लोकसभा चुनाव के मतदान संपन्न होते ही सभी गठबंधन द्वारा अपनी-अपनी सरकार बनने के किये जा रहे दावे, जानिए राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों की क्या है राय
पटना : सातवें अंतिम चरण के मतदान के साथ ही अब सभी दलों और गठबंधनों द्वारा अपनी-अपनी सरकार बनने के दावे किये जाने शुरु हो गए। तमाम दलों के द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों के जीत के दावे किये जा है। हालांकि चुनाव शुरू होने के साथ ही कई जगहों पर जो प्रत्याशी थे उन्हें जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी थी।
खासकर के जहानाबाद काराकाट और ऐसे कई लोकसभा क्षेत्र थे जहां के उम्मीदवारों से स्थानीय लोग खुश नहीं थे। अब जबकि चुनाव खत्म हो गए हैं तो राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कुछ जगहों पर जिस तरह से प्रत्याशी दिए गए वह प्रत्याशी उसे जगह के उपयुक्त नहीं थे और इसका खामियाजा एनडीए और बीजेपी को उठाना पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक और पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक कुमार का कहना है कि जिस तरह से जहानाबाद में भूमिहार बाहुल्य रहने के बाद भी वहां पर भूमिहार को टिकट नहीं दिया गया या कारकाट में पवन सिंह को उम्मीदवारी नहीं दी गई ऐसे कई ऐसे जगह है जहां पर उम्मीदवारों को स्थानीय होने का लाभ नहीं मिलेगा और एनडीए के 400 मिशन में यह सीट काफी नुकसानदेह् साबित होंगे।
पटना से मनीष प्रसाद
Jun 02 2024, 11:17