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धर्म से ऊपर उठकर हमें मानवता का धर्म उठाना चाहिए : श्यामदास

लखनऊ। सुप्रसिद्ध रामायणकालीन मनकामेश्वर श्रीमहन्त देव्यागिरि  ने पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात की सराहना की कि उन्होंने बंगलादेश में हो रहे हिन्दुओं के नरसंहार एवं मन्दिरों को तोड़े जाने की कड़े शब्दों में भर्त्सना की तथा हिन्दुओं की एकता का आह्वान किया। महन्त जी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया किया कि बंगलादेश में सत्ता का तख्ता पलट होने के बाद वहां के हिन्दुओं को निमर्मतापूर्वक मारा-काटा और लूटा जा रहा है, पर हमारे देश के हिन्दू- विशेष रूप से अपने को सेक्युलर कहने वाले लोग बंगलादेश में हो रही अमानवीयता पर बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि यही सेक्युलरी जमात किसी हिन्दू द्वारा कोई गलत काम किये जाने पर भयंकर रूप से हाय-तौबा मचाया करती है।

हमारे मुस्लिम भाई भी फिलिस्तीन के पक्ष में तो खुलकर खूब आवाज उठाते हैं, लेकिन बंगलादेश में हिन्दुओं पर जो निर्मम अत्याचार हो रहे हैं तथा मन्दिरों को नष्ट किया जा रहा है, उसके विरोध में कुछ नहीं बोल रहे हैं। महन्त जी ने कहा कि आखिर हिन्दुओं के जो पूर्वज हैं, वे भी मुस्लिम भाइयों के पूर्वज हैं, उन्हें अपने हिन्दू भाइयों पर अत्याचार पर दर्द क्यों नहीं हो रहा है। जबकि आजादी के बाद से देश वोट की लालच में देशद्रोही तत्वों को बहुत अधिक संरक्षण प्रदान किया गया, जिससे वे बड़े ताकतवर हो गये। यह खतरा है कि यह तत्व मोदी को सत्ता से हटाने के लिए देश में भयंकर अशान्ति पैदा कर सकते हैं। एक पूर्व मंत्री ने तो यह भी कह दिया कि भारत में भी बंगलादेश जैसा हो सकता है, इसलिए हमारे यहां खुफियातंत्र को बहुत मजबूत किया जाना चाहिए तथा देशद्रोही तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। इसके साथ में देशहित में राष्ट्रवादियों को अधिक से अधिक संरक्षण प्रदान किये जाने की आवश्यकता है।

पत्रकार वार्ता में अन्य संतों उदासीन आश्रम के श्रीमहन्त धर्मेन्द्र दास ने बंगलादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निन्दा करते हुए विश्व के सनातनियों से एकजुट होने का आह्वान किया है। लखनऊ इस्कान के अध्यक्ष अपरिमय श्याम दास द्वारा अराजक तत्वों द्वारा बंगलादेश में मन्दिर तोड़े जाने की निन्दा करते हुए कहा कि श्रील प्रभुपाद जी ने धर्म से अलग हट करके सभी मानवों में ईश्वर को देखते हुए यह शिक्षा दी कि धर्म से ऊपर उठकर हमें मानवता का धर्म उठाना चाहिए और उसी बंगलादेश के प्रारम्भ में लगभग 02 लाख लोगों को प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था उसी मन्दिर द्वारा की गयी थी, जिसको अग्नि के हवाले कर दिया गया। यह निन्दनीय कृत्य है, जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निन्दा होनी चाहिए।

