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बॉलीवुड अभिनेत्री और नवनिर्वाचित भाजपा सांसद कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली CISF कांस्टेबल का हुआ ट्रांसफर

बॉलीवुड फिल्म जगत की अदाकारा और भाजपा सांसद कंगना रनौत को चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर थप्पड़ मारने वाली महिला CISF कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर का स्थानंतरण कर दिया गया है. खबर के अनुसार, महिला के साथ ही उसके पति का भी तबादला किया गया है. बता दें कि चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर कंगना रनौत को थप्पड़ मारने की घटना के पश्चात् कुलविंदर कौर को सस्पेंड कर दिया गया था. अब उन्हें बहाल कर दिया गया है तथा बेंगलुरु स्थानन्तरित कर दिया गया है.

कंगना को थप्पड़ मारे जाने के पश्चात् महिला का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने थप्पड़ मारने के पीछे का कारण बताया था. वीडियो में महिला यह बोलते हुए देखी गई थी, "कंगना ने बयान दिया था कि 100-100 रुपए में किसान आंदोलन में महिलाएं बैठी हैं, उस समय मेरी मां किसान आंदोलन में जाती थीं." दरअसल, कंगना ने देश में हुए किसान आंदोलन पर निशाना साधते हुए कहा था कि इंदिरा गांधी ने खालिस्तानियों मच्छर की भांति मसल दिया था.

कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. कंगना रनौत अब सांसद बन चुकी है. इस कारण कंगना दोपहर में चंडीगढ़ हवाईअड्डे से दिल्ली जाने के लिए निकली थीं. किन्तु सिक्योरिटी चेक के पश्चात् ही इस घटना का शिकार हो बैठीं. घटनी की वीडियोज जमकर वायरल हुए, जहां देखा गया कि थप्पड़ पड़ने के बाद कंगना बहुत गुस्सा हो गईं. वो महिला कॉन्स्टेबल के साथ बहसबाजी करती भी नजर आई. वही इसके बाद कंगना ने दिल्ली पहुंचकर CISF के उच्च अफसरों से मामले की शिकायत की.

भारत के बड़े शहरों में सांस लेना भी हुआ दूभर, जहरीली हवा से रोजाना हो रही 7 फीसदी लोगों की मौत

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लोग अक्सर कहते हैं, घरों के दरवाजें और खिड़कियां खुली रहने दो। बाहर की ताजी हवा घर के अंदर आने दो। अब यक्ष प्रश्न ये है कि ताजी हवा है कहां? हम जिस हवा में सांसें ले रहे हैं वो कतई ताजी और स्वच्छ नहीं है। लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट तो यही कहती है। रिपोर्ट कहती है कि ये हवाएं “जानलेवा” हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 10 सबसे बड़े शहरों में होने वाली 100 मौतों में से 7 मौत एयर पॉल्यूशन के कारण होती है।

सर्दियां शुरू होने से पहले दिल्ली में प्रदूषण को लेकर हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन केवल दिल्ली ही नहीं पूरा देश में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 10 प्रमुख भारतीय शहरों में दैनिक मौतों में से 7 प्रतिशत से अधिक मौतें प्रदूषण के चलते हुई हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में सालाना 33 हजार मौतों के लिए भी खराब हवा जिम्मेदार है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 शहरों- अहमदाबाद, बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में साल 2008 से 2019 के बीच अध्ययन किया, इन शहरों में वायु प्रदूषण से 33 हजार मौतें हुई हैं। अध्ययन में पाया गया कि वर्तमान भारतीय वायु गुणवत्ता मानकों से नीचे वायु प्रदूषण के स्तर से भी देश में दैनिक मृत्यु दर में वृद्धि होती है। "देश के 10 शहरों - अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी में, प्रति वर्ष लगभग 33,000 मौतें वायु प्रदूषण के स्तर के कारण होती हैं, जो डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों से अधिक है।

