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पीओके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-सभी दल भी गुलाम कश्मीर की वापसी के लिए प्रतिबद्ध

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारत में वापस आए। उन्होंने कहा है कि संसद में एक प्रस्ताव है, जिसमें देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, जो कि भारत का हिस्सा है, वो भारत में वापस आ जाए।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने धारा 370 को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं, लेकिन हमने उसे भी खत्म किया।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में बोलते हुए बुधवार एस जयशंकर ने 'विश्‍व बंधु भारत' विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखें। इस दौरान विदेश मंत्री ने 370 का जिक्र किया और कहा कि वर्षों से जो सवाल था उसका जवाब भी मिल गया। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र की मोदी सरकार ने 370 को खत्म कर दिया जबकि इसको लेकर लोगों ने अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं।लोगों ने यह मान लिया था कि 370 (अनुच्छेद) को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि जब हमने इसे हटा दिया तो लोगों को इसे स्वीकार करना होगा।जब हमने 370 को खत्म कर दिया, तो अब लोग समझते हैं कि पीओके भी महत्वपूर्ण है।

जयशंकर ने कहा कि आज देशवासियों के मन में गुलाम कश्मीर का मुद्दा भी आ गया है। यदि आपके विचारों में आ गया है तो बाकी चीजें निश्चित रूप से किसी न किसी बिंदु पर पूरी होंगी। इसी तरह से पीओके के बारे में मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि संसद में एक प्रस्ताव है और देश की हर राजनीतिक पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके जो भारत का हिस्सा है, वो भारत को वापस मिल जाए।

राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं ये बात

अभी हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एस जयशंकर ने कहा था कि पीओके इस देश का हिस्सा है, उस हिस्से पर हम किसी और का नियंत्रण स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जयशंकर के वाले बयान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोडेगा। उन्होंने आगे कहा था कि आज कश्मीर की तरक्की देखकर पीओके के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते है। ये दिखाता है कि पीओके पर हमारी सोच कहा तक है। भारत को इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी। जिस तरह कश्मीर में हालात बदल रहे हैं और आर्थिक प्रगति हो रही है, वहां जैसी शांति लौटी है, मुझे यकीन है कि एक दिन पीओके से भी भारत में विलय की मांग उठेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके में हमें किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं करना पडे़गा। वहां के लोग खुद भारत में विलय करेंगे।

क्या है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर?

दरअसल, साल 1947 में भारत जब आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान के रूप में इसके दो हिस्से हुए। तब जम्मू-कश्मीर का अस्तित्व एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर था। हालांकि, 1947 में पाकिस्तान ने अपने सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह कब्जा अभी तक कायम है। इसे भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहता है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अन्य इंटरनेशनल संगठन इसे पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर या पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के रूप में जानते हैं।

तेलंगाना में अमित शाह ने भरी हुंकार, बोले-ये चुनाव मोदी की विकास की गारंटी vs राहुल की चाइनीज गारंटी

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लोकसभा चुनाव के लिए तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है, अब चौथे चरण की वोटिंग का वक्त नजदीक आ गया है। इस बीच सभी दोलों के स्टार प्रचारक धुआंधार चुनाव प्रचार में जटे है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि 2024 का चुनाव राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी है।तेलंगाना के भोंगिर लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘भारतीय गारंटी’ और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘चीनी गारंटी’ के बीच है।

तेलंगाना की रैली में आज गृह मंत्री अमित शाह ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला।अमित शाह ने कहा, यह चुनाव राहुल गांधी के चाइनीज गारंटी के खिलाफ नरेंद्र मोदी की भारतीय गारंटी का है।राहुल गांधी की गारंटी सूर्यास्त तक नहीं चलती है।ये चुनाव ‘जिहाद’ के लिए वोट के खिलाफ विकास के लिए वोट को लेकर हैं। ये चुनाव परिवार के कल्याण के विरुद्ध देश की जनता के कल्याण का चुनाव है।

कांग्रेस, बीआरएस और एआईएमआईएम तुष्टिकरण की तिकड़ी-शाह

अमित शाह ने कांग्रेस, बीआरएस और एआईएमआईएम को तुष्टिकरण की तिकड़ी बताते हुए कहा कि ये पार्टियां रामनवमी जुलूस नहीं निकलने देतीं और सीएए का भी विरोध करती हैं। उन्होंने कहा, ‘ये लोग ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ (17 सितंबर) मनाने की अनुमति नहीं देते हैं। ये लोग सीएए का विरोध करते हैं। ये लोग तेलंगाना को शरिया और कुरान के आधार पर चलाना चाहते हैं।

