ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में बलिया में शिक्षकों का प्रदर्शन,मांगों को पूरा करें सरकार, शिक्षण के अलावा अन्य कार्य नहीं स्वीकार
संजीव सिंह बलिया।यूपी में बेसिक शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश 8 जुलाई को जारी किया गया था. इसका पहले दिन से ही शिक्षकों ने विरोध शुरूकर दिया था. सरकार ने शिक्षकों की परेशानियों को देखते हुए आधे घंटे का समय बढ़ाया लेकिन इससे बात नहीं बनी.इसी क्रम में आज बलिया जिले के कलेक्ट्रेट पर संयुक्त शिक्षक मोर्चा के बैनर तले भारी संख्या में शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक एकत्रित हुए।
जिलाधिकारी के माध्यम सेमुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। शिक्षकों का कहना था कि सरकार वर्षों से उनकी लंबित मांगों को पूरा नहीं कर रही है। समस्याओं का निराकरण करने के बजाय ऑनलाइन अटेंडेंस लागू कर हम लोगों को उलझाया जा रहा है।
ये रही प्रमुख मांगे
अन्य विभागों की तरह आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षकों को भी न्यूनतम 15 हाफ डे लीव अवकाश का विकल्प दिया जाए. जिससे आकस्मिकता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह 30 ईएल दी जाए. यदि इसमें कोई विशेष विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (PL) दिया जाए.
बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय ‘प्रतिकर अवकाश’ का विकल्प मानव संपदा पोर्टल पर दिया जाए।
किसी आकस्मिक घटना अथवा आपदा की स्थिति में यदि शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी निर्धारित समय के पश्चात 1 घंटे की अवधि या माह में अधिकतम 5 घंटे तक देरी से उपस्थित होने पर अनुपस्थित न माना जाए।
बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा दी जाए।
प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता, जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति से शिथिलता प्रदान करने का अधिकार दिया जाए।
ऑनलाइन उपस्थिति सहित पंजिकाओं का डिजिटालाइजेशन सर्वर की उपलब्धता व टैबलेट के सुचारू संचालन के अधीन है. इसलिए एक समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने अथवा टैबलेट के खराब होने पर वकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए.।
डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्ण,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जिससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा. इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था महानिदेशक कार्यालय से लेकर विद्यालय स्तर तक कार्य करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त घटक कार्यालयों पर समान रूप से लागू किया जाए.
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाए. शिक्षकों, शिक्षिकाओं से लिए जाने वाले कार्यों की सूची जारी की जाए।
प्रमोशन, सामान्य स्थानांतरण, पारस्परिक-जनपदीय, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, समायोजन शीघ्र ससमय कराए जाएं।
शिक्षामित्र, अनुदेशकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए. शिक्षकों की तरह पारस्परिक व सामान्य स्थानांतरण सहित अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
कार्यक्रम में संयुक्त मोर्च, बलिया के संयोजक गण अजय कुमार सिंह, समीर कुमार पाण्डेय, घनश्याम चौबे, राजेश सिंह, अनु सिंह, निर्भय नारायण सिंह, सतीश कुमार सिंह, अजीत प्रताप यादव, अंजनी कुमार मुकुल, तेज बहादुर पाण्डेय, मुकेश उपाध्याय, पंकज सिंह, शमशाद अली, श्रमिक समन्वय समिति से अजय सिंह, अविनाश उपाध्याय, सचिव अरुण कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष विनय राय, सह संयोजक राकेश कुमार मौर्य, धीरज राय, पारस नाथ चक्रवर्ती रफीउल्लाह,संजीव कुमार सिंह, अकिलुर्रहमान खान,मलय पाण्डेय, लाल बहादुर शर्मा, ब्रजेश सिंह तेगा' राजीव नयन पाण्डेय, पंकज सिंह, राजेश शाहनी ,अखिलेश पांडेय, अमृत सिंह, दिलीप प्रसाद अखिलेश सिंह,शशिकांत चौबे ,मुकेश सिंह सिंह,रामनिवास यादव सहित हजारों शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी साथी उपस्थित रहे।
Jul 18 2024, 13:09