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एक ऐसा कंपनी जहा कैंडिडेट को टैलेंट के बजाय उनकी राशियों को ध्यान में रख कर ली जाती है भर्ती

आमतौर पर कोई व्यक्ति अपने एक्सपीरियंस और एजुकेशन के आधार पर नौकरी पाने की उम्मीद करता है. कैंडिडेट अपने कौशल और काम के प्रति समर्पण से रिक्रूटमेंट टीम को प्रभावित करने की उम्मीद करते हैं, लेकिन चीन की एक कंपनी में कैंडिडेट के टैलेंट के बजाय उनकी राशियों को ध्यान में रख कर भर्ती की जा रही है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक चीनी कंपनी की हायरिंग स्ट्रेटेजी ऑनलाइन ध्यान लोगों का ध्यान खींच रही है. अजीबोगरीब नीति के पीछे की टीम का मानना ​​है कि, डॉग ईयर वाले आवेदक फर्म के साथ-साथ बॉस के लिए भी दुर्भाग्य लाएंगे, जो ड्रैगन ईयर में पैदा हुए हैं.

क्या है चीनी मान्यता 

चीनी मान्यताओं में 12 राशियां हैं और प्रत्येक को एक साल सौंपा गया है, जो 12-वर्षीय चक्र में दोहराया जाता है, इसलिए एक दूसरे के विपरीत भी माना जाता है. कंपनी का नाम सैनक्सिंग ट्रांसपोर्टेशन है, जो दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में स्थित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वे 3,000 से 4,000 युआन (35,000 से 45,000 रुपये के बीच) के वेतन पर एक क्लर्क को काम पर रखना चाहते थे, जो इस क्षेत्र में औसत वेतन का आधा है. अपने नौकरी विवरण के तहत, कंपनी ने स्पष्ट रूप से ईयर ऑफ डॉग में पैदा हुए उम्मीदवारों से "नौकरी के लिए आवेदन न करने" के लिए कहा.

ये है वजह 

2 अगस्त को कंपनी के एक कर्मचारी ने मीडिया को बताया कि डॉग ईयर के लोगों पर प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण यह है कि उनका बॉस एक "ड्रैगन" है. उन्होंने कहा, "ड्रैगन और डॉग एक दूसरे के साथ अच्छे से नहीं रहते." उनके अनुसार, कम योग्य उम्मीदवारों पर नौकरी के लिए विचार किया जाएगा, अगर उनके राशि डॉग ईयर की न हो.

राशि चिन्हों को "पांच चरणों" में रखा गया है, जो धातु, लकड़ी, पानी, आग और पृथ्वी हैं. माना जाता है कि ड्रैगन में जल तत्व होता है, जबकि डॉग अग्नि तत्व के अंतर्गत आता है. उनका मानना ​​है कि अगर डॉग और ड्रैगन एक साथ काम करते हैं, तो उनके बीच अक्सर मतभेद होते हैं.

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने लोकसभा में गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया था. इस बिल के पेश होते ही एक बार फिर से वक्फ बोर्ड को चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष इस संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बता रहा है और लगातार इसका विरोध कर रहा है. इस बिल को अब संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है

इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए थे. 

उद्धव ठाकरे पर बोला हमला 

असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया, 'शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे की पार्टी के जितने भी सांसद थे, वो सदन से भाग गए. जब बिल पर स्पीकर ने बोलने के लिए कहा तो उद्धव ठाकरे की पार्टी के कोई सांसद वहां नहीं बैठे थे, सब कैंटिन में बैठकर चना-चाट खा रहे थे. उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं. अब वे महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें करेंगे. उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए, लेकिन जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए. अब महाराष्ट्र के मुसलमानों को अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानना पड़ेगा.

यह बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है'

इसे पहले इस बिल पर सवाल उठाते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'केंद्र सरकार लगातार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सवाल उठा रही है. इसकी तुलना छोटे-छोटे खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्थाओं से हो रही है. भारत एक बहुत बड़ा देश है और गल्फ देशों से इसकी तुलना करना गलत है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के नियमों का उल्लंघन करता है. ये बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है.'

