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कौन है बाहुबली शंकर सिंह? रीपौली उपचुनाव में नीतीश और तेजस्वी के उम्मीदवारों को निर्दलीय हराया
बिहार: बिहार  की रूपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन को हराकर जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह चर्चा में आ गए हैं.हालांकि शंकर सिंह क्षेत्र के पुराने नेता हैं. वे लोजपा से एक बार विधायक भी रह चुके हैं. इस बार उन्होंने लोजपा से नाता तोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और आरजेडी की बीमा भारती और जेडीयू के कलाधर मंडल को पटखनी दी. राजपूत समाज से आने वाले शंकर सिंह की गिनती बाहुबली से राजनेता बने चंद लोगों में होती हैं.
   
       बताया जाता हैं कि शंकर सिंह एक समय में लिबरेशन आर्मी नाम का गिरोह चलाते थे. इस दौरान उनकी बीमा भारती के पति अवधेश मंडल के गिरोह से भिड़ंत भी होती थी. दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर काफी अदावत रही. शंकर सिंह की राजनीति में साल 2000 में एंट्री हुई. पहली बार वे 2005 में लोजपा के टिकट पर रूपौली से विधानसभा चुनाव जीते, हालांकि तब किसी को बहुमत नहीं मिलने से बिहार में सरकार नहीं बन पाई और 6 महीने बाद फिर से चुनाव हुए. अगले चुनाव में बीमा भारती फ़िर रूपौली से जीत गई और शंकर सिंह को हार का सामना करना पड़ा.
    
       इसके बाद शंकर सिंह 2010, 2015 और 2020 में लगातार विधानसभा चुनाव लड़ते रहे लेकिन जीत नहीं पाए. इस बार उपचुनाव में उन्होंने अपना पूरा दमखम लगा दिया और पांच बार की विधायक रही बीमा भारती को हराकर 19 साल बाद फिर से विधायक बन गए हैं. शंकर सिंह को इस बार सिर्फ़ अगड़ी जाति ही नहीं बल्कि पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों का भी समर्थन भी मिला.उपचुनाव में ग्रांउड प्रचार के साथ वे सोशल मीडिया पर भी छाए रहे.
      
        पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट पर हाल ही में उपचुनाव में शंकर सिंह ने निर्दलीय लड़कर जेडीयू के कलाधर मंडल को 8211 वोटों से हराया. वहीं आरजेडी की बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही.
सरकारी विभागों के 748 नये पदों को मिली मंजूरी, 534 डाटा इंट्री अॉपरेटर भी होंगें बहाल, नीतीश कैबिनेट में लगी मुहर
बिहार: नीतीश कैबिनेट में बिहार के विभिन्न विभागों में 748 नये पदों को मंजूरी मिली हैं. इसके अलावा सभी 534 प्रखंडों में डाटा इंट्री अॉपरेटर भी बहाल किए जायेंगें. राज्य मंत्री परिषद ने शुक्रवार को इन पदों को मंजूरी दे दी. अब इन पदों पर नियुक्ति को प्रक्रिया शुरू होगी. विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित उप राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 338 शैक्षणिक पदों (प्राध्यापक-28, सहप्राध्यापक-71एवं सहायक प्राध्यपक-71 एवं सहायक प्राध्यपक-239) के सृजन की स्वीकृति मिली हैं. 31 राजकीय पॉलिटेकनिक संस्थानों में असैनिक अभियंत्रण पाठ्यक्रम के लिए 203 शैक्षणिक पद ( विभागाध्यक्ष -04 , एवं व्याख्याता,-199) सृजित किए गए हैं.
                
           राज्य के नये आईटीआई की स्थापना व नये महिला के लिए प्रधान लिपिक के 31 अर्थात कुल 62 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई. वहीं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में पूर्व से प्रारंभ विभिन्न व्यवसायों में व्यवसाय अनुदेशकों तथा गणित अनुदेशकों के 7 कुल 137 पद सृजित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया.
    
           इंदिरा गांधी हृदय रोगी संस्थान पटना में अपर निदेशक( मेडिकल कार्डियोलॉजी) के कुल 2 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई हैं. इसके साथ ही सभी प्रखंडों, 11 श्रमायुक्त कार्यालयों और दशरथ मांझी श्रम नियोजन संस्थान पटना के लिए 3 कुल 548 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों के लिए भाड़े पर वाहन रखने तथा प्रखंडों में एक-एक डाटा इंट्री अॉपरेटर बहाल करने की मंजूरी दी गई है.
  
      विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित 34 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 338 शैक्षणिक पदों (प्राध्यापक-28, सहप्राध्यापक-71एवं सहायक प्राध्यपक-239) के सृजन की स्वीकृति दी गई. 31 राजकीय पॉलिटेकनिक/राजकीय महिला पॉलीटेकनिक संस्थानों में असैनिक अभियंत्रण पाठ्यक्रम के लिए 203 शैक्षणिक पद ( विभागध्यक्ष-04 एवं व्याख्याता-199) सृजित किए गए हैं. राज्य के नये आईटीआई की स्थापना व नये महिला के लिए प्रधान लिपिक के 31 अर्थात कुल 62 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई.
पटना के बाद भागलपुर, दरभंगा, समेत 13 शहरों में भी चलेगी ओला, उबर कैब, परिवहन विभाग की मंजूरी
बिहार: बिहार की राजधानी पटना के बाद अब राज्य के भागलपुर, मुजफ्फरपुर,दरभंगा, पूर्णिया समेत अन्य प्रमुख शहरों में भी ओला,उबर एवं रैपिडो बाइक और कार टैक्सी की सुविधा शुरू होने वाली हैं. लोग अपने स्मार्टफोन से कहीं पर भी बैठकर कैब कर बुला सकेंगें. राज्य परिवहन विभाग की ओर से इसकी मंजूरी दे दी गई हैं. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने संबंधित सभी एग्रेगेटर कंपनियों के प्रतिनिधियों को इस संबंध में निर्देश दिया हैं. पहले फेज में 13 जिलों में अॉनलाईन कैब सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद दूसरे फेज में कुल 25 जिलों में इसे शुरू किया जाएगा.

     
परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने रविवार को बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया, गया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, मुंगेर, नालंदा, बेगुसराय, रोहतास, कटिहार और किशनगंज जिले में बाईक टैक्सी और कैब सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया गया हैं. पटना में पहले इसका संचालन किया जा रहा हैं. पहले फेज में 13 जिलों में अॉनलाईन कैब सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके बाद दूसरे फेज में कुल 25 जिलों में इसे शुरू किया जाएगा.

    
रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवहन सचिव की अध्यक्षता में विभिन्न जिलों के परिवहन पदाधिकारियों और टैक्सी कैब सेवा प्रदाता एग्रीगेटर कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शनिवार को की गई. इसमें सभी एग्रीगेटर को 13 जिलों में जल्द से जल्द टैक्सी सुविधा शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया.

  
बता दें कि गया और नालंदा ज़िलों में अन्य जिलों में की एतिहासिक और धार्मिक स्थल है. जहां हर साल लाखों की संख्या में धर्मावलंबी और पर्यटक देश-विदेश से आते हैं.मगर यहां कैब सुविधा नहीं होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. इसी तरह दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया जैसे बड़े शहरों में भी अबतक अॉनलाइन टैक्सी सुविधा नहीं होना परिवहन विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ था.
श्रावणी मेला 22 जुलाई से , 5 करोड़ खर्च करेगा राजस्व विभाग , 14 स्थानों पर आयोजन , टेंट सिटी में भक्तों की सेवा
बिहार: सावन की शुरूआत 22 जुलाई से हो रही हैं. इसके साथ ही राज्य में 14 स्थानों पर श्रावणी मेले की शुरूआत हो जाएगी. एक महीने तक चलने वाले इस मेले की समुचित तैयारी का आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारी को दिए हैं. इसके लिए राजस्व विभाग की ओर से फिलहाल 5 करोड़ 46 लाख 86 हजार रूपये जारी किए गए हैं. विभाग ने यह भी कहा हैं कि अगर आयोजन में किसी जिले से अतिरिक्त राशि की मांग की जाएगी, तो वह भी उसे मुहैया कराई जाएगी. कहा गया हैं कि राज्य के सभी मेला क्षेत्रों में आने वाले भगवान भोलेनाथ के भक्तों को सभी सुविधाएं सुलभ कराया जाएगा.

