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Aug 02 2024, 12:09

NEET-UG 2024 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: 'पवित्रता का कोई प्रणालीगत उल्लंघन नहीं' NTA को 'फ्लिप-फ्लॉप' से बचने की दी हिदायत

NEET-UG 2024 फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 2 अगस्त को कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी या NTA को NEET-UG 2024 परीक्षा के संबंध में किए गए "फ्लिप-फ्लॉप" से बचना चाहिए। इसमें कहा गया है कि एक राष्ट्रीय परीक्षा में इस तरह की ''उलझन'' छात्रों के हितों की पूर्ति नहीं करती है। पेपर के आरोपों और परीक्षा में अन्य अनियमितताओं पर बढ़ते विवाद के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट 2024 एनईईटी-यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द नहीं करने के कारणों पर अपना फैसला सुना रही थी ।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने यह भी कहा कि विशेषज्ञ समिति को परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने अपने फैसले में एनटीए की संरचनात्मक प्रक्रियाओं की सभी कमियों को उजागर किया है, ''छात्रों की भलाई के लिए हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।'' शीर्ष अदालत ने कहा कि जो मुद्दे उठे हैं, उन्हें केंद्र द्वारा इसी साल सुधारा जाना चाहिए ताकि इसकी पुनरावृत्ति न हो।

हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि NEET-UG 2024 के पेपरों में कोई प्रणालीगत उल्लंघन नहीं हुआ था और लीक केवल पटना और हज़ारीबाग़ तक ही सीमित था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि केंद्र द्वारा गठित समिति परीक्षा प्रणाली की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करने, परीक्षा केंद्रों की बढ़ी हुई पहचान जांच की प्रक्रियाओं, सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के लिए तकनीकी प्रगति के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर भी विचार कर रही है। पीठ ने कई निर्देश भी जारी किए और एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में केंद्र द्वारा नियुक्त समति के दायरे का विस्तार किया।

इसमें कहा गया है कि चूंकि पैनल का दायरा बढ़ा दिया गया है, इसलिए समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के विभिन्न उपायों पर 30 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। पीठ ने कहा कि राधाकृष्णन पैनल को परीक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने पर विचार करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एनईईटी-यूजी परीक्षा के दौरान जो मुद्दे उठे हैं, उन्हें केंद्र द्वारा ठीक किया जाना चाहिए।

23 जुलाई को, शीर्ष अदालत ने विवादों से घिरी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए रिकॉर्ड पर कोई सबूत नहीं है कि इसकी पवित्रता के "प्रणालीगत उल्लंघन" के कारण इसे "विकृत" किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि इसके विस्तृत कारणों का पालन किया जाएगा।

अंतरिम फैसला संकटग्रस्त एनडीए सरकार और एनटीए के लिए एक झटका था, जो प्रतिष्ठित परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक, धोखाधड़ी और प्रतिरूपण जैसे कथित बड़े पैमाने पर कदाचार को लेकर सड़कों और संसद में कड़ी आलोचना और विरोध का सामना कर रहे थे।

परीक्षा 5 मई को आयोजित किया गया था । एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2024 में 23 लाख से अधिक छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-अंडरग्रेजुएट (एनईईटी-यूजी) दी।

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Aug 02 2024, 12:07

नीट-यूजी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी, कहा- लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक सीमित

#neet_ug_2024_supreme_court_said_that_there_is_no_large_scale_paper_leak

नीट यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले में सुनवाई के दौरान आज, 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की।सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी को पेपर लीक के आरोपों के बावजूद रद्द क्यों नहीं की, इसकी जानकारी दी है। साथ ही सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी के लिए काम करने का दायरा भी तय किया है।सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी मामले पर अपने फैसले में कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है। इसलिए नीट की दोबारा परीक्षा कराने की मांग खारिज की जाती है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई की बेंच ने साफ तौर पर कहा कि अदालत का निष्कर्ष है कि नीट पेपर लीक सिस्टेमेटिकन नहीं है।

