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अमेठी से गए अब रायबरेली से भी जाएंगे...खटा खट खटा खट खटा खट घर भेजेगी जनता, पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। राहुल गांधी अपनी सभाओं में चुनाव बाद सरकार बनने पर बैंक खाते में खटा खट खटा खट रुपए भेजने का वादा कर रहे हैं। इसी का जवाब पीएम मोदी ने प्रतापगढ़ में दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कोई इनके दिमाग को भी बता दो अब रायबरेली की जनता भी खटा खट खटा खट खटा खट घर भेजेगी। अमेठी से गए अब रायबरेली से भी जाएंगे। पीएम मोदी ने राहुल गांधी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। कहा कि सपा के कारण ही यूपी पीछे चला गया था। अब यहां तेजी से विकास हो रहा है।

राहुल गांधी इस बार अमेठी की जगह मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से मैदान में उतरे हैं। रायबरेली से सटी प्रतापगढ़ सीट पर भाजपा की जनसभा को संबोधित करने पहुंचे पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि देश चलाना सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए बच्चों का खेल नहीं है। यहां तक कहा कि आपसे नहीं हो पाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि 4 जून के बाद मोदी सरकार तो बनेगी ही और भी बहुत कुछ होने वाला है। 

राहुल गांधी के खटा खट खटा खट वाले बयान पर पीएम मोदी ने कई बार तंज कसा। कहा कि चार जून के बाद इंडी गठबंधन टूटकर बिखर जाएगा खटा खट खटा खट। पराजय के बाद बली के बकरे को खोजा जाएगा खटा खट खटा खट। लखनऊ वाले शहजादे (अखिलेश यादव) और दिल्ली वाले शहजादे (राहुल गांधी) गर्मियों की छुट्टियां मनाने देश से निकल जाएंगे खटा खट खटा खट। ये दोनों लोग खटा खट खटा खट भाग जाएंगे। तब हम ही रह जाएंगे।  

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन वाले दस साल से सत्ता से बाहर हैं। इनकी काली कमाई खत्म हो गई है। इसलिए इनकी नजर देश की तिजोरी पर है। आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने के आरोपों पर पीएम मोदी ने पलटवार किया। कहा कि कर्नाटक-तेलंगाना में कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण अल्पसंख्यकों को दे दिया है। संविधान बदलकर पूरे देश में यही करना चाहते हैं। सपा वाले इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। इनकी तुष्टिकरण यहीं नहीं रुकी है। यह लोग मोदी के खिलाफ वोट जिहाद कर रहे हैं। उनके लोगों ने ही बताया कि उनकी सरकार बनी तो रामलला को फिर टेंट मे भेज देंगे और राम मंदिर पर ताला लगा देंगे।

मोदी है तो उनके लिए नामुमकिन है

उन्होंने कहा कि मोदी के रहते धर्म के नाम पर दलितों-पिछड़ों के आरक्षण की लूट यह लोग सोच भी नहीं सकेंगे। मोदी है तो नामुमकिन है। मोदी के रहते रामलला टेंट में जाएं वह दिन नहीं आ सकता। ऐसे लोगों को देश टेंट में रहने को मजबूर कर देगा। आपकी संपत्ति वोट जिहाद करने वालों को बांटा जाए, यह मोदी नहीं करने देगा। सपा की राजनीति का सबसे ज्यादा नुकसान यूपी को हुआ है। परिवारवाद, तुष्टिकरण से प्रदेश पीछे चला गया था। अब फिर से विकास की पटरी पर है।

इंडिया की फुटबॉल टीम के कप्तान ने किया संन्यास का ऐलान, जानिए, इस दिन खेलेंगे फीफा विश्वकप का आखिरी मैच

भारत के सबसे बड़े फुटबॉलर सुनील छेत्री ने संन्यास का ऐलान कर दिया है. भारतीय कप्तान ने कहा कि वह कुवैत के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप (Fifa World Cup) क्वालीफिकेशन मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कह देंगे. यह मैच 6 जून को खेला जाएगा. सुनील छेत्री ने भारत के लिए 150 मैच खेले हैं. उन्होंने इन मैचों में 94 गोल किए हैं.

