अध्यात्म को मिलेगा. इच्छित सूचनाएं प्राप्त होंगी. भाई बंधुओं के साथ समय बिताएंगे. सामाजिकता पर जोर बना रहेगा. दूरदर्शिता रखेंगे. साहस पराक्रम से मामले बनेंगे. सहकारिता को आगे बढ़ाएंगे. करीबियों का समर्थन मिलेगा. उच्च शिक्षा के प्रयास फलेंगे. विनम्रता बनाए रहेंगे. आलस्य का त्याग करें.

आज का पंचांग- 13 अगस्त 2024, जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग

विक्रम संवत- 2081, पिंगल

शक सम्वत- 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत- श्रावण

अमांत- श्रावण

तिथि

शुक्ल पक्ष अष्टमी- अगस्त 12 07:55 AM- अगस्त 13 09:31 AM

शुक्ल पक्ष नवमी- अगस्त 13 09:31 AM- अगस्त 14 10:24 AM

नक्षत्र

विशाखा- अगस्त 12 08:33 AM- अगस्त 13 10:44 AM

अनुराधा- अगस्त 13 10:44 AM- अगस्त 14 12:12 PM

योग

ब्रह्म- अगस्त 12 04:25 PM- अगस्त 13 04:33 PM

इन्द्र- अगस्त 13 04:33 PM- अगस्त 14 04:05 PM

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय- 6:06 AM

सूर्यास्त- 6:56 PM

चन्द्रोदय- अगस्त 13 1:24 PM

चन्द्रास्त- अगस्त 14 12:15 AM

अशुभ काल

राहू- 3:44 PM- 5:20 PM

यम गण्ड- 9:19 AM- 10:55 AM

कुलिक- 12:31 PM- 2:07 PM

दुर्मुहूर्त- 08:40 AM- 09:31 AM, 11:24 PM- 12:09 AM

वर्ज्यम्- 02:59 PM- 04:41 PM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त- 12:05 PM- 12:57 PM

अमृत काल- 01:09 AM- 02:51 AM

ब्रह्म मुहूर्त- 04:30 AM- 05:18 AM

बांग्लादेश में प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा में जुटे मुस्लिम समुदाय के लोग

नयी दिल्ली : ढाकेश्वरी मंदिर के प्रमुख पुजारी तपन चक्रवर्ती ने कहा कि वह देश में शांति और तमाम हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ढाकेश्वरी माता से प्रार्थना कर रहे हैं. स्थानीय मुस्लिम ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रांगण में दिखाई दिए तो हिंदू समाज के लोग भी मंदिर के प्रांगण में पहरा दे रहे हैं.

ढाकेश्वरी मंदिर ढाका बांग्लादेश

बांग्लादेश के इस प्राचीन मंदिर में देश में रहने वाले 8% अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ पूरी दुनिया की आस्था जुड़ी है. 5 अगस्त को शुरू हुई हिंसा के बाद ढाकेश्वरी मंदिर में आने वाले हिंदू श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई है. शादी विवाह जैसे रीति रिवाज और धार्मिक परंपराओं अनुष्ठानों के लिए कुछ लोग तारकेश्वरी मंदिर आ रहे हैं. विवाह के लिए मंदिर आए नवदंपति ने कहा कि हालात जल्द ठीक होने की उम्मीद है. श्रद्धालुओं के चेहरे पर चिंता के भाव भी दिखे. 

मंदिर के प्रमुख पुजारी तपन चक्रवर्ती ने कहा कि वह देश में शांति और तमाम हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ढाकेश्वरी माता से प्रार्थना कर रहे हैं. स्थानीय मुस्लिम ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रांगण में दिखाई दिए तो हिंदू समाज के लोग भी मंदिर के प्रांगण में पहरा दे रहे हैं. हिंदुओं ने कहा कि आसपास के मुस्लिम समाज के लोग 5 अगस्त के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए आ रहे हैं लेकिन हमें ऐसी स्थिति नहीं चाहिए क्योंकि हम भी यहां के नागरिक हैं.