सीजेआई ने कहा कि सिस्टमैटिक ब्रीच नहीं था। पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक सीमित था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के आयोजन में कोई व्यवस्थागत कमी नहीं पाई गई। अगर परीक्षा को रद्द किया जाता, तो लाख स्टूडेंट्स इससे प्रभावित होते, जो परीक्षा में शामिल हुए थे। वहीं एग्जाम पास करने वाले छात्रों पर इसका विपरीत असर पड़ता। ऐसे में पूरी जांच और सभी बिंदुओं पर विचार के बाद परीक्षा नहीं रद्द करने का फैसला किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक, गलत प्रश्न पत्र के वितरण और भौतिकी के एक प्रश्न के गलत विकल्प के लिए अंक देने के मामले में एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ढुलमुल नीति की आलोचना की।कोर्ट ने कहा कि एनटीए को बार-बार अपने फैसले नहीं बदलने चाहिए क्योंकि यह केंद्रीय संस्था पर अच्छा नहीं लगता।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार द्वारा गठित कमेटी को किसी भी गड़बड़ी को “रोकने और उसका पता लगाने” के लिए कदम सुझाने चाहिए। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि एनटीए के साथ मिलकर कमेटी को एक ऐसा तरीका भी ढूंढना चाहिए, जिससे पेपर बनाने से लेकर उसकी जांच करने तक, हर प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी जा सके। साथ ही, प्रश्न पत्रों के रखरखाव और स्टोरेज आदि की जांच के लिए एक एसओपी को भी सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से कहा कि कमेटी काम के दौरान एग्जाम सिक्योरिटी, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तय करना, एग्जाम सेन्टर के अलॉट करने की प्रकिया की समीक्षा, परीक्षा केन्द्र की सीसीटीवी मॉनिटरिंग, पेपर में गड़बड़ी नहीं हो, ये सुनिश्चित करना, शिकायतों के निवारण की व्यवस्था करना, प्रश्नपत्रों में हेराफेरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए लॉजिस्टिक को सुरक्षित करना और पेपर को खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम के साथ बंद वाहन में भेजे जाने की व्यवस्था पर विचार करे।

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित नहीं हुई। कोर्ट ने कमेटी की रिपोर्ट तय करने के लिए 30 सितंबर 2024 तक का वक़्त दिया। दरअसल केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में नीट जैसी गड़बड़ी को रोकने के लिए इसरो के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में कमिटी गठित होगी। कोर्ट ने आज उसी कमेटी का दायरा तय किया है।

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Aug 02 2024, 11:41

क्या राहुल गांधी का भी केजरीवाल की तरह होने वाला है हाल? जानें नेता प्रतिपक्ष ने किया क्या दावा, जिससे मचा हड़कंप

#rahul_gandhi_claims_ed_insiders_tell_me_raid_being_planned

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय ईडी को लेकर बड़ा दावा किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस एक दावे ने सनसनी मचा दी है। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि ईडी उनके घर पर रेड कर सकती है। उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि संसद में उनके 'चक्रव्यूह' वाले भाषण के बाद प्रवर्तन निदेशालय के जरिए उनके खिलाफ छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। राहुल ने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा-जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है। मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं। चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से... इतना ही नहीं राहुल ने अपने इस पोस्ट में प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक एक्स हैंडल को टैग भी किया है। राहुल के इस पोस्ट के बाद यह अटकलें लग रही हैं कि क्या राहुल गांधी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय छापेमारी करेगा। क्या राहुल गिरफ्तार भी हो सकते हैं।

