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कई सीटों पर राजद की बढ़ी परेशानी, कही गठबंधन के तो कही अपने ही दल के नेताओं का दिख रहा बगावती तेवर

डेस्क : इस बार लोकसभा चुनाव में राजद को प्रदेश के कई सीटों पर अपने ही नेताओं और साथी दलों के नेताओं के बगावती तेवर के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन वापसी की तिथि समाप्त होने के बाद पूर्णिया और नवादा लोकसभा सीट पर राजद को परेशान करने वाली स्थिति सामने आ गई है। कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव ने पार्टी के अल्टीमेटम के बाद भी निर्दलिए के तौर पर पूर्णिया से चुनाव मैदान में डटे हुए है। 

सबसे पहले हम पूर्णिया लोकसभा सीट की बात करते है। यहां पर निर्दलीए पप्पू यादव के मैदान में डटे रहने के बाद अब राजद प्रत्याशी बीमा भारती, एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा और इनके बीच त्रिकोणिय मुकाबला होना तय हो गया है। 

बीमा भारती के पति अवधेश मंडल की छवि एक बाहुबली की है। वहीं बीमा भारती ओबीसी गंगौंता जाति से आती हैं। चुनाव में वह ओबीसी का कार्ड भी खेलना शुरू कर दी है। बीमा भारती अपने प्रचार में कह रही हैं कि नीतीश कुमार ने उनके पति और बेटा को जेल भेज दिया। उनको यानी अति पिछड़ा महिला को अपमानित करने का काम किया। वह कहती हैं कि लालू यादव ने एक महिला को टिकट देकर महिला का सम्मान बढ़ाया है। 

वहीं पप्पू यादव की छवि बाहुबली होने के साथ-साथ पूर्णिया में अच्छी पकड़ है। बीते वर्षो में उन्होंने पूर्णिया में कई सामाजिक कार्य कर अपनी पकड़ को मजबूत किया है। वे हमेशा यह कहते है कि पूर्णिया उनकी मां है। वहीं पूर्णिया में यादवों की संख्या भी अच्छी खासी है। 

वहीं सबसे बड़ा खेल तो यह हो गया है कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पूर्णिया में पप्पू यादव का खुला समर्थन किया। पत्रकारों से बात करते हुए देवेंद्र यादव ने साफ कहा कि जिस तरह राजद ने टिकट बंटवारे में परिवारवाद और दूसरे पार्टी के लोगों को जगह दी उससे यह स्पष्ट हो गया कि राजद मनुवादियों की पार्टी है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को जनता का आशीर्वाद प्राप्त है और पप्पू यादव की जीत पूर्णिया की जनता की जीत होगी। 

अब ऐसे में राजद प्रत्याशी बीमा भारती के लिए मुशीबत खड़ी हो सकती है। 

हालांकि इन सबके बीच इसका सबसे बड़ा फायदा निवर्तमान सांसद व एनडीए से जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा हो सकता है। यदि बीमा भारती और पप्पू यादव के बीच वोट बंटवारा होता है तो इसका सीधा फायदा संतोष कुशवाहा को होगा। 

वही नवादा सीट की बात करें तो वहां राजद के साथ बड़ा खेल हो गया है। पार्टी क़े दो विधायकों ने पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद क़े फैसले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में बिगुल फूंक दिया है। नवादा क़े राजद विधायक विभा देवी और प्रकाशवीर दोनों विधायकों ने राजद क़े प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा क़े खिलाफ राजद से बागी होकर चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी विनोद यादव क़े समर्थन में खुले तौर उतर गए हैं। वे न सिर्फ अपना समर्थन दिया, बल्कि दिन -रात एक कर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत दिलाने और राजद प्रत्याशी क़ो करारी हार देने की बात भी कर रहे हैं। इन दोनों विधायकों द्वारा लोकसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी विनोद यादव क़े साथ घुम- घुमकर मंच भी साझा कर रहे हैं। 