रिपोर्ट की मानें तो मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं, लेकिन सबसे खराब हालत राजधानी दिल्ली की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण से होने वाली सालाना और दैनिक मौतों में सबसे ज्यादा मौतें राजधानी दिल्ली में हुई हैं।दिल्ली में प्रति वर्ष लगभग 12,000 प्रदूषण से संबंधित मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 11.5 प्रतिशत है। वहीं दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा मौतें वाराणसी में हुई हैं। जहां हर साल 830 लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का 10.2 प्रतिशत है। सबसे कम दर शिमला में थी, जहां 2008 और 19 के बीच प्रति वर्ष 59 मौतें हुईं।वहीं बंगलूरू में 2,100, चेन्नई में 2900, कोलकाता में 4700 और मुंबई में करीब 5100 लोगों की मौत हर साल वायु प्रदूषण के चलते हुई है।

ये सभी मौतें 2.5 माइक्रोमीटर वाले पोल्यूटेड पार्टिकल के कारण हुई हैं। इस तरह के प्रदूषण के सोर्स में व्हीकल ट्रैफिक और इंडस्ट्रियल इमिशन के शामिल है। रिसर्चर्स के मुताबिक, भारत में PM2.5 प्रदूषण के रोज संपर्क में आने से जान जाने का खतरा बढ़ गया है।

क्या होता है PM 2.5?

शोध की रिपोर्ट जानने से पहले PM2.5 को समझना जरूरी है। PM 2.5 का ताल्लुक ऐसे कणों से है जो हवा में बिल्कुल घुले हुए हैं। इन कणों की साइज 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। PM 2.5 का लेवल जब हवा में बढ़ता है तो धुंध बढ़ने लगता है। धुंध इतना ज्यादा होता है कि विजिबिलिटी का लेवल गिर जाता है। WHO के मानक के हिसाब से PM2.5 का 24 घंटो में डायमीटर 15 माइक्रोग्राम होना चाहिए। जबकि भारतीय मानकों में 24 घंटे में 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पीएम 2.5 निर्धारित हैं। जो WHO की सिफारिश के चार गुना है।

आडवाणी की तबीयत फिर बिगड़ी, 8 दिन में दूसरी बार अस्पताल में भर्ती

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पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत फिर बिगड़ गई है। 96 साल के आडवाणी को बुधवार रात 9 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल लाया गया। अस्पताल से जारी बुलेटिन के अनुसार, उनकी हालत स्थिर है। वे न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी के ऑब्जर्वेशन में हैं। 8 दिनों के भीतर यह दूसरा मौका है जब उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। पहले उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, जबकि इस बार उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया

लालकृष्ण आडवाणी उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस कारण घर पर ही उनका समय-समय पर चेकअप किया जाता है। बुधवार रात 9 बजे उन्हें असहज महसूस हुआ जिसके बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपोलो अस्पताल की ओर से कल जारी बयान में कहा गया कि आडवाणी को रात 9 बजे अस्पताल में डॉक्टर विनीत सूरी की निगरानी में भर्ती किया गया। उनको ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है।

26 जून को भी आडवाणी को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था। इस दौरान उन्हें यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर अमलेश सेठ की निगरानी में रखा गया था। अस्पताल ने बताया था कि आडवाणी का एक छोटा ऑपरेशन हुआ है। अगले दिन उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।

लालकृष्ण आडवाणी को 31 मार्च को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। इससे पहले 2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कजाकिस्तान में की मुलाकात, जानें क्या हुईं बातें

#s_jaishankar_and_wang_yi_meeting_in_kazakhstan 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में बृहस्पतिवार को बातचीत की। भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच, दोनों देशों के विदेश मंत्री ने विचारों का आदान प्रदान किया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुख्य बातचीत सीमा विवाद पर केन्द्रित थी।बता दें कि भारत और चीन के बीच जून 2020 की गलवान हिंसा के बाद तनाव जारी है। चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश करता रहता है। सीमा पर तनाव के बावजूद इस साल मार्च में भारत और चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र पर मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात करने के बाद बताया कि हम दोनों के बीच बॉर्डर एरिया में बचे हुए मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई है। इस उद्देश्य के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी है. उन्होंने आगे कहा कि एलएसी का सम्मान करना और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना जरूरी है।

