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केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका, गिरफ्तारी को दी थी चुनौती

#kejriwal_withdraws_from_supreme_court_his_plea_against_arrest 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को वापस ले लिया है। बताया गया है कि कोर्ट ने पहले इस मामले में सुनवाई के लिए हामी भर दी थी। इसके लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले की सुनवाई के लिए जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच को मामला सौंपा था।

ईडी की टीम ने लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार रात को सीएम केजरीवाल को दिल्‍ली के कथित शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया। अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शुक्रवार को केजरीवाल की ओर से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अभिषेक मनु सिंघवी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले को मेंशन किया और जल्‍द सुनवाई का अनुरोध किया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने केजरीवाल को जस्टिस संजीव खन्‍ना की अगुवाई वाली तीन जजों की स्‍पेशल बेंच के पास जाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि उनकी याचिका पर आज ही मतलब 22 मार्च को ही सुनवाई की जाएगी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्‍ना को याचिका वापस लेने की सूचना दी।

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष कहा कि वह याचिका वापस ले रहे हैं। क्योंकि यह मामला ट्रायल कोर्ट में ईडी द्वारा रिमांड सुनवाई के साथ टकराएगा। सिंघवी ने कहा, क्योंकि (ईडी) रिमांड में टकराव हो रहा है, इसलिए इसे वापस लेने का फैसला किया गया। रिमांड के खिलाफ लड़ेंगे और वापस आएंगे।

इससे पहले दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में ही गिरफ्तार की गईं बीआरएस नेता के. कविता से जुड़े मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट कविता को निचली अदालत में जाने का आदेश दिया था। साथ ही ट्रायल कोर्ट को मामले की जल्‍द सुनवाई करने का निर्देश भी दिया।

बता दें, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति घोटाला मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था। इस मामले में आप नेता दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जेल में हैं।

अपने कर्मों के कारण ही..', पढ़िए, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या बोले गुरु अन्ना हज़ारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज शुक्रवार (22 मार्च) को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के "शराब नीति बनाने" पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उनकी गिरफ्तारी "उनके अपने कर्मों के कारण हुई है"। हज़ारे ने कहा कि, मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि जो अरविंद केजरीवाल मेरे साथ काम करते थे, शराब के खिलाफ आवाज उठाते थे, वे अब शराब नीतियां बना रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी उनके अपने कर्मों के कारण हुई है। लेकिन वह क्या करेंगे? सत्ता के सामने किसी की नहीं चलती।" गिरफ़्तारी हो चुकी है, अब क़ानून के मुताबिक जो होगा वो होगा।''

उल्लेखनीय है कि, अरविंद केजरीवाल 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन में शामिल हुए थे। उन्होंने प्रसिद्धि हासिल की और 2012 में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई और मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा। लेकिन अब केजरीवाल उसी कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं, जिसके शीर्ष नेता सोनिया गांधी को वो पकड़कर जेल में डालने की बातें किया करते थे और उन्हें सबसे बड़ी भ्रष्ट बताया करते थे। मजे की बात तो ये भी है कि, कांग्रेस ने ही 2022 में शराब घोटाले की शिकायत की थी और केजरीवाल का इस्तीफा माँगा था, लेकिन आज कांग्रेस उनकी गिरफ़्तारी को लोकतंत्र की हत्या बता रही है । राहुल गांधी उनके परिवार से मिलने जाने वाले हैं ।

वहीं दूसरी तरफ, आज एक बड़े घटनाक्रम में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को सूचित किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने याचिका वापस लेने का फैसला किया है। सिंघवी ने कहा कि वापसी जरूरी है क्योंकि यह केजरीवाल की चल रही रिमांड कार्यवाही के साथ टकराव है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के बाद कई विपक्षी नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP नेता के प्रति एकजुटता व्यक्त की है।

ऋषिकेश आ रहे हैं तो हो जाएं सावधान, दो दिन बंद रहेगी रिवर राफ्टिंग; जानें कब बनाएं यहां आने का प्‍लान

राफ्टिंग के लिए विशेष पहचान रखने वाले गंगा के कौडियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में होली के मद्देनजर 24 व 25 मार्च को राफ्टिंग की गतिविधि बंद रहेगी। इस संबंध में उप जिलाधिकारी ने आदेश जारी किए हैं।