दरअसल नवादा के विनोद यादव को तेजस्वी यादव ने प्रदेश महासचिव बनाया था। विनोद कुशवाहा नवादा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर काफी पहले से तैयारी कर रहे थे। लेकिन उन्हें टिकट न देकर श्रवण कुशवाहा क़ो नवादा से उम्मीदवार बनाया। जिसके बाद विनोद यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कराया। उसके बाद राजद क़े दोनों विधायक और निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव अपना समर्थन निर्दलीय उम्मीदवार विनोद यादव समर्थन देकर राजद सुप्रीमो के फैसले को चुनौती दे दिया है।

नवादा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए लालू परिवार पर जमकर बरसे सीएम नीतीश कुमार, चुन-चुनकर गिनाए राजद के कामकाज

डेस्क : पहले चरण के चुनाव के मतदान में अब महज एक सप्ताह का समय शेष है। बिहार में पहले चरण का मतदान आगामी 19 अप्रैल को होना है और इस चरण में प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। जिसमें जमुई (सु), गया (सु), औरंगाबाद और नवादा की सीट शामिल है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार में जुटे गये है। इसी कड़ी में आज शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार नवादा से एनडीए प्रत्याशी बीजेपी के विवेक ठाकुर के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए नवादा पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। 

इस दौरान नीतीश कुमार ने लालू परिवार और परिवारवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा है ने लालू यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि मैं भी केंद्र में मंत्री रहा और यहां भी मुख्यमंत्री रहा। लेकिन आप पूछ लीजिए किसी भी आदमी से, आज तक एक पैसा भी मैंने नहीं लिया। एक वह लोग हैं जो सिर्फ पैसे के पीछे भागते हैं और उल्टा -पुल्टा काम करते रहते हैं। इसी वजह से तो हम उनका साथ छोड़ देते हैं। अब वे जहां हैं वहीं रहेंगे। 

सीएम ने कहा कि आज चुनाव का माहौल है तो आप ही देख लीजिए कि राजद कितने लोगों को इस बार टिकट दे रहा है। एक ही परिवार को टिकट दे रहा है। पहले पति-पत्नी और उसके बाद बेटा- बेटी को टिकट दे रहा है। आप लोग बताइए कि हमने कभी अपने परिवार में से किसी को टिकट दिया है क्या? कोई जानता भी है मेरे परिवार के बारे में? लेकिन इन लोगों को जब भी मौका मिलता है तो सिर्फ अपना परिवार को आगे बढाता है। इस बार अपने परिवार और अपनी को जाति को छोड़कर दूसरी जाति से कितने लोगों को राजद ने टिकट दिया है।

नीतीश कुमार ने जंगलराज की चर्चा करते हुए कहा कि यदि बिहार के अंदर एनडीए की सरकार नहीं बनती तो बिहार के लोग घर में सोए हुए रह जाते। यहां के लोगों को कोई काम नहीं मिल पाता। वह तो हम सरकार में आए तो उसके बाद लड़का-लड़की दोनों को उच्च शिक्षा में बराबर का हक़ मिला। पहले कोई साधन नहीं मिलता है। हमारे आने से पहले पूरे बिहार में कहीं कुछ भी नहीं था। हम आए तभी बिहार का विकास हो सका है। हम जो काम किए हैं, उसपर लोग अधिक ध्यान नहीं देता है। हम तो सबसे यही कहते रहते हैं कि आप दिखाइए कि कहां काम नहीं हुआ है। कम से कम ट्वीट कर दिया कीजिए ताकि हमें पता चल जाए।  

वहीं तेजस्वी यादव को आडे हाथों लेते हुए कहा कि पहले मां-बाप ने तो बिहार को लूट लिया। उसके बाद अब बेटा भी बोलता रहता है। हम तो यह कहना चाहते हैं कि अरे भाई! तुमने क्या किया है? वह तो हमने तुमको मौका दिया। उसके बाद तुम सत्ता में आए और उसके बाद अनाप -शनाप बोलने लगे तो हमने तुमको हटा दिया और हम भाजपा के साथ आ गए।

*लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का नहाय खाय के साथ आज से हो रहा शुभारंभ*

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का आज शुक्रवार 12 अप्रैल को नहाय-खाय शुरू हो रहा है। कल शनिवार 13 अप्रैल को खरना के साथ व्रती 36 घंटों का निर्जला उपवास करेंगे। 14 अप्रैल की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 15 अप्रैल को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पर्व की समाप्ति होगी। इसके पहले गुरुवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने राजधानी के विभिन्न गंगा घाटों पर पहुंचे। गंगा स्नान के बाद अपने घर में पूजा के लिए गंगा जल भरकर ले गए। चैती छठ करने वाले श्रद्धालुओं ने छठ के लिए जरूरी सामग्री की खरीदारी भी की। इसमें गेहूं, गुड़, घी, सूप, दउरा से लेकर छठ के लिए चूल्हा तक शामिल रहा। नहाय-खाय के बाद श्रद्धालु गंगा जल मिलाकर गेंहू धोएंगे और सुखाएंगे। गेहूं के आटा से ठेकुआ आदि प्रसाद छठ पर्व में भगवान भास्कर को चढ़ाने की परंपरा रही है। ई-कॉमर्स साइट पर 10 किलो लकड़ी 999 रुपए में चैती छठ को लेकर बाजार में आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हों की बिक्री तेज हो गई है। छठ प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनाने की परंपरा बहुत से श्रद्धालु निभाते हैं। जहां बाजार में आम की लकड़ी 180 रुपये पसेरी (5 किलो) बिक रही है। वहीं ई-कॉमर्स साइट पर आम की लकड़ी की कीमत 999 रुपये (10 किलो) है, जबकि गोइठा की कीमत ई. कामर्स साइट पर 250 रुपये (1 किलो-12 पीस का सेट) में उपलब्ध है। श्रद्धालु सौ रुपये से लेकर साढ़े तीन सौ रुपये के बीच मिट्टी के चूल्हा की खरीदारी कर रहे हैं।
ईद को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, संवेदनशील इलाकों पर पुलिस की पैनी नजर

डेस्क : आज देशभर में धूमधाम से ईद मनाई जा रही है। बिहार में भी ईद हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। पटना के गांधी मैदान में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नमाज अदा की। वहीं पर्व को लेकर प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है।  

ईद पर राजधानी में दो हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। गांधी मैदान में भी बड़ी संख्या में जवान तैनात किए गए हैं। सभी गेटों पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। 

स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की तैनाती पूरे पटना शहर में की गयी है। कई थानों में भी उनकी ड्यूटी लगायी गयी है। रैफ के जवान आज गुरुवार को दिन से लेकर रात तक गश्त लगाएंगे। पर्व के मौके पर उन्हें अलर्ट रहने को कहा गया है। क्यूआरटी के जवान भी थानों में तैनात किए गए हैं।

पटना के गांधी मैदान में अदा की गई ईद की नमाज, सीएम नीतीश कुमार भी हुए शामिल

डेस्क : आज देशभर में धूमधाम से ईद मनाई जा रही है। बिहार में भी ईद हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। पटना के गांधी मैदान में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नमाज अदा की। 

बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश आज सुबह सुबह पटना के गांधी मैदान पहुंचे। जहां वो ईद के नामाज में शामिल हुए और लोगो को ईद की बधाई दी। वहीं इसके बाद सीएम नीतीश अपने आवास के लिए रवाना हो गए। सीएम नीतीश पारंपरिक वेशभूषा में नजर आएं।  

पटना के गांधी मैदान में ईद को लेकर विशेष तैयारियां की गई थी। करीब 15 हजार से अधीक नामीजियों ने गांधी मैदान में नामाज पढ़ा। 