दरअसलस, ‘चक्रव्यूह’ मेटाफोर का इस्तेमाल करते हुए सोमवार को राहुल गांधी ने दावा किया था कि चारों तरफ डर का माहौल है। राहुल गांधी ने कहा था मैंने थोड़ा रिसर्च किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कमल का निर्माण। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में नया चकक्रव्यूह रचा गया है। प्रधानमंत्री इसका चिह्न अपने सीने पर पहनते जो अभिमन्यु के साथ किया गया, वही अब जेश की जनता के साथ किया जा रहा है। अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था। आज छह लोग चक्रव्यूह के केंद्र में है। आज छह लोग भारत को चला रहे हैं।- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजीत डोभाल, मोहन भागवत, अंबानी और अदाणी। उन्होंने कहा था कि हजारों साल पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने एक युवक अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में मार डाला था। उन्होंने कहा कि ‘चक्रव्यूह’ में हिंसा और डर होता है। उन्होंने वादा किया था कि इंडिया गठबंधन इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा।

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Aug 02 2024, 11:00

सुलगने लगा मिडिल ईस्टः हिजबुल्लाह-इजराइल के बीच बढ़ा तनाव, भारतीयों को लेबनान छोड़ने की एडवाइजरी

#indian_embassy_issue_advisory_for_lebanon_israel_hezbollah_hassam_conflict

मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर पहुंचता दिख रहा है। हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच हालिया घटनाक्रमों ने तपिश बड़ा दी है। एक तरफ हिजबुल्ला के प्रमुख फउद शुकर को लेबनान की राजधानी बेरुत में ढेर किया गया है, तो दूसरी तरफ ईरान की राजधानी तेहरान में हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया को मार गिराया गया। जिसके बाद हिजबुल्लाह ने इजराइल पर एयर स्ट्राइक भी कर दी है। इस बीच, लेबनान की राजधानी बेरुत स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में सभी भारतीयों से देश छोड़ने को कहा गया है। 

लेबनान स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए रिवाइज्ड एडवाइजरी जारी की है। इसमें भारतीय नागरिकों से अगले नोटिस तक लेबनान की यात्रा नहीं करने को कहा गया है। साथ ही वहां रह रहे भारतीयों को जल्द से जल्द लेबनान छोड़ने की सलाह दी गई है। इसके अलावा एंबेसी ने कहा है कि अगर कोई भारतीय किसी कारणवश लेबनान में ही रुका हुआ है तो उससे बाहर न निकलने और दूतावास के संपर्क में रहने को कहा गया है। भारतीय दूतावास ने इमरजेंसी फोन नंबर और ईमेल आईडी भी जारी की है।

बता दें कि हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया और हिजबुल्ला के टॉप कमांडर फउद शुकर की मौत से मध्य पूर्व में अभी तनाव बढ़ ही रहा था कि इजराइल ने अपने एक और दुश्मन की मौत की पुष्टि कर दी। इजराइल ने कहा है कि हमास का शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद दइफ जुलाई में मारा जा चुका है। इजराइली सेना (आईडीएफ) ने गुरुवार को एक बयान जारी कर बताया कि हमास का सैन्य कमांडर मोहम्मद दइफ जुलाई में ही एक एयर स्ट्राइक हमले में मारा गया था। इजराइल पर 7 अक्तूबर, 2023 को हुए हमले का मास्टरमाइंड मोहम्मद दइफ ही माना जाता है। अब माना जा रहा है कि मध्य पूर्व में संघर्ष की आग भड़क सकती है। हमास, हिजबुल्ला और इस्राइल के बीच जंग छिड़ सकती है और इसका केंद्र लेबनान हो सकता है।

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Aug 02 2024, 10:52

अब खून के आंसू रोएगा इजराइल”, हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की खुली धमकी, जानें इजराइल ने क्या कहा

#hezbollah_hassan_nasarllah_open_threat_says_israel_will_weep

हमास चीफ इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह कमांडर फउद शुकर की हत्या के बाद पहली बार हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का रिएक्शन आया। उन्होंने इजराइल से बदला लेने का वादा किया है। नसरल्ला उसने कहा कि फिलहाल इजराइली बहुत खुश लग रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में वे खूब रोएंगे। नसरल्लाह ने इजराइल से सभी मोर्चे पर खुली लड़ाई का ऐलान किया।

