दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के कई क्षेत्रो में अभी भी लगी है आग,वन विभाग लापरवाह,जगली पेड़ पौधों के साथ वन्य जीव भी हो रहे हैं नष्ट
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी अंतर्गत कादरबेड़ा ,जराय पहाड़,रामगढ़ वूची डूंगरी, खोलगोड़ा , आसनबनी, फदलोगोड़ा साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिला के बोड़ाम सीमावर्ती क्षेत्र के जंगलों में अभी भी आग लगी हुई है।
गज परियोजना के वन्य जीवजंतु आग की लेपोटो से बचने के लिये पलायन कर रहे हैँ। साथ हीं पेड़ पौधे के साथ साप बिच्छू, कीट पतंग जलने से नष्ट हो रहे हैँ।
दलमा वन पदाधिकारी की लापरवाही के कारण , तराई बसे आदिवासी बहुल ग्रामीणों का कहना है कि बीते एक सप्ताह से अधिक हो गए दलमा वन क्षेत्र में आग लगी हुई है जो रात्रि में दिखाई देती है ।दिन में भी धू धू कर जलता रहता और।
जंगल अनवरत जल रही है। जिसके कारण बेशकीमती , जंगल के पेड़ सहित जड़ी बूटियां, कीट पतंगे, जंगली जीव जंतु आदि नष्ट हो रहे है । साथ ही विलुप्त प्रजाति के जंगली जीव भी काल- कलवित हो रहे हैँ।
दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के डीएफओ ,रेंजर आदि पदाधिकारी ने मीडिया से दूर भागते हैँ साथ ही आग लगने की बारे पूछे जाने पर मौन बना लेता। जो वन विभाग के प्रति उदाशीनता और लापरवाही को दर्शाता है।
ग्रामीणों का कहना है की इस संबंध में कई बार दलमा वन क्षेत्र पदाधिकारी को आगलगी घटना की सूचना दी गई लेकिन उनके द्वारा कोई प्रयास नहीं किए गए। विभाग द्वारा बनाई गई वन रक्षा समितियां व ईको विकास समिति के फायर वाचार टीम भी नाकाम साबित हो रही है ।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जंगल और वन्य जीव जंतु की संरक्षण के लिए वन एंब पर्यावरण विभाग को कोरोड़ रुपया मुहैया करते हे। कोई वर्षो से आग लगने के कारण जंगल से गज राज की झुंड पलायन करते हे।साथ ही वन्य जीव जंतु विलुप्त के कगार पर पहुंचे।
बर्ष 2012 मे सेंचुरी के विभिन्न तलाव व जलस्रोत में गजराज की झुंड जलक्रीड़ा के साथ विचरण करते देखा जाता था।प्रत्येक झुंड में20/ 35/50 की संख्या में हाथनी ओर बेबी हाथी देखने को मिलता था। उस समय विभिन्न राज्य से पर्यटक पहुंचते थे। आज के समय हाथी देखने के लिए लोगो को सोचना पड़ता हे कारण किया हे जो सेंचुरी से हाथी झुंड पलायन कर हे।ओर विभाग के पदाधिकारी मौन क्यू ?
May 01 2024, 21:25