दुनियाभर में सबसे पहले उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन, महाकाल संग होली खेलते हैं भक्त, आरतियों के समय मे हुआ बदलाव!
महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले होलिका पूजन कर दहन करने की प्रथा आज भी कायम है। जिसके क्रम में ही रविवार को संध्या आरती के पश्चात सर्वप्रथम बाबा महाकाल के प्रांगण में होलिका का पूजन कर दहन किया जायेगा। जिसके पश्चात प्राकृतिक रंगों से ही भक्त भी होली खेलेंगे। महाकालेश्वर मंदिर में होलिका दहन के पश्चात ही शहर में अन्य स्थानों पर होलिका का दहन किया जाता है। होली के पश्चात ही प्रतिदिन होने वाली बाबा महाकाल की आरती का समय भी परिवर्तित हो जाता है।
वैसे तो हर त्यौहार की शुरुआत बाबा महाकाल के आंगन से होती है। इसी क्रम में रविवार को संध्या आरती पश्चात श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में होलिका का विधिवत पूजन अर्चन कर दहन किया जाएगा। इसके बाद 25 मार्च सोमवार को धुलेंडी पर्व मनाया जावेगा। होलिका दहन के पश्चात श्री बाबा महाकाल को गुलाल अर्पित किया जाएगा।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में विश्व में सबसे पहले होलिका दहन किया जाता है। खास बात है कि यहां शाम की आरती के बाद होलिका दहन होता है। इसके लिए किसी प्रकार का विशेष मुहूर्त नहीं देखा जाता है। भगवान महाकाल के दरबार में सबसे पहले होलिका दहन होने के बाद दुनिया भर में होली का त्योहार मनाया जाता है।
सबसे पहले होलिका उत्सव महाकालेश्वर मंदिर में मनेगा, अबीर-गुलाल के साथ होलिका दहन होगा।
वहीं, 25 मार्च धुलण्डी के दिन प्रातः 4 बजे भस्म आरती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर को मंदिर से पुजारी-पुरोहित रंग और गुलाल लगाएंगे साथ ही शीतल जल से स्नान भी कराया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 मार्च 2024 से परम्परानुसार ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा।
परंपरागत रूप से सबसे पहले महाकाल मंदिर में होगा होलिका दहन
प्रथम भस्म आरती– प्रात: 04:00 से 06:00 बजे तक,
द्वितीय दद्योदक आरती प्रात: 07:00 से 07:45 बजे तक,
तृतीय भोग आरती प्रात: 10:00 से 10:45 बजे तक,
चतुर्थ संध्या पूजन सायं 05:00 से 05:45 बजे तक,
पंचम संध्या आरती सायं 07:00 से 07:45 बजे
शयन आरती रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी
Mar 24 2024, 19:37