हिजबुल्लाह कमांडर फउद शुकर के अंतिम संस्कार के दौरान नसरल्ला ने किसी गुप्त जगह से टीवी पर जनता को संबोधित किया। इस दौरान चीफ हसन नसरल्लाह ने इजरायल को धमकाया। हसन नसरल्लाह ने कहा कि हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र और हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या करके इजरायल ने रेड लाइन क्रॉस कर दी है। उसे प्रतिशोध का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जंग अब नए चरण में प्रवेश कर गई है। आने वाले दिनों में इजराइली बहुत रोएंगे।

हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर फउद शुकर के जनाजे पर अपने भाषण में नसरल्लाह ने कहा कि हिजबुल्लाह गाजा और फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन की कीमत चुका रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि उनका समूह अब समर्थन के चरण से आगे निकल चुका है और उन्होंने सभी मोर्चों पर खुली लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

बता दें कि हिजुबल्लाह ने बदला लेना शुरू भी कर दिया है। फउद शुकर की हत्या के 48 घंटे के भीतर ही हिजबुल्लाह ने लेबनान से इजरायल में रॉकेट दागे और खलबली मचा दी। हिजबुल्लाह ने संकेत दे दिया है कि वह इजरायल पर हमला करके ही मानेगा।

वहीं, नसरल्लाह की चेतावनी के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल अपने खिलाफ किसी भी अटैक के लिए तैयार है। अगर हम पर हमला होता है तो हम देख लेंगे। उन्होंने कहा, इजराइल किसी भी परिदृश्य के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम अपनी रक्षा भी कर सकते हैं और आक्रमण भी। हम किसी भी क्षेत्र से हमारे खिलाफ अटैक की बहुत भारी कीमत वसूल करेंगे।

इजरायल ने मगंलवार शाम को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के सैन्य प्रमुख फुआद शुकर को हवाई हमले में मार दिया था। ईरान समर्थित चरमपंथी समूह के लिए पिछले दो दशक में ये सबसे बड़ा झटका था। शुकर हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्लाह का बेहद ही करीबी था। इजरायल ने उसे हाल ही में गोलन हाइट्स पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसमें 12 द्रूज बच्चों की मौत हो गई थी। शुकर की मौत ने लेबनान सीमा पर हो रहे हमलों के एक युद्ध में बदलने का डर बढ़ा दिया है।

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Aug 02 2024, 10:09

मिडिल ईस्ट में फिर युद्ध की तपिशः हिजबुल्लाह ने इजराइल से लिया इंतकाम, दागे दर्जनों रॉकेट

#hezbollah_fires_dozens_of_rockets_at_israel

मिडिल ईस्ट में एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है। ईरान समर्थक आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने लेबनान से इजराइली क्षेत्र की ओर दर्जनों रॉकेट दागे हैं। हिजबुल्लाह के कमांडर हज मोहसिन उर्फ फुआद शुकर की मौत के 48 घंटे बाद ही हिजबुल्लाह ने इजराइल पर एयर स्ट्राइक कर दी है। हालांकि, इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि इसमें से केवल पांच रॉकेट ही इजराइल में प्रवेश कर सके। किसी नुकसान या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।

शीर्ष कमांडर फउद शुकर के मारे जाने से गुस्साए हिजबुल्ला ने बृहस्पतिवार देर रात (स्थानीय समय) लेबनान से इजराइल की उत्तरी सीमा के आसपास के कई इलाकों में करीब 60 रॉकेट दागे। हिजबुल्लाह ने कहा कि उन्होंने मेत्जुबा की उत्तरी इलाके से रॉकेट दागे। इजराइल ने 30 जुलाई को लेबनान की राजधानी बेरूत में एयरस्ट्राइक की थी। इसमें हिजबुल्लाह का कमांडर हज मोहसिन उर्फ फउद शुकर मारा गया था। वह हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह का सबसे खास माना जाता था। 

