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हमसब एकजुट होकर झारखंड की 14 सीटो पर भाजपा को हराएंगे: सीएम चम्पई सोरेन


सरायकेला : आदित्यपुर में आयोजित कई कार्यक्रमों में शामिल होने के उपरांत रविवार को शाम 4 बजे आदित्यपुर के नोवंता के सभागार में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अध्यक्षता में महागठबंधन के नेताओ के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे सरायकेला जिले में आनेवाली तीनों संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने को लेकर मंथन किया गया। मुख्यमंत्री ने खुद एक एक बिंदु पर विचार किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। महागठबंधन के नेताओ द्वारा दिए गए सुझाव को भी कलमबंद किया गया। 

बैठक में कांग्रेस, राजद के जिला तथा प्रदेश स्तरीय नेता शामिल हुए। बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की सरायकेला जिला एक महत्वपूर्ण जिला है, जिसमे रांची, सिंहभूम और खूंटी संसदीय क्षेत्र आता है। यह तीनों सीट महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा की झारखंड में चौथा राउंड से लोक सभा का चुनाव शुरू होना है। 

इसके लिए महागठबंधन ने तैयारी पूरी कर की है। सरायकेला जिला एक बड़ा जिला है, जहां के मतदाता जीत का फैक्टर बनते है, और महागठबंधन यहां विपक्षी दल भाजपा से काफी आगे है। उन्होंने कहा की इस बार झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीट पर महागठबंधन की जीत निश्चित है। भाजपा इस बार झारखंड के साथ पूरे देश से साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा की भाजपा की केंद्र शासित सरकार में दलित, आदिवासी और पिछड़ों को केवल ठगा गया है। लेकिन अब हम सब एक विचारधारा के लोग मिलकर भाजपा का सफाया करेंगे। हमारे पुरखो ने बलिदान देकर देश को आजाद करवाया था, लेकिन इस दस वर्षों में भाजपा ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर काम कर देश को कुछ पूंजीपतियों के हाथ अर्थव्यवस्था देकर अप्रत्यक्ष रूप से देश को गुलाम बनाने की साजिश रच रहा है। जमशेदपुर में कांग्रेस और झामुमो के दावे के कारण प्रत्याशी की घोषणा में हो रहे विलंब पर कहा की हमसब एकजुट है कोई मतभेद नहीं है, जल्द प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। बैठक के दौरान कांग्रेस प्रदेश महासचिव अजय सिंह, राजद प्रदेश महासचिव पुरेंद्र नारायण सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अंबुज कुमार, सुरेशधारी, अवधेश सिंह, झामुमो जिला अध्यक्ष सुबेंदु महतो, गोपाल महतो, दीपक मंडल, कांग्रेस जिला प्रभारी संजीव श्रीवास्तव, राहुल यादव, संजय कुमार, दिवाकर झा, लालाबाबू सरदार, खिरोद सरदार, सविता साव, झरना मन्ना, संगीता प्रधान आदि मौजूद थे।

महागठबंधन नेताओ के साथ बैठक के बाद हॉल से बाहर निकलते बक्त मुख्यमंत्री के सिर में लगी चोट,मेडिकल टीम ने किया तत्काल इलाज

आदित्यपुर : महागठबंधन के नेताओ के साथ मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की बैठक के उपरांत उनकी सुरक्षा में उस वक्त सेंध लग गयी जब सीएम बैठक के उपरांत हॉल से बाहर निकल रहे थे। 

मुख्यमंत्री जैसे गेट से बाहर निकले उनके सर पर फूल से सजा तोरण द्वार मुख्यमंत्री के सर पर गिर गया। जिसकी वजह से मुख्यमंत्री को हल्की चोट लगी है। जानकारी के अनुसार जब मुख्यमंत्री बैठक के उपरांत बाहर निकल रहे थे तो उनके काफिले में शामिल सुरक्षाकर्मी उन्हें घेरा में लेकर बाहर निकाल रहे थे।

