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केंद्र सरकार ने घटाए पेट्रोल-डीजल के दाम तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम बोले- ये पुरानी वाली चालाकी..

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनावों से पहले ईंधन की कीमतें कम करने के फैसले पर केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस महीने की शुरुआत में "हाथ की वही चालाकी" देखी गई थी, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की घोषणा की थी। 

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी घोषणा में कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2 रुपये की कटौती की गई है और नई दरें 15 मार्च (शुक्रवार) सुबह 6 बजे से प्रभावी होंगी। मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा और डीजल से चलने वाले 58 लाख से अधिक भारी माल वाहनों, 6 करोड़ कारों और 27 करोड़ दोपहिया वाहनों की परिचालन लागत भी कम होगी।

केंद्र की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने "पिछले हफ्ते एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम की जाएंगी। यह आज किया गया।" गुरुवार रात एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "क्या सरकार कहेगी कि चुनाव के बाद (अगर बीजेपी दोबारा सत्ता में आई) कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी? बीजेपी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 700 रुपये की बढ़ोतरी की थी और फिर चुनाव की पूर्वसंध्या पर 100 रुपये कम कर दिये गये।'' कांग्रेस नेता ने कहा, "पेट्रोल और डीजल के मामले में भी इसी तरह की चालाकी अपनाई गई है।"

पेट्रोल और डीजल की कीमत में यह कटौती प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की घोषणा के एक हफ्ते से भी कम समय बाद आई है। घोषणा करते समय, पीएम मोदी ने कहा कि कटौती से "देश भर के लाखों परिवारों पर वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा, विशेष रूप से हमारी नारी शक्ति को लाभ होगा"।

विपक्ष ने एलपीजी की कीमत में कटौती पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, नेताओं ने इस कदम के समय पर सवाल उठाया था। एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने सुझाव दिया कि यह कदम एक राजनीतिक चाल हो सकता है और इसे 'जुमला' (झूठा वादा) कहा था। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेत गोखले ने भी समय पर सवाल उठाया और सवाल किया कि पिछले सात महीनों में कीमत कम क्यों नहीं की गई।

कल होगा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, जानिए, इतने बजे होगी चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कल किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, कल दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। इसमें लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। पुरे देश को लोकसभा चुनाव का इंतजार है। आम चुनाव 2024 और राज्य विधानसभाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग शनिवार 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। यह दोपहर 3 बजे आयोजित की जाएगी। इसे ईसीआई के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइवस्ट्रीम किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा नियुक्त किए गए दोनों चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) और सुखबीर संधू (Sukhbir Sandhu) ने कार्यभार संभाल लिया है। दो चुनाव आयुक्त के पद खाली होने के कारण लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान में देरी हो रही थी। बता दें कि 14 फरवरी को चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे रिटायर हो गए वहीं 8 मार्च को अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया। ऐसे में दोनों चुनाव आयुक्तों के पद खाली होने के कारण चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी हो रही थी।

जानिए कौन हैं सबसे ज्यादा चुनावी चंदा देने वाले सैंटियागो मार्टिन, जिनकी कंपनी ने दिया 1368 करोड़ रुपए का चंदा

#lottery_king_santiago_martin_whose_firm_donated_1368_crore_in_electoral_bonds 

भारतीय चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड यानी चुनावी बॉन्ड को जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 14 मार्च को चुनावी चंदे की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया गया है। देश की कंपनियों और कुछ लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को 1,27,69,08,93,000 रुपये दान में दे दिये। चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों में कई कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं।चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के दो भागों में बंटी हुई है, जिसमें कुल 763 पन्ने हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियां, बॉन्ड खरीदने की तारीख और बॉन्ड की कुल राशि की बात की गई है। वहीं दूसरी लिस्ट में तारीख, राजनीतिक पार्टी और उनके चंदे को दर्शाया गया है।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाली गई लिस्ट में वह सारे नाम हैं, जिन्होंने राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों में पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (Future Gaming And Hotel Services) का नाम शामिल है। कंपनी ने बॉन्ड के जरिए करीब 1,368 करोड़ रुपये दिए हैं। कंपनी ने साल 2019 से 2024 के बीच ये बॉन्ड खरीदे हैं। वहीं दूसरे स्थान है मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जिसने 980 करोड़ रुपये चुनावी दान में दिए हैं।

इस फ्यूचर गेमिंग कंपनी को सैंटियागो मार्टिन चलाते हैं, जिन्हें लॉटरी किंग के नाम से जाना जाता है। फ्यूचर गेमिंग कोयंबटूर स्थित एक कंपनी है। इसकी स्थापना साल 1991 में हुई थी और इससे पहेल मार्टिन लॉटरी एजेंसीस लिमिटेड के नाम से इसे जाना जाता था। फर्म की वेबसाइट के मुताबिक मार्टिन ने 13 साल की उम्र में ही लॉटरी व्यवसाय में अपनी किस्मत आजमाई थी

कौन हैं सैंटियागो मार्टिन?

