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क्या युद्ध की तैयारी कर रहा है चीन? जरूरत से कई गुना ज्यादा तेल जमा करना दे रहे इसके संकेत

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क्या चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है? चीन जिस तरह से युद्ध के दौरान जरूरत पड़ने वाली चीजों का स्टॉक करने में जुटा है, उससे इस तरह के सवाल उठ रहे है। यही नहीं चीन के तेवर जिस तरह से दिख रहे हैं, उससे भी ये आशंका जताई जा रही है। नवंबर 2022 में चीन के राष्ट्रपति के तौर पर तीसरी बार चुने जाने के बाद शी जिनपिंग ने सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा था कि चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रही है। ऐसे में हमें युद्ध लड़ने और जीतने के लिए तैयार रहना चाहिए। पिछले दो दशक में भारत से लेकर दक्षिण चीन सागर तक विभिन्‍न क्षेत्रों में अप्रत्‍याशित तरीके से आक्रामक दावे करने शुरू किए हैं। चीन ने खरबों डॉलर खर्च करके अपनी सेना को हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट से लैस किया है। सबसे बड़ी आशंका ड्रैगन के कच्चे तेल के भंडारण को लेकर है

पूर्वी चीन के डोंगयिंग बंदरगाह पर, 2024 की शुरुआत में कई टैंकर एक साथ रूसी कच्चे तेल को उतारते हुए देखे गए हैं। जिसके बाद चीन ने पिछले साल के अंत तक 31.5 मिलियन बैरल का भंडारण कर लिया है। चीन शांति काल में प्रतिदिन लगभग 14 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है। हालाँकि, जिस तरह के हालात है स्पष्ट प्रतीत होता है कि चीन जानबूझकर तेजी से भंडारण कर रहा है। जो आवश्यक कच्चे माल और संसाधन को इकट्ठा करने के एक बहुत व्यापक राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है। 

यह एक ऐसा कदम है जिसके बारे में कुछ लोगों को संदेह है कि इसका उद्देश्य बीजिंग को भविष्य के किसी भी युद्ध या अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचाना है, जैसे कि ताइवान पर संभावित चीनी आक्रमण से उत्पन्न होने वाले प्रतिबंध। युद्ध के दौरान उसे कच्चे तेल की सप्लाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है या फिर उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लग सकते हैं, जिससे उसकी फैक्ट्रियों की कमर टूट जाएगी। इसीलिए वह अपनी जरूरत से कई गुना ज्यादा तेल स्टोर करने में लगा है, जिससे हालात विपरीत भी हों तो भी देश के उद्योग धंधे काम करते रहें।

जिनपिंग अपने देश को टकराव के लिए तैयार कर रहे!

17 अप्रैल को प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय मामलों और संघर्ष ब्लॉगिंग साइट "वॉर ऑन द रॉक्स" के लिए एक लेख में, अमेरिकी नौसेना खुफिया और खुफिया कार्यालय के पूर्व कमांडर और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के निदेशक माइक स्टडमैन ने तर्क दिया कि यह एक बहुत व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा था। उन्होंने लिखा, "शी जिनपिंग अपने देश को टकराव के लिए तैयार कर रहे हैं," उन्होंने चीनी नेता को "चीनी समाज का सैन्यीकरण करने और अपने देश को संभावित उच्च तीव्रता वाले युद्ध के लिए तैयार करने" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि इसका एक हिस्सा आवश्यक वस्तुओं और संसाधनों के रणनीतिक भंडार का निर्माण करना, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से चीन की रक्षा करना - या, वास्तव में, क्षेत्रीय या वैश्विक युद्ध के हिस्से के रूप में सैन्य रूप से लागू की गई नाकाबंदी शामिल है। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई तैयारियों के अन्य उदाहरणों में ताइवान के आसपास चीनी सैन्य अभियानों की बहुत अधिक गति शामिल है - जिसका उद्देश्य चीन की सेना का अभ्यास करना और ताइपे में सरकार को अपनी कुल सैन्य नाकाबंदी के परिणामों से धमकाना है। 

अन्य प्रमुख संकेतक

केवल कच्चे तेल का भंडारण ही नहीं, अन्य महत्वपूर्ण संकेतक भी हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। पिछले पांच सालों में चीनी सेना का विस्तार और आधुनिकिकरण तेजी से हुआ है और हाइपरसोनिक सिलाइल प्रौद्योगिकी में इसकी प्रगति बीजिंग को लाभ की स्थिति में रखती है, क्योंकि अमेरिका ने अभी तक इसके समकक्ष कोई मिसाइल तैनात नहीं की है।