 इसी क्रम में किसी ने गेट को अंदर की जगह बाहर खोल दिया। जिसकी वजह से उनके सर पर गेट गिर गया। इस घटना में सीएम के सर पर चोट लगी है। 

घटना के बाद तुरंत मुख्यमंत्री को होटल के कमरे में ले जाया गया, जहां मेडिकल टीम द्वारा उनका प्राथमिक उपचार किया गया है। 

बता दें की रविवार को मुख्यमंत्री आदित्यपुर में जहां कई कार्यक्रम में शामिल होने के उपरांत महागठबंधन की बैठक भाग लेने के लिए एक निजी होटल के सभागार कक्ष आए थे। हालांकि तोरण द्वार में फूल पत्ती और फोम होने की वजह से कोई बड़ी घटना नहीं घटी।

सरायकेला:चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के पुरियारा गांव में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ एवं प्रवचन का हुआ शुभारंभ।


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र पुरियारा गांव में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ एवं प्रवचन का शुभारंभ हुआ। महायज्ञ हेतु आज गांव की 108 माताओं व बालिकाओं ने कलश यात्रा निकाली।

खेलाई चंडी तालाब में विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद कलश में जल उठाकर व्रतियों ने गांव से भ्रमण किया। श्री श्री सार्वजनिक लक्ष्मी नारायण वरदायिनी मंदिर प्रांगण पहुंची, जहां कलश स्थापना किया गया। लक्ष्मी नारायण वरदायिनी मंदिर प्रांगण में प्रतिदिन संध्या काल में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन सुनाई जाएगी। 

यह अनुष्ठान आगामी 21 अप्रैल तक चलेगी, जिसमें प्रतिदिन संध्या काल में 4 से 6 : 30 बजे तक आरती तथा संध्या 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रवचन सुनाई जाएगी।

नीमडीह थाना अंतर्गत पुरियारा गांव में मथुरा वृंदावन से आए सनातन दासजी महाराज द्वारा कथा वाचन किया जाएगा। वहीं, प्रतिदिन सुबह से दोपहर तक सत्यनारायण गोस्वामी एवं शंभूनाथ गोप द्वारा श्रीमद्भागवत कथा का मूल पाठ किया जाएगा। इस पूरे अनुष्ठान का संचालन पुरियारा ग्रामप्रधान विवेकानंद गोप द्वारा किया जा रहा है। 

वहीं, अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए नारायण चंद्र गोप, विश्वनाथ गोप, दिलीप सिंह, दीपक, सिदाम गोप, कालीपद सिंह, मनोज दास, हरमोहन गोप, जयन्त गोप, शिवचरण गोप आदि सक्रिय भूमिका में उपस्थित रहेगा।

नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जयंती मनाई गई

सरायकेला : आज नीमडीह थाना क्षेत्र के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में डॉक्टर भीम राव अंबेडकर जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक् टर जटाशंकर पांडे ने कहा भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक बीआर अंबेडकर की स्मृति में 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती या भीम जयंती मनाई जाती है। यह अंबेडकर का जन्मदिन है, जिनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत में कुछ लोगों द्वारा 'समानता दिवस' भी कहा जाता है।

 अंबेडकर जयंती के जुलूस उनके अनुयायियों द्वारा मुंबई में चैत्य भूमि और नागपुर में दीक्षा भूमि पर निकाले जाते हैं । वरिष्ठ राष्ट्रीय हस्तियों, जैसे राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए नई दिल्ली में भारतीय संसद में अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करना एक प्रथा है ।

 यह दुनिया भर में विशेष रूप से दलितों , आदिवासियों , श्रमिक श्रमिकों, महिलाओं और उन लोगों द्वारा भी मनाया जाता है जिन्होंने उनके उदाहरण के बाद बौद्ध धर्म अपनाया था। भारत में, बड़ी संख्या में लोग धूमधाम से जुलूस निकालकर अंबेडकर की स्मृति में स्थानीय प्रतिमाओं के दर्शन करते हैं।