मार्टिन चैरिटेबल ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सैंटियागो मार्टिन मार्टिन ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जिन्होंने बहुत कम उम्र में लॉटरी इंडस्ट्री में अपनी यात्रा शुरू की थी। मार्टिन को भारत का ‘लॉटरी किंग’ माना जाता है क्योंकि उन्होंने सालों के इनोवेशन और मार्केटिंग के माध्यम से व्यवसाय में लिडरशीप की पोजिशन हासिल की। सैंटियागों ने लॉटरी के जरिए आम लोगों को सपने और भाग्य बेचते हुए हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं।

मजदूर से बना लॉटरी किंग

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन कभी म्यांमार के यांगून में एक मजदूर हुआ करते थे। इसके बाद साल 1988 में वह भारत लौटे और तमिलनाडु में लॉटरी बिजनेस की शुरुआत की। उन्होंने पूर्वोत्तर जाने से पहले कर्नाटक और केरल में कारोबार का विस्तार किया। नॉर्थ ईस्ट में लॉटरी बिजनेस को शुरू करने के बाद सैंटियागो मार्टिन ने भूटान और नेपाल में भी कंपनी शुरू की और जल्द ही लॉटरी बिजनेस वहां भी शुरू कर दिया। सैंटियागो मार्टिन ने लॉटरी के अलावा कंस्ट्रक्शन, टेस्सटाइल्स, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर में भी विस्तार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड एलायज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष भी हैं।

इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर जारी न करने पर एसबीआई पर भड़ा सुप्रीम कोर्ट, दिया ये बड़ा आदेश

#electoral_bond_case_supreme_court_hearing 

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर चुनाव आयोग की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एसबीआई को फिर से नोटिस जारी किया और इलेक्टोरल बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में जमा डाटा को कल शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंपे।

कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया। एसबीआई ने बॉन्ड का यूनिक नंबर जारी नहीं किया गया है। कोर्ट में एसबीआई की ओर से कोई मौजूद नहीं था। अब शीर्ष अदालत ने एसबीआई से जवाब मांगा है। सोमवार को फिर होगी मामले की सुनवाई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बान्ड की खरीद और भुनाने के संबंध में पहले से बताए गए विवरणों के अलावा, चुनावी बान्ड संख्या यानी यूनिक नम्बर का भी खुलासा करना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने की 15 तारीख को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम अभियान ही को असंवैधानिक करार दे दिया था. साथ ही, एसबीआई को आदेश दिया था कि वह 12 अप्रैल 2019 के बाद जारी हुए और भुनाए गए सभी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को दे जिसको चुनाव आयोग को 15 मार्च की शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाईट पर पब्लिश करना था। 

चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली जानकारी तो पब्लिश कर दी लेकिन जानकारी में बॉन्ड का नंबर न होने से राजनीतिक तापमान गर्म हो गया। कुछ लोगों का कहना था कि प्राप्त हुई जानकारी से ये तो साफ हुआ कि किसने चंदा दिया और किसको चंदा मिला लेकिन दानदाता और दान हासिल करने वालों का मिलान करने के लिए जिस अल्फा न्यूमेरिक नंबर की जरुरत थी, एसबीआई ने उसको अब तक नहीं बताया है।

कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ एफआईआर, नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न का आरोप

#bs_yediyurappa_booked_under_pocso_faces_allegation_of_sexual_assault 

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। येदियुरप्पा के खिलाफ पॉस्को एक्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

येदियुरप्पा पर एक 17 वर्षीय लड़की का यौन शोषण का आरोप लगा है। नाबालिग की मां की शिकायत पर पुलिस ने येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) की एक धारा के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, यौन उत्पीड़न की कथित घटना 2 फरवरी, 2024 को हुई थी, जब मां और बेटी येदियुरप्पा के पास मदद मांगने पहुंची थीं।

महिला ने बताया कि कुछ लोगों ने उनकी बेटी का रेप किया था। पुलिस में सुनवाई नहीं हो रही थी। वह मदद मांगने के लिए बीएस येदियुरप्पा के पास पहुंची थीं। लड़की की मां ने आरोप लगाया है कि मदद के नाम पर येदियुरप्पा ने उनकी बेटी का यौन शोषण किया।