होली की छ़ुट्टियों पर बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेशों से पर्यटक ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र में पहुंचते हैं। होली की छुट्टियों को देखते हुए अभी से मुनिकीरेती, तपोवन, शिवपुरी सहित आसपास क्षेत्र के होटल व कैंपों में बुकिंग शुरू हो गई है। इन छुट्टियों के साथ पर्यटक गंगा में राफ्टिंग का लुत्फ भी उठाते हैं।

छोटी होली पर भी राफ्टिंग को बंद करने का निर्णय

होली पर शराब व मादक पदार्थों का सेवन कर राफ्टिंग करने वाले पर्यटक अक्सर हादसे का शिकार हो जाते हैं। पूर्व के वर्षों में इस तरह की घटनाएं सामने आई थी, जिसे देखते हुए पुलिस व प्रशासन विगत वर्ष से होली पर राफ्टिंग की गतिविधि को बंद कर रहा है। इस बार सिर्फ होली पर ही नहीं बल्कि छोटी होली पर भी राफ्टिंग को बंद करने का निर्णय लिया गया है।

उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर देवेंद्र सिंह नेगी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि 24 व 25 मार्च को गंगा के कौडियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जोन में राफ्टिंग की गतिविधि का संचालन प्रतिबंधित किया गया है। इस संबंध में पुलिस तथा राफ्टिंग संचालकों को सूचित कर दिया गया है।

फाग महोत्सव में बरसा गुलाल, जमकर झूमे लोग

रुड़की के रामनगर स्थित रामलीला मैदान में श्री राधा माधव सेवा मंडल की ओर से 18वें फाग महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों ने फूल, गुलाल के बरसाने के अलावा लठमार होली भी खेली। इस अवसर पर गायकों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोहा।

रामलीला मैदान में आयोजित इस महोत्सव में पंजाब के लुधियाना से आए प्रसिद्ध भजन गायक प्रिंस छाबड़ा ने होली आई सारा सारा, श्याम होली खेलने आए, तुम संग होली खेलूंगी आदि होली गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर श्री राधा माधव सेवा मंडल के संयोजक उमेश कोहली ने कहा कि संगठन की ओर से प्रत्येक वर्ष फाग महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

दिल्ली शराब मामले में केजरीवाल समेत अब तक 16 गिरफ्तार, जानें अब तक किन-किन पर कसा शिकंजा

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देश की राजधानी दिल्ली में हुआ शराब घोटाले इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है। गुरूवार रात इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने गुरूवार रात को 2 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले इसी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जेल में हैं। केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को ईडी ने बीते 15 मार्च को गिरफ्तार किया था।

नवंबर 2021 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने नई आबकारी नीति का ऐलान किया था। लेकिन जल्द ही इस नीति का विरोध भी शुरू हो गया। जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस नई नीति के खिलाफ अनियमितता की जानकारी दी। फिर दिल्ली के उपराज्यपाल ने नियमों के उल्लंघन को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर डाली। जांच एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के दौरान गिरफ्तारियों का सिलसिला सितंबर 2022 से शुरू हो गया। अब तक इस मामले में 

अब तक ये लोग शिकंजे में

समीर महेंद्रू,पी सरथ चंद्रा रेड्डी, बिनाय बाबू, विजय नायर, अभिषेक बायनपल्ली, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राजेश जोशी, राघव मगुंटा, अमन ढल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह (राज्यसभा सदस्य), के कविता (तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी)

दिल्ली की नई शराब नीति क्या थी?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जा रही है।

पहली बार नहीं हुई है दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी, जानिए कब-कब कर चुके हैं जेल की यात्रा

भारी ड्रामे और उनके आवास पर तलाशी के बाद, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया, वह गिरफ्तार होने वाले पहले मौजूदा मुख्यमंत्री बन गए। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा हो। अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की लहर पर सवार होकर लोकप्रियता हासिल करने वाले केजरीवाल को पहली बार 2012 में गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली की बवाना जेल में बंद कर दिया गया था। महीनों पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 2014 में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और दो दिनों के लिए तिहाड़ जेल में रखा गया।