 2020 में दुनिया में पहली बार ऑनलाइन अंबेडकर जयंती मनाई गई.  बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्मदिन 14 अप्रैल 1928 को पुणे में जनार्दन सदाशिव रानापिसे, द्वारा सार्वजनिक रूप से मनाया गया था , जो एक अम्बेडकरवादी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने बाबा साहेब की जयंती या अंबेडकर जयंती की परंपरा शुरू की. अंबेडकर ने 1907 में अपनी मैट्रिक पास की। 

फिर, उन्होंने एलफिंस्टन कॉलेज से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में बीए ऑनर्स किया । उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय , न्यूयॉर्क में दाखिला लिया और 1927 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 1916 में, उन्होंने ग्रेज़ इन में बार कोर्स के लिए प्रवेश लिया इसके साथ ही उन्होंने लंदन से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की एक और थीसिस भी की । 

अर्थशास्त्र स्कूल अम्बेडकर 64 विषयों में मास्टर थे और 11 भाषाओं में पारंगत थे। इस अवसर पर मुख्य रूप से मौजूद रहे ऐडवोकेट निखिल कुमार , प्राचार्य जयदीप पांडे,कृष्ण पद महतो,पवन कुमार महतो,गौरव महतो,अजय मंडल, देबकृष्ण महतो आदि लोग उपस्थित थे।

हथनेबेड़ा वन में स्थापित मां संबलेश्वरी मंदिर पहुंची भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा, की पूजा अर्चना लिया मां का आशीर्वाद

चाईबासा: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मगदागौड़ कमेटी के द्वारा पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुण्डी प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले हथनाबेड़ा में स्थापित मां संबलेश्वरी मंदीर में सालाना पूजा सह मेला का आयोजन किया गया।मां संबलेश्वरी मंदीर में गौड़ समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी की जुटान होती है,इस मंदीर में कोलहान से गौड़ समुदाय के लोग आते ही पड़ोसी राज्य यानी ओड़िसा और बंगाल से श्रद्दालु पूजा अर्चना करने पहूंचतें है।

कहते मां संबलेश्वरी मंदिर में जो सच्चे मन से पूजा अर्चना करते है उन भक्तों की मुरादें पुरी हो जाती।इस वार्षिक पूजा सह मेला में सोमबार को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा मां संबलेश्वरी मंदीर पहूंची और पहले पुजा अर्चना की और मां संबलेश्वरी का आर्शिवाद ली।उसके बाद मगधागौड़ कमेटी के द्वारा भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा का भव्य स्वागत किया और सभी नें एक स्वर में अपना आशीर्वाद दिया।उसके बाद भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें जहां मगधागौड़ कमेटी के लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए सभी को शुभकामनाएं दी और कही पहले भी आप लोगों की समस्याओं का निदान के लिए हम खड़े रहें है और आगे भी रहेगें हम आप लोगों का रिणी है मां संबलेश्वरी से अराधना कि की क्षेत्र का विकास के साथ साथ मगदागौड़ कमेटी भी निरंतर अगे बढ़ता रहे।बस आप सबों का आर्शिवाद चाहिए,इस पर कमेटी के लोगों नें कहा पहले भी था और आज भी है और आगे भी मां संबलेश्वरी की आशिम कृपा रहेगी आप पर।इसके बाद कृतन मण्डली और मेले का जायजा भी लिया गया।

पहले तो एक महिला होने के नाते गीता कोड़ा नें झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी को दी शुभकामनाएं।

