क्या फिर से होगी नीट की परीक्षा या होगी शुरू होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट में बड़ा फैसला आज
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आज नीट यूजी परीक्षा में सम्मिलित 24 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए अहम दिन है।नीट परीक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ये फैसला दे सकता है कि नीट यूजी की परीक्षा फिर कराई जाए या आगे नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इससे पहले नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार का कहना है कि डेटा विश्लेषण से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए वो नीट यूजी री-एग्जाम के समर्थन में नहीं है। जुलाई के तीसरे हफ्ते से नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इसी मामले में एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।
इस संबंध में 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई की थी। आज दूसरी बार सीजेआई की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए, सरकार, सीबीआई और छात्रों से इस मामले में कुछ सवालों के जवाब मांगे थे। चारों की तरफ से इस मामले में जवाब दाखिल होने के बाद आज दोबारा सुनवाई होनी हैं। नीट परीक्षा में तकरीबन 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। ऐसे में इस परीक्षा और रिजल्ट पर होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकीं हुई है। परीक्षा में प्रश्न-पत्र लीक होने और 4 जून को घोषित परिणामों में कथित अनियमितताओं को लेकर इसे रद्द करने और फिर से आयोजित किए जाने की मांग वाली सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई 38 याचिकाओं पर निर्णय आज आ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है किनीट से संबंधित आंकड़ों पर आईआईटी मद्रास ने व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किया है। डेटा विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि असामान्य स्कोर के कारण किसी भी स्थानीय उम्मीदवार को लाभ नहीं मिला है। इसके समाधान के लिए हर संभव कदम और तंत्र स्थापित करने के लिए चौतरफा प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि एक तरफ ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि कदाचार के दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले। दूसरी तरफ यह सुनिश्चित किया जाए कि 23 लाख छात्रों पर केवल आशंकाओं के आधार पर एक नई परीक्षा का बोझ न डाला जाए। केंद्र सरकार मजबूत परीक्षा प्रक्रिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अपने हलफनामे में एनटीए ने कहा है कि पटना में हुए कथित पेपर लीक मामले में लगातार कार्रवाई की गई है। पुलिस के साथ साथ इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। इसके अलावा एनटीए ने भी यह भी हलफनामे में मेरिट लिस्ट में 61 स्टूडेंटस के 720 में 720 अंक कैसे आए इसका भी जवाब दिया है।
इसके अतिरिक्त पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि परीक्षा में सम्मिलित करीब 24 लाख छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या के देखते हुए रीटेस्ट पर आदेश दिया उचित नहीं होगा।
Jul 11 2024, 10:30