भगवान् कृष्ण की बाल लीला को सुन भावविभोर हुए श्रोता
अमानीगंज के टंडवा गाँव में हो रही सप्त दिवसीय श्रीमदभागवत कथा
मिल्कीपुर अयोध्या।मिल्कीपुर तहसील के टंडवा गाँवमें आयोजित की जा रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। इसमें भगवान के जन्म लेने से लेकर कंस वध के प्रसंग का वर्णन किया गया।
कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाते कथाव्यास दशरथ गददी अयोध्या के कथावाचक देवेंद्र पाठक महराज ने कि कृष्ण के पैदा होने के बाद राजा कंस द्वारा उनकी मृत्यु कराने के लिए अपने राज्य की बलशाली राक्षसी पूतना को गोकुल धाम भेजते हैं। पूतना वेष बदलकर गोकुल धाम पहुंचती है और भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु जैसे ही भगवान कृष्ण पूतना का दूध पीते हैं तो पूतना की मौत हो जाती है।
उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्ना करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने के की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। भगवान कृष्ण की यह बात सुनकर राजा इंद्र क्रोधित हो जाते हैं और अपने क्रोध के चलते गोकुल धाम में भारी वर्षा करते हैं, जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं।
भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं, जिससे हारकर इंद्र एक सप्ताह के बाद बारिश को बंद कर देते हैं, जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं। पूजा आरती के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाया गया, जिसका पंडाल में उपिस्थत श्रोताओं को वितरण किया गया।
जिले के युवा ब्यवसाई भूपेंद्र सिंह महेन्द्र सिंह तथा योगेन्द्र सिंह द्वारा आयोजित कथा की मुख्य यजमान उनकी माता उमा सिंह है कथा के चतुर्थ दिवस रूदौली बिधायक रामचन्द्र यादव, हरिकेश शुक्ल भवानी फेर मिश्र रवि भरद्वाज विमलेश शुक्ल राजेश सिंह रणधीर सिंह विजय पांडेय संदीप आदि सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे।
May 14 2024, 16:48