पीएम मोदी ने शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया, जानें चीन-पाक के खिलाफ टनल का सामरिक महत्व?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25वें कारगिल विजय दिसव के अवसर पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअल माध्यम से शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट किया। यह सुंरग लद्दाख को हर मौसम में संपर्क प्रदान करेगी। इस सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब टनल भी शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फुट की ऊंचाई पर किया जाएगा। इससे लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सकेगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज व कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
सेना को हर मौसम में एलएसी पर देगा एक्सेस
शिंकुन ला टनल सेना के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है। यह सेना को हर मौसम में एलएसी पर एक्सेस देगा। साथ ही चीन के किसी भी नापाक हरकत को मुंहतोड़ जवाव देने में भारतीय सेना की मदद करेगा। अगर इस टनल का निर्माण होता है तो लद्दाख में सालों भर सुचारु रूप से आवाजाही हो सकेगी और सेना को हथियार गोला बरूद और उनके गाड़ियां आराम से आ जा सकेगी।
सुरंग पर तोप और मिसाइल का भी असर नहीं होगा
शिंकुन ला टनल रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इस टनल के निर्माण से लद्दाख जाने के लिए सेना को करीब 100 की दूरी कम तय करनी पड़ेगी।निर्माण के बाद शिंकुन ला चीन की 15590 फीट की ऊंचाई पर बनी सुरंग को पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग बन जाएगी। बड़ी बात यह है कि इस सुरंग पर तोप और मिसाइल का भी असर नहीं होगा।
लद्दाख में व्यापार, पर्यटन और विकास को मिलेगा बढ़ावा
शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी। यह सुरंग हिमाचल प्रदेश में लाहौल घाटी को लद्दाख में ज़ांस्कर घाटी से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगी। यह लद्दाख में व्यापार, पर्यटन और विकास को बढ़ावा देगा, नए अवसर लाएगा और लोगों की आजीविका में भी सुधार करेगा।
Jul 26 2024, 11:31