अभिभावक ने स्कूल प्रबंधन व एनसीसी इंचार्ज पर लगाया लापरवाही और संवेदनहीनता का आरोप
तेनुघाट बेरमो अनुमंडल के तेनुघाट निवासी सह पिट्स मॉडर्न स्कूल में अध्ययनरत छात्र के अभिभावक नितिन मुकेश और उनकी पत्नी मोनिका सिन्हा ने एनसीसी के कमांडिंग आफिसर (सीओ) हजारीबाग के कर्नल हरमीत सिंह से मुलाकात कर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ आवेदन देकर शिकायत किया है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा मनन श्रेष्ठ उम्र 14 वर्ष पिट्स मॉडर्न स्कूल गोमिया से 24 जून को 10 दिनों के लिए एनसीसी कैंप कोडरमा गया था। उनके बच्चे को कैंप में ही 29 जून को दोपहर को सिर में मारकर अधमरा कर दिया। इसकी सूचना उन्हें अगले तीन दिनों तक छिपाई गईी स्थिति अत्यधिक खराब हो जाने पर छात्र मनन के दोस्त से उसकी तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। तत्काल अभिभावकों के पहुंचने पर काफी मिन्नत आरजू करने पर बच्चे को छोड़ा गया तत्पश्चात इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के क्रम में चिकित्सक के द्वारा बच्चे की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक बताई गई। बच्चे का तत्काल ब्रेन का ऑपरेशन कराया गया। उन्होंने स्कूल के प्राचार्य, उपप्राचार्य, एनसीसी के इंचार्ज शुभम तिवारी तथा एनसीसी कोडरमा के इंचार्ज और अन्य पर लापरवाही का आरोप लगाया है। छात्र मनन की माता मोनिका सिन्हा ने बताया कि आनन-फानन में डॉक्टर के निर्देशानुसार किसी तरह उसके ब्रेन का मेजर-ऑपरेशन कल्पना हास्पिटल बेगुसराय में कराया। उसके ब्रेन में सर्जरी हुई है और लाखों खर्च करने के बाद भी बच्चे की स्थिति सामान्य नहीं है। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन और एनसीसी इंचार्ज पर संवेदनहीनता का आरोप लगते हुए कहा कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी एक बार भी छात्र का हाल तक नहीं पूछा गया। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत एमपी कार्यालय, मानवाधिकार आयोग से आग्रह है कि संबंधित पर समुचित कानूनी कारवाई की जाए। यही कमांडिंग आफिसर से प्रावधानानुसार बच्चे के ईलाज में खर्च हुए राशि तथा आगे के ईलाज खर्च उठाने की मांग की। इस संबंध में तत्कालीन प्राचार्य मनोज कुमार उपाध्याय ने बताया कि उन्हें इस घटना की विस्तृत जानकारी नहीं है और वे सेवानिवृत को चुके हैं वही वर्तमान प्राचार्य बीएमएल दास ने बताया कि अभिभावकों का आरोप निराधार है एनसीसी कैंप में भेजे जाने के बाद सारी जवाबदेही कमांडेंट की होती है स्कूल प्रवन्धन उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। इसी प्रकार किसी भी एनसीसी कैडेट्स को कैंप में भेजे जाने से पूर्व सभी तरह के कॉलम को पूरा किया जाता है जिसमें एनसीसी कैंप की गतिविधियों के दौरान चोट लगने की स्थिति में स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार नहीं होता है वकायदा उसमें उसके अभिभावकों के भी हस्ताक्षर लिए जाते हैं। छात्र के अभिभावकों को टीसी भी दी जा चुकी है। प्राथमिक जानकारी में वह जामुन के पेड़ के नीचे खड़ा था किसी अन्य बच्चे के द्वारा पेड़ मे पत्थर चलाया गया जो मनन को आकर लगा था।
Aug 02 2024, 19:03
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