चीन का इरादा ताइवान का एकीकरण

चीन का इरादा साल 2025 तक ताइवान का मुख्‍य भूमि से एकीकरण करने का है। ताइवान में नए राष्‍ट्रपति के आने के बाद चीनी सेना ने बहुत बड़े पैमाने पर सैन्‍य ड्रिल शुरू की है। विश्‍लेषकों का कहना है कि यह ताइवानी राष्‍ट्रपति को डराने की कोशिश है जो खुलकर चीन का विरोध कर रहे हैं। चीन की पहले कोशिश थी कि शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण हो जाए लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। ताइवान की रणनीति है कि अमेरिका की मदद से यथास्थिति को बहाल रखा जाए। वहीं चीन अमेरिका से लेकर ताइवान तक को आंखें दिखा रहा है और बड़े पैमाने पर हथियार बना रहा है।

अगले 50 साल में कई युद्धों के लिए तैयारी

खुद चीन की सरकारी न्‍यूज एजेंसी चाइना न्‍यूज सर्विस ने साल 2013 में अपने एक लेख में खुलासा किया था कि अगले 50 साल में चीन को 6 युद्ध लड़ने होंगे। चाइना न्‍यूज सर्विस का इशारा चीन के उन इलाकों को वापस हासिल करने की ओर था जिसे उसने साल 1840-42 के अफीम युद्ध के दौरान खो दिया था। इससे चीन की काफी बेइज्‍जती हुई थी। अब आर्थिक और सैन्‍य महाशक्ति बन चुका चीन इन इलाकों को वापस लेना चाहता है। इस लेख के मुताबिक चीन का इरादा इन देशों के साथ युद्ध लड़ने का है

IND vs ZIM: टीम इंडिया ने किया दमदार कमबैक, अभिषेक शर्मा की यादगार पारी ने ऐसे दिलाई जीत


डेस्क: भारत और जिम्बाब्वे के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला गया। इस मैच को टीम इंडिया ने अपने नाम कर लिया। भारत की जीत के सबसे बड़ा हीरो अभिषेक शर्मा रहे। उन्होंने इस मुकाबले में दमदार शतक जड़ा। भारत ने यह मैच 100 रनों से जीता। इस मुकाबले को जीतकर भारतीय टीम अब सीरीज में 1-1 की बराबरी पर आ गई है और उन्होंने शानदार कमबैक किया है। भारत को पिछले मुकाबले में एक लो स्कोरिंग मैच में 13 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

कैसा रहा मैच का हाल

दोनों टीमों के बीच खेले गए इस मुकाबले में टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। टीम इंडिया ने इसके बाद पहली पारी में 20 ओवर के दौरान सिर्फ दो विकेट खोए और बोर्ड पर 234 रन बना डाले। भारत की ओर में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और टीम इंडिया ने सिर्फ 10 रन के स्कोर पर अपना पहली विकेट कप्तान शुभमन गिल के रूप में खो दिया था। गिल के आउट होने के बाद अभिषेक शर्मा और रुतुराज गायकवाड़ ने भारत की पारी को संभाला और दूसरे विकेट के लिए 137 रन जोड़े।


अभिषेक शर्मा की शानदार पारी

इस दौरान अभिषेक शर्मा 46 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। अभिषेक शतक लगाते ही आउट हो गए। उन्होंने इस मैच में 47 गेंदों पर 100 रनों की पारी खेली और 212.77 की स्ट्राइक रेट से 7 चौके और 8 छक्के भी जड़े। अभिषेक शर्मा की शानदार पारी के बाद रुतुराज गायकवाड़ ने रिंकू सिंह के साथ मिलकर भारतीय पारी को संभाला। रुतुराज ने इस मैच में 47 गेंदों पर 77 रन और रिंकू सिंह ने 22 गेंदों पर 48 रनों की पारी खेली। रिंकू ने अपनी पारी के दौरान 2 चौके और 5 छक्के जड़े। ऐसे करके टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे के सामने 235 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।


रनचेज में फेल हुआ जिम्बाब्वे

भारत द्वारा दिए गए इतने बड़े टारगेट का पीछा करने उतरी जिम्बाब्वे की टीम ने शुरुआत से ही इस मैच में पिछड़ती नजर आई और वह 18.4 ओवर में 134 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गए। जिम्बाब्वे ने अपनी पहला विकेट पहले ही ओवर में सिर्फ 4 रन के स्कोर पर खो दिया। इसके बाद जिम्बाब्वे ने दूसरे विकेट को लिए काफी तेजी से 36 रन जोड़े। उस वक्त ऐसा लगा कि पिच बल्लेबाजी के लिए काफी शानदार है, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने भारत को कमबैक करवाया और ब्रायन बेनेट को आउट किया।