      बिहार सरकार की ओर से सभी स्थानों पर आयोजित मेले में आने वाले सभी वर्ग के श्रद्धालुओं के लिए तमाम मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था का आदेश दिया गया हैं. जिन स्थानों पर मेले का आयोजन होने जा रहा हैं, उसमें बांका, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, मुजफ्फरपुर में दो स्थानों पर बाबा गरीबनाथ और बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर, हाजीपुर सोनपुर के पहलेजाघाट ( बाबा हरिहरनाथ शिव मंदिर) पूर्णिया का धीमेश्वर स्थान मंदिर, बेगुसराय का बाबा हरिगिरिधाम स्थान मधुबनी में भैरवा श्रावणी मेला शामिल हैं. इस सभी स्थानों पर राजस्व विभाग ने संबंधित जिला प्रशासन को खासतौर से निर्देश दिया हैं. इनमें श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी, ठहरने की व्यवस्था, समुचित लाईटिंग खासकर रात के समय, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, एनाउसमेंट प्रणाली, कंट्रोल रूम, पूरे स्थान की सही तरीके से साफ- सफाई, खाने पीने के स्टाल का सही तरीके से प्रबंधन समेत अन्य सभी जरूरी चीजों को मुहैया कराने के लिए कहा गया हैं किसी स्थान पर व्यवस्था में कोई लापरवाही न हो इसका खासतौर से ध्यान रखने के लिए कहा गया हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ  दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि श्रावणी मेले में किसी स्थान पर कोई कमी नहीं होगी. जहां जितनी आवश्यकता होगी, उतनी राशि दी जाएगी. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का खासतौर से ध्यान रखने के लिए कहा गया हैं.

      सभी संबंधित जिलों और इसके आसपास के जिलों के साथ भी श्रावणी मेले को लेकर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की अध्यक्षता में प्रमंडलीय आयुक्त, डीएम, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जाएगी. 5 जुलाई को मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक होने की संभावना हैं. इसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रमुख अधिकारी भी मौजूद रहेंगें. इस दौरान सुविधा और सुरक्षा को लेकर खासतौर से निर्देश दिए जाएंगे.
आइ ए एस एस सिद्धार्थ ने के के पाठक को छोड़ा पीछे, सड़क पर गाड़ी रोककर चेक करने लगे होमवर्क, चौंक गए बच्चे
विद्यालय में छुट्टी हो गयी थी. कुछ बच्चे कंधे पर किताब- कॉपियों के बैग लटकाए घर लौट रहे थे. ये बच्चे राजधानी पटना स्थित सचिवालय के विकास भवन के सामने से गुजर रहे थे कि अचानक उनके सामने एक कार रूकी.

            
बच्चे कुछ समझ पाते कि उस कार का दरवाजा खुला और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ बाहर निकले. दरअसल, उस वक्त डा. सिद्धार्थ शिक्षा विभाग जा रहे थे. तभी उनकी नज़र सामने से आते बच्चों पर पड़ी. स्कूल में 12:10 बजे छुट्टी हुई थी.

   
  डा. सिद्धार्थ को सामने खड़े देख छात्र भौंचक रह गए. तभी डा. सिद्धार्थ ने बच्चों से उनके नाम पूछे. उनमें एक बच्चे ने अपना नाम अक्षय बताया, तो दूसरे ने सुभाष बताया, तो दूसरे ने सुभाष.दोनों ही बच्चे प्रारंभिक विद्यालय के थे. दोनों ही स्कूल ड्रेस में थे.
    
   संभवतः उन्हें स्कूल ड्रेस में देख कर डांस सिद्धार्थ ने अपनी गाड़ी रुकवायी थी, ताकि उनसे कक्षा में करायी जाने वाली पढ़ाई- लिखाई की जानकारी ले सके. राह चलते लोग और फुटपाथी दुकानदारों के साथ उनके ग्राहक की नजरें भी उधर ही टिक गई.

    
डा. सिद्धार्थ ने बच्चों से स्कूल में होने वाली पढ़ाई की जानकारी ली. बच्चों ने भी उन्हें बताया कि स्कूल में बढ़िया से पढ़ाया जाता हैं. डा. सिद्धार्थ ने एक बच्चे से होमवर्क की कॉपी मांगी. वे कॉपी के पेज उलट- पलट कर देखने लगे. कॉपी अंग्रेजी की थी.



बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने के बाद डा. सिद्धार्थ ने अपने अधिकारियों को भी निर्देश दिया था कि जब भी विद्यालय के निरीक्षण पर जाएंगे तो विद्यालय आते-जाते बच्चों से बात जरूर करें. उनके अभिभावक से बात करें. इससे बच्चों और अभिभावक की समस्याएं संज्ञान में आएगी. इससे समस्याओं के निराकरण में मदद मिलेगी.
बिहार में रद्य हुआ 65 प्रतिशत आरक्षण कानून, नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका
बिहार: पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए आरक्षण कानून में किए गए  हालिया संशोधन की संवैधानिक वैधता को खारिज कर दिया हैं. वहीं सरकार के कानून को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को स्वीकृति दे दी हैं.