एफआईआर में दावा किया गया है कि वरिष्ठ भाजपा नेता ने पीड़िता को एक कमरे के अंदर खींचकर कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया। जब पीड़िता कमरे से बाहर भागी तो उसने अपनी मां से कथित मारपीट की शिकायत की। मां की शिकायत के आधार पर वरिष्ठ भाजपा नेता पर पॉस्को और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि कल रात लगभग 10 बजे एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जब तक हमें सच्चाई नहीं पता, हम कुछ भी खुलासा नहीं कर सकते। यह एक संवेदनशील बात है क्योंकि इसमें एक पूर्व सीएम शामिल हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई राजनीतिक एंगल है। अगर पीड़ित महिला को सुरक्षा की जरूरत होगी तो दी जाएगी

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, नए कानून के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई

#supreme_court_will_hear_today_the_matterof_appointment_of_election_commissioners 

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। अदालत में अर्जी दाखिल कर चीफ इलेक्शन कमिश्नर और इलेक्शन कमिश्नरों की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए कानून को चुनौती गई है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ चुनाव और राजनीतिक दलों की पारदर्शिता को लेकर काम करने वाली गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफा‌र्म्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी। 

एडीआर ने याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की धारा सात की वैधता को चुनौती दी है और इसके अमल पर रोक लगाने की मांग की है। इस धारा के तहत मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से बाहर रखा गया है। संविधान पीठ में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

याचिकाकर्ता असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कांग्रेस नेता डॉ. जया ठाकुर की ओर से जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली बेंच के सामने मामला उठाया गया। उन्होंने अर्जेंट सुनवाई की मांग की। मंगलवार को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में मामला उठाया गया था तब जस्टिस खन्ना ने याचिकाकर्ता से कहा था कि वह अर्जेंट सुनवाई के लिए प्रक्रिया का पालन करें। इसके बाद दोबारा यह मामला बुधवार को उठाया गया। जस्टिस खन्ना ने कहा कि उन्हें चीफ जस्टिस की ओर से संदेश मिला है कि मामले को शुक्रवार के लिए लिस्ट किया गया है।

यह सुनवाई इसलिए महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को बृहस्पतिवार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति ने चुना। जिस प्रक्रिया के तहत दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति 14 मार्च को हुई, सुप्रीम कोर्ट में आज उसको चुनौती दी गई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है । 

दरअसल पिछले साल अगस्त के महीने में मुख्य चुनाव आयुक्त और दूसरे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए मोदी सरकार एक विधेयक सदन में लेकर लाई जिसने अब कानून की शक्ल ले ली है। इस कानून के अमल में आने के बाद चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाली प्रक्रिया से देश के चीफ जस्टिस को हटा दिया गया और उनकी जगह एक कैबिनेट मंत्री कमेटी में जगह दे दी गई। नए कानून ने सीईसी और ईसी की नियुक्ति, उनकी सर्विसेज से जुड़े शर्तों में जो बदलाव किया, उसके मुताबिक नियु्क्ति को दा चरण में रखा गया।

पहला – कानून मंत्री की अध्यक्षता में एक सर्च कमिटी का गठन होगा जिसमें दो केंद्रीय सचिव शामिल होंगे और ये कमिटी पांच नाम शॉर्टलिस्ट कर सलेक्शन कमिटी को भेजेगी।

दूसरा – सलेक्शन कमिटी में प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री की ओर से नॉमिनेट किए गए एक केंद्रीय मंत्री होंगे. नए कानून में व्यवस्था यह भी की गई कि अगर लोकसभा में संख्या बल की कमी के कारण कोई पार्टी विपक्ष के नेता का पद नहीं हासिल कर पाई तो सदन की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को लीडर ऑफ ऑपोजिशन मानते हुए पीएम की अगुवाई वाले पैनल में शामिल किया जाएगा। 

सबसे दिलचस्प प्रावधान तो नए कानून में यह था कि जिन नामों को सर्च कमिटी ने शॉर्टलिस्ट नहीं किया है, प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली पैनल चाहे तो वैसे नामों पर भी विचार कर सकती थी।

विपक्ष ने नए कानून पर एतजार जताया है। विपक्षी दलों ने नए कानून की खूब आलोचना की और कहा नए पैनल को जिस तरह की ताकत दे दी गई है, उससे सत्ताधारी पार्टी ऐसे सीईसी और ईसी का चयन करेगी जो उसको फायदा पहुंचाए।

ममता बनर्जी हुईं घायल, सिर पर लगी चोट

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिर पर चोट लगी है.

 चोट लगने के बाद TMC प्रमुख को कोलकाता के SSKM अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

 तृणमूल कांग्रेस (AITMC) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. TMC ने ममता बनर्जी की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिनमें उनके माथे से खून निकलता दिख रहा है.