खरगे पर भी साधा निशाना

गृह मंत्री ने कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, मल्लिकार्जुन खडरगे का कहना है कि तेलंगाना और राजस्थान के लोगों को कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है। दुर्भाग्य से, वह नहीं जानते कि यहां के लोग कश्मीर के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाना मोदी जी द्वारा लिया गया एक ऐतिहासिक निर्णय है, और भारत के लोग इस निर्णय के लिए आभारी भी हैं और गर्व भी करते हैं।

केजरीवाल की बढ़ने वाली है मुसीबत, ईडी कल दाखिल कर सकती है चार्जशीट, शराब घोटाले के किंगपिन के तौर पर नाम दर्ज करने की तैयारी

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन न‍िदेशालय (ईडी) नई चार्जशीट दाखिल करने वाली है।यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट अरविंद केजरीवाल और के. कविता के खिलाफ दायर कर सकती है।दरअसल आबकारी नीति से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुईं के. कविता की गिरफ्तारी को 60 दिन पूरे होने वाले हैं। ऐसे में ईडी कोर्ट में नई चार्जशीट दाखिल कर सकती है। बता दें कि द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में ईडी ने बीआरएस नेता के. कविता को 15 मार्च और द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।

ईडी अपनी चार्जशीट में केजरीवाल का नाम मुख्य साजिशकर्ता और किंगपिन के तौर पर दर्ज करने जा रही है। ईडी का दावा है कि उसने अरविंद केजरीवाल से जुड़े मनी ट्रेल का पता लगा लिया है।ईडी आम आदमी पार्टी, के. कविता और अरविंद केजरीवाल के अलावा भी दो और लोगों के नाम इस चार्जशीट में दाखिल कर सकती है। सूत्रों की मानें तो इस बार चार्जशीट में आप के गोवा के कार्यकर्ता चरणप्रीत सिंह भी नाम शामिल कर सकती है क्योंकि ईडी ने 15 अप्रैल को चरणप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। ईडी ने चरणजीत सिंह पर गोवा विधानसभा चुनाव में आप के फंड मैनेजमेंट का आरोप लगाया है। ईडी का आरोप है कि 'साउथ ग्रुप' के व्यवसायियों द्वारा दी गई रिश्वत की रकम को चुनावी फंडिंग के लिए आप की गोवा इकाई में भेज दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर 10 मई को अपना आदेश सुनाएगा। गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा क‍ि हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे। गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी।

सैम पित्रोदा के चाइनीज-अफ्रीकन वाले बयान पर भड़के रॉबर्ट वाड्रा, बताया “बकवास”

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सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को अपने रंगभेद वाले बयान पर मचे सियासी घमासान के बीच सैम पित्रोदा ने ये कदम उठाया।सैम ने अंग्रेज़ी अख़बार को दिए इंटरव्यू में पश्चिम में रहने वालों की तुलना अरब, उत्तर भारत के लोगों की तुलना गोरों, दक्षिण भारत में रहने वालों की तुलना अफ्रीका और पूर्व में रहने वाले लोगों की तुलना चीन में रहने वाले लोगों से की थी। भारतीयों के रंग के लेकर की गई इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने भी किनारा कर लिया था।हालांकि इस्तीफा देने के बाद भी पित्रोदा अपनों के निशाने पर हैं।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने पित्रोदा बयान पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने पित्रोदा के बयान को 'बकवास' करार दिया है।

सैम पित्रोदा के विवादित बयानों पर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अगर कोई रिटायर होकर दुनिया के किसी कोने में बैठा है, तो वह चाहता है कि उसका नाम ऊंचा हो और उसी के लिए वो फालतू के बयान देता है।रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि सुर्खियों में बने रहने के लिए अगर पित्रोदा सोफे पर बैठकर कुछ भी कहते हैं, तो वो केवल बकवास है। जब वाड्रा से पूछा गया कि क्या सैम पित्रोदा बीजेपी के इशारे पर टिप्पणी कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वाड्रा ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि इससे पहले वो कुछ और बोलें उन्हें रिटायर कर देना चाहिए। 