फउद के बारे में इजराइली आर्मी ने दावा किया था कि वह इजराइल में गोलान हाइट्स पर हमले के लिए जिम्मेदार था। इजराइल के गोलान हाइट्स में फुटबॉल मैदान पर हिजबुल्ला द्वारा किए गए हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। 27 जुलाई को हिजबुल्लाह ने इजराइल पर पिछले करीब 10 महीने का सबसे बड़ा हमला किया था। उसने लेबनान से गोलन हाइट्स के फुटबॉल ग्राउंड पर रॉकेट दागे थे। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 30 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद इजराइल ने हिजबुल्ला के शीर्ष कमांडर फउद को बेरूत में मार गिराया। फउद की मौत के 48 घंटे बाद हिजबुल्ला ने इस्राइल के पश्चिमी गैलिली पर रॉकेट हमले किए और इसकी जिम्मेदारी भी ली है। हिजबुल्ला ने दावा किया है कि उसने पहले लेबनान के चामा गांव में इजराइली हमले के जवाब में मेत्जुबा के उत्तरी सीमा समुदाय पर दर्जनों रॉकेट दागे हैं। चामा में कथित तौर पर चार सीरियाई मारे गए और कई लेबनानी नागरिक घायल हो गए।

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Aug 01 2024, 20:17

आप सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में रखी बड़ी मांग, चुनाव लड़ने के लिए उम्र कम करने की डिमांग

#aap_mp_raghav_chadha_demand_nake_age_less_for_contesting_elections 

आम आमदी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने चुनाव लड़ने के लिए उम्र कम करने की मांग की है।आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, जब 18 साल में सरकार चुनने का अधिकार, तो 21 में चुनाव लड़ने का क्यों नहीं।राघव चड्ढा ने कहा, भारत एक युवा देश है लेकिन उतनी संख्या में युवा राजनीति में नहीं हैं। बता दें कि वर्तमान में टुनाव लड़की की न्यूनतम उम्र 25 वर्ष है।

आम आदम पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को कहा कि आज जिस मसले पर मैं बोलना चाहता हूं, वो मेरे दिल के करीब है। उन्होंने राजनीति में युवाओं की सहभागिता पर बोलते हुए कहा कि भारत दुनिया में सबसे युवा देश है। देश की औसत उम्र मात्र 29 साल है। 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम की है। आधी आबादी 25 साल से कम आयु की है। क्या हमारे नेतागन या प्रतिनधित इतने युवा हैं। आपको यह जानकर अचंभा होगा कि पहली लोकसभा चुनी गई थी तो उस समय लोकसभा में 26 प्रतिशत लोग 40 साल से कम आयु के थे। 17वीं लोकसा में मात्र 12 प्रतिशत नेता 40 साल से कम आयु के थे। 

राघव चड्ढा ने कहा, जैसे-जैसे हमारा देश जवान हो रहा है, उसी अनुपात में चुने हुए प्रतिनिधि जवानी से दूर होते जा रहे हैं। आज हमारा युवा देश बुजुर्ग राजनेताओं से संचालित है। जबकि देश को युवा राजनेताओं की जरूरत है।

आम आदमी पार्टी के सदस्य ने बताया कि राजनीति में युवाओं की संख्या इसीलिए कम हो रही है क्योंकि कोई भी अपने बच्चों को नेता नहीं बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, आज, हमें युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि युवा भारत के मुख्यधारा की राजनीति में आए। इस देश में लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो, चुनाव लड़ने की उम्र 25 वर्ष है। उन्होंने कहा, इस आयु को 25 से घटाकर 21 वर्ष करें।

चड्ढा ने दलील दी कि 21 वर्ष के युवा अगर मुख्यधारा की राजनीति में आना चाहते हैं और चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उसे अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, जब देश के युवा 18 वर्ष की आयु में वोट डालकर अपनी सरकार चुन सकते हैं और देश का भविष्य चुन सकते हैं तो 21 वर्ष की आयु में वह चुनाव भी जरूर लड़ सकते हैं।

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Aug 01 2024, 19:45

बीजेपी ने क्यों उठाई बंगाल बांटने की मांग, जानें क्या हो सकता है सियासी फायदा?