सुनील छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल मैचों में सबसे अधिक गोल करने वाले टॉप-5 फुटबॉलर्स में शामिल हैं. सबसे अधिक 128 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम है. ईरान के अली देई (108) दूसरे और लियोनेल मेसी (106) तीसरे नंबर पर हैं. इन तीनों के बाद सुनील छेत्री हैं. मलेशिया के मुक्तार देहारी (89) पांचवें नंबर पर हैं.

सुनील छेत्री ने गुरुवार को सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर अपने संन्यास की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘एक दिन ऐसा है जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता. मैं अक्सर याद करता हूं कि जब मैंने पहली बार अपने देश के लिए खेला था. यह अविश्वसनीय था. नेशनल टीम के मेरे पहले कोच सुखी सर एक दिन सुबह मेरे पास आए और उन्होंने कहा- तुम आज करियर शुरू करने जा रहे हो? मैं बता नहीं सकता कि मैं उस वक्त कैसा महसूस कर रहा था. मैंने अपनी जर्सी ली और उस पर कुछ परफ्यूम छिड़का… मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा क्यों किया.’

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान मोबाइल पर प्रतिबंध , दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, राज्य की मुख्य सचिव ने जारी किया बयान

देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर लाखों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। हर दिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या की वजह से प्रशासन ने भी व्यवस्था बनाए रखने में पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने चार धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि इससे यात्रियों के लिए बनाई गई व्यवस्था में दिक्कत हो रही थी। उत्तराखंड सरकार की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में बयान जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही चार धाम यात्रा पर आने की अपील की है। ऐसा न करने पर उन श्रद्धालुओं को रास्ते से ही लौटा दिया जाएगा। उत्तराखंड सरकार के आदेश के मुताबिक अब केदारनाथ , बद्रीनाथ , यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लग गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में दिशा -निर्देश जारी करते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इस दौरान कई लोग ऐसे भी पहुँच रहे हैं जो आस्था नहीं बल्कि केवल घूमने के लिए आ रहे हैं और उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुँच रही है। कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि यहाँ आस्था को कोई ठेस न पहुँचाए। धार्मिक भावनाएँ आहत नहीं होनी चाहिए। इसीलिए मोबाइल फोन पर बैन लगाने जैसा कदम उठाया गया है। सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा पर दुष्प्रचार करने वाले तथा यात्रा के सम्बन्ध में फेक न्यूज या वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर यात्रियों के लिए भोजन , पानी , शौचालय आदि की अच्छी व्यवस्था की गई है। कहीं भी कोई भगदड़ अब तक नहीं मची है। अगर कोई ऐसी अफवाह फैलाता है तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सारी व्यवस्था की गई है। हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएँ। बहुत सख्त जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर बिना रजिस्ट्रेशन के कोई गाड़ी दिखती है या यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के उत्तराखंड में पहुँचते हैं तो जाँच में पकड़े जाते ही उन्हें तुरंत लौटा दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ही इसीलिए की गई है ताकि श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से सरकार व्यवस्था बनाए रख सके।

स्वाति मालीवाल मामले में केजरीवाल ने ओढ़ी चुप्पी, सवाल उठने पर अखिलेश के तरफ खिसकाई माइक

#delhicmkejriwalremainedsilentonswati_maliwal

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 4 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब आगामी 3 चरणों के लिए चुनाव प्रचार जारी है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को लखनऊ पहुंचे हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। यहां केजरीवाल से आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल से जुड़े विवाद के मुद्दे पर भी सवाल पूछा गया लेकिन केजरीवाल ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।हालांकि इस दौरान अखिलेश यादव ने बात को दूसरी तरफ मोड़ दिया।