वरिष्ठ खिलाड़ी असित सिंह जी ने बंगलादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निन्दा करते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की तथा ऐसे अराजक तत्वों से देश में भी सावधान रहने को कहा। पत्रकारवार्ता में चैतन्य मिशन लखनऊ के महन्त स्वामी कौशिक चैतन्य  ने भी बंगलादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार की निन्दा करते हुए कहा कि यह मानवता के लिए एक कलंक है, इसे रोका जाना चाहिए। पत्रकार वार्ता में लखनऊ के सन्त एवं गणमान्य नागरिकों ने भी बंगलादेश में हो रहे अत्याचार की कड़ी निन्दा की।
सीएम योगी ने नाग पंचमी पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाग पंचमी के पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। गुरुवार को यहां जारी एक बधाई सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में जीव-जन्तु समेत इस चराचर जगत के साथ आत्मीय सम्बन्ध जोड़ने की समृद्ध एवं प्राचीन परम्परा है। नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे इस जुड़ाव का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से प्रचलित है। हमारे धर्मशास्त्रों में नाग जागृत कुण्डलिनी शक्ति का प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु शेषनाग पर ही शयन करते हैं। शेषनाग छत्र बनकर उन्हें छाया प्रदान करते हैं। ज्ञान और मोक्ष के प्रदाता भगवान शिव के आभूषण ही सर्प एवं नाग हैं। सावन में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा कि श्रावण मास में नाग पंचमी भगवान शिव संग नागों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। शक्ति के प्रतीक नाग पंचमी के पर्व पर हमारे समाज में पारम्परिक रूप से कुश्ती आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें जनता उत्साह के साथ प्रतिभाग करती है। पर्व एवं त्योहार को शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण ढंग से आयोजित करने की अपील करते हुए सभी प्रदेशवासियों को नाग पंचमी की मंगलमय शुभकामनाएं दीं।
10 वर्ष में 10 लाख नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना का है लक्ष्य : मुख्यमंत्री

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के मूल बजट में सरकार ने 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' का प्रावधान किया था।अब समय आ गया है कि इस पर क्रियान्वयन
प्रारंभ कर दिया जाए। अभियान के संबंध में एमएसएमई विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना स्वरोजगार सृजन के प्रयासों में बड़ी भूमिका निभाने वाली होगी। योजना के बारे में अधिकाधिक युवाओं को अवगत कराया जाए। ताकि युवा प्रोत्साहित हों और आत्मनिर्भर होकर अपनी आजीविका कमा सकें।

बैठक में प्रमुख सचिव, एमएसएमई ने मुख्यमंत्री को बताया कि अभियान के तहत प्रतिवर्ष 1,00,000 युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष 01 लाख सूक्ष्म उद्यम प्रतिवर्ष स्थापित हो सकेंगे। इस प्रकार आगामी 10 वर्षों में 10 लाख (एक मिलियन) युवा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तहत सामान्य वर्ग के अलावा, ओबीसी, महिला, दिव्यांगजन तथा एससी, एसटी के पुरुष के अलावा महिलाओं को उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का प्रावधान हो, साथ ही, मार्जिन मनी पर भी सब्सिडी दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों को यथासंभव ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध हो, इसके लिए एक तय अवधि तक ऋण के ब्याज उपादान और सीजीटीएमएसई कवरेज की सुविधा भी दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के सही क्रियान्वयन और सतत मॉनीटरिंग के लिए आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो की तर्ज पर यहां भी हर जिले में योग्य युवाओं की तैनाती की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तपोषण से पहले युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण भी दिलाया जाना चाहिए। नए उद्यमियों को उनके उत्पाद की पैकेजिंग, ब्रांडिंग 9व मार्केटिंग में भी मदद करें।
इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा अनोखा केस: "भूत'’ ने कराई एफआईआर, दिया बयान , पुलिस ने चार्जशीट तक दाखिल की, जानिये पूरा मामला

लखनऊ/ प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की कुशीनगर जिले की पुलिस ने गजब का कारनामा कर दिखाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस जांच में आंखें खोल देने वाला एक अनोखा मामला सामने आया। इसमें मरने के तीन साल बाद शब्द प्रकाश नाम के व्यक्ति की तरफ से एफआईआर दर्ज करा देने के बाद कुशीनगर के पुलिस विवेचना अधिकारी द्वारा उस शख्स का बयान भी दर्ज कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई।

बात यहीं नहीं रुकी, वादी शब्द प्रकाश के ‘भूत’ ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में 19 दिसंबर 2023 को वकालतनामा पर हस्ताक्षर भी मिले। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम की बेंच में जब यह मामला सामने आया, तब यह बात खुली। जस्टिस सौरभ श्याम भी मामले को देखकर हैरत में पड़ गए और उन्होंने पूछा कि पुलिस ने तीन साल पहले मर चुके आदमी का बयान कैसे लिया ?