पत्रकार से बाते करते हुए कहा भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें कही की पहले हम एक महिला है और महिला होने के नाते मेरे लिए हर्ष की बात है की एक महिला प्रत्याशी मेरे सामने है और मैं झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी को शुभकामनाएं दी।गीता कोड़ा ने कही की जोबा माझी को चुनाव मैदान में उताड़ा है,सभी अपने अपने तरिके से जनता के समक्ष अपनी बातों को रखेगें,चुनाव है।उसके बाद भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि यहां बेरोजगारी चरम पर है।सिंहभूम लोकसभा में इतना माइंस होते हुए भी एक समय में छोटा बड़ा मिलाकर 35-40 माइंस चला करता था आज सारे के सारे बंद पड़े है।हमने लगातार झारखंड मुक्ती मोर्चा के सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया ताकी माइंस खोला जाय।बेरोजगारी के कारण यहां के हजारों लोग,युवा और महिलाएं रोजगार के लिए पलायन ना करें और पलायन होने से रोका जाय लेकिन एक नहीं सुनी गई।वहीं यह भी कहा गया की आज संविधान की बात कर रही है विपक्षी क्यों नहीं जेएमएम की सरकार नें अब तक पंचायतों का अधिकार नहीं दिया गया है।पेशा कानुन अब तक क्यों लागु नहीं किया,जबकी केंद्र सरकार नें पेशा कानुन बना दिया है,अब तक क्यों नहीं लागु किया ये जेएमएम की सरकार नहीं चाहती है गांव का विकास हो और लोगों को उनका अधिकार मिले ये सारे बातों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगें।

एक सवाल पर भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा नें कहा कि धोखा तो जेएमएम की सरकार और नेताओं नें यहां के लोगों को धोखा दिया है,छला है।कहा हम रोजगार देगें कितने लोगों को रोजगार दिया गया बताये जेएमएम की सरकार।हां पेपर लिक करवाकर अपने चहेते और भाई भतिजों को बीडीओ और सीओ बनाने का साजिश रचा गया था ताकी यह प्रयास था की झारखंड को लुट सके।ये तो अच्छा हूआ की समय रहते हुए पेपर लीक होने का खुलाशा हो गया और झारखंड लुटने का प्रयास विफल हो गया।किसे रोजगार दिया यह बताना चाहिए इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरकार और नेताओं नें झारखंड के लोगों को धोखा दिया है।

स्वीप" अंतर्गत वोटर अवेयरनेस को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया मतदाता जागरूकता अभियान।


सरायकेला: आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दौरान जिले में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के मद्देनजर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला के द्वारा मतदाता जागरूकता कोषांग को विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों आदि का आयोजन कर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।

 इसी क्रम में जिला स्वीप कोषांग के अंतर्गत आज JSLPS द्वारा खरसावां प्रखंड के कृष्णपुर पंचायत, चांडिल प्रखंड के घोड़ानेगी, चौका, भादूडीह पंचायत,नीमडीह प्रखंड के झिमड़ी पंचायत, सरायकेला के मुंडातांड पंचायत अंतर्गत जागरूकता रैली शपथ आंगनबड़ी सहिया, सेविका(बीएलओ) के द्वारा आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 हेतु स्वीप के तहत मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान मतदाता जागरूकता को लेकर बनाए गए मतदाता जागरूकता को लेकर रंगोली प्रतियोगिता आयोजन व पोस्टर के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र में "चुनाव का पर्व देश का गर्व" आई एम रेडी टू वोट थीम के तहत मतदाता जागरूकता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही उपस्थित सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान करने हेतु  मतदाता शपथ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

इस दौरान आंगनबाड़ी सहिया सेविका ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में सभी मतदाताओं को जागरुक करते हुए बिना लोभ लालच या दबाव में आए हुए अपने नजदीकी मतदान केन्द्रो में जाकर अपना बहुमूल्य मतों का उपयोग को लेकर गांव-गांव घूम-घूम कर मतदान करने हेतु अपील की।

सरायकेला : स्वीप कार्यक्रम के तहत इचागढ़ प्रखंड में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया गया

सरायकेला : लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। 

इसी क्रम में आज प्रखण्ड ईचागढ़ के ग्राम आतरग्राम मे स्विप के तहत् मछुआरा तथा आम ग्रामीणों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत निष्पक्ष एवं बिना प्रलोभन के मताधिकार का प्रयोग हेतु जागरूक किया गया एवं मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण कराया गया एवं अन्य लोगों को भी मतदान करने हेतु प्रेरित करने का भी अपील किया गया इसी क्रम में आज प्रखण्ड ईचागढ़ के ग्राम टिकर मे मतदाता स्विप कार्यक्रम के तहत् कैवर्त टोला के मछुवारों तथा आम ग्रामीणों के साथ बैठक कर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत निष्पक्ष एवं बिना प्रलोभन के मताधिकार का प्रयोग हेतु जागरूक किया गया एवं मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ ग्रहण कराया गया एवं अन्य लोगों को भी मतदान करने हेतु प्रेरित करने का भी अपील किया गया।