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, … जब आप इस(गांधी) परिवार से जुड़े होते हैं, तो बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है, आपको कोई भी कदम उठाने से पहले सोचना होगा। सैम पित्रोदा ने जो कहा है, उससे मैं बिल्कुल असहमत हूं. उन्होंने बकवास की बात की है। जो व्यक्ति इतना पढ़ा-लिखा हो वह ऐसा कैसे कह सकता है? वाड्रा ने कहा कि वे राजीव गांधी के बहुत करीबी थे लेकिन उन्हें थोड़ा जिम्मेदार होना चाहिए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके एक बयान से बीजेपी को अनावश्यक मुद्दे उठाने का मौका मिल जाता है।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व चेयरमैन सैम पित्रोदा ने अंग्रेज़ी अख़बार को दिए इंटरव्यू में भारतीयों की विविधता का जिक्र करते हुए टिप्पणी की थी। वह भारत के विविधतापूर्ण संस्कृति पर अपने विचार रख रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह विवादित बयान दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि उत्तर भारत के लोग तो सफेद गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं। इस बयान में आगे पित्रोदा ने कहा कि दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि भारत जैसे विविधता वाले देश में फिर भी सभी एक साथ रहते हैं।

*राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से पैसे लिए! पहली बार दोनों उद्योगपतियों का नाम लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला, मिले ये जवाब*
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आज तक कांग्रेस ने अडानी-अंबानी के नाम पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरा है। उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अदानी का नाम अकसर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों में सुनाई देता रहा है। हालांकि, अब स्थिति बदलती दिख रही है। अब अडानी-अंबानी के नाम पर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला करने के लिए नया सियासी हथियार मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि जब से चुनाव घोषित हुआ है, इन्होंने (राहुल गांधी) अंबानी, अदानी को गाली देना बंद कर दिया। यही नहीं, उन्होंने कांग्रेस पर सभी हमलों को रोकने के लिए अडानी और अंबानी से काला धन उठाने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अंबानी और अडानी को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता हमलावर हो रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बयान का जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के टेम्पु का ड्राइवर कौन और खलासी कौन है, यह पूरा देश जानता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा, वक्त बदल रहा है। दोस्त दोस्त ना रहा। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पीएम मोदी पर सियासी हमला किया। गहलोत और डोटासरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए बयान जारी करते हुए कहा कि अब तो पीएम मोदी ने भी मान लिया है कि अडानी और अंबानी के पास कालाधन है। राहुल गांधी का पीएम मोदी को जवाब अडानी-अंबानी पर पीएम मोदी के बयान पर राहुल गांधी ने जवाब दिया। राहुल गांधी ने कहा, "नमस्कार मोदी जी, थोड़ा सा घबरा गए क्या। आमतौर पर आप बंद कमरों में अदानी और अंबानी जी की बात करते हो। आपने पहली बार पब्लिक में अंबानी, अदानी बोला। आपको ये भी मालूम है कि ये टेम्पो में पैसा देते हैं। निजी अनुभव है क्या?" राहुल बोले, "एक काम कीजिए, सीबीआई और ईडी को इनके पास भेजिए। पूरी जानकारी करिए। जांच करवाइए। जल्दी से जल्दी करवाइए। घबराइए मत मोदी जी। मैं देश को फिर दोहराकर कह रहा हूं कि जितना पैसा नरेंद्र मोदी जी ने इनको दिया है न.. उतना ही पैसा हम हिंदुस्तान के ग़रीबों को देने जा रहे हैं। इन्होंने 22 अरबपति बनाए हैं। हम करोड़ों लखपति बनाएंगे।" खरगे ने कहा- दोस्त दोस्त ना रहा…! राहुल गांधी ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ट्वीट कर कहा, वक्त बदल रहा है। दोस्त दोस्त ना रहा…! तीन चरणों के चुनाव पूरे हो जाने के बाद आज प्रधानमंत्री जी अपने मित्रों पर ही हमलावर हो गए हैं। इससे पता चल रहा है कि मोदी जी की कुर्सी डगमगा रही है। यही परिणाम के असली रुझान है। आज से पहले नोटों से भरे बोरे कहां खाली होते थे-गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि 'चलो यह खुलासा तो प्रधानमंत्री जी ने बेबाकी से कर ही दिया कि अडानी-अंबानी के पास अकूत कालाधन मौजूद है जिस पर हाथ डालने की हिम्मत वे 10 साल में नहीं कर पाये।' गहलोत ने आगे लिखा कि 'अब मोदी जी को ये भी बता देना चाहिए कि आज से पहले नोटों से भरे बोरे और टेम्पो किनके यहां खाली होते थे। क्या कहा था पीएम मोदी ने? तेलंगाना के करीमनगर में पीएम मोदी ने बुधवार को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस से प्रश्न पूछा कि आखिर लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद अंबानी और अडानी का नाम लेना क्यों बंद कर दिया? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस के शहजादे पिछले 5 साल से सुबह उठते ही माला जपना शुरू करते थे। जबसे उनका राफेल वाला ग्राउंडेड हो गया। तब से उन्होंने एक नई माला जपना शुरू किया। 5 साल से एक ही माला जपते थे, '5 उद्योगपति', फिर धीरे-धीरे कहने लगे 'अंबानी', 'अडानी'। पीएम मोदी ने कहा, ''लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है, इन्होंने अंबानी, अदाणी को गाली देना बंद कर दिया है।ग्रेस के शहजादे से पूछना चाहता हूं कि उन्हें अडानी, अंबानी से कितना माल मिला है? कालाधन के बोरे भर के रुपए मारे हैं? क्या सौदा हुआ है कि आपने रातों-रात अंबानी, अडानी को गाली देना बंद कर दिया। जरूर दाल में कुछ काला है।
कल है अक्षय तृतीया, इस विधि से करें पूजा, जल्द प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी, खरीदारी और दान दक्षिणा का भी है विशेष महत्व

इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन विशेष वस्तुओं की खरीदारी तथा दान-धर्म का कार्य करना बेहद ही शुभ माना जाता है. किन्तु, इस दिन सोना खरीदना भी बेहद शुभ बताया गया है. इस बार अक्षय तृतीया बहुत ही विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस बार अक्षय तृतीया पर धन योग, गजकेसरी योग, शुक्रादित्य योग, रवि योग एवं सुकर्मा योग का निर्माण होने जा रहा है. अक्षय तृतीया पूजा विधि अक्षय तृतीया के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें तथा पूजा का संकल्प लें. एक चौकी पर नारायण एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. फिर पंचामृत एवं गंगाजल मिले जल से स्नान कराएं. इसके बाद चंदन एवं इत्र लगाएं. फिर पुष्प, तुलसी, हल्दी या रोली लगे चावल, दीपक, धूप आदि अर्पित करें. संभव हो तो सत्यनारायण की कथा का पाठ करें या गीता का 18वां अध्याय पढ़ें. भगवान के मंत्र का जाप करें. इसके अतिरिक्त नैवेद्य अर्पित करें तथा अंत में आरती करके अपनी भूल की क्षमा याचना करें. अक्षय तृतीया का महत्व अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है. इस दिन देवी लक्ष्मी की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. माता लक्ष्मी के साथ प्रभु श्री विष्णु की पूजा भी अवश्य करें. ऐसा करने से घर में सदैव खुशहाली बनी रहेगी. अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होता है तो इस दिन किया गया हर काम शुभ और फलदायी होता है.
भारत में तेजी से घट रही है हिंदुओं की आबादी, 65 सालों में मुसलमानों की जनसंख्या में 43 फीसदी का इजाफा

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भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने ये आंकड़ा जारी किया है। सरकारी पैनल ने 65 साल की स्टडी की है, जिसमें ये खुलासा हुआ। भारत ही नहीं, नेपाल और म्यांमार में भी हिंदुओं की संख्या घटी है। स्टडी के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी 18 पर्सेंट बढ़ी है तो पाकिस्तान में ये आंकड़ा 10 फीसदी है।

इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हो गई है। वहीं, इसी दौरान मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आसान भाषा में समझें तो 1950 में हिंदू 84.68 प्रतिशत थे। हालांकि, 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 78.06 फीसदी पर आ गई। इस दौरान हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई। वहीं, 1950 में मुस्लिम भारत में 9.84 फीसदी थे। 2015 में बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 14.09 फीसदी हो गई है। 1951-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का इजाफा देखा गया।