ब्रायन बेनेट ने इस मैच में 9 गेंदों पर 26 रन बनाए। इसके बाद जिम्बाब्वे ने एक के बाद एक विकेट खोने शुरू कर दिए। इस दौरान भारत की ओर से मुकेश कुमार और आवेश खान को तीन-तीन विकेट मिले। वहीं रवि बिश्नोई ने दो विकेट और वाशिंगटन सुंदर ने एक विकेट झटका। दोनों टीमों के बीच सीरीज का अगला मुकाबला हरारे स्पोर्ट्स क्लब में ही खेला जाएगा। इस मैच का आयोजन 10 जुलाई को किया जाएगा। जहां दोनों टीम अब लीड हासिल करने के लिए उतरेगी।
किसानों के लिए अच्छी खबर, हर जिले में एक सहकारी बैंक और दो लाख पंचायतों में पैक्स बनेगा

डेस्क: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र ने देश के प्रत्येक जिले में एक सहकारी बैंक और एक दूध उत्पादक संघ बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में ऐसी दो लाख पंचायतों में बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस या पैक्स) भी स्थापित की जाएंगी, जहां कोई सहकारी संस्था नहीं है। शाह ने 102वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित 'सहकार से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी की घोषणा करने के लिए गुजरात सरकार को धन्यवाद दिया। 

दो लाख पंचायतों में कोई सहकारी संस्था नहीं

उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, और उन्होंने सहकारी संस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया। शाह ने कहा, ‘‘केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि देश में ऐसा कोई राज्य या जिला न हो, जहां जिला सहकारी बैंक और जिला दुग्ध उत्पादक संघ न हो। आज भी देश में दो लाख पंचायतें ऐसी हैं, जहां कोई सहकारी संस्था नहीं है। अगले पांच साल में हम इन दो लाख पंचायतों में बहुउद्देशीय पैक्स बनाने का काम करेंगे।’’ 

राष्ट्रीय सहकारिता नीति आएगी 

उन्होंने कहा कि केंद्र जल्द ही राष्ट्रीय सहकारिता नीति लाएगा। उन्होंने कहा कि देश में 1,100 नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए गए हैं और एक लाख से अधिक पैक्स ने नए उपनियमों को स्वीकार कर लिया है। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) 2,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने से अधिक सहकारी संस्थाओं के कल्याण के लिए काम कर सकेगा। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और राज्य सहकारी बैंकों से पैक्स और अन्य सहकारी संस्थाओं के लिए जिला या राज्य सहकारी बैंकों में अपने खाते खोलने की व्यवस्था करने का आग्रह किया, जिससे सहकारी क्षेत्र मजबूत होगा। शाह ने कहा कि जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने और जैविक खेती करने वाले किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना की है। 

जैविक उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा

शाह ने कहा, ‘‘आज एनसीओएल द्वारा भारत जैविक आटा भी पेश किया गया है। अमूल ने भी दिल्ली में जैविक उत्पादों की एक दुकान शुरू की है। भारत जैविक और अमूल दोनों विश्वसनीय और 100 प्रतिशत जैविक ब्रांड हैं। जैविक उत्पादों पर भारत ब्रांड की मुहर, दुनिया की सबसे आधुनिक तकनीक का उपयोग करके परीक्षण करने के बाद ही लगाई जाती है।’’ केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और उपभोक्ता सहकारी संस्थाएं भी 100 प्रतिशत एमएसपी पर चार प्रकार की दालें खरीदेंगी।

मोदी-पुतिन वार्ता पर क्यों है अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की नजर, जानें भारत-रूस की अटूट दोस्ती की दास्तां