 इसके अलावा मतदान के महत्व तथा निर्वाचन प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही 1950 वोटर हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे बीएलओ के माध्यम से या वोटर हेल्प लाइन एप के माध्यम से फॉर्म 6 अवश्य भरने और प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। 

उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही अपने घरों व आस पड़ोस के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्हें अपने स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने लिए अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया।

सरायकेला : लोकसभा आम चुनाव को लेकर वरीय पदाधिकारी स्वीप कोषांग -सह- नगर प्रशासक आदित्यपुर की अध्यक्षता में हुई बैठक


निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की जागरूकता एवं नैतिक सहभागिता को विकसित करना महत्वपूर्ण पहलू है:- नगर प्रशासक आदित्यपुर, विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत पदाधिकारी/कर्मियों का नाम मतदाता सूची में जोड़ मतदान हेतू प्रेरित करें- नगर प्रशासक आदित्यपुर।

सरायकेला : लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त वोटर अवेयरनेस फोरम को लेकर वरीय पदाधिकारी स्वीप कोषांग -सह- नगर प्रशासक आदित्यपुर श्री आलोक कुमार दूबे की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में लोकसभा सभा चुनाव- 2024 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने तथा शहरी क्षेत्र में मतदान के प्रति उदासीनता को दूर कर लोगो को मतदान के प्रति जागरूक करने पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान आदित्यपुर- गम्हरिया क्षेत्र अंतर्गत स्थित विभिन्न अधौगिक संस्थानों में VAF के तहत नोडल पदाधिकारी नामित करनें तथा उनके अधीनस्थ कार्यरत पदाधिकारी/कर्मियों तथा उनके परिवार के सदस्य जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज ना हो का फॉर्म 6 प्राप्त कर नाम दर्ज कराकर मतदान के प्रति प्रेरित कराने का निर्देश दिया गया।

इस संबंध में आगे श्री आलोक कुमार दुबे ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए अधिक से अधिक मतदाताओं को जागरूक होना आवश्यक है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग ने स्वीप गतिविधियों के साथ-साथ वोटर अवेयरनेस फोरम का शुभारंभ किया है। निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं की जागरूकता एवं नैतिक सहभागिता को विकसित करना महत्वपूर्ण पहलू है। वीएएफ का महत्व लोक तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए है। वोटर अवेयरनेस फोरम का मुख्य कार्यं होने वाली लोकसभा चुनाव के बारे में अपने सभी कर्मचारी को सही जानकारी उपलब्ध कराना है एवं आने वाले इलेक्शन में वोट देने के लिए प्रेरित करना है। शहरी क्षेत्र के सभी सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों में वोटर अवेयरनेस फोरम का गठन किया जाना है। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित पदाधिकारी आपसी तालमेल स्थापित कर बेहतर कार्य योजना के तहत वोटर अवेयरनेस फोरम तथा शहरी क्षेत्रो में स्थित विभिन्न अपार्टमेंट, हाउसिंग कॉलोनी में लोगो को मतदान के प्रति प्रेरित करने हेतू विभिन्न गतिविधिया आयोजित कराए ताकि शहरी क्षेत्र में भी मतदान प्रतिशत बेहतर हो सके ।

बैठक में उपरोक्त के आलावा उप निर्वाचन पदाधिकारी श्री गौतम प्रसाद साहू, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री अविनाश कुमार, श्रम अधीक्षक श्री अविनाश ठाकुर, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री रौशन कुमार, नियोजन पदाधिकारी, आदित्यपुर तथा अन्य सम्बन्धित पदाधिकारी एवं विभिन्न औद्योगिक संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।

आद्रा : मंडल में 15 अप्रैल 2024 से 21 अप्रैल .2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन।