ढाकेश्वरी मंदिर की सुरक्षा में लगे हिंदुओं ने आजतक से कहा हमें सुरक्षा चाहिए और हम चाहते हैं कि हालत सामान्य हों क्योंकि किसी दूसरे समुदाय का काम सुरक्षा करना नहीं है बल्कि सरकार का है. रविवार को ढाकेश्वरी मंदिर में रोज की तरह शाम की आरती हुई इस दौरान आरती में स्थानीय हिंदू शामिल हुए.

आज का पंचांग- 12 अगस्त 2024:जानिये आज के पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रह योग..?

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - श्रावण

तिथि

शुक्ल सप्तमी-आरम्भ: 05:44 ए एम, अगस्त 11, अन्त: 07:55 ए एम, अगस्त 12

नक्षत्र

स्वाती - 08:33 ए एम तक

योग

शुभ - 03:49 पी एम तक

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय - 06:19 ए एम

सूर्यास्त - 07:22 पी एम

चन्द्रोदय - 12:33 ए एम

चन्द्रास्त - 11:16 पी एम

अशुभ काल

राहू - 07:55 ए एम से 09:31 ए एम

यम गण्ड - 11:07 ए एम से 12:43 पी एम

कुलिक - 02:19 पी एम से 03:56 पी एम   

दुर्मुहूर्त -01:09 पी एम से 02:00 पी एम-03:43 पी एम से 04:34 पी एम

शुभ काल

ब्रह्म मुहूर्त - 04:49 ए एम से 05:34 ए एम     

अभिजित मुहूर्त - 12:18 पी एम से 01:09 पी एम     

अमृत काल -01:08 ए एम, अगस्त 13 से 02:53 ए एम, अगस्त 13

आज का राशिफल, 12 अगस्त 2024:जानिये राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा...?

ग्रहों की स्थिति- मंगल मेष राशि में। गुरु वृष राशि में। सूर्य मिथुन राशि में , शुक्र और बुध कर्क राशि में, चंद्रमा और केतु कन्या राशि में। कुंभ राशि में शनि और मीन राशि में।

मेष राशि- शत्रु उपद्रव करने की कोशिश करेंगे। नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। लेकिन खुद हार मान जाएंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान दें, थोड़ा परेशानी वाला दिन रहेगा। प्रेम-संतान अच्छा है। व्यापार भी अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें।

वृषभ राशि- भावनाओं में बहकर कोई निर्णय लें। बच्चों की सेहत पर ध्यान दें। प्रेम में तूतू-मैंमैं से बचें। मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा। व्यापार आपका सही चलता रहेगा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि- घरेलू सुख बाधित रहेगा। भूमि, भवन व वाहन की खरीदारी में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान ठीक ठाक। व्यापार भी सही रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

कर्क राशि- व्यापारिक स्थिति थोड़ी मध्यम रहेगी। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। प्रेम, संतान की स्थिति अच्छी रहेगी। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि- धन हानि के संकेत हैं। कुटुंबों में खलबली रहेगी। झगड़े के संकेत हैं। बाकी स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम-संतान अच्छा है। व्यापार अच्छा है। हरी वस्तु का दान करें।

कन्या राशि- ऊर्जा का स्तर घटता-बढ़ता रहेगा। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। प्रेम-संतान की स्थिति अच्छी। व्यापार की स्थिति ठीक ठाक रहेगी। हरी वस्तु पास रखें।

तुला राशि- मन चिंतित रहेगा। खर्च की अधिकता रहेगी। सिरदर्द, नेत्र पीड़ा रहेगा। प्रेम-संतान, व्यापार सही चलता रहेगा। हरी वस्तु पास रखें।

वृश्चिक राशि- आय में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। मन घबराता व बैचेन होता हुआ दिख रहा है। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम। व्यापार लगभग ठीक है। हरी वस्तु का दान करें।

धनु राशि- कोर्ट-कचहरी से बचें। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम-संतान ठीक ठाक व व्यापार भी ठीक है। लाल वस्तु को पास रखें।