डेस्क : भारत और रूस की दोस्ती 7 दशक से भी ज्यादा पुरानी और गहरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच तो इतनी अच्छी दोस्ती है, जिसे पूरी दुनिया जानती है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी कार्यशैली के कायल हैं। तभी तो पुतिन कई बार खुले मंच से खुलकर पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। अब 8 से 9 जुलाई तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच अहम द्विपक्षीय वार्ता होनी है। ऐसे वक्त में दोनों ही देश भारत-रूस के संबंधों को और अधिक गहरा करने व रणनीतिक साझेदारी को नया आयाम देने को प्रतिबद्ध होंगे। मोदी-पुतिन की वार्ता में रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-हमास युद्ध समेत कई वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। ऐसे में अमेरिका समेत पूरे पश्चिम की निगाहें इस अहम वार्ता पर टिकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मॉस्को में होने वाली वार्ता में यूक्रेन में जारी युद्ध का ‘ग्लोबल साउथ’ पर प्रभाव और रूसी सेना में गुमराह कर शामिल किये गये भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई अहम मुद्दा हो सकता है। भारत ने जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भी ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को प्रमुखता दी थी। तब से ग्लोबल साउथ के देशों में भारत के प्रति विश्वास और बढ़ा है। बता दें कि ग्लोबल साउथ में उन देशों को शामिल किया जाता है जो विकासशील, अल्प विकसित हैं। 2 साल बाद मिलेंगे मोदी और पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन करीब 2 वर्ष बाद अब मॉस्को में मिलेंगे। पिछली बार सितंबर 2022 में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की थी। इस बैठक में मोदी ने पुतिन पर यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डालते हुए कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’। पीएम मोदी के इस बयान की पश्चिमी और यूरोपीय मीडिया में काफी सराहना हुई थी। अब आठ से नौ जुलाई को होने वाले 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए मोदी रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय व वैश्विक महत्व के मुद्दे अहम रहेंगे। जमीन से आसमान तक और समुद्र से पाताल तक भारत-रूस की दोस्ती भारत और रूस की दोस्ती जमीन से आसमान तक और समुद्र से पाताल तक है। दोनों देशों की दोस्ती 7 दशक से ज्यादा पुरानी हो चुकी है। रूस भारत के लिए बड़ा ऊर्जा और हथियारों का सप्लायर रहा है। हालांकि हथियारों पर भारत ने धीरे-धीरे अब अपनी निर्भरता कम कर ली है। मगर व्यापारिक, आर्थिक, सामरिक और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देश महत्वपूर्ण साझेदार हैं। रूस पिछले 24 साल से भारत का रणनीतिक साझेदार भी है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने हैं। ऐसे में उनका कद दुनिया में काफी बड़ा हो चुका है। वहीं राष्ट्रपति पुतिन भी तीसरी बार इस पद पर काबिज हुए हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की
महुआ मोइत्रा के खिलाफ 79 BNS के तहत FIR दर्ज, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष पर की थी विवादित टिप्पणी

डेस्क: तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर विवादों में घिरती नजर आ रही हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के खिलाफ उनकी टिप्पणी पर जमकर विवाद हो रहा है। रेखा शर्मा की शिकायत पर महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है। स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

भारतीय न्याय सहिता BNS की धारा 79 यानी (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के उद्देश्य से शब्द, इशारा या कार्य) से जुड़े, अपराध में यह धारा लगाई जाती है दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) से भी ट्वीट से जुड़ी जानकारी मांग रही है।

देश में एक जुलाई ने नए आपराधिक कानून लागू हुए हैं। अब आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ले ली है। महुआ मोइत्रा के खिलाफ नए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मध्यप्रदेश के गुना जिले में पुलिस चौकी पर भीड़ ने किया हमला, पुलिसकर्मियों ने छुपकर बचाई जान, जानिए पूरा मामला

मध्य प्रदेश के गुना जिले में भीड़ ने एक पुलिस चौकी पर धावा बोलकर तोड़फोड़ की, जिसमें चार लोग घायल हो गए. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि यह घटना शुक्रवार देर रात जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर मधुसूदनगढ़ थाना क्षेत्र के हीरापुरा गांव में उकावद चौकी पर हुई.

उपनिरीक्षक संजीव यादव ने बताया, 'एक खोखा लगाने को लेकर दो समूहों में झड़प हो गई थी, जिसके बाद एक समूह के चार लोग प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए चौकी पर आ गए. इसी बीच, दूसरे समूह के करीब 40 लोग आए और इन चारों की पिटाई कर दी. उन्होंने चौकी में तोड़फोड़ भी की. उन्होंने कहा, 'तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत हत्या के प्रयास, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं.

उपनिरीक्षक संजीव यादव ने इस बात की पुष्टि नहीं की कि हमलावर उन दो लोगों को लेकर गए हैं जिन्हें पुलिस झड़प के सिलसिले में चौकी लेकर आई थी. दूसरे अधिकारियों ने बताया कि चौकी पर तैनात सहायक उप निरीक्षक गिरिराज जाटव और मधुसूदनगढ़ थाने के प्रभारी सुरेश कुशवाह को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया.

