भारत ने रचा इतिहास, जानें कौन है काम्या जिसने सबसे कम उम्र में फतह किया एवरेस्ट
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मुंबई में रहनेवाली काम्या कार्तिकेयन दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 16 साल की उम्र में हासिल की है।12वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे अमूमन स्कूल पूरा करने के बाद करियर के बारे में सोचना शुरू करते हैं। मगर मुंबई के एक स्कूल में पढ़ने वाली काम्या कार्तिकेयन ने महज 16 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं।
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भारतीय नौसेना अधिकारी की बेटी काम्या मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में बारहवीं की छात्रा हैं। उनके पिता कमांडर एस. कार्तिकेयन भारतीय नौसेना में अधिकारी हैं।काम्या ने अपने पिता और भारतीय नेवी के कमांडर एस. कार्तिकेयन के साथ एवरेस्ट की चोटी को फतह किया।बाप-बेटी ने 20 मई को एवरेस्ट की 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे।
हालांकि एवरेस्ट जीतने से पहले भी काम्या ने कई बड़े पहाड़ों को फतह किया है। काम्या ने सात महाद्वीपों में से छह सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने में सफलता पाई है। उनका लक्ष्य इस साल दिसंबर में अंटार्कटिका के माउंट विंसन मैसिफ पर चढ़ना है, ताकि वह दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों को फतेह करने की चुनौती पूरा करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन सकें।
काम्या कार्तिकेयन ने महज सात साल में ही पहाड़ चढ़ने शुरू कर दिए थे। 2015 में उन्होंने 12 हजार फीट ऊंचा चंद्रशिला पर्वत फतह किया था। काम्या की ट्रेकिंग का सिलसिला तभी से जारी है। इसके बाद उन्होंने हर की दून (13,500 फीट), केदारकांठा (13,500 फीट) और रूपकुंड लेक (16,400 फीट) को भी जीता। 2017 में वो नेपाल में मौजूद 17,600 फीट ऊंचे एवरेस्ट के बेस कैंप तक भी गईं। 2019 में उन्होंने भृगु लेक (14,100 फीट) और हिमाचल प्रदेश में मौजूद 13,850 फीट ऊंचे सर पास का भी ट्रेक पूरा किया था।
काम्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं। यह पुरस्कार देश में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए दिया जाता है। टीएसएएफ ने बताया कि काम्या अपनी टीम के साथ 6 अप्रैल को काठमांडू पहुंचीं। अनुकूलन और कई दिनों की योजना के बाद, उनकी अंतिम शिखर चढ़ाई 16 मई को एवरेस्ट आधार शिविर से शुरू हुई और 20 मई की सुबह शिखर की ओर अंतिम चढ़ाई शुरू की।








हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीसीसीआई ने रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर से मुख्य कोच बनने का ऑफर दिया।वहीं, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने हाल ही में दावा किया था कि आईपीएल 2024 सीजन के दौरान कुछ लोगों ने उनसे संपर्क किया था और उनसे आमने-सामने बात हुई थी जिसमें टीम इंडिया का कोच बनने को लेकर उनके इंटरेस्ट को जानने की कोशिश की गई थी। हालांकि, अब बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इन दावों को खारिज कर दिया है। टी20 विश्व कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। ऐसे में टीम इंडिया का मुख्य कोच बदला जाएगा। बीसीसीआई ने हाल ही में इस पद के लिए आवेदन मंगाए थे। इस बीच कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीसीसीआई ने रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर को मुख्य कोच बनने का ऑफर दिया। पॉन्टिंग ने हाल ही में आईसीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि कुछ लोगों ने उनसे टीम इंडिया का कोच बनने को लेकर संपर्क किया था और उनकी इच्छा जाननी चाही थी। पॉन्टिंग ने हालांकि सीधे शब्दों में बीसीसीआई का नाम तो नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहा था कि निजी तौर पर आमने-सामने कुछ लोगों से बात हुई थी। पॉन्टिंग के इस दावे के एक दिन बाद ही अब भारतीय बोर्ड के सचिव जय शाह ने सच सबके सामने रख दिया है। शाह ने सीधे-सीधे तो पॉन्टिंग का नाम नहीं लिया लेकिन, शाह ने कहा कि बीसीसीआई या खुद उन्होंने किसी भी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर से टीम इंडिया का कोच बनने के लिए संपर्क नहीं किया। शाह ने सीधे शब्दों में कहा कि मीडिया में ऐसी जो भी खबरें फैली थीं, वो एकदम गलत थीं। उन्होंने साफ किया कि टीम इंडिया का हेड कोच ढूंढ़ना एक विस्तृत और सटीक प्रक्रिया है। जय शाह ने साथ ही बताया कि कैसे शख्स को टीम इंडिया का कोच बनाया जाएगा। बीसीसीआई सचिव ने कहा कि बोर्ड ऐसे आदमी को कोच बनाना चाहता है, जिसे भारतीय क्रिकेट की गहरी समझ हो और अलग-अलग स्तर से उठकर आया हो। उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि भारतीय टीम का कोच बनने के लिए भारत के डॉमेस्टिक क्रिकेट की समझ और ज्ञान होना भी जरूरी है। शाह ने बोर्ड की सोच को साफ करते हुए बताया कि टीम इंडिया के स्तर को और ऊपर उठाना सबसे अहम है।


उत्तराखंड के बाबा केदारनाथ धाम में आज सुबह सुबह एक बड़ा हादसा होने से बच गया।केदारनाथ धाम में यात्रियों से भरे हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। दरअसल, केदारनाथ धाम के लिए जारी हेली सेवा में लोगों के ले जा रहे हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके बाद उसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। हालांकि राहत की बात रही कि किसी भी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर का रूडल खराब हो गया था। इसके कारण हेलिकॉप्टर को दूर तक नहीं ले जाया जा सकता था। हालांकि, पास में ही हेलीपैड था। फिर, पायलट ने सुझबूझ दिखाते हुए खाली जगह की तलाश की। फिर वहां पर हेलिकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग कराई। हालांकि, थोड़ी ही दूरी पर ही खाई थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर में बैठे श्रद्धालु भगवान से सलामती की दुआ मांगते रहे। दरअसल, क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर में अचानक खराबी आ गयी और पायलट ने किसी तरह इंमरजेंसी लैंडिंग करायी, जिससे पायलट सहित छह लोगों की जिंदगी बाल-बाल बच गयी। हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर सिरसी हेलीपैड से श्री केदारनाथ धाम आ रहे केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेली को कुछ तकनीकी समस्या के कारण श्री केदारनाथ धाम के हेलीपैड से लगभग 100 मीटर पहले आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। वहीं पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू है। हालांकि, चार धाम यात्रा के लिए 31 मई तक ऑफ लाइन पंजीकरण पर रोक है, जिसके चलते हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं, जो हफ्तों से ऋषिकेश-हरिद्वार में अपने पंजीकरण का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनका पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि हफ्तों से इस आस में थे कि बाबा केदारनाथ का दर्शन होगा, लेकिन यह आस टूटती जा रही है। फिलहाल हर दिन धाम में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचाने के लिए 9 हेलिकॉप्टर कंपनियां लगातार लगी हैं।
May 24 2024, 19:30
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