मकर राशि- मानहानि के संकेत हैं। बहुत बचकर पार करें। यात्रा में कष्ट संभव है। धर्म कर्म में अतिवादी न बनें। स्वास्थ्य ठीक ठाक। प्रेम, संतान अच्छा। व्यापार भी ठीक ठाक है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि- जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान दें और खुद के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। थोड़ी शारीरिक स्थिति मध्यम दिख रही है। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार मध्यम दिख रहा है। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि- जीवनसाथी के साथ और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान दें। स्वयं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। स्वास्थ्य अभी मध्यम ही चल रहा है, प्रेम-संतान मध्यम व व्यापार मध्यम। गणेश जी को प्रणाम करते रहें।

काशी का खास मंदिर : यहां एक साथ होते हैं 3 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, महामृत्युंजय मंदिर में स्थापित हैं नागेश्वर


भगवान शिव के प्रिय माह सावन में नागेश्वर, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर महादेव के संयुक्त दर्शन से विशेष लाभ-पुण्य मिलता है। काशी के दारानगर के पास स्थित महामृत्युंजय मंदिर में यह तीनों शिवलिंग विराजमान हैं।

भगवान शिव अपने भक्तों को अभय प्रदान करते हैं। 

भक्तों के कल्याण के लिए भगवान शिव के 68 तीर्थ भी उनके साथ ही काशी में विराजमान हैं। महामृत्युंजय मंदिर में तो भक्तों को एक साथ तीन-तीन ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। इसमें प्रमुख उज्जैन से आए महाकालेश्वर स्मरण मात्र से ही भक्तों के कलि और काल के भय को दूर करते हैं।

दारानगर रोड स्थित महामृत्युंजय मंदिर में देव दारुका वन से आए दंडीश्वर अर्थात नागेश्वर, अमरकंटक से आए भगवान ओंकारेश्वर और उज्जैन से आए महाकाल विराजमान हैं। महाकाल का विग्रह दक्षेश्वर और ओंकारेश्वर के पूर्व में ही स्थापित है।

वर्तमान में महाकाल को भक्त गौतमेश्वर के रूप में पूज रहे हैं। वहीं, ओंकारेश्वर हस्तिपालेश्वर के रूप में पूजित हैं। मान्यता है कि पठानी टोला में जो ओंकारेश्वर हैं वह ज्योतिर्लिंग नहीं बल्कि वह ब्रह्माजी की तपस्या से प्रकट हुए थे। काशीखंड में इसका वर्णन मिलता है।

उज्जयिन्या महाकालः स्वयमत्रागतो विभुः।। यन्नामस्मरणादेव न भयं कलिकालतः। प्रणवाख्यान्महालिङ्गात्प्राच्यां कल्मषनाशनम्।। महाकालाभिधं लिङ्ग दर्शनान्मोक्षदं परम्।। यानी महादेव से नंदी जी कहते हैं, हे प्रभु!

उज्जयिनी के भगवान महाकाल स्वयमेव यहां आए हैं, जिनके केवल स्मरण से कलि और काल का भय नहीं होता। मंदिर परिसर में ओंकारेश्वर महालिंग के पूर्व में महाकाल विराजमान हैं। महाकालेश्वर कलियुग के पापों का नाश करने वाले हैं। उनके दर्शन से ही मोक्ष मिल जाता है। 

काशी की अवंतिकापुरी

उज्जयिनी में विराजमान श्री महाकाल द्वादश ज्योतिर्लिंग महामृत्युंजय मंदिर प्रांगण में वृद्धकालेश्वर से दक्षिण में हैं। उसके उत्तर की ओर दक्षेश्वर लिंग है और दक्षेश्वर से पूर्व दिशा में महाकालेश्वर लिंग है। जो महाकाल कुंड में नहाकर महाकाल की पूजा करता है, उसे संपूर्ण जगत भर की पूजा का फल प्राप्त होता है। महाकालेश्वर के दक्षिण में अंतकेश्वर के दर्शन करने से यमराज का भय दूर हो जाता है।