कमला हैरिस पर नस्लीय टिप्पणी का ट्रंप पर क्या होगा असर? कहीं भारतीयों और अश्वेतों की नाराजगी ना झेलनी पड़ जाए
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अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। राष्ट्रपति पद की जंग हर दिन एक नया रंग दिखा रही है।डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप लगातार डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस पर लगातार हमलावर है। इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि कमला हैरिस अश्वेत पहचान का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए कर रहीं हैं, जबकि कुछ दिन पहले तक वो भारतीय मूल की थीं।
डोनाल्ड ट्रंप ने शिकागो में नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लैक जर्नलिस्ट्स कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा था कि वह (कमला हैरिस) हमेशा से खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थीं। वह भारतीय संस्कृति का प्रचार करती थीं, लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं। वह अश्वेत कब से हो गईं? अब वह चाहती हैं कि उन्हें अश्वेत के तौर पर पहचाना जाए। ट्रंप ने कहा था, 'मुझे नहीं पता कि वह भारतीय है या अश्वेत है? मैं भारतीयों और अश्वेतों दोनों का ही सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हैरिस के मन में इन्हें लेकर सम्मान की भावना है? क्योंकि वह हमेशा से भारतीय थीं और खुद को भारत से जुड़ा हुआ बताती थी लेकिन अब वह अचानक से अश्वेत हो गई हैं।'
अब सवाल ये उठता है कि ट्रंप की इस टिप्पणी में कितना दम है? क्या कमला हैरिस के अश्वेत होने का चुनावी फायदेमिल सकता है? तो बता दें कि ऐसा संभव है। दरअसल, अमेरिकी चुनाव में श्वेतों के अलावा अश्वेतों, दक्षिण एशियाई मूल के लोगों का एक अच्छा-खासा वोटबैंक है। बाइडन के राष्ट्रपति चुनाव से पीछे हटने के बाद कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी संभाली है। उन्हें लगातार अश्वेतों और दक्षिण एशियाई मूल के लोगों का समर्थन मिल रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे में कमला हैरिस की रेटिंग में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई थी।
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन को करीब 65 फीसदी भारतीय अमेरिकी वोट मिले थे। अब जबकि बाइडेन रेस में नहीं हैं तो उम्मीद जताई जा रही है कि कमला हैरिस के लिए यह समर्थन बढ़ सकता है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी की बात करें तो 2020 में ट्रंप को महज 28 फीसदी भारतीय अमेरिकी वोटर्स का साथ मिला था, जिसमें फिलहाल कोई खास बढ़ोतरी नहीं दिखाई दे रही है। एक रिसर्च के मुताबिक फिलहाल केवल 29 फीसदी भारतीय अमेरिकी ही ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है कि अश्वेतों और दक्षिण एशियाई मूल के लोगों के बीच कमला हैरिस की बढ़ती लोकप्रियता के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने खुद अपने पैरों में कुल्हाड़ी मार ली है। डोनाल्ड ट्रंप की ये टिप्पणी भारतीय और अश्वेत अमेरिकियों दोनों को ही नाराज़ कर सकती है। ऐसे में किसी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ओर से की गई इस तरह की टिप्पणी चुनाव में बड़ी गलती साबित हो सकती है।
अमेरिका में रह रहे भारतीय अमेरिकी और अश्वेत वोटर्स ने अगर कमला हैरिस की नस्लीय पहचान को लेकर ट्रंप की टिप्पणी से खुद को जोड़ना शुरू कर दिया तो मुमकिन है कि यह उनके लिए नुकसानदायक हो।
Aug 02 2024, 13:55