12 अक्टूबर 2012 को, इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) आंदोलन के चरम पर, तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के आवास - 7, रेस कोर्स रोड (RCR) के पास बहुत बड़ा नाटक हुआ था। केजरीवाल, जिन्होंने अभी तक अपना राजनीतिक दल शुरू नहीं किया है, ने अपने परिवार द्वारा संचालित एनजीओ, जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बीच तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को बर्खास्त करने की मांग करते हुए प्रधान मंत्री आवास की ओर एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया था। एनजीओ ने उत्तर प्रदेश में दिव्यांग लोगों की मदद की थी।

लोकपाल कानून के लिए हजारे के अभियान में शामिल होने के लिए 2006 में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त के पद से इस्तीफा देने वाले केजरीवाल ने खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद की गिरफ्तारी की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों, जिनमें मनीष सिसौदिया भी शामिल थे, ने पीएम आवास के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया. आईएसी के कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर बंगले में घुसने की भी कोशिश की। कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के चलते केजरीवाल और कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बवाना जेल ले जाया गया। दिलचस्प बात यह है कि तब केजरीवाल ने अपनी मांगें पूरी होने तक जेल छोड़ने से इनकार कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने तब कहा था, "जो लोग भ्रष्टाचार से लड़ते हैं उन्हें जेल भेजा जा रहा है। और एक भ्रष्ट मंत्री आज़ाद है।"

2014 में मानहानि मामले में गिरफ्तार हुए

दो साल बाद, केजरीवाल ने खुद को फिर से सलाखों के पीछे पाया। इस बार मामला दिल्ली की मशहूर तिहाड़ जेल का था। भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में 10,000 रुपये की जमानत राशि देने से इनकार करने के बाद केजरीवाल को दो दिन तिहाड़ जेल में बिताने पड़े। AAP प्रमुख ने गडकरी को "चोर" कहा था और भाजपा नेता का नाम "भारत के सबसे भ्रष्ट" की सूची में भी डाला था।

यह घटना 49 अशांत दिनों के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लगभग दो महीने बाद हुई थी। केजरीवाल ने कांग्रेस पर जन लोकपाल विधेयक पारित करने के पार्टी के प्रयासों को विफल करने के लिए भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाने के बाद इस्तीफा दे दिया था, जो सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के लिए जिम्मेदार निकाय बनाएगा। कई AAP समर्थकों ने जेल के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और यहां तक कि रात भर डेरा डाले रखा। प्रमुख AAP नेताओं मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को कई अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया। फिर AAP नेता योगेन्द्र यादव को प्रदर्शन स्थल से खींचकर दिल्ली पुलिस की बस में डाल दिया गया। अंततः विरोध प्रदर्शन तब समाप्त हुआ जब वकील प्रशांत भूषण के कहने पर केजरीवाल जमानत बांड पर सहमत हुए और उन्हें तिहाड़ से रिहा कर दिया गया।

इंडियन शेयर बेचकर अमेरिकन शेयर खरीदों वरना बम से उड़ा देंगे', NSE को मिली धमकी

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मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ स्थित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को अज्ञात शख्स ने बम से उड़ाने की धमकी दी है। कॉलर ने कॉल करके कहा कि इंडियन शेयर बेचकर अमेरिकन शेयर नहीं खरीदे, तो NSE को बम से उड़ा देंगे। फिर NSE कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। 

घटना इंदौर के खजराना थाना इलाके की है। यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के पास बम से उड़ाने की धमकी का एक कॉल आया। तत्पश्चात, खजराना इलाके में दहशत का माहौल बन गया। NSE के कर्मचारियों ने खजराना पुलिस को पूरे मामले की खबर दी। पुलिस अब पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है। एडिश्नल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा कि हम मामले की तहकीकात कर रहे हैं। मगर, यह फेक है। देशभर में इस तरह के काल आए हैं। पुलिस की टीम मामले की तहकीकात कर रही है। टेक्निकल सर्विलांस का उपयोग किया जा रहा है। पता करने का प्रयास किया जा रहा है कि फोन कहां से किया गया था। 

जल्द ही अपराधी की लोकेशन को ट्रेस कर लिया जाएगा। हालांकि, यह फेक कॉल लग रही है। लेकिन फिर भी पुलिस कोई कमी नहीं छोड़ रही है। इस मामले में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। देश के महत्वपूर्ण संस्थान से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस इस कॉल को गंभीरता से ले रही है। मामले की शिकायत प्राप्त होने के बाद बम डिस्पोजल और डॉग स्क्वाड की एक टीम खजराना थाना क्षेत्र के रिंग रोड स्थित मालू वन बिल्डिंग भेजी गई थी। यहां टीम ने पूरे ऑफिस की बारीकी से तलाशी ली है। हालांकि, अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है।