घटना के समय चौकी में सिर्फ दो पुलिसकर्मी ही मौजूद थे. कमरे में छुपकर हमलावरों ने अपनी जान बचाई. पुलिस में शिकायत देने आए चार लोग हमलावरों से बचने के लिए बाथरूम में घुस गए लेकिन हमलावरों ने गेट तोड़कर उन्हें बाहर निकाल लिया और लाठी-डंडो से मारपीट की. हमले में घायल जसमन गुर्जर, सरजन सिंह गुर्जर, सीताराम गुर्जर और राधेश्याम गुर्जर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को छोड़कर सभी आरोपियों की भूमिका की जांच पूरी’, सीबीआई ने कोर्ट को बताया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में अन्य सभी आरोपियों की भूमिका की जांच पूरी हो चुकी है और केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच की जा रही है।

सीबीआई के वकील एडवोकेट डीपी सिंह ने आगे कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट को 4 जून के बाद हुए कुछ नए घटनाक्रमों के बारे में बताएंगे कि आखिर हमें अरविंद केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार करना पड़ा? सीबीआई ने आगे कहा कि अभी सिर्फ केजरीवाल की भूमिका और जांच को आगे बढ़ाया गया है और बाकी आरोपियों के खिलाफ जांच लगभग पूरी हो चुकी है।

सीबीआई ने स्पष्ट किया कि सॉलिसिटर जनरल द्वारा पहले दिया गया बयान केजरीवाल को छोड़कर इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों से संबंधित था। इससे पहले 4 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि उम्मीद है मामले में जांच पूरी की जाएगी और अंतिम शिकायत और आरोप पत्र शीघ्रता से और किसी भी कीमत पर 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर किया जाएगा। उसके बाद, ट्रायल कोर्ट मुकदमे को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होगा।

सीबीआई गलत बयान दे रही: सिसोदिया के वकील

मनीष सिसोदिया और के. कविता के वकीलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि सीबीआई गलत बयान दे रही है और कोर्ट को गुमराह कर रही है। 22 मार्च को अदालत द्वारा पारित एक न्यायिक आदेश में यह नोट किया गया कि जांच पूरी हो गई थी। सीबीआई ने कोर्ट के सामने गलत कहा कि जांच पूरी हो गई है। आज जो स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है, वह इसके विपरीत है।

हाथरस भगदड़ कांड में वकील एपी सिंह के दावे का पीड़ित ने खोला राज, बता दी ये चौंकाने वाली बात

डेस्क: हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग में हुई भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने अबतक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस घटना के कई दिनों के बाद नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल का बयान भी सामने आया है। सबसे बड़ी बात है कि इस केस के एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है। बाबा के वकील का दावा है कि इस भगदड़ को साजिश के तहत अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हाथ में जहरीला पदार्थ लेकर आए थे। अब उनके दावे पर एक पीड़ित ने जो बात बताई है वो चौंकाने वाली है।

हादसे के पीड़ित ने किया चौंकाने वाला खुलासा

अलीगढ़ पिलकना में मृतकों के परिजनों ने बाबा के वकील एपी सिंह के दावा पर कहा कि हमने ऐसा नहीं देखा कि कुछ लोग जहरीला पदार्थ लाए हों या छिड़का हो। ऐसा होता तो वहां सभी मरते, वहां पिंक आर्मी वाले लोग भी घायल हुए थे। बाबा के नाम पर कुछ लोग करोड़ों रुपये कमाते थे, सप्ताह के पहले मंगलवार को भक्तों की लाइन लगती थी कि 5 लॉकेट खरीदो। एक लॉकेट नहीं बेचते थे, मंदिर खरीदो 500 रुपए का, लॉकेट, पेन खरीदने की भी लंबी लाइन लगती थी। कई लोग इससे लाखों-करोड़ों रुपये कमाते होंगे।

एपी सिंह खुद बाबा को भगवान मानते है

उन्होंने कहा कि, जब बाबा का प्रवचन होता था, वहां पैसा बाबा का नहीं लगता था, इनके खातों में अनाप शनाप पैसे होंगे। इस पूरे हादसे की जांच हो और बाबा पर एक्शन हो। बाबा जब मंच पर बैठते थे तो कहते थे तुम्हारे सामने खुद नारायण हरि बाबा हैं, जो शृष्टि चलाता है, दुनिया में आना, दुनिया से जाना, हम ही तय करते हैं। अब इनकी शक्ति क्या है, पता नहीं। परिजन ने एक और खुलासा किया और बताया कि एपी सिंह खुद बाबा को भगवान बताते थे। सत्संग में आते थे, कहते थे कि कायनात ला सकते है बाबा, इनके माथे पर चंद्रमा देखा हमने, इनकी पत्नी में लक्ष्मी हैं, कुछ भी कर सकते हैं बाबा।