बांग्लादेश-पाकिस्तान, नेपाल में भी घटे हिंदू

इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई। 1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में इस तरह की सबसे बड़ी वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में मुसलमानों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई। नेपाल में तीन प्रमुख धर्मों में से बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 4 प्रतिशत की गिरावट आई। बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मुस्लिम आबादी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

म्यांमार में बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट

दक्षिण एशियाई देशों में 65 साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में 64.28 से बढ़कर 67.65 फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह 71.44 फीसद से बढ़कर 84.07 फीसद पहुंच गई।

भारत में तेजी से घट रही है हिंदुओं की आबादी, 65 सालों में मुसलमानों की जनसंख्या में 43 फीसदी का इजाफा*
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भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल ने ये आंकड़ा जारी किया है। सरकारी पैनल ने 65 साल की स्टडी की है, जिसमें ये खुलासा हुआ। भारत ही नहीं, नेपाल और म्यांमार में भी हिंदुओं की संख्या घटी है। स्टडी के मुताबिक, मुस्लिम बहुल देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुसलमानों की संख्या बढ़ी है। बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी 18 पर्सेंट बढ़ी है तो पाकिस्तान में ये आंकड़ा 10 फीसदी है। इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हो गई है। वहीं, इसी दौरान मुस्लिमों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आसान भाषा में समझें तो 1950 में हिंदू 84.68 प्रतिशत थे। हालांकि, 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 78.06 फीसदी पर आ गई। इस दौरान हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी हुई। वहीं, 1950 में मुस्लिम भारत में 9.84 फीसदी थे। 2015 में बढ़ोतरी के साथ ये संख्या 14.09 फीसदी हो गई है। 1951-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का इजाफा देखा गया। *बांग्लादेश-पाकिस्तान, नेपाल में भी घटे हिंदू* इसके विपरीत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में वहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की संख्या बढ़ गई और अल्पसंख्यकों की संख्या सिमट गई। 1971 में अस्तित्व में आए बांग्लादेश में मुसलमानों की आबादी में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में इस तरह की सबसे बड़ी वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में मुसलमानों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। अफगानिस्तान में भी मुस्लिम आबादी 88.75 फीसद से बढ़कर 89.01 फीसद पहुंच गई। नेपाल में तीन प्रमुख धर्मों में से बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 4 प्रतिशत की गिरावट आई। बौद्ध आबादी की हिस्सेदारी में 3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मुस्लिम आबादी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। *म्यांमार में बौद्ध आबादी में भी आई गिरावट* दक्षिण एशियाई देशों में 65 साल में आए जनसांख्यिकी परिवर्तन की तस्वीर पेश करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में बहुसंख्यक बौद्ध आबादी 78.53 फीसद से घटकर 70.80 फीसद रह गई है। जबकि श्रीलंका में बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी में 64.28 से बढ़कर 67.65 फीसद हो गई है। श्रीलंका की तरह ही भूटान में भी बौद्धों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह 71.44 फीसद से बढ़कर 84.07 फीसद पहुंच गई।
खालिस्तान आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में रूस की अमेरिका को दो टूक, कहा-बेबुनियाद आरोप लगाना भारत का अपमान

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश रचने वाले आरोपों पर रूस ने भारत को साथ दिया है। उसने पन्नू की हत्या के प्रयास की साजिश के मामले में भारत पर लगातार निराधार आरोप लगाने के लिए अमेरिका को आड़े हाथों लिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने भारत पर लगाए गए अमेरिका के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है।रूस ने कहा कि वाशिंगटन ने अब तक कोई विश्वसनीय जानकारी या सबूत नहीं दिया है, जिससे यह साबित हो सके कि गुरपतवंत सिंह पन्‍नू की हत्‍या की साजिश रचने में भारत किसी भी तरह से संलिप्‍त था।

अमेरिका ने नहीं दिया कोई सबूत

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा से प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पन्नू को मारने की साजिश रचने वाले आरोपों पर सवाल किया गया था। इस पर जवाब देते हुए जखारोवा ने कहा, "हमारी जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने अभी तक ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया है, जिससे सिद्ध हो सके कि भारत पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल था। धार्मिक आजादी के उल्लंघन की बात अमेरिका की भारत को लेकर कमजोर समझ को दर्शाती है।"