    
   मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रमा एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने विगत 11 मार्च को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे गुरूवार को सुनाया गया.

  
    क्या था कानून
   याचिका में राज्य सरकार द्वारा 21 नवंबर, 2023  को पारित कानून को चुनौति दी गई थी, जिसमें एससी, एसटीईवीसी व अन्य पिछले वर्गों के 65 फीसदी आरक्षण दिया गया हैं, जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यार्थियों के लिए मात्र 35 फीसदी ही पदों पर सरकारी सेवा में दिया जा सकता हैं.

 
  जिसमें ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण भी शामिल हैं.

    
    वहीं, अधिवक्ता; दीनू कुमार ने पिछली सुनवाई में कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण रद्य करना भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)b के खिलाफ हैं. उन्होंने बताया था कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के आनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया गया हैं.
न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर निर्णय लिया गया हैं
अचानक दिल्ली से पटना पहुंचे जीतन राम मांझी, मंत्रालय को लेकर दे दिया बड़ा बयान
बिहार: केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पटना पहुंचने पर जीतन राम मांझी का हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) के कार्यकर्ताओं ने ढ़ोल, नगाड़े और फूल-माला से स्वागत किया. मांझी ने सरकारी आवास पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान पत्रकारों से उन्होंने ने कहा कि केन्द्र में मंत्री बनाया जाना उनके लिए भी परीक्षा की घड़ी है. मुझे प्रधानमंत्री के विजन का विभाग मिला हैं. इसमें अच्छा करने का प्रयास करूंगा.

     
      उन्होंने कहा कि बिहार में भी इसके तहत उद्योग और रोजगार देने की कोशिश होगी

  
        विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने  जनता को बरगला कर वोट ले लिया हैं. लालू पर निशाना साधते हुए कहा उन्होंने चरवाहा विद्यालय खोला, क्या विकास किया. पीएम ने मुझे मंत्री बनाया.
उन्हें गाड़ी रोकनी चाहिए थी लेकिन....,रेलवे ने बताई बंगाल ट्रेन हादसे की पूरी कहनी, कवच सिस्टम पर कही ये बात
रेलवे :पश्चिम बंगाल में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में अभी तक 15 लोगों की जान जा चुकी हैं. वही 60 लोग घायल हैं. अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से करीब 30 किमी दूर टक्कर मारी दी. मालगाड़ी ने यात्री ट्रेन को पीछे से टक्कर मारी. हादसे में ट्रेन के दो चालक और गार्ड की भी जान गई हैं. आखिर यह हादसा कैसे हुआ इसकी जानकारी रेलवे ने प्रेस वार्ता में दी.

    
    नहीं लगा था कवच सिस्टम

      रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने जानकारी दी हैं कि दिल्ली और गुवाहाटी रेल लाईन और पश्चिम बंगाल में कवच(ट्रैफिक कोलिजन) अवॉइडेंस सिस्टम) अभी रेल ट्रैक पर नहीं लगा हैं. यह रूट अगले साल के प्लान में शामिल हैं.उन्होंने बताया कि अभी तक पूरे दश में 1500 किमी ट्रैक पर कवच काम कर रहा हैं. इस साल करीब तीन हजार किमी ट्रैक पर और लग जाएगा. 2025 में भी तीन हजार किमी ट्रैक पर कवच को लगाने का प्लान हैं. उन्होंने ने कहा कि कवच बनाने वालों से उत्पादन में तेजी लाने का आग्रह करेंगें.

 
   सिग्नल की अनदेखी...नहीं रोकी मालगाड़ी

   जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि प्रथम दृष्टया हादसे की वजह मानवीय भूल प्रतीत होती हैं. उन्होंने कहा कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी. उनको रूकने का सिग्नल दिया गया था. लेकिन उन्होंने गाड़ी को आगे बढ़ा दिया. प्रारंभिक आधार पर यही वजह लग रही हैं. उन्होंने ने कहा कि दुर्भाग्यवश मालगाड़ी के चालक की जान भी चली गई हैं. इस वजह से हमारे पास अभी कोई प्रामाणिक तरीका नहीं हैं. अधिक जानकारी जांच के बाद ही सामने आएगी.

    
  इन ट्रेनों को किया गया डायवर्ट

   राजधानी एक्सप्रेस(20506) राजधानी एक्सप्रेस(12424), उदयपुर एनजेपी साप्ताहिक ट्रेन(19602) और वंदे भारत एक्सप्रेस(12301) ट्रेन ठाकुरगंज के रास्ते डायवर्ट किया गया हैं. कटिहार रेल मंडल ने यह जानकारी दी हैं.