बता दें ईद उल फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है। ईद उल फितर के साथ ही रोजे खत्म हो जाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। सुबह की नमाज से इसकी शुरुआत हो जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है।  

इस्लाम के अनुसार रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था। इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के खास मौके पर राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश , राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने शुभकामना संदेश दिया है।

*ईद उल फितर आज, मुख्यमंत्री ने प्रदेश व देशवासियों विशेषकर मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बधाई व शुभकामनाएं दी*

डेस्क : बीते बुधवार को चांद का दीदार हुआ। जिसके बाद आज ईद उल फितर मनाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईद उल फितर पर प्रदेश व देशवासियों विशेषकर मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र रमजान के महीने में रोजेदारों द्वारा की गई इबादत से उनके घर-परिवार के साथ-साथ प्रदेश और देश में शांति एवं समृद्धि आएगी। मेरी कामना है कि समाज में अमन-चैन, भाईचारा पूरे तौर पर कायम रहे। ईद का दिन इनाम का दिन है। खुदा इस मुबारक दिन पर अपने नेक बंदों को इनाम से नवाजते हैं। खुदा हम सब पर अपनी रहमतों की बारिश करें और हम सबों का जीवन सुख, शांति, समृद्धि से भरा रहे। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि भारत एक महान देश है। यहां विभिन्न धर्मों, संप्रदायों एवं मतावलंबियों के बीच पारस्परिक सौहार्द, प्रेम और सहिष्णुता बेमिसाल है। यहां सभी लोग एक दूसरे के पर्व त्योहारों में शामिल होकर खुशियां बांटते हैं और एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं।
*बीते बुधवार की शाम चांद दीदार होते लोगों के चेहरे पर छाई खुशी और उत्साह, सभी ने एक-दूसरे को दी ईद की बधाई*

डेस्क : तीस रोजे रखने के बाद बुधवार की शाम चांद का दीदार हुआ। शाम ढलने के बाद ही आसमान में टकटकी लगाए लोगों को जैसे ही ईद की चांद का दीदार हुआ, उनके चेहरे खुशी और उत्साह से दमक उठे। चांद देखने के बाद अकीदतमंदों ने हाथ उठाकर अल्लाह को उसकी नेमत के लिए धन्यवाद दिया। एक-दूसरे को चांद रात की मुबारकबाद दी। ईद को देखते हुए लोग बाजार से अंतिम समय की खरीदारी के लिए भी निकले। शहर में सब्जीबाग, पटना सिटी, फुलवारी शरीफ, राजाबाजार आदि इलाकों में देर रात तक दुकानें चांद रात की खरीदारी के लिए खुली रहीं। बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि ईद का बाजार 60 करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है। ड्राइफ्रूट विक्रेताओं ने बताया कि इस बार रमजान के महीने में खजूर की खूब बिक्री हुई। ईरान और सउदी के कलमी खजूर, फर्द खजूर को लोगों ने बड़े चाव से खरीदा। चांद रात में लोगों ने कुर्ता-पायजामा की खूब खरीदारी की। आठ सौ से दो हजार रुपये के बीच लोगों ने कुर्ता पायजामा खरीदा। डिजाइनर कुर्ता-पायजामा खूब पसंद आया।
फिर माय और दलित समीकरण को साधने में जुटी राजद, 23 में 22 सीटों पर घोषित प्रत्याशियों में आधे से अधिक इन्हें बनाया उम्मीदवार, जानिए डिटेल

डेस्क : राष्ट्रीय जनता दल ने बीते मंगलवार की देर रात बिहार के 22 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। सीवान संसदीय क्षेत्र के लिए फिलहाल किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से परामर्श के बाद मंगलवार की देर रात उम्मीदवारों की घोषणा प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने सूची जारी कर की।