आज जुम्मे को शुरू हुआ 'भोजशाला' का ASI सर्वे, मां सरस्वती का परमारकालीन मंदिर होने का दावा, भारी सुरक्षाबल तैनात

मध्य प्रदेश के धार में मौजूद ऐतिहासिक परमारकालीन भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने आज शुक्रवार (22 मार्च 2024) से सर्वे आरंभ कर दिया है। इस दौरान भोजशाला के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं, क्योंकि आज जुम्मा भी है और बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय यहाँ नमाज पढ़ने आ सकता है। परिसर के आसपास कैमरे और मेटल डिटेक्टर भी स्थापित कर दिए गए हैं, ताकि हर चीज़ पर नज़र रखी जा सके। वहीं सामने आए वीडियो में बड़े अधिकारियों की बाहर खड़ी गाड़ियाँ और भारी पुलिस बल नज़र आ रहा है। ये सर्वेक्षण सुबह 6 बजे से आरंभ हो चुका है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज के दिन शुरू हुआ सर्वे दो चरणों में संपन्न होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक भोजशाला में जुम्मे के दिन मुसलमानों को नमाज की इजाजत रही है, इसलिए शुक्रवार को किया जा रहा ASI सर्वे रुक-रुककर होगा। एक नमाज से पहले दूसरा नमाज के बाद। इसके बाद ASI अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा और कोर्ट में दाखिल करेगा। बता दें कि भोजशाला को माता वाग्देवी का मंदिर बताते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने वहाँ पूजा का अधिकार देने की माँग उठाई है। इस संबंध में अदालत में 4 याचिकाएँ लगी हुईं है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को तय की गई है। इस मामले में संगठन की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन और वकील विष्णु जैन पेश हुए हैं।

 

उनकी मजबूत दलीलों के कारण ही अदालत ने भोजशाला में ASI सर्वे के आदेश दिए थे। टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया था। मगर, सर्वे आदेश के 11 दिन बाद होना शुरू हुआ ऐसे में सर्वे के लिए ASI पर सिर्फ साढ़ चार सप्ताह बचे हैं। बता दें कि भोजशाला विवाद काफी पुराना है, कई बार यहाँ हिन्दू मुस्लिम दंगे भी हो चुके हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये माता सरस्वती का मंदिर है, जहाँ दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक आज भी अंकित हैं। मगर, सदियों पहले मुस्लिमों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहाँ मौलाना कमालुद्दीन की मजार बना दी थी, जिसके बाद यहाँ मुस्लिम समुदाय का आना जाना शुरू हो गया और अब जगह को नमाज के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।

भोजशाला के बाहर लगे बोर्ड में सूचना के रूप में स्पष्ट लिका है कि मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं को यहाँ प्रवेश मिलेगा। वहीं शुक्रवार दोपहर 2 बजे से लेकर तक 3 बजे तक मुस्लिम नमाज़ पढ़ सकेंगे। बाकी बचे दिन जगह पर आम लोगों के देखने के लिहाज से खोला जा सकता है।

आईपीएल 2024 का आगाज आज से, चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच चेन्नई में पहला मुकाबला

#ipl_2024_csk_vs_rcb_opening_match

इंडियन प्रीमियर लीग के 17वें सीजन यानी आईपीएल 2024 का आगाज आज शुक्रवार 22 मार्च से होने जा रहा है। पहला मैच गत विजेता चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। चेन्नई के ऐतिहासिक चेपॉक स्टेडियम में सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।चेपॉक में होने वाला ये मैच किसी जंग से कम ना होगा क्योंकि, सीएसके टीम जहां अपने खाते में एक और खिताब जोड़ना चाहेगी तो आरसीबी अपनी पहली ट्रॉफी की तलाश में होगी।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने चेन्नई सुपरकिंग्स को उसके घर पर आखिरी बार 2008 में हराया था। वो दिन है और आज का दिन है चेन्नई ने कभी बेंगलुरू को चेपॉक में जीतने नहीं दिया। चेपॉक की 22 गज की पट्टी पर अकसर बेंगलुरू की मजबूत बल्लेबाजी यूनिट नाचती नजर आती है। वो बैटिंग यूनिस जिसमें विराट कोहली जैसा बल्लेबाज है। वो टीम जिसके पास मैक्सवेल और डुप्लेसी जैसे तूफानी बल्लेबाज हैं वो भी चेपॉक में आकर कुछ नहीं कर पाते।