रोजगार देना पहली प्राथमिकता; कपड़ा मंत्री का पद संभालते ही बोले गिरिराज सिंह
बिहार: बीजेपी के गिरिराज सिंह ने मंगलवार को केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय का पदभार संभालते हुए उन्होंने कहा कि देश-विदेश के लोगों को रोजगार मुहैया कराना उनका पहला प्राथमिकता हैं. कपड़ा उद्योग केवल कपड़ा और फैशन तक ही सीमित नहीं हैं, यह इन सबसे कहीं अधिक बढ़कर हैं.

     
कपड़ा मंत्री का पदभार संभाले हुए सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहा हूं. कपड़ा मंत्री का पद हमारे देश की अर्थव्यवस्था, संस्कृति और विरासत के लिए बहुत महत्व रखता हैं.क्योंकि कपड़ा उद्योग केवल कपड़ा और फैशन तक ही सीमित नहीं हैं. इसमें देश की समृद्ध विरासत, एक लंबा इतिहास, विविध परंपराएं जुड़ी हुई हैं. इसके अलावा लाखों कारीगरों, श्रमिकों और व्यवसायों की उद्यमशीलता की भावना भी जुड़ी हुई हैं.

  
   टेक्सटाइल मिनिस्ट्री की जिम्मेवारी संभालना मेरे लिए बड़ी बात हैं मैं इसे उत्साह के साथ स्वीकारता हूं. टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के पद पर रहते हुए मैं एक एसा भविष्य बनूंगा जो आर्थिक रूप से मजबूत और सामाजिक पर्यावरणीय रूप से भी जिम्मेदार होगा. हमारी आगे की यात्रा अवसरों से भरी हुई हैं. मुझे विश्वास हैं कि सामूहिक प्रयास के जरिए हम उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल करेंगें.


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां स्पष्ट है भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है. जब नीतियां स्पष्ट है और मिशन साफ हैं तो उसमें कोई दिक्कत नहीं हैं. यह कांग्रेस की तरह नहीं हैं. यह मोदी जी की सरकार हैं और देश बढ़ता रहेगा. जहां तक मेरे मंत्रालय का सवाल हैं इसमें काम करने की असीम संभावनाएं हैं.


देश में सबसे अधिक रोजगार कपड़ा मंत्रालय ही देता हैं. कपड़ा मंत्रालय में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं.टेक्सटाइल सेक्टर किसानों से भी सीधे जुड़ा हुआ हैं. एक्सपोर्ट में इस सेक्टर की दुनिया भर में अच्छी भागीदारी हैं
चिराग पासवान, ललन सिंह समेत बिहार के इन सांसदों ने ली मंत्रीपद की शपथ, देखें लिस्ट
बिहार: नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली हैं. उनके साथ कई सांसदों ने भी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री व स्वतंत्र प्रभार मंत्री पद के लिए भी शपथ लिया हैं. नरेन्द्र मोदी के साथ अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और मनोहर लाल खट्टर भी शपथ ले चुके हैं.

     
बिहार की बात करें तो, भाजपा सांसद नित्यानंद राय ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली हैं. नित्यानंद अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. नित्यानंद राय उजियार से सांसद हैं.

  
  चिराग पासवान ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ

     रालोसपा(रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली हैं. चिराग पासवान इस बार हाजीपुर से जीतकर आए हैं.

      बता दें कि इस बार रालोसपा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पांचों सीटों पर जीत दर्ज की हैं. चिराग पासवान मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं. वह खुद को मोदी का हनुमान भी बताते हैं.

   
   मांझी और ललन सिंह और गिरिराज ने ली शपथ

      गया लोकसभा सीट से सांसद चुने गए जीतनराम मांझी ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण किया हैं. मांझी के अलावा, मुंगेर से सांसद चुने गए राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली हैं.

    जदयू से ललन सिंह के अलावा, राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को राज्यमंत्री बनाया गया हैं. रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व सीएम जननायक कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. वह राज्यसभा जदयू के संसदीय दल के नेता भी हैं.

    
बेगूसराय से लोकसभा सांसद चुने गए भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ले ली हैं. उन्होंने लगातार तीसरी बार मंत्री पद की शपथ लेने वाले चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं.

   
  भाजपा से राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली हैं. उन्होंने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया हैं. इसके अलावा, में मुजफ्फरपुर वाले राजभूषण चौधरी निषाद ने राज्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की हैं