दरअसल जब कांफ्रेंस में स्वाति मालीवाल से जुड़ा सवाल पूछा गया तो दिल्ली सीएम बचते दिखें। स्वाति मालीवाल से जुड़ा सवाल बार-बार पूछे जाने पर अखिलेश ने बोलना शुरू किया और उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा और भी जरूरी चीजें है। इसके बाद केजरीवाल के कहने पर माइक संजय सिंह की तरफ खिसका दिया गया।इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वाति मालीवाल से भी बड़े मुद्दे हैं। 

वहीं, बाद में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी बचाव की मुद्रा में दिखे। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें जो भी जवाब देना था वह पहले ही दे चुके हैं। इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक परिवार है। संजय सिंह ने इस बीच मणिपुर का मुद्दा भी उठा दिया। संजय सिंह ने कहा कि जब स्‍वाति मालीवाल जंतर मंतर पर पहलवान बेटियों के लिए न्‍याय मांगने पहुंची थी तो पुलिस ने उन्‍हें सड़कों पर घसीटा तक था। पीएम ने तब इस पर जवाब क्‍यों नहीं दिया? इस तरह न तो केजरीवाल और न ही संजय सिंह की तरफ से इस मुद्दे पर खुलकर कोई जवाब दिया गया।

स्वाति मालीवाल के साथ कथित बदसलूकी मामला क्या है

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने 13 मई को आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर उनके निजी सचिव विभव कुमार ने उनके साथ बदसलूकी की थी। घटना मुख्यमंत्री आवास के भीतर होने और उनके निजी सचिव का नाम इसमें शामिल होने के कारण विपक्ष को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए बड़ा हथियार मिल गया। इस घटना से कई अहम सवाल भी पैदा हुए हैं।

स्वाति मालीवाल विवाद पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने दी टिपण्णी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अगर महिला के खिलाफ कोई अत्याचार होता है तो वह उसके साथ खड़ी होंगी। "अगर कहीं भी किसी महिला के साथ कोई अत्याचार होता है, तो हम उस महिला के साथ खड़े हैं, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों। 

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन जाकर आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार ने सीएम आवास पर उनके साथ मारपीट की। आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ हुई घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि केजरीवाल ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

“कल एक बहुत ही निंदनीय घटना घटी। स्वाति मालीवाल अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम आवास पहुंचीं, जब वह ड्राइंग रूम में केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं, तब विभव कुमार (सीएम के निजी सचिव) वहां पहुंचे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया, ”सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।

स्वाति मालीवाल ने 112 नंबर पर पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी। दिल्ली के सीएम ने पूरी घटना का संज्ञान लिया है और मामले में सख्त कार्रवाई के लिए कहा है।''

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को 17 मई को पेश होने के लिए बुलाया है। इस घटना ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है और भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में चुप्पी बनाए रखने के लिए केजरीवाल पर हमला बोला है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''केजरीवाल की चुप्पी बहुत कुछ कहती है। जेल से बाहर, वह मुख्यमंत्री से ज्यादा 'गुंडा' हैं।'' उन्होंने कहा कि कुमार को लखनऊ में मुख्यमंत्री के साथ देखा गया था। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

केजरीवाल पर दिए बयान को लेकर अमित शाह पर भड़के कपिल सिब्बल, बोले-उनको कानून की जानकारी नहीं

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अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिए एक बयान को लेकर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। शाह ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक टिप्पणी की थी जिसे सिब्बल ने आपत्तिजनक बताया। बता दें कि15 मई को अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनका मानना है कि यह कोई रूटीन जजमेंट नहीं है. इस देश में बहुत से लोग मानते हैं कि स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया है।

कपिल सिब्बल ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'विशेष छूट' करार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह की कानूनी समझ पर सवाल उठाया है। राज्यसभा सांसद और जानेमाने वकील सिब्बल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री को कानून के बारे में जानकारी होती तो वो ऐसी टिप्पणी नहीं करते। सिब्बल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'अमित शाह ने बेहद आपत्तिजनक बयान दिया है और सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दी गई विशेष छूट है। उन्होंने बेहद चतुराई से कहा, 'लोग कहते हैं।' आपने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि आप उन लोगों पर विश्वास करते हैं। 'लोग कहते हैं' के पीछे मत छिपिए। गृह मंत्री को कानून के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।'

