सरायकेला : 15 करोड़ रुपया की लागत से बने पानी की टंकी हाथी का दांत साबित हुआ, विभाग के पदाधिकारी मौन।
सरायकेला : एक तरफ लोकसभा चुनाव दूसरी ओर पानी के दो दो बूंद के लिए तरसते रहे ग्रामीण , कोई किलो मीटर तय करके परिवार के लिए अमृत की तलाश। केंद्र सरकार की लाख प्रयास के बाबजूद अमृत पेयजल योजना से रहा किनारे ,पानी टंकी बने , पाइप लाइन बिछाई गए परंतु घर घर तक पानी नही पहुंचे । करोडो की योजना हाथी की सफेद दांत साबित हुए।
एक तरफ भीषण गर्मी के दौरान नदी नाला तलाव आदि सूखने लगा जिसे मानव जीवन के साथ घरेलू पालतू पशु गाय, भेड़ बकरी, भैंसा,आदि जानवर को पानी की मार झेलना पड़ रहा हे।मनुष्य को पीने के पानी के साथ नहाने के लिए पानी मिलना मुश्किल हो गया।
बामनी नदी सुख जाने से रसुनिया पंचायत के दर्जनों गांव प्रभावित हो गया , और एक एक बूंद पानी के लिए जन जीवन को तरसना पड़ रहा ।घरेलू महिलाओं को घंटो घंटो भर पानी के लिए एक पेयर में खड़े होकर आपने बारी की इंतजार करना पड़ता है । भीषण गर्मी के चलते झुलसा देने वाली धुप से सर चकराने लगता है।
प्रभावित गांव सुखसारी ,तिरुलडीह,रसुनिया, हाथीनादा,रुयानी, पियाल्डीह,कुंगलाठाड़ आदि गांव के बहुल आदिवासी आबादी गांव के महिलाए प्रतिदिन परिवार के लिए माथे में डेकछी, हांडी ,बाल्टी ,में पानी भरकर कशो दूर चलकर जीवन अमृत पानी की संग्रह करते हे। हमारे घरेलू महिलाए कितना कष्ट करके अमृत के एक बूंद इस गर्मी में जरूरत होता है। साथ ही पालतू जानवर पानी के लिए विभिन्न जलाश्य में प्यास बुझाने के लिए चक्कर काटते हे।
एक तरफ लोक सभा चुनाव लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेता नुकुड़ सभा अभियान चलाकर आपने पक्ष में मतदाताओं से मतदान करने के लिए हाथ जोड़कर वोट मांग रहे । ग्रामीणों के लिए महत्व रूप से प्रतिदिन चाहिए उसका मुद्दा आज तक इन नेताओ ने पूरा नहीं किया ।पांच बर्ष के बाद नेता अपनी जीत को लेकर डोर टू डोर पहुंच कर वोट मांग रहे,ओर जीत जाने के बाद आपने सारे बड़े वायदा किए गए भूल जाते हे।
स्वच्छता की मिशाल देखने को मिलेगा ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में मुद्दा ही मुद्दा रहा।
चांडिल पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा विभिन्न पंचायत में निर्मल अमृत पानी की योजना चला रहा हे,केंद्र ओर राज्य सरकार द्वारा परंतु एक भी योजना आप जनता के लिए सुविधा जनक प्राप्त नहीं हुआ ।प्रत्येक गांव में यह योजना हाथी की सफेद दांत साबित हुआ । श्रीफ ठिकेदार ,नेता ,ओर पदाधिकारियों की कमाई की जारिया बना हे।लूट खोसट से भरमार रहा हे,
15 कोरोड की लागत से बर्ष 2022 - 23 में बनने जा रहा हे योजना का पानी टंकी में कोई दरार पड़े हे कभी भी टूट कर गिर सेकते है,ओर बड़ी दुर्घटना को आमंत्री देने का संकेत जाहिर करता है।रसुनिया डुगरी में बने यह पानी की मीनार आज हाथी की सफेद दांत साबित हुआ।कोई योजना गांव गांव में घूमने से पता चलेगा कितना सफलता मिला इस योजना में।
सुकसारी पुनर्वास स्थल एवं आसपास के लोगों को इस वर्ष भी गर्मी में शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पायेगा। करीब 15 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी लोग पेयजल की सुविधा से वंचित हैं। यहां के लोग पिछले पांच साल से पानी का इंतजार कर रहे हैं।
पीएचईडी द्वारा 15 करोड़ की लागत से चार लाख लीटर क्षमता की जलमीनार पिछले करीब पांच वर्षों से बनकर तैयार है, पर लोगों को पेयजल सप्लाई नहीं हो पा रही है। जबकि इस जलमीनार से तीन हजार से ज्यादा घरों को पानी सप्लाई करने की योजना है। गर्मी ने दस्तक दे दी है और सरकारी कुव्यवस्था के कारण क्षेत्र में जलसंकट छाया हुआ है।
14 मार्च पीएचईडी के सहायक अभियंता मंगीलाल गिलुवा ने जलमीनार एवं पुनर्वास स्थल में पेयजल संकट का निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर जलापूर्ति सुचारू करने का अश्वासन दिया था। पीएचईडी द्वारा बनी जलमीनार की क्षमता है 4 लाख लीटर। 15 करोड़ खर्च करने के बाद लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। संवेदक के द्वारा मनमानी के कारण आज लोगो को पानी की संकट से जूझना पड़ रहा है।
चांडिल पीएचईडी कार्यालय में बने जल मीनार से पानी की सफलाई रसुनिया पूर्णवास में बने जलमिनार में साफलाई किया जायेगा उसके बाद रसुनिया गांव पानी मुहैया कराया जायेगा ।
चांडिल बाजार पानी सफलाई करना मुस्किल हो जाते हे।कोई महीनो बंद रहने के बाद अब पानी चांडिल बसियो को मिलने लगा ।कहा से पानी रसुनिया ग्राम वासियों को मिलेगा ,सभी ग्रामीणों से पानी की सफलाई देने के लिए आधार कार्ड लिया गया।यह कहकर की जल्द आप सभी शुद्ध पानी पीने को मिलेगा ।
May 09 2024, 11:21