आद्रा: दक्षिण पूर्वी रेलवे के आद्रा प्रमंडल में आगामी 15 अप्रैल 2024 (सोमवार) से 21.04.2024 (रविवार) तक की अवधि के लिए संयुक्त (इंजीनियरिंग, ट्रैक्शन तथा सिग्नल) साप्ताहिक रॉलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन आद्रा मंडल में नियोजित किया गया है । परिणामस्वरूप कोचिंग ट्रेनों पर प्रभाव इस प्रकार होगा। **रदद् की गई ट्रेन* (1) 08680/08679 (आद्रा- मिदनापुर-आद्रा) मेमू दिनांक-16.04.2024, 19.04.2024 और 21.04.2024 को रद्द रहेगी। *शॉर्ट-टर्मिनेटेड/शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड ट्रेन :-* (1) 03594/03593 (आसनसोल-पुरुलिया-आसनसोल) मेमू दिनांक-16.04.2024 और 21.04.2024 को आद्रा में शॉर्ट-टर्मिनेटेड/शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड होगा। इस ट्रेन की परिसेवा इस दौरान आद्रा-पुरुलिया-आद्रा के बीच रद्द रहेगी। (2) 18035/18036 (खड़गपुर-हटिया-खड़गपुर) एक्सप्रेस दिनांक- 21.04.2024 को आद्रा में शॉर्ट-टर्मिनेटेड/शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड होगा। इस ट्रेन की परिसेवा इस दौरान आद्रा-हटिया-आद्रा के बीच रद्द रहेगी। *इस मार्ग में परिवर्तन:* 1:- 18601 (टाटा-हटिया) एक्सप्रेस 15 अप्रैल 2024, 17.04.2024 और 19.04.2024 को चांडिल-पुरूलिया-कोटशिला-मुरी के बजाय चांडिल-गूंडा बिहार-मुरी के रास्ते चलेगी। नियंत्रित की गई ट्रेन:- (1) 18184 (बक्सर-टाटा) एक्सप्रेस दिनांक-16.04.2024, 18.04.2024 और 21.04.2024 को नियमित समय पर चलने पर खंड में 45 मिनट के लिए नियंत्रित की जा सकती है।
तमिल हिंदू के लिए आज स्कंद षष्ठी,मुरुगा यानि कार्तिकेय की होती है पूजा,इन्हें युद्ध का देवता माना जाता है







सरायकेला : भगवान मुरुगन की कृपा पाने के लिए शुभ दिन। स्कंद षष्ठी एक तमिल हिंदू त्योहार है जो भगवान स्कंद का सम्मान करता है, जिसे भगवान मुरुगा या कार्तिकेय, युद्ध के देवता और भगवान शिव के पुत्र और दक्षिणी भारत में एक प्रमुख देवता के रूप में भी जाना जाता है। भगवान मुरुगन को चंद्र चक्र के छठे दिन षष्ठी के दिन मनाया जाता है।

भक्त पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं और भगवान मुरुगा या स्कंद को अपनी अविभाजित भक्ति देते हैं। स्कंद षष्ठी कवचम गीत स्कंद षष्ठी के किसी भी प्रसंग में प्रासंगिक है। कहा जाता है कि स्कंद षष्ठी कवचम गीत की तीव्र आभा भगवान मुरुगा या स्कंद का आह्वान करती है और भलाई, करियर, रिश्तों और समग्र समृद्धि को प्रेरित करती है।

स्कंद षष्ठी व्रत का अभ्यास सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच किया जाता है, खासकर जब पंचमी तिथि, या चंद्र काल का पांचवां दिन, समाप्त होता है और षष्ठी, या छठा दिन आता है। दोनों षष्ठी का अभ्यास उत्साह के साथ किया जाता है, लेकिन कार्तिक के चंद्र मास में शुक्ल पक्ष षष्ठी सबसे महत्वपूर्ण है।