एस जयशंकर एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। अस्ताना पहुंचने पर जयशंकर का कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बकाये ने स्वागत किया। इसके अलावा बुधवार को वह अस्ताना में पुश्किन पार्क पहुंचे जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जयशंकर ने इस आयोजन के लिए कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के लिए लड़ रहे भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए मॉस्को की प्रस्तावित यात्रा से पहले हुई है। अभी इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है लेकिन ऐसी जानकारी है कि मोदी अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।

ब्रिटेन में मतदान आज, क्या ऋषि सुनक करेंगे वापसी या लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर का दिखेगा कमाल

#ukgeneralelections_2024 

ब्रिटेन में आज आम चुनाव के ले मतदान होना है। ब्रिटेन की जनता आम चुनाव में 650 सांसदों को चुनने के लिए वोटिंग करेगी। इन चुनावों में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी और विपक्षी लेबर पार्टी के बीच मुख्य टक्कर होने की उम्मीद है। के समय के अनुसार सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू होगी, जो रात 10 बजे तक चलेगी। वोटिंग खत्‍म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी और 5 जुलाई को सुबह 5 बजे तक नतीजे आ जाएंगे।

लेबर पार्टी को बहुमत मिलने का दावा

चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी को बहुमत मिलने का दावा किया जा रहा है।अगर सर्वे सही साबित होते हैं, तो कंजर्वेटिव प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का 18 महीने का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और ब्रिटेन के लोग शुक्रवार की सुबह 14 साल में पहली बार देश की कमान संभालने वाली नई पार्टी को देखेंगे।

पिछले 14 साल से देश में कंजर्वेटिव का शासन

ब्रिटेन में पिछले 14 साल से कंजर्वेटिव का शासन है। हालांकि, ये वर्ष राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से उथल-पुथल से भरे रहे हैं और पिछले आठ वर्षों में पांच कंजर्वेटिव प्रधानमंत्रियों ने ब्रिटेन की सत्ता संभाली है।

यूके में चुनाव कैसे होता है?

भारत में संसदीय प्रणाली की सरकार ब्रिटिश (यूके) संविधान से ली गई है। ऐसे में भारत और ब्रिटेन के चुनावों में बहुत समानताएं होती हैं। इस आम चुनाव में यूके के हर हिस्से के 18 साल और इससे अधिक उम्र के लोग अपना सांसद चुनने के लिए मतदान करेंगे। यह मतदान कुल 650 संसदीय सीटों के लिए होगा। चुना गया व्यक्ति ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में पांच साल तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कई उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं। फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम के तहत सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार सांसद बनता है।

झूठा निकला राहुल गांधी का दावा, सेना ने बताया अग्निवीर बलिदानी के परिजनों को दिए गए कितने मुआवजे

#agniveers_family_has_been_paid_rs_98_lakh_indian_army_rebuts_rahul_gandhi_claim

भारतीय सेना ने राहुल गाँधी के उस दावे झूठा साबित कर दिया है, , जिसमें कांग्रेस सांसद ने कहा था कि वीरगति को प्राप्त होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं दी गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में शहीद अग्निवीरों के परिवारों को मुआवजे के मुद्द पर झूठ बोला था। राहुल गांधी ने कहा ता कि इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इस मामले में अब भारतीय सेना का बयान सामने आया है।सेना ने बताया है कि पंजाब के बलिदानी अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को 98 लाख रुपए दिए जा चुके हैं। वहीं, 67 लाख रुपए की धनराशि उनके परिवार को देने की प्रक्रिया अभी जारी है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से लगाए गए इन आरोपों के बाद भारतीय सेना के एडीजी पीआई का बयान सामने आया है।एडीजी पीआई ने एक्स पर पर पोस्ट किया, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे दावे बिल्कुल निराधार हैं। भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अग्निवीर अजय के परिवार को कुल देय राशि में से 98.39 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।” 

एडीजी पीआई ने कहा कि अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लगभग 67 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और अन्य लाभ पुलिस सत्यापन के बाद भुगतान किए जाएंगे।कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी।