एकबार फिर राजद सुप्रीमो ने अपने माय और दलित समीकरण मे विश्वास जताया है। राजद ने सबसे अधिक सीटों पर इन्हें ही अपना प्रत्याशी बनाया है। दरअसल इंडिया गठबंधन के घटक दलों में राजद को 26 सीटें मिली थीं, जिनमें से राजद ने अपने कोटे की 3 सीटें झंझारपुर, मोतिहारी और गोपालगंज विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी है। 

बीते मगंलवार को शेष बचे 23 में 22 सीटों पर राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। जिनमें आठ यादव, तीन दलित (रविदास-2 और पासवान-1) दो मुस्लिम समुदाय से प्रत्याशी शामिल हैं। वहीं, अतिपिछड़ी जाति को तीन सीटें, धानुक कुर्मी को एक, गंगोता को एक, चौपाल को एक, वैश्य को एक, कुशवाहा को तीन और सवर्ण जाति को 2 सीटें दी गई हैं।

पत्रकार संतोष तिवारी की नजरो में वैशाली लोकसभा सीट का हाल शुरू से लेकर अब तक..

इसबार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होने जा रहा है। वैशाली लोकसभा क्षेत्र में 6ठे चरण में चुनाव होगा। अब दिगर बात यह है कि वैशाली लोकसभा चुनाव में मोदी के मुद्दों के साथ चिराग के प्रति मतदाताओं की दीवानगी चलेगी या फिर मुन्ना शुक्ला का वायदा और तेजस्वी का भरोसा और विश्वास। 

खैर इसका फैसला तो 5 जून को परिणाम आने के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन उससे पहले आइए आपको इस सीट के इतिहास से अवगत कराते है।  

लोकतंत्र की प्रथम जननी वैशाली जो पूरे विश्व को लोकतंत्र का रास्ता दिखाया उसी लोकतंत्र की जननी पर जातीय जटिल और कुंठित बनाने की कोशिश में खूब जातीय उन्माद का जहर घोले जा रहे है ,जो लोकतंत्र के लिए घातक ही नही बल्कि बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पहुँचाने का अथक प्रयास है। वैसे लोकतंत्र की जननी का मतदाता अभी खामोश और साइलेंट होकर चुपचाप बैठ नेताओं की नौटंकी देखने को आतुर है। जिससे उसका मनोरंजन के साथ साथ आने वाले भविष्य के नीति निर्माण कार्यताओँ को देश के सबसे उच्च सदन में भेजने का मुहर लगा सके।  

आजादी के बाद से इस क्षेत्र से कइयों को यहाँ की जनता ने अपने मांथे पर बिठाने का काम किया। लेकिन किसी ने वैशाली के विकास का कोई खांका तक नही खींच पाया। 

बताते चलें कि भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली का ऐतिहासिक महत्व है। यही जैन मतावलंबियों के लिए पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ था। यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केला, आम और लीची के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस सीट का अस्तित्व 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद 1977 में आया। वैशाली क्षेत्र का कुछ हिस्सा हाजीपुर संसदीय सीट में चला गया। मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों और वैशाली विधानसभा को मिलाकर इस संसदीय सीट का गठन किया गया। 

अबतक वैशाली संसदीय सीट के लिए हुए चुनावों में सबसे अधिक जनता दल और राजद ने मिलाकर सात बार जीत दर्ज की। जनता पार्टी ने दो, कांग्रेस ने एक, बिहार पीपुल्स पार्टी ने एक और लोजपा ने दो बार जीत दर्ज की थी। दिग्विजय नारायण सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री रहे सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा, उषा सिन्हा, शिवशरण सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह इस क्षेत्र के चर्चित नाम हैं। 

विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी वैशाली के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र हैं। ये हैं-वैशाली, कांटी, मीनापुर, बरूराज, साहेबगंज और पारू। वैशाली को छोड़कर सभी विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर जिले में हैं। वैशाली लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 17 लाख 18 हजार 311 है। राजपूत, यादव और भूमिहार जाति की संख्या सबसे अधिक है। विभिन्न उपजातियों को मिलाने के बाद अतिपिछड़ों और दलितों की संख्या अच्छी-खासी हो जाती है। यहां की साक्षरता दर 66 फीसद के आसपास है। हाजीपुर-सुगौली रेलपथ की आर्थिक बाधा अब दूर हुई है और अब निर्माण चल रहा है। देवरिया-मुजफ्फरपुर पथ का चयन एनएच के लिए हुआ है। कांटी थर्मल की दूसरी यूनिट की भी शुरुआत हुई। सांसद निधि से 142 छोटी-बड़ी सड़कों केनिर्माण का काम हुआ। कांटी से मीनापुर को जोड़नेवाले रघई पुल के पहुंच पथ की बाधा दूर हुई और पुल चालू हो गया है। मोतीपुर स्टेशन के विस्तार की योजना की शुरुआत हुई। सड़क, जलजमाव, सिंचाई, चीनी मिल जैसे स्थानीय मसले भी चुनाव में मायने रखेंगे। 

वैशाली अपने प्रारभिक काल से ही बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र रहा है। इस लोकसभा क्षेत्र से वैशाली विधानसभा क्षेत्र समेत 6 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस क्षेत्र से जीतकर दिल्ली पहुंचे कई समाजवादियों और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने केंद्र सरकार में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है। लेकिन यह गौर करने वाली बात है कि इस प्रथम गणतंत्र की जननी की धरती पर कमल कभी नहीं खिल सका है। 

इसबार जब नवंबर में केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह एक रैली के दौरान जब मुजफ्फरपुर आए थे तो उन्होंने मंच से यह घोषणा की थी कि इसबार भाजपा स्वयं वैशाली से अपना उम्मीदवार उतरेगी। लेकिन नए गठबंधन के तहत फिर यह सीट लोजपा रामविलास के हिस्से में चली गई है। 

वहीं राजद ने इसबार वैशाली सीट पर मुन्ना शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा है। वही लोजपा आर ने यहां की सांसद विणा देवी को फिर से मौका दिया है। 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आमने सामने की लड़ाई में यहां भाजपा का सहयोगी दल अपनी सीट बरकरार रख पाती है या फिर राजद अपनी खोई जमीन पर पुनः पांव जमाने में सफल होती है।

रोहतास में बड़ा हादसा :फूसनुमा घर में लगी आग में भोजपुर के एक ही परिवार के 7 लोग जिंदा जले


डेस्क : प्रदेश के रोहतास जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां कच्छवां थाने के इब्राहिमपुर गांव में बीते मंगलवार दोपहर फूस से बने घर में अचानक आग लगने से एक ही परिवार के सात लोग जिंदा जल गए। वही हादसे में एक महिला झुलस गई। 

मरने वालों में पांच बच्चे और दो महिलाएं हैं, जिनमें एक महिला गर्भवती थी। सभी मृतक एक ही परिवार के भोजपुर जिले के निवासी थे। ये सभी लोग मजदूरी करते थे तथा इब्राहिमपुर में झोपड़ी बनाकर रहते थे।

मृतकों में पुष्पा देवी (30) व बेटे-बेटियों में बजरंगी (6), शिवानी (8), काजल (4), गुड़िया (1) शामिल हैं। वहीं कांति (6) पिता शामा चौधरी ग्राम रामनगर तरारी (भोजपुर), व माया देवी (25) पति दीपक चौधरी ग्राम लेमाद्रा थाना विशावदर, जूनागढ़ (गुजरात) की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर 1.30 बजे देवराज चौधरी के घर में खाना बन रहा था। घर के अन्य सदस्य काम के सिलसिले में बाहर गए थे। घटना के समय घर में दो महिलाएं पुष्पा देवी और उसकी ननद माया देवी और पांच बच्चे ही थे। आरोप है कि इस दौरान ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी देवराज की झोपड़ी पर गिर पड़ी और आग लग गई।