सिब्बल ने कहा, 'आज मैं उन्हें समझाऊंगा कि अगर किसी को 2-3 साल से ज्यादा की सजा हो जाती है और अगर उसकी सजा पर रोक लग जाती है, तो वह नामांकन दाखिल कर सकता है और चुनाव लड़ सकता है। अगर किसी पर चार्जशीट दाखिल की जा रही है, तो वह प्रचार भी कर सकता है और नामांकन भी दाखिल कर सकता है। जैसे बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दाखिल है तो वो अपने बेटे के लिए प्रचार क्यों कर रहे हैं? जिस पर आरोप लगे हैं, वह प्रचार क्यों नहीं कर सकता, क्यों? मेरा मानना है कि गृह मंत्री को कानून की इतनी जानकारी नहीं है। अगर उन्हें इस बारे में पता होता तो वह इस तरह के बयान नहीं देते।

इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने अमित शाह के पीओके पर कब्जा करने के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि अमित शाह ने कहा कि 400 सीट आने पर पीओके पर कब्जा कर लेंगे, क्या 400 सीट नहीं आई तो पीओके नही लेंगे? हम चाहते हैं कि पीओके जरूर लें। अमित शाह ने इंटरव्यू में कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है और इस पर हमारा अधिकार है, 130 करोड़ की आबादी वाला देश क्या किसी से डरकर अपने अधिकार जाने देगा. सिब्बल ने कहा कि चीन ने 4000 किलोमीटर लिया है पहले उस पर भी लाल आंख दिखाइए, उनके पैरों से जमीन खिसक गई है, 400 क्या 200 भी पार करना मुश्किल है।

रामलल्ला तो आ गए, अब सीता माँ को लेकर आना है : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी बिहार के सीतामढी में देवी सीता का मंदिर बनाएगी। “हम, भाजपा 'वोट बैंक' से नहीं डरते। पीएम मोदी ने अयोध्या में रामलला का मंदिर तो बनवा दिया है,अब जो काम बाकी है वो मां सीता की जन्मस्थली पर भव्य स्मारक बनाने का है। जिन लोगों ने खुद को राम मंदिर से दूर रखा, वे ऐसा नहीं कर सकते, लेकिन अगर कोई मां सीता के जीवन जैसा आदर्श मंदिर बना सकता है, तो वह नरेंद्र मोदी हैं, वह बीजेपी है,'' एएनआई ने एक रैली में मंत्री ने कहा। 

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान राम की पत्नी सीता, एक मिट्टी के बर्तन से जीवित हो गईं, जब राजा जनक सीतामढी के पास कहीं खेत में हल चला रहे थे।

देवी सीता मंदिर के लिए शाह की वकालत इस साल जनवरी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह की अध्यक्षता करने के महीनों बाद आई है। बिहार के 40 निर्वाचन क्षेत्रों में से सीतामढ़ी में 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा।

रैली के दौरान, अमित शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद की आलोचना की, जिनकी पार्टी विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक की सदस्य है।

उन्होंने कहा, "आज लालू यादव सत्ता की राजनीति के लिए, अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी की गोद में जाकर बैठ गए हैं, जिसने अपना पूरा जीवन पिछड़ों और अति पिछड़ों का विरोध करते हुए बिताया है।"

शाह ने कहा, "कांग्रेस, राजद ने कभी भी बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के बारे में नहीं सोचा था, यह मोदी सरकार ने किया।" "बिहार को 'जंगलराज' नहीं, 'विकासराज' चाहिए।"

