सरकार गठन के बाद सवालों से घिरी ईवीएम, जानें क्यों बढ़ा विवाद
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देश में नई सरकार का गठन हो गया। बीजेपी के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा भी गया है और कामकाज बी शुरू हो गया। हालांकि न सबके बाद अचानक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है।लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद संतुष्ट विपक्ष शांत बैठा हुआ था, लेकिन एक अखबार की रिपोर्ट सामने आने के बाद सियासी बवाल खड़ा हो गया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर को 4 जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से ‘कनेक्ट’ मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया।इस बीच दुनिया की सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार एलन मस्क के दावे ने आग में घी डालने का काम किया।
एलन मस्क ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठा दिया था। उन्होंने 16 जून को चौंकाने वाला दावा किया था। कहा था कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसे खत्म किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी चुनावों से ईवीएम को हटाने की मांग की थी।
शनिवार को एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बतौर स्वतंत्र उम्मीदवार उतर रहे रॉबर्ट एफ़ केनेडी जूनियर का एक ट्वीट रीट्वीट किया। इसके साथ उन्होंने लिखा,"हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ख़त्म कर देना चाहिए। इंसान या आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए इनके हैक होने का भले ही कम, लेकिन बड़ा जोखिम है।
सोशल मीडिया पर मस्क के इस ट्वीट पर 22 हज़ार लोगों ने टिप्पणी की है, वहीं 64 हज़ार लोगों ने इसे रीट्वीट किया।टिप्पणी करने वालों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल रहें। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गाँधी ने कहा कि ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जाँच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं। राहुल गाँधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धाँधली की आशंका बढ़ जाती है।”
इस पोस्ट के साथ गाँधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी। कांग्रेस ने सवाल किया, "आख़िर एनडीए के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल ईवीएम से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फ़ोन कैसे पहुंचा? चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए।"
शिव सेना उद्धव ठाकरे गुट की प्रवक्ता प्रियंका ने इस विवाद में कूदते हुए चुनाव आयोग पर आंख मूंदने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर जिस मीडिया रिपोर्ट को शेयर किया है, प्रियंका ने उसी रिपोर्ट को शेयर करते हुए चुनाव आयोग को टैग किया और लिखा, "उंचे स्तर की धोखाधड़ी चल रही है और चुनाव आयोग सोया हुआ है। ‘धोखे' से जीते उम्मीदवार के रिश्तेदार मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फ़ोन लिए खड़े थे, ये मोबाइल फ़ोन ईवीएम को अनलॉक कर सकता था।"
"अगर चुनाव आयोग इसमें हस्तक्षेप नहीं करता तो चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई धांधली के बाद ये चुनाव नतीजों में हुई सबसे बड़ी धांधली होगी और हमें ये मामला कोर्ट के दरवाज़े तक पहुंचता दिखेगा। दोषियों को सज़ा दी जानी चाहिए।"
वहीं, मुंबई में मतगणना केंद्र के ईवीएम के साथ उम्मीदवार के रिश्तेदार का फ़ोन जुड़े होने को लेकर मीडिया में आई ख़बरों को चुनाव अधिकारी के खारिज किया है। मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग अफ़सर वंदना सूर्यवंशी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "ईवीएम एक स्टैंडअलोन डिवाइस है, इसमें तार या बेतार कनेक्शन की कोई सुविधा नहीं होता है। जो ख़बर शेयर की जा रही है वो ग़लत है, आधारहीन है। सच ये है कि इसी अख़बार के एक रिपोर्टर को मैंने कल बताया था कि मोबाइल फ़ोन से कुछ नहीं होता है। मतगणना सेक्शन में रिज़ल्ट बटन दबाने के बाद ही नतीजा डिस्प्ले होता है। मतदान के बाद जिस दिन ईवीएम सील होता है उस दिन पोलिंग एजेंट साथ होते हैं और जिस दिन मतगणना होती है उस दिन काउंटिंग एजेंट होते हैं।"
उन्होंने कहा कि इस मामले में अख़बार को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग के सभी नियमों के तहत ही मतगणना का काम संपन्न हुआ है। ग़लत ख़बर के लिए हमने उस अख़बार को सेक्शन 499 और 505 के तहत नोटिस जारी किया है।"
Jun 17 2024, 14:56