नहीं रहे पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह,गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस

पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का शनिवार रात निधन हो गया है. 93 वर्ष के नटवर सिंह एक समय पर गांधी परिवार के बेहद ही करीबी और वफादार थे. हालांकि साल 2008 में नटवर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बगावत पर उतर आए थे. नटवर सिंह की बगावत उनकी किताब 'वन लाइफ इज नॉट इनफ : एन आटोबायोग्राफी' में खुलकर नजर आई. जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को लेकर कई बड़े खुलासे किए. 

राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे नटवर सिंह पढ़ाई में बहुत तेज थे. सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई के बाद नटवर इंग्लैंड चले गए और कैंब्रिज में दाखिल ले लिया. नेहरू गांधी के करीबी कृष्णा मेनन ने नटवर सिंह को सिविल सर्विसेस एग्जाम से जुड़ी टिप्स दी थी. नटवर सिंह ने सिविल सर्विसेस का एग्जाम क्लियर करके IFS (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी के तौर पर कई सालों तक सेवाएं दी.

नटवर सिंह का राजनीतिक सफ़र

कुछ सालों बाद नटवर सिंह भारत वापस आए गए और उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरू गांधी के दफ्तर में काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्हें ताकतवर नौकरशाह पीएन हक्सर के साथ काम करने का मौका भी मिला. इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनीं उस दौरान नटवर सिंह को राजनीति में आने का मौका मिला. कहा जाता है कि नटवर सिंह ने ही इंदिरा गांधी के सामने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की थी. जिसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया था. इंदिरा गांधी ने नटवर सिंह को राज्यसभा से लाने का सोचा. लेकिन कांग्रेस से जुड़े कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने नटवर सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात रखी. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नटवर सिंह ने भरतपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 

सोनिया गांधी के बनें वफादार

राजीव गांधी के मंत्रिपरिषद में नटवर सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया और यहां से ही नटवर सिंह का राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई. राजीव गांधी की हत्या के बाद पार्टी का सारा भार सोनिया गांधी पर आ गया. इस दौरान नटवर सिंह ने सोनिया गांधी की काफी मदद की. साल 1991 में नटवर सिंह की सलाह पर ही सोनिया गांधी पीएन हक्सर से मिली और पीएम किसको बनाया जाए, ये सलाह ली... पीएन हक्सर ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का नाम आगे किया. लेकिन शंकरदयाल शर्मा ने पीएम बनने से मना कर दिया. इसके बाद पीएन हक्सर ने नरसिम्हा राव का नाम सुझाया और उन्हें पीएम बनाया गया. हालांकि बाद में नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के बीच कई मुद्दों पर विवाद हुआ.

नटवर सिंह सोनिया गांधी के सियासी गुरु बनें और उन्होंने सोनिया गांधी की हिंदी सुधारी. साथ ही राजनीति में उनकी पकड़ मजबूत कराई. उस दौरान सोनिया गांधी नटवर सिंह पर काफी भरोसा करती थी और एक-एक बात उनसे शेयर करती थी. 

इस वजह से छोड़ी कांग्रेस

यूपीए-1 में नटवर सिंह विदेश मंत्री बनें. लेकिन ईरान से तेल के बदले अनाज कांड सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. इसके बाद वो बागी हो गए और उन्हें अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' में गांधी परिवार से जुड़े कई खुलासे किए. जिसमें सोनिया गांधी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने ये दावा भी किया कि किताब के प्रकाशन से पहले सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी उनसे मिलने आई थी. लेकिन उन्होंने किताब से कोई हिस्सा नहीं हटाया.

बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमबीटी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की टिकट के दाम ने इंटरनेट पर मचा दी खलबली

लंबी दूरी तय करनी हो तो कार या बस के मुकाबले ट्रेन सबसे सस्ता पड़ता है. अगर आपके लिए समय पैसों से ज्यादा मूल्यवान है तो आप फ्लाइट से सफर कर सकते हैं. वहीं कम पैसे में लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए ट्रेन सबसे बेस्ट ऑप्शन है. हालांकि, एक ट्रेन के टिकट का दाम महंगे फ्लाइट को टक्कर दे रहा है. बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमवीबी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट के दाम ने इंटरनेट पर खलबली मचा दी है. सेकेंड एसी क्लास के टिकट के दाम देखकर लोग चौंक गए हैं.