इससे पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया। इसमें वह भगवान शिव की फोटो के साथ अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वीडियो में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संसद में अपने भाषण में मैंने कहा था कि सत्य की रक्षा हर धर्म का फाउंडेशन है। जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान शिव के फोटो के सामने पूरे हिंदुस्तान को, देश की सेना को और अग्निनवीरों को क्षतिपूर्ति को लेकर झूठ बोला है।

राहुल ने कहा कि अजय सिंह के पिता ने मेरे और रक्षा मंत्री के भाषण सुनने के बाद कहा कि राजनाथ सिंह ने सदन में जो कहा, उसके अनुसार हमें न कोई पैसा नहीं मिला और न ही कोई मैसेज आया। राहुल गाँधी ने आगे कहा कि रक्षा मंत्री ने संसद में शहीद अजय सिंह के परिवार से, सेना से और देश के युवाओं से झूठ बोला है। रक्षा मंत्री को इन सबसे माफी माँगनी चाहिए।

पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना के रहने वाले अग्निवीर अजय सिंह 23 जनवरी, 2024 को जम्मू-कश्मीर में बलिदान हो गए थे, उनकी उम्र महज 23 साल थी। केंद्रशासित प्रदेश के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट की चपेट में आने से वो वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके परिवार में माता-पिता और 4 बहनें हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दाखा की दाना मंडी में रैली को संबोधित करने के बाद राहुल गाँधी खन्ना आए और फिर अचानक गाँव रामगढ़ सरदारा में अग्निवीर बलिदानी अजय कुमार के घर पहुँचे थे।

झूठा निकला राहुल गांधी का दावा, सेना ने बताया अग्निवीर बलिदानी के परिजनों को दिए गए कितने मुआवजे

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भारतीय सेना ने राहुल गाँधी के उस दावे झूठा साबित कर दिया है, , जिसमें कांग्रेस सांसद ने कहा था कि वीरगति को प्राप्त होने वाले अग्निवीरों के परिवारों को किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं दी गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में शहीद अग्निवीरों के परिवारों को मुआवजे के मुद्द पर झूठ बोला था। राहुल गांधी ने कहा ता कि इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इस मामले में अब भारतीय सेना का बयान सामने आया है।सेना ने बताया है कि पंजाब के बलिदानी अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को 98 लाख रुपए दिए जा चुके हैं। वहीं, 67 लाख रुपए की धनराशि उनके परिवार को देने की प्रक्रिया अभी जारी है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से लगाए गए इन आरोपों के बाद भारतीय सेना के एडीजी पीआई का बयान सामने आया है।एडीजी पीआई ने एक्स पर पर पोस्ट किया, “कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले अग्निवीर अजय कुमार के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया गया है। ऐसे दावे बिल्कुल निराधार हैं। भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अग्निवीर अजय के परिवार को कुल देय राशि में से 98.39 लाख रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।” 

एडीजी पीआई ने कहा कि अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लगभग 67 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और अन्य लाभ पुलिस सत्यापन के बाद भुगतान किए जाएंगे।कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ रुपये होगी।

इससे पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया। इसमें वह भगवान शिव की फोटो के साथ अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। वीडियो में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संसद में अपने भाषण में मैंने कहा था कि सत्य की रक्षा हर धर्म का फाउंडेशन है। जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान शिव के फोटो के सामने पूरे हिंदुस्तान को, देश की सेना को और अग्निनवीरों को क्षतिपूर्ति को लेकर झूठ बोला है।

राहुल ने कहा कि अजय सिंह के पिता ने मेरे और रक्षा मंत्री के भाषण सुनने के बाद कहा कि राजनाथ सिंह ने सदन में जो कहा, उसके अनुसार हमें न कोई पैसा नहीं मिला और न ही कोई मैसेज आया। राहुल गाँधी ने आगे कहा कि रक्षा मंत्री ने संसद में शहीद अजय सिंह के परिवार से, सेना से और देश के युवाओं से झूठ बोला है। रक्षा मंत्री को इन सबसे माफी माँगनी चाहिए।

पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना के रहने वाले अग्निवीर अजय सिंह 23 जनवरी, 2024 को जम्मू-कश्मीर में बलिदान हो गए थे, उनकी उम्र महज 23 साल थी। केंद्रशासित प्रदेश के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एक बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट की चपेट में आने से वो वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके परिवार में माता-पिता और 4 बहनें हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दाखा की दाना मंडी में रैली को संबोधित करने के बाद राहुल गाँधी खन्ना आए और फिर अचानक गाँव रामगढ़ सरदारा में अग्निवीर बलिदानी अजय कुमार के घर पहुँचे थे।

टी20 वर्ल्ड कप के साथ स्वदेश पहुंची भारतीय टीम, अब पीएम मोदी से होगी मुलाकात, विक्ट्री परेड मुंबई में

#world_champion_indian_team_reached_delhi_from_barbados 

भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपने वतन पहुंच चुकी है। रोहित शर्मा के अगुवाई में वर्ल्ड चैंपियन्स गुरुवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे।टीम इंडिया ने बारबाडोस में खेले गए फाइनल में साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब अपने नाम किया था। इस तरह 17 साल बाद टीम इंडिया इस फॉर्मेट में वर्ल्ड चैंपियन बनी। वहीं, भारत क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में 13 साल बाद विश्व विजेता बना है। 

भारतीय टीम के स्वागत के लिए फैंस का जमावड़ा दिल्ली हवाईअड्डे के बाहर देखने को मिला। भारी संख्या में लोग रोहित शर्मा की सेना के स्वागत के लिए पहुंचे। भारतीय टीम एयरपोर्ट से आईटीसी मौर्या होटल रवाना हो गई। होटल पहुंचने पर भी टीम इंडिया का जोरदार स्वागत हुआ। वर्ल्ड चैंपियन टीम के खिलाड़ियों के लिए पहले से ही होटल में स्वागत का खास इंतजाम किया गया था। टीम होटल में तकरीबन 2 घंटे रुकेगी। इसके बाद सभी खिलाड़ी पीएमओ आवास जाएंगे।

11 बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। इसके बाद रोहित शर्मा एंड कंपनी स्पेशल विमान से मुंबई के लिए रवाना होगी। यहां उनके सम्मान में विजय परेड का आयोजन होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम को बीसीसीआई की तरफ से घोषित 125 करोड़ की इनामी राशि भी दी जाएगी।

बता दें कि टीम ने शनिवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराकर खिताब जीता था। इसके बाद से टीम वहीं अपने होटल में थी।फाइनल मुकाबला जीतने के बाद नियमित विमान से भारतीय टीम को वापस भारत रवाना होना था लेकिन बारबाडोस में चक्रवाती तूफ़ान की वजह से कर्फ्यू के हालात थे। सभी उड़ाने रद्द थी और खिलाडी व् स्टाफ अपने होटलों में फंसे हुए थे। जिसके बाद सरकार की तरफ से विशेष विमान बारबाडोस के लिए रवाना किया गया था।

कम नहीं हो रही केजरीवाल की मुश्किलें, न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ी

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दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्ज़ी पर हाई कोर्ट 5 जुलाई को सुनवाई करेगा। वहीं, राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ा दी है। केजरीवाल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राउज़ एवन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।

इससे पहले बीती 29 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने पेश किया गया था। दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल की सीबीआई रिमांड खत्म होने के बाद 29 को फिर पेश किया गया। 

दूसरी ओर, आबकारी मामले में कथित घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी मामले में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के सीबीआई मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वह सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत की मांग करने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

बदहाल हैं देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पताल, सरकार ने खुद माना, क्या होगा सुधार?