हाई कोर्ट ने कुशीनगर एसपी से तलब की रिपोर्ट

हाई कोर्ट ने कुशीनगर पुलिस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं इस केस के तथ्यों से हैरान हूं। किस तरह से पुलिस अपराध की विवेचना करती है। पुलिस ने तीन साल पहले मर चुके आदमी का बयान दर्ज कर लिया। ये कैसे किया होगा ? कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को निर्देश दिया कि यहां एक ‘भूत’ निर्दोष को परेशान कर रहा है। विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है। ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच करके रिपोर्ट पेश करें।साथ ही, हाई कोर्ट ने आपराधिक केस की कार्रवाई को रद्द कर दिया। कोर्ट ने हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि इस मामले में वादी के वकील को भविष्य में सावधानी बरतने की सीख दें।

जानें क्या था पूरा मामला...

ये अजीबो-गरीब मामला शिकायतकर्ता शब्द प्रकाश से जुड़ा है, जिसकी 19 दिसंबर 2011 मौत हो गई थी। कुशीनगर की कोतवाली हाता में एक FIR 2014 में दर्ज होती है। इसमें वादी शब्द प्रकाश थे, आरोपी पुरुषोत्तम समेत 4 लोगों को बनाया गया। धारा धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज लगाना और धमकी देने की लगाई गई। जांच के बाद विवेचक ने 23 नवंबर 2014 में चार्जशीट लगा दी।

इसके बाद पुरुषोत्तम समेत चारों ने हाईकोर्ट में चार्जशीट को रद्द करने की अपील दाखिल की। उन्होंने केस को चैलेंज किया कि पूरा केस ही फर्जी है, जिसका समर्थन CJM कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया। उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान और मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी थी। वकील ने कोर्ट में कहा कि मृतक व्यक्ति कैसे केस कर सकता है। मृत्यु प्रमाण पत्र साक्ष्यों को प्रस्तुत किया। चारों ने चार्जशीट रद्द करने को हाई कोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद यह मामला सामने आया।

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के बाद से लगातार धरातल पर उतर रही परियोजनाएं



लखनऊ। यूपी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार इसे धरातल पर उतारने का प्रयास में जुट गए है। इसीलिए यूपी में निवेश करने वालों को सरकार की तरफ से तमाम प्रकार की सहूलियत दी जा रही है। साथ ही सुरक्षा को लेकर उन्हें आश्वास्त किया जा रहा है। योगी सरकार प्रदेश में निवेश को धरातल पर उतारने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। फरवरी 2024 में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 (जीबीसी 4.0) में परियोजनाओं के शुभारंभ के 5 माह के अंदर प्रदेश में 1.14 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। अभी तक इन क्षेत्रों में जैसे एग्रीकल्चर 483 5895,एनर्जी 07 8123, हेल्थ 226 2248, आईटी/आईटीईएस 03 73, मैन्युफैक्चरिंग 1742 61622, सोशल 765 7531, टूरिज्म 72 1309, अर्बन एंड इंफ्रा 463 21205 का निवेश कर चुका है। इस प्रकार से कुल 3984 114,345 करोड़ रुपये निवेश किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने विपक्षी सदस्य के सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दिया है। मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया है कि कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में कुल 14701 परियोजनाओं में 10 लाख 81 हजार करोड़ रुपए के निवेश धरातल पर उतारने की कार्रवाई की गई थी। इसमें 34 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। जीबीसी 4.0 में शुभारंभ के बाद से अब तक 3984 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें कुल एक लाख 14 हजार 345 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि निवेश एक सतत प्रक्रिया है। सीएम योगी के नेतृत्व में जो लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था में सुधार हुआ है, उसके चलते देश और विदेश के बड़े निवेशक उत्तर प्रदेश में अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए लालायित हैं।मलबे में रामगोपाल की मां के साथ उसकी तीन बेटियां और दोनों बेटे दब गए थे। लोगों की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तत्काल ही ग्रामीणों की सहायता से मलबा को हटाना शुरू कर दिया।


सेक्टर वार निवेश

सेक्टर प्रोजेक्ट्स निवेश (करोड़ रुपए में)