चेन्नई की टीम ने आईपीएल 2023 का खिताब अपने नाम किया थाष इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे अपना छठा खिताब हासिल करने का लक्ष्य रखेंगे, क्योंकि एमएस धोनी शायद आखिरी बार पीली जर्सी में नजर आएंगे।हालांकि, पांच बार चेन्नई सुपर किंग्स को चैंपियन बनाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस बार टीम की कप्तानी नहीं करेंगे। इस बार ऋतुराज गायकवाड़ को नया कप्तान बनाया गया है। साल 2008 से महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की टीम से खेल रहे हैं। हालांकि ऐसी चर्चा है कि यह धोनी का आखिरी आईपीएल होगा और इसके बाद वो सन्यास की घोषणा कर सकते हैं।

सीएसके ने रचिन रवींद्र, डेरिल मिचेल, शार्दुल ठाकुर, समीर रिजवी और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को टीम में शामिल करके अपनी टीम में ऑलराउंडर खिलाड़ियों का मजबूत स्क्वाड अपने साथ रखा है, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही, वे प्रमुख खिलाड़ियों की चोटों से परेशान हैं। अंगूठे की चोट के कारण आईपीएल के शुरुआती मैचों से बाहर डेवोन कॉन्वे की जगह न्यूजीलैंड के रचिन रविंद्र ने ली है। वहीं मध्यक्रम में उनके हमवतन डेरिल मिचेल होंगे। अनुभवी अजिंक्य रहाणे और युवा ऋतुराज गायकवाड़ पर मध्यक्रम में रन बनाने की जिम्मेदारी होगी। चेन्नई की ताकत उसके स्पिनर हैं जो चिदंबरम स्टेडियम की पिच पर कहर बरपा सकते हैं। रविंद्र जडेजा, मिचेल सेंटनेर, मोईन अली, रचिन, महीश तीक्षणा की गेंदबाजी यहां बेहद असरदार साबित होगी। सीएसके के पास दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर जैसे कुशल तेज गेंदबाज भी हैं।

आरसीबी ने इस मैदान पर चेन्नई को 2008 से नहीं हराया है। दो महीने के ब्रेक के बाद मैदान पर लौट रहे विराट कोहली और कप्तान फाफ डु प्लेसी पर रन बनाने की जिम्मेदारी होगी। कैमरन ग्रीन और ग्लेन मैक्सवेल भी टीम में हैं। तेज गेंदबाजों में उनके पास मोहम्मद सिराज, लॉकी फर्ग्यूसन, अलजारी जोसेफ, आकाश दीप और रीसे टॉपली हैं। स्पिन गेंदबाजी में वानिंदु हसरंगा की कमी महसूस होगी, लेकिन मैक्सवेल के पास अनुभव है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सियासी उबाल, विपक्ष का जोरदार हमला, जानें किसने क्या कहा

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया है। अपने मुखिया की गिरफ्तारी के बाद आप आज देशभर में प्रदर्शन करने वाली है। ईडी केजरीवाल को आज कोर्ट में पेश करेगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले केजरीवाल खुद भ्रष्टाचार के आरोप में ही गिरफ्तार हुए। यूपीए सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से वे चर्चा में आए। लोगों ने उन्हें 2013, 2015 व 2020 में दिल्ली की सत्ता सौंपी। अब केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पक्ष और विपक्ष के नेता आमने-सामने हैं। 

बीजेपी ने कहा-न्याय करने का समय आ गया

दिल्ली में भाजपा के अध्यक्ष कपिल मिश्राने कहा, गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई। भ्रष्टाचार के तार अरविंद केजरीवाल के घर से जुड़े थे। मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और अरविंद केजरीवाल की राजनीति तिहाड़ जेल में खत्म होगी। इनके द्वारा फैलाए शराब के जाल के खिलाफ न्याय करने का समय आ गया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति में घोटाला किया है। दिल्ली की जनता को लूटा है। दिल्ली को लूटने का काम किया है। इसलिए अगर आपने जनता को धोखा दिया है, चोरी की है, भ्रष्टाचार किया है, तो उसका फल आपको ही मिलेगा।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, "सबका हिसाब होता है"

केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है और विपक्षी नेताओं ने इस कदम को गलत तथा असंवैधानिक करार दिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे ग्रुप पर दिल्ली की तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित पर निराधार आरोप लगाने का आरोप लगाया है। शर्मिष्टा ने कहा कि शीला दीक्षित के खिलाफ ढेर सारे सबूत होने के बावजूद एक भी सबूत जनता के सामने पेश नहीं किया गया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, "सबका हिसाब होता है।" उन्होंने आगे कहा, "जो दूसरों पर आरोप लगा रहे थे, वही अब अपने कर्मों का परिणाम भुगत रहे हैं।"

राहुल गांधी का रिएक्शन

राहुल गांधी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक्स पोस्ट पर लिखा "डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।"

प्रियंका गांधी ने कही ये बात

प्रियंका गाधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को। अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए - यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है। देश के विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज़ कर दिये गये हैं, तमाम राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर ईडी, सीबीआई, आईटी का दिन रात दबाव है, एक मुख्यमंत्री जेल में डलवा दिये गये हैं, अब दूसरे मुख्यमंत्री को भी जेल ले जाने की तैयारी हो रही है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।

सिब्बल का जोरदार तंज

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया कि अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया। लोकतंत्र की जननी ने दिखाया है कि ईडी उनका सबसे आज्ञाकारी "बेटा" है!

क्या केजरीवाल जेल से चलाएंगे सरकार ? जानें क्या कहता है कानून

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दिल्ली में सियासी हलचल टरम पर है। गुरूवार शाम ढलते ही राजधानी में सियासी ड्रामा शुरू हो गया। फ्लैग रोड स्थित मुख्यमंत्री निवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शराब नीति मामले में पूछताछ शुरू कर दी। रात होते होते ईडी की टीम ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तारी कर लिया। केजरीवाल के अरेस्ट होने के बाद दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, वे जेल से ही सरकार चलाएंगे। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे। ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें जेल से सरकार चलाने से रोक सके।अब सवाल है कि गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे या जेल के भीतर से ही सरकार चलाएंगे। आखिर कानून में इस संबंध में क्या प्रावधान है?

केजरीवाल के जेल जाते ही बड़ा सवाल उठ रहा है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा? आम आदमी पार्टी में यह भी चर्चा आम रही कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। सूत्रों की माने तो मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल में होने की वजह से मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ही कद्दावर नेता बनकर उभरे है। वहीं यह भी कयास लगाया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी सत्ता संभाल सकती है। 

क्या है कानूनी प्रावधान

वहीं, कानून की बात कहें तो लीगल एक्सपर्ट का कहना है कि गिरफ्तारी पर इस्तीफा देने की कोई बाध्यता नहीं है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो मंत्री को पद से इस्तीफा देना अनिवार्य करता हो। कानून के जानकारों का मानना है कि गिरफ्तारी होने को दोष सिद्धि नहीं माना जा सकता है। इस स्थिति में किसी भी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होने से तुरंत उनका पद नहीं जा सकता है। दूसरी ओर, एक्सपर्ट यह भी कह रहे हैं कि यह देखना होगा कि जेल से सरकार चलाना कितना प्रैक्टिकल होगा। साथ ही लोकतंत्र की परंपराओं के कितना अनुरूप होगा। इसके लिए जेल के नियमों से लेकर तमाम तरह के पहलुओं पर काफी कुछ डिपेंड करेगा। अगर मुख्यमंत्री जेल से सरकार चलाना चाहेंगे और जेल अथॉरिटी इसके लिए इजाजत देगी तो ऐसा संभव हो सकता है। इसके साथ ही करप्शन केस में गिरफ्तारी के बाद मुकदमा चलाने के लिए गवर्नर की मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में जेल से सरकार चलाने प्रैक्टिकली कितना संभव होगा इसको लेकर दुविधा बरकरार है। ऐसे में काफी कुछ कोर्ट पर निर्भर करेगा।

सीएम रहते गिरफ्तार होने वाले पहले नेता

बता दें कि केजरीवाल पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, इससे पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने पद पर रहते हुए हिरासत में लिया था और बाद में राजभवन ले जाकर उन्हें राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने का मौका दिया था। केजरीवाल ने दावा किया है कि वह गिरफ्तार होने के बाद भी सीएम पद नहीं छोड़ेंगे।