आज 91वें जन्मदिन पर विशेष :अपने जमाने की सुपरस्टार थी वैजयंती माला 3 बच्चों के पिता से की थी शादी,
नयी दिल्ली : वैजयंती माला उस जमाने की फेमस अदाकार रही हैं। उन्होंने तमिल, तेलुगू और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर खूब राज किया। लेकिन एक्टिंग से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहीं। दिलीप कुमार और राज कपूर तक से नाम जुड़ा और फिर तीन बच्चों के बाप पर दिल आया तो करियर के पीक पर शादी कर ली।
वैजयंती माला अपनी फिल्मों से ज्यादा लव अफेयर्स के लिए खूब चर्चा में रहीं
भगवान विष्णु द्वारा पहना जाने वाला एक दुर्लभ मोतिया का हार- वैजयंती माला। फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज एक्ट्रेस को यही नाम दिया गया। अपनी एक्टिंग के साथ-साथ क्लासिकल डांस और बड़े-बड़े फैसलों के कारण हमेशा चर्चा में रहीं।
पर्दे पर स्विमसूट पहनने वाली पहली साउथ एक्ट्रेस, तीन बच्चों के बाप से शादी की। उन्हें घर तोड़ने वाली कहा गया। खूब आलोचना हुई। कहते हैं कि दिलीप कुमार तक उन्हें दिल दे बैठे थे। उन्होंने 'गंगा जमुना' (1961) के हर सीन में वैजयंतीमाला द्वारा पहनी जाने वाली साड़ी का रंग खुद चुना था।
सायरा बानो उनकी केमिस्ट्री से खूब जलती थीं। उनका नाम राज कपूर के साथ भी जुड़ा था, जिस पर ऋषि कपूर ने खुलासा किया था कि पापा के अफेयर के कारण उनकी मां उन्हें लेकर घर छोड़कर चली गई थीं। आइये आज उनके 91वें जन्मदिन पर उनसे जुड़ी अनसुनी बातें जानते हैं।
16 साल की उम्र में अरंगेत्रम में दी थी परफॉर्मेंस
वैजयंती माला ने 16 साल की उम्र में अपने अरंगेत्रम (भरतनाट्यम की पहली परफॉर्मेंस) के बाद फिल्मी दुनिया में कदम रखा। उसके बाद उन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई। कई रूढ़िवादी परंपराओं को चुनौती दी।
तमिल मूवी से वैजयंतीमाला ने की एक्टिंग की शुरुवात
तमिल मूवी से वैजयंतीमाला ने की एक्टिंग की शुरुआत
उन्होंने 1949 में तमिल मूवी 'वाजकाई' से एक्टिंग की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने तेलुगू और हिंदी फिल्मों में भी कदम रखा। उन्होंने बिमल रॉय की 'देवदास' (1955) में चंद्रमुखी का ऐसा किरदार निभाया कि आज तक लोगों के जहन में छपा हुआ है। हालांकि, वो इस किरदार के लिए पहली पसंद नहीं थीं। नरगिस, सुरैया और बीना राय ने वेश्या की भूमिका निभाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वैजयंतीमाला के पास ये ऑफर गया।
वैजयंतीमाला ने ठुकरा दिया था सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड
जिस समय वैजयंतीमाला को कास्ट किया गया था, मेकर्स को उनपर बिल्कुल भरोसा नहीं था। फिल्म के राइटर नबेंदु घोष भी उन्हें कास्ट करने के खिलाफ थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि वो इस किरदार के लिए बहुत छोटी हैं। लेकिन वैजयंतीमाला की असाधारण एक्टिंग ने ना सिर्फ सभी को गलत साबित कर दिया, बल्कि बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता। यहां चौंकाने वाली बात ये थी कि उन्होंने इस अवॉर्ड को लेने से इनकार कर दिया।
उनका दावा था कि वे सुचित्रा सेन (जिन्होंने पारो का किरदार निभाया था) जितनी ही बेहतरीन हीरोइन हैं। इसलिए वो सपोर्टिंग एक्ट्रेस की कैटेगरी में अवॉर्ड नहीं लेंगी।
स्क्रीन पर स्विमसूट पहनने वाली पहली साउथ एक्ट्रेस
आपको शायद ही पता होगा कि स्क्रीन पर स्विमसूट पहनने वाली पहली साउथ एक्ट्रेस वैजयंतीमाला ही थीं। उन्होंने ये हिम्मत भरा कदम उठाया था, जबकि वो चेन्नई के एक रूढ़िवादी तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार से थीं। एक समय था, जब एक्ट्रेसेस को संस्कारी आदर्शों का पालन करना होता था और अगर वो ऐसा ना करें तो इसे बवाल मचता था।
वैजयंतीमाला ने राज कपूर की फिल्म 'संगम' में स्विमसूट पहना था। वो यकीनन भारत की पहली महिला सुपरस्टार थीं, जिन्होंने तीन इंडस्ट्री पर राज किया और पहली पैन-इंडिया स्टार में से एक थीं।
तीन बच्चों के बाप पर आया था दिल, की शादी
अपने करियर के पीक पर वैजयंतीमाला ने संन्यास ले लिया, क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी के प्यार डॉक्टर चमनलाल बाली से शादी कर ली थी। अपने संस्मरण 'बॉन्डिंग' में उन्होंने खुलासा किया कि कश्मीर में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान वो बीमार पड़ गई थीं। चमनलाल उनका इलाज करने के लिए बॉम्बे (अब मुंबई) से आए थे। उन्हें उनसे प्यार हो गया था। वो शादीशुदा थे। तीन बच्चों के पिता थे। लेकिन प्यार परवान चढ़ने के बाद चमनलाल ने अपनी पहली बीवी को तलाक देकर वैजयंतीमाला से शादी कर ली। उनका एक बेटा है, जिसका नाम सुचिंद्र बाली है।
राजनीति में भी अव्वल रहीं वैजयंती माला
वैजयंती माला न सिर्फ एक सक्सेसफुल एक्ट्रेस और डांसर हैं, बल्कि राजनीति में भी अव्वल हैं। वो 1984 में कांग्रेस में शामिल हुईं और उसी साल तमिलनाडु के आम चुनाव में हर मुश्किलों को पार करते हुए जीत हासिल की थी। वह अपने संस्मरण में बताती हैं कि संसद सदस्य होने का ये मतलब भी था कि उन्हें लोगों के जहन में बसी धारणाओं का भी सामना करना था। लोगों के तंज भरे सवालिया लहजे होते थे। लेकिन वो हमेशा जीतती गईं और सबकी बोलती बंद करती गईं।
1989 में वो फिर जीतीं। 1993 में उन्हें 6 साल के कार्यकाल के लिए राज्यसभा के लिए नामित किया गया। 1999 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में एक्ट्रेस ने लिखा, 'राजीव गांधी की मौत के बाद पार्टी को अपने सिद्धांतों से भटकते हुए देखना दुखद है। पार्टी ने अपनी जमीनी स्तर से संपर्क खो दिया है और हर दिन यह देखा जा सकता है कि ईमानदार पार्टी कार्यकर्ताओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।' इसके बाद 1999 में ही वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।
पद्म श्री और पद्म विभूषण का सम्मान
वैजयंतीमाला को 1968 में भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा था। उन्हें हाल ही में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।
91 साल की हैं वैजयंती माला
अब वो 91 साल की हैं। 13 अगस्त को अपना जन्मदिन मना रही हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी वो अभी भी क्लासिकल डांस करती हैं और फैंस के दिलों में बसती हैं।
Aug 13 2024, 16:36