एग्रीकल्चर 483 5895

एनर्जी 07 8123

हेल्थ 226 2248

आईटी/आईटीईएस 03 73

मैन्युफैक्चरिंग 1742 61622

सोशल 765 7531

टूरिज्म 72 1309

अर्बन एंड इंफ्रा 463 21205

अन्य 183 6339

टोटल 3984 114,345

यूपी छोड़कर नहीं गई है सैमसंग की यूनिटः संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना

प्रदेश के इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट के साथ ही सैमसंग की यूनिट के यूपी से कर्नाटक शिफ्ट होने के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि हमारा इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 22.09 है जो भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित किया गया है। यह प्रदेश की बेहतर फाइनेंशियल प्रोग्रेस को प्रदर्शित करता है। वहीं, सैमसंग की इंडस्ट्री के विषय में जो सवाल पूछा गया है, ऐसा लगता है कि सदस्य को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। जब भी कोई कंपनी निवेश करती है तो उसके डायरेक्टर्स के बीच में रिजॉल्यूशन तय किया जाता है। यहां पर सैमसंग की मोबाइल डिस्प्ले लगाने की जो इंडस्ट्री लगी थी वो आज भी फंक्शनल है और बड़े पैमाने पर उसमें प्रोडक्शन चालू है। इकाइ लगाते समय कंपनी के साथ जो भी कमिटमेंट किया गया था और जिस बात के लिए उनसे सहमति हुई थी, उसका इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। जितना भी जीएसटी का मामला था वो निस्तारित हो गया है। कंपनी उत्तर प्रदेश छोड़कर नहीं गई है। बाकी कहां निवेश करना है, कहां निवेश का विस्तार करना है ये कंपनी अपने व्यापार के अनुकूल तय करती है।

प्रदेश में 6 माह के अंदर नष्ट की गई 3.5 लाख किलो प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक

प्रदेश में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से संबंधित एक सवाल के जवाब में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सदन में बताया कि पूरे प्रदेश में विगत 6 माह में 3.5 लाग किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक को रद किया गया है। वहीं, प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण व बिक्री करने वालों से 2.27 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। वर्तमान में ऐसी कोई औद्योगिक इकाइ प्रदेश में नहीं है जो प्रतिबंधित प्लास्टिक का निर्माण या बिक्री कर रही हो। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा निरंतर छापेमारी की कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि यदि किसी सदस्य द्वारा इस तरह की इकाइ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है तो उस इकाइ पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हादसों का सड़क बनता जा रहा है आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे,जानिये कैसे

शिशिर पटेल

लखनऊ । यूपी में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे हादसों का सड़क बनता जा रहा है। इस सड़क पर चलना खतरों से खाली नहीं है। चूंकि इस रोड पर तेज रफ्तार के चलते लगातार भीषण हादसे हो रहे है। इसके पीछे कहीं न कहीं पुलिस व यातायात विभाग जिम्मेदार है। चूंकि हाईवे पर सीसीटीवी कैमरे जरूर लगाये गये है लेकिन वह केवल शो पीस साबित हो रहे है। नेशनल हाईवे पर वाहन फरार्टा भरते रहते है और उनका चालान तक नहीं कटता। पिछले पंद्रह दिनों में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों पर गौर किया जाए तो यहीं निकल कर आया की ज्यादातर हादसे या तो चालक को झपकी आने से या फिर स्पीड बहुत तेज होने के कारण हुई है। इसके बाद भी हादसों से निपटने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

एक्सप्रेसवे पर रोड इंजीनियरिंग की दिख रही कमी

जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने जिस मंशा से यह एक्सप्रेसवे बनाया था क्या अब यह हादसों के लिए जाना जाएगा। ऐसे सवाल उठता है कि नेशनल हाईवे की टीम, ट्रैफिक की टीम, एनएचआई की टीम, ट्रैफिक व पुलिस विभाग की टीम क्या कर रही है। मुख्यमंत्री जो कि सड़क सुरक्षा समिति  के अध्यक्ष होते है। उनके द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि अभियान चलाकर सड़क हादसों पर लगाम लगाई जाए। सीएम के निर्देश पर यातायात विभाग द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बाद भी एक्सप्रेस वे मौत के एक्सप्रेस वे बनते जा रहे है। साथ ही लगातार हादसों पर लगाम न लगना कई सारे सवाल खड़ा करता है। सड़क सुरक्षा को लेकर विभागीय तमगा क्यों गंभीर नहीं हो रहा है। जानकारों की माने तो एक्सप्रेस वे पर जो रोड इंजीनियरिंग है उसकी काफी कमी दिख रही है। इसकी सच्चाई पिछले दिनों आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे खुद बयां कर रहे है। 