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के मौके पर सीएम ममता बनर्जी का दिखा अलग अंदाज, इस्कॉन मंदिर में की पूजा

डेस्क: भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव समारोह के मौके पर CM ममता बनर्जी ने कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ममता भगवान की आरती उतारती हुई दिख रही हैं।

क्या है पूरा मामला? 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को लोगों को रथ यात्रा के अवसर पर बधाई दी और लोगों के जीवन में शांति, सौहार्द और समृद्धि की कामना की। बनर्जी ने बताया भी था कि वह कोलकाता में इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा में भाग लेंगी। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, 'रथ यात्रा के पावन अवसर पर आज सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान जगन्नाथ की कृपा से यह दिन सभी के लिए शांति, सौहार्द और समृद्धि लाए।'

उन्होंने कहा, 'आज पूरे बंगाल से लाखों लोग रथ यात्रा में शामिल होंगे। ऐतिहासिक महेश (जहां हमने प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया है) में विशाल जनसमूह होगा। कोलकाता इस्कॉन में मैं यात्रा में शामिल होऊंगी।'

मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को अगले वर्ष से पूर्वी मेदिनीपुर जिले के दीघा में निर्माणाधीन जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा शुरू करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा, 'हम सभी दीघा के अपने नये जगन्नाथ धाम में अगले वर्ष की रथ यात्रा का इंतजार करेंगे! जय जगन्नाथ।' 

पश्चिम बंगाल सरकार तटीय शहर दीघा में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करा रही है। 'पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन' की इस परियोजना पर राज्य सरकार

ब्रिटेन और ईरान चुनाव में मौजूदा सरकार हारी, अब फ्रांस में चुनाव जारी, बढ़ रही मैक्रों की बेकरारी

डेस्क: ईरान और ब्रिटेन में चुनाव के बाद सरकार बदल गई है। अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव के लिए आज दूसरे चरण का मतदान प्रारंभ हो गया है। चुनाव में देश की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘नेशनल रैली’ अपनी अबतक की सबसे बड़ी बढ़त बनाए हुए है। फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने समय से पहले संसद भंग कर दी थी। इससे पहले 30 जून को पहले चरण का चुनाव हुआ था, जिसमें मरीन ले पेन नीत नेशनल रैली ने बढ़त बनाई थी।

आज के मतदान से यह तय होगा कि नेशनल असेंबली पर किसका नियंत्रण होगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा। अगर मैक्रों की पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो उन्हें यूरोपीय संघ-समर्थक नीतियों का विरोध करने वाली पार्टियों के साथ सत्ता साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

पहले चरण में क्या हुआ

फ्रांस संसदीय चुनावों के पहले चरण के मतदान में धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) की धमाकेदार जीत हुई है। आज दूसरे चरण का मतदान हो रहा है। मगर तमाम एग्जिट पोल के अनुसार धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली (आरएन) ही सरकार बनाती दिख रही है। वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की विदाई अब तय मानी जा रही है। मरीन ले पेन ने फ्रांस के संसदीय चुनाव के पहले दौर में रविवार को ऐतिहासिक बढ़त हासिल करते हुए जीत हासिल की, लेकिन अंतिम परिणाम पहले चरण में जीते उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त पर भी निर्भर करेगा।

बता दें कि रन-ऑफ इप्सोस, आईफॉप, ओपिनियनवे और एलाबे के एग्जिट पोल के अनुसार ले पेन की पार्टी आरएन को लगभग 34% वोट हासिल करने की संभावना है। यह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मैक्रों ने यूरोपीय संसद चुनावों में आरएन की जीत और अपने उम्मीदवार की हार के बाद तत्काल चुनाव की घोषणा कर दी थी। कुल वोट में आरएन का हिस्सा वामपंथी और मध्यमार्गी प्रतिद्वंद्वियों से काफी आगे था, जिसमें मैक्रों का टुगेदर गठबंधन भी शामिल था, जिसका ब्लॉक 20.5% -23% जीतता हुआ देखा गया था। एग्जिट पोल से पता चला कि हाल में बनाए गए वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (NPF)को लगभग 29% वोट मिलने का अनुमान है।