चिकित्सक की अनुपस्थिति से स्कूली बच्चे को इलाज में हुई परेशानी।
हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक बार फ़िर चिकित्सीय लापरवाही तब दिखी जब मंगलवार की सुबह सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, कुम्हारटोली के एक विद्यार्थी का पैर डिस्लोकेट होने के बाद इसे इलाज के लिए स्कूल के शिक्षक और परिजन यहां आए तो इमरजेंसी ओपीडी में कोई आर्थोपेडिक सर्जन नहीं थे। जिस कारण भुक्तभोगी मरीज और उनके परिजन एवं स्कूली शिक्षकों को काफी परेशानी हुई
जब इस बात की जानकारी परिजनों और शिक्षकों ने समाजसेवी श्रद्धानन्द सिंह को दी तो तत्काल अपने समर्थकों के साथ वे हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने यहां ऑर्थोपेडिक सर्जन नहीं होने की पुष्टि होने पर इसकी जानकारी स्थानीय सांसद मनीष जायसवाल को दी।
तत्काल सांसद मनीष जायसवाल के निर्देश पर उनके कार्यालय कर्मी रंजन चौधरी अस्पताल पहुंचे और हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार से इस बात की शिकायत करते हुए ऑर्थोपेडिक सर्जन को भेजने का आग्रह किया। जिसके बाद चिकित्सक आए और स्कूली बच्चे को आर्थो ओटी में ले जाकर डिस्लोकेट हड्डी को सफलतापूर्वक बैठाया गया। डिस्लोकेट हड्डी बैठते ही बच्चा चलने- फिरने लगा ।
Aug 06 2024, 20:04