केस- 1
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे  चालक को आई झपकी ने 25 जून को तीन लोगों की जान ले ली है। इस बार बोलेरो के ड्राइवर को झपकी आई तो उसकी गाड़ी डिवाइडर कूद कर दूसरी लेन में चली गई, इस दौरान सामने से आ रही एक कार से बोलेरो की टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 18 जुलाई में इसी एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा हो गया। जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही  स्कॉर्पियो  ट्रक में पीछे से घुस गई। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे तीन दोस्तों की मौत हो गई। जबकि दो दोस्त की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। हादसे के वक्त चालक पीछे की सीट पर बैठा था जो गंभीर रूप से घायल हुआ है।

केस-2
लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव जनपद में दस जुलाई सुबह लगभग साढ़े पांच बजे दूध के टैंकर में बिहार से आ रही डबल डेकर बस टकरा गई। हादसे में 18 यात्रियों की मौके पर मौत हो गई। 30 से ज्यादा घायल हो गए। यह बस सीतामढ़ी से दिल्ली जा रही थी। हादसे के बाद जांच में पता चला कि चालक को झपकी आ गयी जिसकी वजह से यह हादसा हो गया। इस हादसे को पीएम से लेकर सीएम तक ने संज्ञान में लिया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिये थे। इस रोड पर जुलाई माह का सबसे बड़ा हादसा रहा है।

केस-3 जुलाई के अंत में फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कार एक्सीडेंट में उप्र सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी के बेटा और बहू घायल हो गए। सूचना मिलते ही जिले के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस हादसे में नंदी की बहू की नाक पर गंभीर चोट आई है। कार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

केस-4

अब अगस्त में माह की बात की जाए तो अभी दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के इटावा में भीषण सड़क हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर डबल डेकर बस एक कार से टकरा गई। हादसे के समय बस में 60 लोग सवार थे और कार में तीन लोग थे। हादसे में कार में सवार सभी लोगों की मौत हो गई। वहीं, बस में बैठे चार लोगों की जान गई है। घटना के बाद पता चला कि एक्सप्रेस-वे पर कन्नौज के लिए साइड से कट बना है। इसलिए आगे न जाकर रॉन्ग साइड ही कार दौड़ा दी। बस रायबरेली से नई दिल्ली जा रही थी। उसकी स्पीड काफी तेज थी। अचानक कार सामने आने पर ड्राइवर बस को कंट्रोल नहीं कर पाया और हादसा हो गया।साथ ही कार और बस दोनों की स्पीड काफी थी।

केस-5 अगस्त माह की शुरूआत होते ही ताला नगरी अलीगढ़ में कंटेनर और कार की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई। यहां सवारियों से भरी एक ईको कार की कंटेनर से सीधी भिड़ंत हो गई। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए और चीख पुकार मच गई। इस जबरदस्त हादसे में कार में सवार पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

तेज स्पीड व चालक को झपकी आने से हो रहे हादसे

पिछले दो माह के अंदर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों से एक बात जरूर निकल कर आयी कि हादसे या तो तेज स्पीड या फिर चालक को झपकी आने से हो रही है। अब सवाल उठता है कि वाहनों के तेज स्पीड पर अंकुश लगाने के लिए एक्सप्रेस वे जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे है। अगर निर्धारित मानक से जिन वाहनों की स्पीड ज्यादा होती है उनका आॅनलाइन चालान कट जाना चाहिए लेकिन इस तरफ जिम्मेदार विभाग का ध्यान तनिक भी नहीं है। बताया जा रहा है कि जो सीसीटीवी कैमरे लगे है उनमें ज्यादातर शो पीश है। यह फिर रात के अंधेरे में वाहनों की रफ्तार को नहीं पकड़ पा रहे है। चूंकि ज्यादातर हादसे रात के अंधेरे में हो रहे है। अगर इसका कड़ाई से पालन होतो तो हाईवे पर वाहनों को फर्राटा भरते देखा जा सकता है।  साथ ही हादसों पर भी अंकुश लगता। इसके साथ ही सड़क पर वाहन लेकर चलने वालों की जांच होनी चाहिए कि कहीं शराब के नशे में धुत होकर तो नहीं वाहन चला रहे है। इसमें कहीं न कहीं कमियां है।जिसके सुधार न होने के कारण हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