*स्कंद षष्ठी का महत्व* पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान मुरुगन का जन्म भगवान शिव के तीसरे अवतार से एक विशिष्ट व्यक्ति के लिए हुआ था। वह देव सेना के सेनापति के रूप में पूजनीय हैं, जिन्हें युद्धों के देवता के रूप में भी जाना जाता है। वह सबसे अधिक राक्षस सूरपदमन और उसके भाइयों तारकासुर और सिंहमुख के उन्मूलन के लिए जाने जाते हैं। शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि, राक्षसों पर उनकी जीत का स्मरण करती है।

कहा जाता है कि भगवान मुरुगन ने अपनी तलवार वेल से सूरापद्मन का सिर धड़ से अलग कर दिया था। और दानव के सिर से दो पक्षी प्रकट हुए: एक मोर और एक मुर्गा। मुर्गा उनके बैनर पर प्रतीक बन गया, और मोर उनका वाहन बन गया। एक इंसान के लिए भगवान शिव का तीसरा। स्कंद षष्ठी की तिथि दिनांक तिथि प्रारंभ तिथि समाप्त हिन्दू मास अप्रैल 13, 2024, शनिवार 12:04 AM अप्रैल 13 11:43 AM, अप्रैल 14 चैत्र *स्कंद षष्ठी के पीछे का इतिहास* भगवान कार्तिकेयन को दक्षिण भारत में हिंदुओं द्वारा भगवान गणेश के छोटे भाई के रूप में माना जाता है, हालांकि उन्हें उत्तर भारत में हिंदुओं का बड़ा भाई माना जाता है। भगवान कार्तिकेय के जन्म और सुरपद्म की हत्या के आसपास एक पौराणिक कथा है।

एक बार, तीन राक्षसों, सुरपदमन, सिम्हामुखन और तारकासुरन ने दुनिया भर में तबाही मचाई। सुरपदमन को भगवान शिव से वरदान मिला था कि शिव की क्षमताएं ही उन्हें नष्ट कर देंगी। इससे उसकी ताकत इतनी बढ़ गई कि वह और उसके भाई-बहन मानवता और देवों के लिए खतरा बन गए। जैसा कि देवता इन राक्षसों से खुद को मुक्त करना चाहते हैं, वे भगवान शिव के पास जाते हैं, जो केवल उस राक्षस को हरा सकते हैं।

हालाँकि, मिशन उनके लिए और अधिक कठिन हो गया क्योंकि शिव एक गहरी एकाग्रता में लीन थे। परिणामस्वरूप, देवों ने शिव के कामुक जुनून को उत्तेजित करने और इस तरह उन्हें ध्यान से विचलित करने के लिए प्रेम के देवता, मनमाता को भेजा। ममता की एकाग्रता तब भंग हुई जब उन्होंने अपना पुष्पसारम (फूलों का बाण) भगवान शिव की ओर छोड़ा। इससे शासक भड़क गया और उसने मिनामाता को जलाकर राख कर दिया।

बाद में, सभी देवों के कहने पर, शिव ने मनमाता को पुनर्जीवित किया और अपनी सभी दानव-हत्या क्षमताओं से संपन्न एक बच्चे को जन्म देने के लिए चुना। भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख से छह चिंगारी निकाली, जिन्हें अग्नि के देवता सरवण नदी के ठंडे पानी में ले गए, जहां छह चिंगारी छह पवित्र बच्चों के रूप में प्रकट हुईं। कार्तिका बहनें (नक्षत्र कार्तिका या प्लीएड्स के छह सितारों में से) नाम की छह कन्याओं ने इन शिशुओं की देखभाल करने की सहमति दी। जब माता पार्वती ने आकर तालाब में पल रहे छह बच्चों को दुलार किया, तो वे छह मुख, बारह हाथ और दो पैरों वाले एक बच्चे में मिल गए। इस भव्य आकृति को कार्तिकेय नाम दिया गया था। माता पार्वती ने उनकी योग्यता, पराक्रम और तमिल में वेल नामक भाला प्रदान किया। जैसे-जैसे वह बड़े होते गए कार्तिकेयन एक दार्शनिक और योद्धा के रूप में विकसित हुए। वह ज्ञान और करुणा का अवतार बन गया और युद्ध की एक विशाल समझ रखता था। उन्होंने और उनके सहयोगियों ने सुरपद्मन और उनके भाइयों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