रेडिट यूजर ने शेयर की पोस्ट

एक रेडिट यूजर ने प्रीमियम तत्काल बुकिंग के जरिए 9 अगस्त को सेकेंड एसी टिकट के दाम का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसके मुताबिक बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने के लिए यात्री को 10,100 रुपये चुकाने होंगे. दस हजार से भी ज्यादा महंगे ट्रेन टिकट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए यूजर ने आश्चर्य जताया कि आखिर कौन इतने महंगा टिकट खरीद रहा है. पोस्ट शेयर करने वाले यूजर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर इस टिकट का दाम करीब 2900 रुपये रहता है.

लोगों को लगा शॉक

बेंगलुरु से कोलकाता तक के ट्रेन टिकट का दाम देखकर लोगों को जबरदस्त शॉक लगा है. कई यूजर्स का कहना है कि इतने पैसे देकर ट्रेन में सफर करने से अच्छा है कि इतने ही पैसों में फ्लाइट से सफर कर लिया जाए. रेडिट पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "मुझे यात्रियों के साथ-साथ आईआरसीटीसी का भी यह व्यवहार समझ नहीं आ रहा है. क्यों न 'प्रीमियम' को नियमित तत्काल किराये के दोगुना की तरह एक निश्चित सीमा तक सीमित रखा जाए". टिकट के दाम पर तंज कसते हुए दूसरे यूजर ने लिखा, "कोई भी व्यक्ति सेकंड एसी में बिना टिकट यात्रा कर सकता है और जुर्माना अदा कर सकता है और यह 10 हजार से कम होगा."

मनीष सिसोदिया राजघाट निकलने से पहले लिया बजरंगबली का आशीर्वाद

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शुक्रवार को 17 महीने बाद आखिरकार जेल से बाहर आ गए. उनके जेल से बाहर निकलने की खबर ने आम आदमी पार्टी कामें एक बार फिर से नया जोश भर दिया है. जेल से बाहर आते ही सिसोदिया सबसे पहले केजरीवाल के घर पहुंचे और उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मुलाकात की. सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. इससे पहले उन्होंने बजरंगबली का आशीर्वाद लिया.

राजघाट के लिए निकले मनीष सिसोदिया.

मनीष सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. राजघाट में वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर उनको पुष्प अर्पित करेंगे. इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रह सकते हैं.

केजरीवाल को भी मिलेगा बजरंगबली का आशीर्वाद'

मंदिर में पूजा करने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा, "भगवान बजरंग बली ने मुझे आशीर्वाद दिया है. अरविंद केजरीवाल पर भी बजरंग बली का विशेष आशीर्वाद है. आप देखिए कि उनको भी बजरंगबली का इसी तरह आशीर्वाद मिलेगा."

सरकारी अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान चढ़ाई एक्सपायर सलाइन

सरकारी सिस्टम की ऐसी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है. तेलंगाना के निजामाबाद जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान एक्सपायर सलाइन की बोतल दी गई.

निजामाबाद के कदेम मंडल के लिंगपुर गांव के निवासी अजरुद्दीन को बीमारी के कारण खानापुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कथित तौर पर उन्हें एक्सपायरी सलाइन की बोतल दी गई थी. मरीज के परिजनों ने जांच की मांग की है. परिजनों ने अस्पताल प्रशानश के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है और जिम्मेदारों पर कर्रवाई की मांग की है.

जब उसके भाई ने एक्सपायर्ड सलाइन को देखा, तो उसने तुरंत डॉक्टरों को सूचित किया. तब तक सलाइन खत्म चुकी बोतल को बदल दिया.

एक्सपायरी दवा के नुकसान

एक्सपायरी दवा से एलर्जी, शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है. एक्सपायरी डेट का मतलब ये होता है कि कई भी दवा किस तारीख तक पूरी तरह से असरदार और सुरक्षित है. साथ ही एक्सपायरी डेट ते बाद कंपनी दवा के सुरक्षा की गारंटी नहीं लेती है.

फ्रेंडशिप डे स्पेशल:- पूरे देश देशभर में मनाया जा रहा है फ्रेंडशिप डे, पर क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी,जानें

कोई व्यक्ति जन्म के बाद खुद से जो पहला रिश्ता बनाता है, उसे दोस्ती कहते हैं। परिवार से बाहर एक दोस्त ही आपका मार्गदर्शक, सलाहकार, राजदार और शुभचिंतक होता है। इसी दोस्ती के नाम एक खास दिन समर्पित किया गया है, जिसे फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि दुनियाभर में साल में दो बार दोस्ती दिवस मनाते हैं। ऐसे में कई लोग असमंजस में हैं कि असली मित्रता दिवस किस दिन मनाएं। 

फ्रेंडशिप डे कब मनाया जाता है?