क्या बोले- एडीजी ट्रैफिक

अपर पुलिस महानिदेशक यातायात एवं सड़क सुरक्षा यूपी के सत्यनारायण ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर लगातार हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए बस व कार चालकों से अपील की जा रही है कि तेज स्पीड में वाहन न चलाये। चालक शराब पीकर वाहन तो नहीं चला रहे है। इसकी जांच स्थानीय पुलिस के सहयोग से ब्रीथ एनलाइजर के माध्यम से टोल प्लाजा के नजदीक करने का काम किया जाएगा। ताकि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर होने वाले सड़क हादसों को रोका जा सके। तेज स्पीड से कार , बस व ट्रक चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी पूर्वी ने चिनहट थाने का किया निरीक्षण
लखनऊ।कानून व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए डीसीपी पूर्वी ने बुधवार को चिन्हट थाने का औचक निरीक्षण किया।  साथ थाना प्रभारी सहित समस्त पुलिस कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। डीसीपी पूर्वी लखनऊ शशांक सिंह ने बुधवार को  थाना चिनहट का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान  थाना परिसर, थाना कार्यालय, सीसीटीएनएस रूम, कर्मचारी बैरिक, मेस, सम्पत्ति गृह  व महिला हेल्प डेस्क चेक किया गया। सम्पत्ति गृह में सामान के रखरखाव को बेहतर करने के निर्देश दिये।

थाना कार्यालय में ड्यूटी पर मौजूद मुंशी व महिला हेल्प डेस्क अधिकारी से पूछताछ की व आवश्यक निर्देश दिए।साथ ही  थाना क्षेत्र में निरंतर प्रभावी रूप से पेट्रोलिंग, अपराध नियंत्रण व बीट क्षेत्र में भ्रमण किया जाए और थाना परिसर में साफ-सफाई रखने एवं अनावश्यक रूप से लम्बित पड़े वाहनों एवं मालों के विधिक निस्तारण के आदेश दिए गए।
जॉइंट सीपी ने कंट्रोल रूम का किया निरीक्षण
लखनऊ। राजधानी जॉइंट पुलिस कमिशनर कानून एवं व्यवस्था ने बुधवार को कैसर बाग क्षेत्र में स्थित कंट्रोल रूम की कार्यशैली का निरीक्षण किया और अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर यातायात व्यवस्था को सुगम व सुचारू बनाने के लिए आदेश दिए। संयुक्त पुलिस आयुक्त ( कानून एवं व्यवस्था ) अमित वर्मा ने बुधवार को थाना कैसरबाग क्षेत्र के आईटीएमएस /आईसीसीसी कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया।

साथ ही राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुगम व सुचारू बनाने के लिए पुलिस कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने वीआईपी मूवमेंट,यातायात व्यवस्था,ट्रैफिक सिग्नल संचालन,सर्विलांस कैमरे संचालन,स्पीड कैमरा डिटेक्टर,गूगल मैप से यातायात दबाव की मॉनिटरिंग, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम आदि का जायजा लेकर कंट्रोल रूम के सभी कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए।

लोहिया संस्थान में पहली बार मिला बॉम्बे ब्लड ग्रुप का मरीज
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पहली बार बॉम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज की पहचान हुई है। लोहिया संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा द्वारा बताया गया कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप भारत में दस हजार व्यक्तियों में से किसी एक को पाया जाता है।

यूरोपीय तथा विकसित देशों में 10 लाख में से एक इसमें एचएच एक ही एंटीजन (एच) लाल रक्त कणिकाए पाया जाता हैं, जिससे यह एबीओ ग्रुप से अलग होता है जिस कारण इसके मरीज को केवल एचएच बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ही रक्त लिया या दिया जा सकता है।डाॅ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में राखी (बदला हुआ नाम) उम्र 25 वर्ष, महिला प्रसव के 40 हफ्ते 6 दिन के बाद रायबरेली से रेफर होकर राम मनोहर लोहिया संस्थान आई।