2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतीं थी।

पाक अधिकृत कश्मीर पर नियंत्रण को लेकर जयशंकर का नेहरू पर कटाक्ष

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सूक्ष्मता से निशाना साधते हुए कहा कि (पीओके) पर नियंत्रण का नुकसान "किसी की कमजोरी या गलती" से हुआ। 'विश्वबंधु भारत' नामक एक कार्यक्रम में, जयशंकर से चीन की ओर से संभावित प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया था कि अगर भारत 'लक्ष्मण रेखा' पार करता है और पीओके को भारत संघ में एकीकृत करता है, यह देखते हुए कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है, की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है । उन्होंने भारत के कार्यों को सीमित करने वाली 'लक्ष्मण रेखा' की धारणा को खारिज कर दिया और कहा, ''मुझे नहीं लगता कि 'लक्ष्मण रेखा' जैसी कोई चीज है। मुझे लगता है कि पीओके भारत का हिस्सा है और किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है।''

चीन में पूर्व राजदूत के रूप में अपने अनुभव का लाभ उठाते हुए, जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बीजिंग के सहयोग की आलोचना की, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के संबंध में। "मैं चीन का राजदूत था, और हम सभी चीन की पिछली हरकतों और पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के बारे में जानते हैं... इसका पुराना इतिहास है। हमने उन्हें बार-बार बताया कि यह भूमि, न तो पाकिस्तान की है और न ही चीन इस पर अपना दावा करता है। यदि कोई है तो संप्रभु दावेदार, यह भारत है। आप कब्जा कर रहे हैं, आप वहां निर्माण कर रहे हैं, लेकिन कानूनी स्वामित्व मेरा है।'' जयशंकर ने बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच 1963 के सीमा समझौते की ओर भी इशारा किया, जहां पाकिस्तान ने लगभग 5,000 किमी क्षेत्र चीन को सौंप दिया था। 

"1963 में, पाकिस्तान और चीन अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए, और चीन को करीब रखने के लिए, पाकिस्तान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले लगभग 5,000 किमी क्षेत्र को चीन को सौंप दिया। कभी-कभी लोग सिर्फ क्षेत्र हड़प लेते हैं और फिर बात यह है कि इसका समाधान कैसे किया जाए।''

"मुझे लगता है कि हमें अपनी स्थिति बहुत मजबूत रखने की ज़रूरत है, हमें खुद पर भरोसा रखने की ज़रूरत है। दस साल पहले, आप में से कोई भी इस तरह से बात नहीं करता था, यह एक बदलाव है... यहां तक कि भारतीय जनता को भी इस पर भरोसा है।"

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण से पहले पीओके का मुद्दा उठाया है, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि भाजपा के लिए 400 सीटें भारत के साथ विवादित क्षेत्र का एकीकरण सुनिश्चित करेंगी। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का है और देश इसे "किसी भी कीमत पर" वापस लेगा।

कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के बाद कोवैक्सिन ने बढ़ाई टेंशन, स्टडी में साइड इफेक्ट्स का दावा

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कोरोना महामारी के वक्त पूरी दुनिया मानो जैसे थम सी गई थी। इससे बचाव के लिए बड़े पैमाने पर लोगों ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगवाए थे। लेकिन अब इन दोनो टीकों के साइड इफेक्ट सामने आने लग गए हैं। कोविशील्ड बनने वाली ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनिका ने पिछले दिनों वहां की एक अदालत में टीके साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार की। इसके बाद अब कोवैक्सीन के भी साइड इफेक्ट की बात सामने आई रही है।कोविशील्ड के बाद अब कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट को लेकर एक स्टडी सामने आई है। स्प्रिंगरलिंक पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला किशोरों और जिन लोगों को पहले कभी एलर्जी हुई है, उनमें कोवैक्सिन लेने के बाद एईएसआई होने का खतरा ज्यादा होता है।

इकोनॉमिक टाइम्स ने साइंस जर्नल स्प्रिंगरलिंक में पब्लिश हुई एक रिसर्च के हवाले से लिखी है। रिसर्च के मुताबिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी में हिस्सा लेने वाले लगभग एक तिहाई लोगों में कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं। इन लोगों में सांस संबंधी इन्फेक्शन, ब्लड क्लॉटिंग और स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि टीनएजर्स, खास तौर पर किशोरियों और किसी भी एलर्जी का सामना कर रहे लोगों को कोवैक्सिन से खतरा है।बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शंख शुभ्रा चक्रवर्ती और उनकी टीम द्वारा की गई स्टडी में बताया गया है कि स्टडी में शामिल एक साल के फॉलो-अप के दौरान ज्यादातर एईएसआई बनी रही।