कुछ लोगों को फ्रेंडशिप डे को लेकर असमंजस है कि 30 जुलाई और अगस्त के पहले रविवार में से सही फ्रेंडशिप डे कौन सा होता है। दरअसल, साल 1930 में जॉयस हॉल ने हॉलमार्क कार्ड के रूप में उत्पन्न किया था। बाद में 30 जुलाई 1958 को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई। लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश अगस्त के पहले रविवार को ही दोस्ती दिवस मनाते हैं।

फ्रेंडशिप डे का इतिहास

पहली बार मित्रता दिवस 1935 को अमेरिका में मनाया गया। शुरुआत में अगस्त के पहले महीने में दोस्ती के प्रतीक के तौर पर इस दिन को मनाया गया, हालांकि बाद में हर साल मित्रता दिवस अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने का फैसला लिया गया।

 मित्रता दिवस मनाने की शुरुआत?

अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। कहते हैं कि इस हत्या के पीछे अमेरिकी सरकार थी। जिसकी मौत हुई थी, उसका दोस्त इस खबर से हताश हो गया और खुद भी आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती और लगाव को देखते हुए अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। इसका प्रचलन बढ़ा और भारत समेत कई देशों ने फ्रेंडशिप डे को अपनाया।

मित्रता दिवस का महत्व

व्यक्ति के जीवन में दोस्त जरूर होते हैं। अगर न हों तो एक दोस्त जरूर बनाना चाहिए। दोस्ती कभी भी हो सकती हैं, उसमें उम्र, लिंग या किसी अन्य तरीके का कोई भेद नहीं होता। दोस्त आपका ऐसा समर्थक होता है जो आपकी तरक्की के लिए अच्छी सलाह देता है और आपकी खुशी में खुश होता है। ऐसे में आपके जीवन को सरल, सुलझा हुआ और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए दोस्ती दिवस मनाते हैं और इस मौके पर दोस्त को खास महसूस कराते हैं।

पुणे में दुकानदार की बेरहमी से हत्या,जांच में जुटी पुलिस

महाराष्ट्र के पुणे में एक दर्दनाक वारदात हुई है. इस वारदात में एक युवक पीठ पीछे चाकू (चापड़) छिपा कर लाता है और एक दुकान में बैठे युवक पर हमला कर देता है. इस युवक ने युवक को दुकान से बाहर खींच लिया और फिर उसे पशुओं की तरह से बड़ी बेरहमी से काट डाला. यह पूरी घटना मौके पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.मामला पुणे के दौंड तालुका में खामगांव के नागमोडी चौक का है.

पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान सूरज भुजबल के रूप में हुई है. पुलिस को आशंका है कि यह वारदात किसी पुरानी रंजिश की वजह से अंजाम दी गई है. हालांकि अभी तक वारदात के कोई ठोस कारण सामने नहीं आए हैं. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस खौफनाक वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपी पशु काटने वाला चाकू छिपाकर धीरे धीरे दुकान पर आता है. वह दुकान के बाहर कुछ सेकंड के लिए ठहरता है और जब आश्वस्त हो जाता है कि दूसरा युवक दुकान में अकेले है तो वह झटके से अंदर घुसकर उसके ऊपर हमला कर देता है.

इस हमले से बचाव के लिए दुकान में बैठा युवक बाहर भागता है, लेकिन बाहर निकलते ही आरोपी उसके ऊपर चाकू से वार कर देता है. इससे दुकानदार जमीन पर गिर जाता है और फिर आरोपी उसके ऊपर ताबड़तोड़ चापड़ से वार करता है. इस वारदात के दौरान चीख सुनकर पास की दुकान से एक अन्य युवक बाहर निकलता है, लेकिन हालात को देखकर वह चुपचाप भाग निकलता है. इतने में आरोपी मौके से फरार हो जाता है.