भारत का एक संप्रभु देश के तौर पर अपमान

रूसी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि अमेरिका भारत ही नहीं कई और देशों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है। उनकी कार्रवाई स्पष्ट रूप से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप दिखाती है। अमेरिका ऐसा कर भारत का एक संप्रभु देश के तौर पर अपमान कर रहा है। जाखारोवा ने आगे कहा कि अमेरिका भारत के खिलाफ लगातार झूठे आरोप लगा रहा है। उसे भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की समझ नहीं है।

एयर इंडिया एक्सप्रेस का ‘मास सिक लीव’ मामले में बड़ा एक्शन, सामूहिक छुट्टी पर गए 25 कर्मचारी निष्कासित

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एयर इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइंस ने सामूहिक छुट्टी पर गए कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती दिखी है।एअर इंडिया एक्सप्रेस ने ‘सिक लीव’ पर गए कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है और टर्मिनेशन लेटर थमा दिया है। बताया जा रहा है कि सिक लीव पर गए कर्मचारियों में से 25 को निष्कासित कर दिया है। क्रू मेंबर्स में से एक को भेजे गए टर्मिनेशन लेटर में एयरलाइन ने कहा कि केबिन क्रू मेंबर्स का “लगभग एक ही समय में बीमार” होना इस बात की ओर इशारा करती है कि वह उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया है। बता दें कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को सामूहिक छुट्टी लेने से एयर इंडिया एक्सप्रेस की कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं थी। इसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

रिपोर्ट की मानें तो एअर इंडिया एक्सप्रेस ने बुधवार को कुछ सीनियर केबिन क्रू सदस्यों का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया, जिन्होंने ‘बीमार होने’ की सूचना दी थी, जिससे कंपनी को उड़ान संचालन में बाधा उत्पन्न हुई थी। ड्यूटी पर नहीं आने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के पीछे के कारण का उल्लेख करते हुए एयरलाइंस ने कहा कि बिना किसी उचित कारण के संबंधित कर्मचारी जानबूझकर काम से दूर हुए। उड़ान भरने से ठीक पहले गायब होने की कोई वजह भी नजर नहीं आ रही है। कंपनी का कहना है कि मास लेवल पर सिक लीव लेना भी नियमों का उल्लंघन है।

अपने एक कर्मचारी को भेजे गए बर्खास्तगी के पत्र में एअरलाइन ने कहा कि उड़ान भरने से ठीक पहले भारी संख्या में एअरलाइन चालक दल के सदस्यों के बीमार होने की सूचना मिली। पत्र में कहा गया है कि यह स्पष्ट रूप से बिना किसी उचित कारण के काम से ठीक पहले उनकी जानबूझकर अनुपस्थिति की ओर इशारा करता है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को लिखे बर्खास्तगी पत्र में कहा, ‘आपका कृत्य न केवल सार्वजनिक हित को नुकसान पहुंचाने वाला है, बल्कि इससे कंपनी को शर्मिंदगी, गंभीर प्रतिष्ठा क्षति और गंभीर मौद्रिक नुकसान भी हुआ है।’

बता दें कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू ने कथित कुप्रबंधन के विरोध में बुधवार को सामूहिक छुट्टी ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस का परिचालन लगभग ठप होने से करीब 15 हजार यात्री प्रभावित हुए। एयर इंडिया एक्सप्रेस खाड़ी के देशों में सबसे ज्यादा उड़ानों का संचालन करती है। ऐसे में केबिन क्रू की कमी के चलते भारत से खाड़ी के देशों को जाने वाली कई उड़ानें रद्द हुईं। बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने और यात्रियों की परेशानी को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांगी है और एयरलाइन को कर्मचारियों के साथ मुद्दे तुरंत हल करने को कहा है। 

सूत्रों के मुताबिक, एअर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय होने वाला है, इसलिए दोनों एयरलाइंस के पायलट और केबिन क्रू को लग रहा है कि उनकी जॉब खतरे में है। इसलिए सभी लोग प्रोटेस्ट कर रहे हैं। बीती रात से यह प्रोटेस्ट बड़ा हो गया है, जिसके कारण 70 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल हुई हैं। इनमें मिडल ईस्ट और गल्फ देशों की सबसे ज्यादा फ्लाइट शामिल हैं।