भगवान ने सुरपदमन के भाइयों सिम्हामुखन और तारकासुरन की हत्या राक्षसों के शहर जाने के रास्ते में की थी। फिर भगवान और शैतान के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसके दौरान उन्होंने सुरपद्मन के वेल को काट दिया। सुरपद्मन की लाश से एक मोर और एक मुर्गा निकला, पूर्व सिद्धांत के वाहन (वाहन) के रूप में सेवा कर रहा था और बाद में उसके झंडे पर बुराई पर विजय के संकेत के रूप में था। कार्तिकेय ने षष्ठी को सुरपद्म को हराया। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है कि जब सुरपद्मन को गंभीर चोटें आईं, तो उसने भगवान से उसे बख्शने की भीख मांगी। इसलिए मुरुगा ने उसे इस शर्त पर मोर में बदल दिया कि वह सदा के लिए उसका वाहन बना रहेगा। स्कंद षष्ठी के लाभ : वैदिक हिंदू ग्रंथों के अनुसार, यदि आप ईमानदार और प्रतिबद्ध रहते हैं तो भगवान मुरुगा की प्रार्थना करने से कुछ लाभ मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि शुद्ध हृदय वाला मनुष्य स्कंद षष्ठी पर प्रार्थना और निरीक्षण करता है, भगवान कार्तिकेय कृपया उपवास का आशीर्वाद देते हैं। व्यापार और विवाहित जोड़ों के लिए अपने बंधनों को मजबूत करने के लिए यह एक उत्कृष्ट दिन है। यदि आप स्कंद षष्ठी के दूसरे, तीसरे और चौथे दिन भगवान मुरुगा से प्रार्थना करते हैं, तो आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी और अच्छी ऊर्जा मिलेगी।

स्कंद षष्ठी के 5 वें और 6 वें दिन भगवान मुरुगा की पूजा करने से आध्यात्मिक आनंद, वित्तीय समृद्धि और करियर में उन्नति होगी। स्कंद षष्ठी पर्व कैसे मनाया जाता है। भक्त छह दिनों तक भगवान मुरुगा के लिए उपवास, प्रार्थना और भक्ति गीत गाते हैं, जो बुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई के छह दिनों से मेल खाता है। इन छह दिनों में ज्यादातर भक्त मंदिरों में ही रहते हैं। असुरों के आक्रमण की ओर ले जाने वाली घटनाओं को तिरुचेंदूर और तिरुपरनकुंड्रम में नाटकीय और क्रियान्वित किया जाता है। आमतौर पर स्कंद षष्ठी के दिन कावड़ी चढ़ाई जाती है। स्वामी शिवानंद का मानना है, “भगवान तिरुचेंदूर में पले-बढ़े और कथिरगमम में महासमाधि प्राप्त की।” यदि कोई भक्त विश्वास, भक्ति और भक्ति के साथ कथिरगाम (श्रीलंका) जाता है और दो या तीन दिनों के लिए मंदिर में रहता है, तो भगवान स्वयं भक्त को अपना दर्शन देते हैं। स्कंद षष्ठी अनुष्ठान: मूल स्कंद षष्ठी अनुष्ठान करें। स्कंद षष्ठी के दौरान भक्त छह दिनों तक उपवास रखते हैं। वे गोमांस, प्याज, लहसुन और शराब खाने से भी बचते हैं। ताजे फलों का ही सेवन करना चाहिए। स्कंद षष्ठी पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करें। भगवान स्कंद की मूर्ति स्थापित करें और मोमबत्ती जलाएं। भगवान मुरुगा या स्कंद की मूर्ति पर पवित्र जल या दूध डालें। मूर्ति के लिए नए वस्त्र बनाओ। प्रसाद के रूप में भगवान स्कंद को भोग या मिठाई का भोग लगाएं। स्कंद षष्ठी के दौरान भगवान स्कंद से कुछ विशेष मांगें। स्कंद षष्ठी कवचम गीत गाएं।