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिया है. इसके अलावा पुलिस ने घटना स्थल से कुछ फिंगर प्रिंट उठाने के साथ ही मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक इस सबंध में मृतक के परिजनों और पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई है. आशंका है कि आरोपी मृतक का जानकार है और उसने किसी पुरानी रंजिश में इस वारदात को अंजाम दिया है.

कंगना रनौत ने राहुल गांधी की एडिटेड फोटो की शेयर,सोशल मीडिया पर मचा बवाल

बीजेपी सांसद कंगना रनौत, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर की वजह से सुर्खियों में हैं. दरअसल, कंगना रनौत ने अपने ऑफिशियल इन्स्टाग्राम हैंडल पर राहुल गांधी की फोटो शेयर की है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है.

इस फोटो में राहुल गांधी के सिर पर मुस्लिम समुदाय की टोपी दिख रही है, माथे पर चंदन और तिलक लगा हुआ है और गले में क्रॉस भी है. इस तस्वीर के नीचे लिखा हुआ है, 'जाति जीवी जिसे बिना जाति पूछे जाति गणना करनी है.' इस एडिटेड फोटो पर कंगना काफी ट्रोल भी हो रही हैं. 

टुकड़ों में बांटने की बात मत करना'

कंगना ने एक दूसरी स्टोरी के कैप्शन में भी राहुल गांधी पर निशाना साधा. कंगना ने लिखा, 'दूसरी बार भारत को टुकड़ों में बांटने की बात मत करना. किसी भारतीय से उसकी जात पूछने जैसी छोटी बात मत करना. करने को तो बहुत कुछ है जो तुम कर सकते हो लेकिन अपने ही घर में आग लगाने जैसी बात मत करना. सुना तो तुमने भी होगा राहुल गांधी जी, बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी.'

आखिर मुद्दा क्या है?

बता दें कि केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था, 'जिसे जात नहीं पता वो जाति जनगणना की बात करता है.' अनुराग ठाकुर के इस बयान पर संसद में काफी हंगामा देखने को मिला था. राहुल गांधी ने भी लोकसभा स्पीकर से अपमान करने की बात कही थी. विपक्षी नेताओं ने भी इस टिप्पणी का खुलकर विरोध किया था. 

कंगना ने पहले क्या कहा था?

बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर शेयर की फोटो पर मचे बवाल से पहले भी राहुल गांधी पर निशाना साधा था कंगना रनौत ने जाति पर मचे सियासी घमासान पर कहा था, 'अपनी जात का कुछ अता पता नहीं, नानू मुस्लिम, दादी पारसी, मम्मी क्रिश्चियन और खुद ऐसा लगता है जैसे पास्ता को कड़ी पत्ते का तड़का लगाकर खिचड़ी बनाने की कोशिश की हो, और इनको सबकी जात पता करनी है.'

पांच मंजिला इमारत की गैलरी का स्लैब ढहा,70 लोगों को किया रेस्क्यू

महाराष्ट्र के नवी मुंबई के कोपरखैरन में शनिवार की देर रात पांच मंजिला इमारत की गैलरी का स्लैब ढह गया, जिसके बाद इमारत में रहने वाले करीब 70 लोगों को निकाला गया. अधिकारी ने बताया कि दो परिवारों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है, जबकि अन्य को वैकल्पिक आवास मुहैया कराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. फिलहाल दमकल कर्मियों ने मलबा हटा दिया है. वहीं जुलाई में मुंबई में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई है.

बिल्डिंग की बालकनी का कुछ हिस्सा गिरा

भारी बारिश के बाद नवी मुंबई के शाहबाज गांव में बनी ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत अचानक से गिर गई. बिल्डिंग में कुल 24 परिवार रहते थे. बता दें कि इससे पहले मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में एक बिल्डिंग की बालकनी का कुछ हिस्सा गिरने से एक महिला की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए. यह हादसा ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला इमारत रूबिनिसा मंजिल में हुई थी.

गुजरात में भी गिरी थी तीन मंजिला इमारत

वहीं गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के जाम खंभालिया शहर में भारी बारिश के बीच एक तीन मंजिला इमारत ढह गई थी. इस हादसे में एक बुजुर्ग महिला और उसकी दो पोतियों की जान चली गई. यह घटना शहर के गगवानी फली इलाके में हुई और आधी रात तक चले करीब छह घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला गया और पांच लोगों को बचाया गया था.