भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बने गौतम गंभीर, देश से किया ये वादा
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टीम इंडिया को नया हेड कोच मिल गया है। 2007 और 2011 की टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन भारतीय टीम के सदस्य रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच बन गए हैं। बीसीसीआई ने मंगलवार को गौतम गंबीर के नाम का मुख्य कोच के तौर पर ऐलान किया। इसके साफ ही गौतम गंभीर को लेकर लगाए जा रहे तमाम कयासों पर विराम लग गया है। गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ की जगह ली जिनका कार्यकाल टी20 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो गया। द्रविड़ के कार्यकाल में टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनी और अब इस महाजीत के 11 दिन बाद ही टीम को गौतम गंभीर के रूप में नया हेड कोच मिल गया है।
भारतीय टीम के टी20 विश्व कप 2024 का खिताब जीतने के साथ ही राहुल द्रविड़ का बतौर हेड कोच कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसके बाद हेड कोच की पद खाली थी और इसको लेकर लगातार चर्चा चल रही थी। गौतम गंभीर का भारत के हेड कोच बनने की रेस में नाम सबसे ऊपर था और आज इंतजार खत्म हुआ। बीसीसीआई ने गंभीर को भारत का हेड कोच बना दिया।
टीम इंडिया के हेड कोच बनने के बाद गौतम गंभीर का पहला रिएक्शन भी सामने आया है। उन्होंने अपने एक्स पर भारत के झंडे की तस्वीर के साथ कैप्शन में अपना लक्ष्य साफ बता दिया है। गौतम गंभीर ने टीम इंडिया का हेड कोच बनते ही देश के करोड़ों क्रिकेट फैंस से अपना बेस्ट करने का वादा किया। गंभीर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भारत मेरी पहचान है और अपने देश की सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है। अलग कैप पहनने के बावजूद वापस आकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। लेकिन मेरा लक्ष्य वही है जो हमेशा से रहा है, हर भारतीय को गौरवान्वित करना। नीली जर्सी वाले खिलाड़ियों के कंधों पर 1.4 अरब भारतीयों के सपने हैं और मैं इन सपनों को साकार करने के लिए सब कुछ करूंगा।’
गौतम गंभीर एक अनुभवी और सफल क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में बड़ी सफलताएं हासिल की। उनके पास खेल की गहरी समझ है। साल 2003 में भारतीय नेशनल टीम के लिए डेब्यू करने वाले गंभीर ने सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी दृढ़ता और कौशल से जल्द ही छाप छोड़ी। बतौर बल्लेबाज टीम इंडिया को साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका अदा की। इसके साथ-साथ उन्होंने 6 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की और उन्होंने हर मैच जीता. मतलब बतौर भारतीय कप्तान उनका सक्सेस रेट 100 फीसदी है। गौतम गंभीर के खेल में सौरव गांगुली की झलक दिखती है। वह ऑस्ट्रेलियाई माइंडसेट से खेलते हैं। एग्रेसिव प्लानिंग करते हैं। मैदान पर उनके बिहेवियर से लेकर फैसलों में इसकी झलक मिल जाती है। उनके खुद के खेलने का अनुभव और टीम इंडिया में भावनाओं, दबावों और जरूरतों को समझने की ताकत से गंभीर काफी आगे जा सकते हैं।
गौतम गंभीर को उनकी लीडरशिप क्षमता के लिए पहचाना जाता है। वे फील्ड पर बेहद आक्रामकता के साथ टीम लीड करते हैं। गंभीर को नेशनल टीम के साथ कप्तान के तौर पर अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी का लोहा तब मनवाया जब उन्होंने आईपीएल में केकेआर को दो-दो बार चैंपियन बनाया। पहली बार लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए कोचिंग में हाथ आजमाया और लगातार दो सीजन टीम प्लेऑफ में पहुंची। केकेआर का मेंटॉर बनकर टीम को तीसरा खिताब दिलाया।
Jul 10 2024, 12:36