#80ofthegovernmenthospitalsareinpoorcondition 

स्वस्थ समुदाय किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यह एक सुविचारित संबंध है कि जैसे-जैसे किसी देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, वैसे-वैसे उसके नागरिकों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। जो बात शायद कम स्पष्ट हो, वह यह है कि इसका विपरीत भी सच है - किसी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार का सीधा परिणाम आर्थिक विकास हो सकता है, क्योंकि कार्यबल में प्रभावी गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम अधिक लोग होंगे। आज हमारा देश विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। वाबजूद ये कहना कि यहां 80 फीसदी सरकारी अस्पताल में ना तो नर्सें उपलब्ध हैं ना डॉक्टर कैसा लगेगा? शादय ये सुनने में अजीब लगे लेकिन ये सच है कि देश के देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत खराब है।

हाल के सालों में सरकार ने देश की ग्रामीण आबादी के लिये स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार के लिये कई पहलों की शुरुआत की है, जैसे “आयुष्मान भारत योजना” जिसका उद्देश्य 500 मिलियन से अधिक लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है। हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अपर्याप्त वित्तपोषण, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और अपर्याप्त आधारभूत संरचना शामिल हैं। देश में लगभग 80 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार द्वारा निर्धारित बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य कर्मी, उपकरण और अन्य मानकों के लिए न्यूनतम आवश्यक मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा खुद सरकार द्वारा किए गए एक मूल्यांकन अभियान के जरिए हुआ है। 

इस अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत आने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों से उनके पास मौजूद डॉक्टरों, नर्सों या बुनियादी चिकित्सा उपकरणों और अन्य सुविधाओं की संख्या जैसे विवरण ओपन डाटा किट के जरिए ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ के पोर्टल पर भरने के लिए कहा गया था। पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम के 200988 स्वास्थ्य केंद्रों में से 43,140 केंद्रों ने ही जानकारी उपलब्ध करवाई है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों में 80 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों (35051) के पास इतनी भी सुविधाएं नहीं हैं कि वे ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ (आइपीएचएस) पर खरें उतरें।

जानकारी देने वाले 40,451 अस्पतालों में से केवल 8,089 अस्पताल ही आइपीएचएस के मानकों पर खरे उतरे।आसान भाषा में कहें तो पूरे देश में मात्र 8089 केंद्रों के अस्पतालों में जरूरी मात्रा में बेड, दवाएं, जांच सुविधाएं, वांछित कर्मी, पंखे, शौचालय, पीने का पानी, एसी आदि सुविधाएं थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 42% अस्पतालों ने आइपीएचएस के मानकों पर 50% से भी कम अंक हासिल किए। बाकी के 15,172 अस्पतालों को 50 से 80% के बीच अंक मिले। सरकार ने यह सारी जानकारी आइपीएचएस के डैशबोर्ड पर सार्वजनिक कर दी है।

100 दिन में 70,000 अस्पतालों बनेंगे बेहतर?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्ट इसलिए तैयार की गई है ताकि यह पता चल सके कि अस्पतालों में क्या कमियां हैं। उन्होंने बताया, 'हमारा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं, उपकरण और डॉक्टर मौजूद हों ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।' केंद्र का लक्ष्य है कि नई सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर 70,000 सरकारी अस्पतालों को आइपीएचएस के मानकों के अनुसार बनाया जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम राज्यों को अस्पतालों में सुधार के लिए पूरी मदद दे रहे हैं। हमारा मकसद सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

इस तरह के हैं सुविधा मानक

जरूरी सुविधाएं

• प्रति 1000 की आबादी पर अस्पताल में एक बेड अनिवार्य, 2 बेड वांछित

• रोगी के प्रतीक्षा वाले क्षेत्र में अनिवार्य सुविधाएं जैसे पंखा, स्वच्छ पेयजल, महिला और पुरुषों के लिए अलग स्वच्छ शौचालय

वांछनीय सुविधाएं– एयर-कंडीशनर, प्रतीक्षा क्षेत्र में टेलीविजन/एलसीडी जिसमें सुविधा-संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य-संबंधी जानकारी प्रदर्शित हो।

फंड की कमी या लापरवाही?

6 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में आश्वासन दिया गया था कि देश की जीडीपी की 2.5 प्रतिशत रकम स्वास्थ्य पर खर्च की जाएगी। उसका क्या हुआ? स्वास्थ्य के लिए सरकारी फंड कम है या जानबूझकर उदासीनता या लापरवाही बरती जा रही है? नियमानुसार सरकारी अस्पतालों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाती है व शेष 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ता है।