राखी पेशाब में खून आने की, सांस का फूलना तथा शिशु का गर्भ में कम घूमने की शिकायत के साथ संस्थान में आई। इसके बाद मरीज के खून का नमूना ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में आया जिसकी विस्तृत जांचों के बाद बाम्बे ब्लड ग्रुप में चिन्हित किया गया, क्योंकि यह अनुवांशिक होता है। इस मरीज को केवल यही रक्त का ग्रुप दिया जा सकता है। मरीज का हीमोग्लोबिन 5.1 पाया गया। इसके पश्चात विभाग द्वारा मरीज के पूरे परिवार की खून के नमूने की विस्तृत जांच की गई। मरीज के भाई का भी बॉम्बे ब्लड ग्रुप पाया गया। मरीज को उसके भाई का रक्त दिया गया। मरीज प्रसव उपरान्त अब सुरक्षित है।
प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा युवाओं को मिला एनएपीएस का लाभ, सीएम योगी ने प्रदेश में प्राथमिकता के आधार पर लागू की पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजना
लखनऊ। देश में शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) को योगी सरकार ने प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया है। योजना के तहत प्रदेश के अंदर 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक 2 लाख से ज्यादा प्रशिक्षुओं ने इसका लाभ लिया है। इसके लिए सरकार की ओर से 50 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई है।

उल्लेखनीय है कि युवाओं में शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया है, जिसका परिणाम है कि लाखों युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी मिल पा रही है।

पुरुषों और महिलाओं दोनों को मिला लाभ

विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2018 से लेकर 30 जून 2024 तक उत्तर प्रदेश में एनएपीएस योजना के तहत 2,18,033 प्रशिक्षुओं ने लाभ लिया है। इन लाभार्थियों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सम्मिलित रही हैं। अप्रेंटिस का लाभ लेने वालों में जहां पुरुषों की संख्या 1,85,123 रही है तो वहीं महिलाओं की संख्या 32,608 है। इस योजना में युवाओं को प्रशिक्षण के साथ ही स्टाइपेंड के रूप में आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई। इसके लिए योजना के अंतर्गत प्रदेश में 30 जून तक 51.72 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। यही नहीं, जुलाई 2023 से लेकर 30 जून 2024 के बीच में प्रशिक्षणार्थियों के बीच 46.85 करोड़ रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से वितरित की गई है।

431 स्थानों पर आयोजित हुए अप्रेंटिसशिप मेला

इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश भर में जून 2022 से जून 2024 तक 431 स्थानों पर प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिसशिप मेला (पीएमएनएएम) का आयोजन किया है। इस मेले में प्रदेश भर से 31,273 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। इसमें देश भर से 1873 छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों ने भी प्रतिभाग किया है। मालूम हो कि इस योजना से कुल 5757 उत्कृष्ट प्रतिष्ठान जुड़े हुए हैं, जो न सिर्फ युवाओं को अप्रेंटिसशिप का अवसर उपलब्ध करा रहे हैं, बल्कि कुशल युवाओं को भी तैयार कर रहे हैं।

नियोक्ताओं को मिलता है कुशल कार्यबल

योजना के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड मिलता है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त होती है। प्रशिक्षुता के माध्यम से प्रशिक्षणार्थी व्यावहारिक अनुभव और कौशल से लैस होते हैं, जो उनके करियर में मददगार होता है। प्रशिक्षुता पूरी करने के बाद, प्रशिक्षुओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। दूसरी तरफ, सरकार योजना के अंतर्गत नियोक्ताओं को प्रशिक्षुओं के वजीफे का 25% (अधिकतम 1500 रुपये प्रति माह) प्रदान करती है। वहीं, अप्रशिक्षित प्रशिक्षुओं के बुनियादी प्रशिक्षण की लागत का एक हिस्सा भी सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना के माध्यम से नियोक्ताओं को प्रशिक्षित और कुशल कार्यबल मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है तो वहीं रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं।