चारधाम यात्रा : अब 20 घंटे खुला रहेगा बाबा केदार का दरबार, भक्तों का सैलाब देखकर लिया गया बड़ा फैसला
उत्तराखंड सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार चारधाम यात्रा में इस साल अबतक 39 यात्रियों की मौत हुई है। इन 39 मौतों में से सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हुई हैं जहां अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद यमुनोत्री धाम में 12 मौतें, बद्रीनाथ धाम में 7 मौतें और गंगोत्री धाम में दो मौतें हुई हैं। खराब स्वास्थ्य से हो रही मौतों के बाद सरकार तीर्थयात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर फोकस कर रही है, साथ ही उसने उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही लोगों को यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी है।
सोमवार शाम तक सवा सात लाख से ज्यादा तीर्थयात्री चार धामों में पहुंच चुके हैं, जिनमें केदारनाथ के लिए 3,19,193, यमुनोत्री के लिए 1,38,537, बद्रीनाथ के लिए 1,39,656 और गंगोत्री के लिए 1,25,777 यात्री शामिल हैं। उधर चार धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा हर तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दे रखे हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि उनसे सामान की ज्यादा कीमत ना वसूली जाए।
पिछले साल हुई थी कुल 245 मौतें
पिछले साल चार धाम यात्रा के दौरान 245 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से सबसे ज्यादा 120 मौतें केदारनाथ धाम के रास्ते में हुई थीं। बद्रीनाथ धाम रूट पर 46, गंगोत्री धाम रूट पर 30 और यमुनोत्री धाम रूट पर 39 मौतें हुई थीं। साथ ही हेमकुंड साहिब मार्ग पर भी नौ यात्रियों की जान गई थी।
स्वास्थ्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए
उत्तराखंड सरकार के स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार फिलहाल रुद्रप्रयाग के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन केदारनाथ मार्ग पर स्वास्थ्य और अन्य यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को तीर्थयात्रियों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया, ‘राज्य सरकार का उद्देश्य चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है ताकि वे परेशानी मुक्त और सुविधाजनक यात्रा कर सकें साथ ही वे अपने साथ उत्तराखंड का सुखद अनुभव लेकर जाएं।’
50 साल से ज्यादा उम्र वालों की स्वास्थ्य जांच पर विशेष फोकस
कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर तीर्थयात्रियों की चिकित्सा जांच करने का निर्देश दिया गया है। विभाग विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक की उम्र वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और रोगियों को केदारनाथ की पैदल यात्रा से बचने की सलाह दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘तीर्थयात्रियों को उचित अनुकूलन अवधि के बाद ही यात्रा का विकल्प चुनने की सलाह दी गई है।’
सुनिश्चित करें की हर दुकान पर सामान की रेट लिस्ट लगी हुई हो
स्वास्थ्य सचिव ने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि तीर्थयात्रियों को अधिक कीमत पर सामान न बेचा जाए, इसके लिए उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे यह देखें कि यात्रा मार्ग की प्रत्येक दुकान में रेट लिस्ट लगी हुई हो और तीर्थयात्रियों को मिलावटी खाना नहीं परोसा जाए। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवाओं का विकल्प चुनने वाले तीर्थयात्रियों के साथ कोई धोखाधड़ी न हो।
यह भी ध्यान रखें की जानवरों के साथ किसी तरह की क्रूरता ना हो
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर चलने वाले खच्चरों और घोड़ों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पशुपालन विभाग को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कोई भी संचालक जानवरों के खिलाफ क्रूर व्यवहार न करे। साथ ही कहा कि ‘केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किसी भी स्थिति में खच्चरों और घोड़ों को डबल चक्कर नहीं लगाना चाहिए और पूरे यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए।’
यात्रा मार्ग पेयजल की व्यवस्था का निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने सोनप्रयाग के पास यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की और तीर्थयात्रियों द्वारा दिए गए सुझावों को नोट किया। इस दौरान गुजरात के विद्यानगर से आईं तीर्थयात्री कुसुमबेन (35) ने बताया कि सोनप्रयाग में मेरी मेडिकल स्क्रीनिंग की गई और मेडिकल स्टाफ से हरी झंडी मिलने के बाद, मैं गौरी कुंड से केदारनाथ की पैदल यात्रा पर निकलूंगी।
उधर राजस्थान के बाड़मेर से आए हकीकत सिंह (50) ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पूरे यात्रा मार्ग पर वाटर एटीएम की व्यवस्था की जानी चाहिए। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने जल संस्थान विभाग के अधिकारियों को पूरे यात्रा मार्ग पर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्देश दिया, साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों को केदारनाथ की बिजली लाइन में आने वाली किसी भी खराबी को ठीक करने का निर्देश दिया।





भारत में 9 दिन से लापता बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम अनार कोलकाता के एक फ्लैट में मृत मिले। बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान ने कोलकाता पुलिस के हवाले से इसकी पुष्टि की है। कोलकाता पुलिस ने बताया कि सांसद अनवारुल का शव न्यू टाउन इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। पुलिस ने इस मामले में 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इसे प्री-प्लान मर्डर बताया है। बताया गया है कि अनवारुल अजीम अनार 12 मई को इलाज कराने पश्चिम बंगाल पहुंचे थे। इसके बाद वे अचानक ही गायब हो गए। उनकी आखिरी ज्ञात लोकेशन कोलकाता के राजरहाट में स्थित संजीवा गार्डन्स थी। पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। हालांकि, बुधवार को बांग्लादेश के गृह मंत्री असद्दुजमां खान ने एलान किया कि अजीम की हत्या हुई है। उन्होंने बताया कि आवामी लीग के सांसद अजमी अंसार, जो कि भारत में लापता हो गए थे, उनकी कोलकाता में एक फ्लैट में हत्या हो गई। अब तक यह सामने आया है कि उनके हत्यारे बांग्लादेशी हैं। उन्होंने साजिश रचकर सांसद की जान ली। मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश पुलिस ने 56 वर्षीय सांसद की हत्या के मामले में तीन को गिरफ्तार किया है। जब उनसे शव को लेकर सवाल किया गया, तो मंत्री ने कहा कि उन्हें अभी इसकी जानकारी मिलनी बाकी है। असद्दुजमां ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले में हत्या की वजहों का खुलासा करेंगे। इस मामले में भारत की पुलिस भी जानकारी जुटा रही है। वहीं, कोलकाता में सांसद के दोस्त गोपाल विश्वास ने 18 मई को पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद कोलकाता पुलिस एक्टिव हुई। अजीम बांग्लादेश के ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुड़े हुई थे। उनका खुद ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। बताया गया है कि कल अजीम के मैनेजर के पास फिरौती के लिए फोन आया था और बड़ी रकम की मांग की गई थी।
लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। चुनाव आयोग द्वारा लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस और बीजेपी को नसीहत दी है।चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को स्टार प्रचारकों को उनके भाषण को सही करने सावधानी बरतने और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए फॉर्मल नोट जारी करने का निर्देश दिया है । चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चुनाव प्रचार की गुणवत्ता में बेहद गिरावट आई है जिसके मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए है। आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। आयोग ने भाजपा को निर्देश दिए हैं कि पार्टी के नेता अपने भाषणों के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करें। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले बयानों से बचें। चुनाव आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के समय सत्तारूढ़ दल पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है। वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणाएं देते हों। इसके अलावा, अग्निवीर योजना पर बोलते समय, चुनाव निकाय ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण न करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान न देने के लिए कहा है। ईसीआई ने दो टूक कहा कि दोनों बड़ी पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) को मतदाताओं के चुनावी अनुभव की विरासत को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. दोनों दलों के प्रमुख अपने-अपने स्टार प्रचारकों के लिए औपचारिक सलाह जारी करें, जिससे वो सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रखें. देश के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

May 22 2024, 18:43
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