स्टडी में वैक्सीन से होने वाली 3 समस्याएं सामने आईः

1. लोगों में सांस संबंधी इन्फेक्शन बढ़ रहा

स्टडी करने वाले शंख शुभ्रा चक्रवर्ती ने कहा, "हमने उन लोगों का डेटा कलेक्ट किया जिन्हें वैक्सीन लगे एक साल हो गया था। 1,024 लोगों पर स्टडी हुई। इनमें से 635 किशोर और 291 वयस्क शामिल थे।" स्टडी के मुताबिक, 304 (47.9%) किशोरों और 124 (42.6%) वयस्कों में सांस संबंधी इन्फेक्शन (अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) देखे गए। इससे लोगों में सर्दी, खांसी जैसी समस्याएं देखी गईं।

2. स्किन से जुड़ी बीमारियां देखी गईं

स्टडी में पाया गया कि स्टडी में हिस्सा लेने वाले टीनएजर्स में स्किन से जुड़ी बीमारियां (10.5%), नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर (4.7%) और जनरल डिसऑर्डर (10.2%) देखे गए। वहीं, वयस्कों में जनरल डिसऑर्डर (8.9%), मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़े डिसऑर्डर (5.8%) और नर्वस सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर (5.5%) देखे गए।

3. गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) भी हो सकता है

कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स पर हुई स्टडी में 4.6% किशोरियों में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं (अनियमित पीरियड्स) देखी गईं। प्रतिभागियों में आंखों से जुड़ी असामान्यताएं (2.7%) और हाइपोथायरायडिज्म (0.6%) भी देखा गया। वहीं, 0.3% प्रतिभागियों में स्ट्रोक और 0.1% प्रतिभागियों में गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) की पहचान भी हुई।

स्टडी में 1,024 शामिल लोगों में से 635 किशोरों और 291 वयस्कों से 1 साल के फॉलो-अप के दौरान संपर्क किया गया। स्टडी में बताया गया है कि 304 (47.9%) किशोरों और 124 (42.6%) वयस्कों में ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण की सूचना मिली। इस स्टडी में यह भी पाया गया कि 4.6% महिला प्रतिभागियों को मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं हुईं। 2.7% प्रतिभागियों में आंखों से जुड़ी समस्याएं देखी गईं और 0.6% में थायराइड की कमी पाई गई। इसके अलावा स्टडी में लोगों को यह समस्या भी हुई।

सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल के भाषणों पर ईडी ने जताई आपत्ति, कहा-ये सिस्टम के मुंह पर तमाचा मारने जैसा

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दिल्ली शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की।इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान का जिक्र किया।जनरल तुषार मेहता ने कहा, केजरीवाल कहते हैं कि अगर आप झाड़ू को वोट देंगे, तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। यह संस्था के मुंह पर तमाचा मारने जैसा है।

सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी सही नहीं थी। इस वजह से उनकी रिमांड भी सहीं नहीं थी।लेकिन ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में किसी भी प्रक्रिया का उल्लंघन नहीं हुआ है।इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि इस मुद्दे पर बहस करें कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।कोर्ट ने कहा कि अगर इस मामले में धारा 19 का उल्लंघन हुआ है तो अदालत दखल दे सकती है।इस मामले में इन्होंने पहले याचिका दाखिल की थी लेकिन हमने उस समय सुनवाई नहीं की थी।

पीठ ने कहा, 'हमने किसी के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया है, हमने अपने आदेश में वही कहा जो हमें उचित लगा।' पीठ ने कहा कि फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का 'स्वागत' है।

शीर्ष अदालत अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की मुख्य याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने 10 मई को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। कोर्ट ने उन्हें 2 जून को सरेंडर करने को कहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।