#propasal_to_make_north_bengal_a_separate_state_will_benefit_bjp 

केंद्रीय राज्य मंत्री और बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बंगाल को बांटने की मांग उठाकर सियासत में हलचल पैदा कर दी है।सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्वी राज्यों में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।मजूमदार का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कहा है कि राज्य के उत्तरी हिस्सों को उत्तर पूर्व क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।मजूमदार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय समय में प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे। अब यह सवाल उठ रहा है कि कि आखिर बीजेपी उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट स्टेट में क्यों विलय करने की मांग कर रही है?

दरअसल, उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट में विलय करन मांग के पीछे बीजेपी की खास रणनीति है। हाल के सालों में बीजेपी ने बंगाल में एक सेयासी जमीन तैयार की है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें हासिल कर सभी को चौंका दिया था। 

वहीं, 2019 के इसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर बंगाल की 8 सीटों में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2024 में हालांकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है और उसकी सीटों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है, लेकिन उत्तर बंगाल में बीजेपी अपनी पकड़ बकरार रखी है और 8 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की। इस नंबर से एक बात तो साफ है कि उत्तर बंगाल में बीजेपी ने अपनी सियासी जमीन तैयार कर ली है और अगर उत्तर बंगाल को लेकर सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार अमल करती है, तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा और उसका वोटबैंक मजबूत होगा। साथ ही टीएमसी को बड़ा झटका लगेगा। ममता बनर्जी को बड़ी सियासी चोट लगेगी।

अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी।अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी। इस तरह पूरे बंगाल पर नहीं तो कम से कम आधे बंगाल पर बीजेपी को राज करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही दक्षिण बंगाल के रार बंगाल आंदोलन को भी हवा मिलेगी। दक्षिण बंगाल के आदिवासियों की डिमांड रही है कि उनके लिए अलग राज्य बनाया जाए।जाहिर है कि बीजेपी उनके लिए उम्मीद की किरण होगी।

दूसरी ओर, उत्तर बंगार और दक्षिण बंगाल मौसम, खानपान, भौगौलिक मानचित्र, पर्यटन सभी दृष्टि से एक-दूसरे से अलग है और उत्तर बंगाल के जिले कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार उत्तर पूर्वी राज्यों के काफी करीब हैं. इस प्रस्ताव के अमलीजामा पहनाने पर बीजेपी की उत्तर बंगाल के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों में पकड़ मजबूत होगी।

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Aug 01 2024, 19:42

बीजेपी ने क्यों उठाई बंगाल बांटने की मांग, जानें क्या हो सकता है सियासी फायदा?

#propasal_to_make_north_bengal_a_separate_state_will_benefit_bjp 

केंद्रीय राज्य मंत्री और बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बंगाल को बांटने की मांग उठाकर सियासत में हलचल पैदा कर दी है।सुकांत मजूमदार ने उत्तर बंगाल को उत्तर पूर्वी राज्यों में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।मजूमदार का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर कहा है कि राज्य के उत्तरी हिस्सों को उत्तर पूर्व क्षेत्र में शामिल करने की मांग की है।मजूमदार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय समय में प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे। अब यह सवाल उठ रहा है कि कि आखिर बीजेपी उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट स्टेट में क्यों विलय करने की मांग कर रही है?

दरअसल, उत्तर बंगाल को नॉर्थ ईस्ट में विलय करन मांग के पीछे बीजेपी की खास रणनीति है। हाल के सालों में बीजेपी ने बंगाल में एक सेयासी जमीन तैयार की है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें हासिल कर सभी को चौंका दिया था। 

वहीं, 2019 के इसी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर बंगाल की 8 सीटों में से 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। साल 2024 में हालांकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है और उसकी सीटों की संख्या 18 से घटकर 12 रह गई है, लेकिन उत्तर बंगाल में बीजेपी अपनी पकड़ बकरार रखी है और 8 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की। इस नंबर से एक बात तो साफ है कि उत्तर बंगाल में बीजेपी ने अपनी सियासी जमीन तैयार कर ली है और अगर उत्तर बंगाल को लेकर सुकांत मजूमदार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार अमल करती है, तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा और उसका वोटबैंक मजबूत होगा। साथ ही टीएमसी को बड़ा झटका लगेगा। ममता बनर्जी को बड़ी सियासी चोट लगेगी।

अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी।अगर ये राज्य अलग होता है तो बीजेपी की यहां सरकार बनेगी। इस तरह पूरे बंगाल पर नहीं तो कम से कम आधे बंगाल पर बीजेपी को राज करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके साथ ही दक्षिण बंगाल के रार बंगाल आंदोलन को भी हवा मिलेगी। दक्षिण बंगाल के आदिवासियों की डिमांड रही है कि उनके लिए अलग राज्य बनाया जाए।जाहिर है कि बीजेपी उनके लिए उम्मीद की किरण होगी।

दूसरी ओर, उत्तर बंगार और दक्षिण बंगाल मौसम, खानपान, भौगौलिक मानचित्र, पर्यटन सभी दृष्टि से एक-दूसरे से अलग है और उत्तर बंगाल के जिले कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार उत्तर पूर्वी राज्यों के काफी करीब हैं. इस प्रस्ताव के अमलीजामा पहनाने पर बीजेपी की उत्तर बंगाल के साथ-साथ उत्तर पूर्वी राज्यों में पकड़ मजबूत होगी।

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Aug 01 2024, 18:33

वायनाड पहुंचे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, लैंडस्लाइड पीड़ितों से की मुलाकात

#rahul_gandhi_and_priyanka_vadra_visit_wayanad 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज वायनाड पहुंचे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वायनाड में आते ही सबसे पहले भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मुलाकात किया। पहले दोनों नेता बुधवार को वायनाड आने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें अपना यह कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। बारिश के बीच ब्लू रेनकोट पहने राहुल गांधी ने सेना की जवानों के साथ चूरलमाला का दौरा किया। बता दें कि वायनाड में भूस्खलन से 256 लोगों की मौत हुई है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड के मेप्पाडी सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राहत शिविर का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह वायनाड, केरल और पूरे देश के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां स्थिति देखने आए हैं। यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और अपने घरों को खो दिया है। हम मदद करने की कोशिश करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उन्होंने कहा कि यह त्रासदी मेरे लिए पिता को खोने जैसा है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा करार दिया।

वहीं, राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि त्रासदी के इन दृश्यों को देखकर मेरा दिल बहुत दुखी है। इस मुश्किल समय में, प्रियंका और मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं। हम राहत, बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। यूडीएफ हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार होने वाली घटनाएं बेहद चिंताजनक हैंय एक व्यापक कार्य योजना की तत्काल आवश्यकता है।

बता दें कि राहुल गांधी ने पिछली लोकसभा में वायनाड का प्रतिनिधित्व किया था। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी वह रायबरेली के साथ वायनाड से निर्वाचित हुए थे, लेकिन उन्होंने केरल में आने वाले संसदीय क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया। अब वायनाड से उपचुनाव में उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी।

वायनाड जिले में मंगलवार (30 जुलाई) की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन ने मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा बस्तियों को प्रभावित किया, जिसमें अब तक महिलाओं और बच्चों सहित 256 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, सेना ने अब तक 1000 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है।