टीएमसी ने लिखा, हमारी चेयरपर्सन ममता बनर्जी को गंभीर चोट आई है. उनके लिए प्रार्थना कीजिए.

 बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी कालीघाट के घर में गिर गईं, जिससे उन्हें काफी चोट आई है

नवजोत सिंह सिद्धू नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, जानें क्या है वजह?

#navjot_singh_sidhu_will_not_contest_lok_sabha_elections 

पूरा देश लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार कर रहा है। इससे पहले सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। बीजेपी-कांग्रेस समेत कई दलों ने अपने प्रत्याशियों की सूची भी जारी करने शुरू कर दी है। इस बीच कांग्रेस को बड़े झटके लग रहे हैं। एक तरफ तो पार्टी के बड़े चेहरे हाथ छोड़ रहे हैं, दूसरे कईयों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। इन्हीं नेताओं में एक हैं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। इन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। सिद्धू के लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के पीछे पारिवारिक कारण बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला से कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और संभावित बीजेपी उम्मीदवार परनीत कौर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी की थी। लेकिन सिद्धू ने कैंसर से पीड़ित अपनी पत्नी के इलाज का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य स्तरीय राजनीति में बने रहने की बात की है।

इससे पहले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया था। सिद्धू ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने एक्स पर इंटरव्यू की एक क्लिप शेयर की। सिद्धू ने कहा कि भगवंत मान साहब मेरे पास आए थे। अगर वह बताएंगे तो मैं उन्हें वह जगह भी बता दूंगा (जहां वह मुझसे मिले थे)। उन्होंने मुझसे कहा कि पाजी, अगर आप मुझे कांग्रेस में शामिल करा देंगे तो मैं आपका सहायक बनने के लिए तैयार हूं। उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि अगर आप आम आदमी पार्टी में शामिल होते हैं तो भी मैं आपका सहायक बनने के लिए तैयार हूं।’ सिद्धू ने दावा किया कि उन्होंने मान से कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रति प्रतिबद्ध हैं और वह उन्हें नहीं छोड़ सकते

बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों को भारत में लाकर बसाना स्वीकार नहीं- CAA पर अमित शाह के बयान पर अरविंद केजरीवाल ने दिया जवाब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गृहमंत्री अमित शाह के सीएए को लेकर दिए गए बयान पर जवाब दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि यह कानून बिल्कुल भी देश के हित में नहीं है। दूसरे देशों से लाकर लोगों को यहां बसाया जाए यह ठीक नहीं है।

आजादी के बाद काफी बड़े स्तर पर माइग्रेशन हुआ था, अब सीएए की वजह से जो माइग्रेशन होगा वह 1947 से भी बड़ा होगा।

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मिलाकर करीब ढाई से तीन करोड़ लोग रहते हैं और अगर इनमें से करीब डेढ़ करोड़ लोग भी आ गए तो क्या होगा। पहले भारत आने से पहले लोग डरते थे, लेकिन इस कानून से लोगों का डर खत्म हो जाएगा।

आप रोंहिग्या की बात कर रहे थे ये तो आप के ही शासन काल में आए हैं। क्या आप बता सकते हैं कि वह कैसे आए। बाहर से आए लोगों को आप अब देश की नागरिकता दोगे, उनके राशन कार्ड बनाओगे ये सही नहीं है। क्योंकि अपने देश के राशन कार्ड नहीं बन पा रहे और आप बाहर के लोगों को बसाने की कोशिश कर रहे हो।

केजरीवाल ने पूछा कि क्या आपके घर के सामने पाकिस्तान से आए लोगों की झुग्गियां बनेंगी, वो लोग न जाने कैसे होंगे क्या लोग सुरक्षित होंगे?

पंजाब में कांग्रेस को एक और झटका, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर ने थामा बीजेपी का दामन

#congress_gets_big_set_back_as_mp_parneet_kaur_joins_bjp

लोकसभा चुनाव से कांग्रेस को एक-एक कर लगातार बड़े झटके लग रहे हैं। लगभग हर राज्य से कांग्रेस का बड़ा चेहरा पार्टी छोड़ रहा है। इन नेताओं को बीजेपी लपकने में देरी नहीं कर रही है। अब पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पटियाला से सांसद परनीत कौर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसे लेकर उन्होंने एक आधिकारिक पत्र द्वारा घोषणा की। इसके तुरंत बाद कौर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। लोकसभा चुनाव के बीच परनीत कौर का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान है।

बता दें कि परनीत कौर कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। वह पंजाब की ‘शाही सीट’ पटियाला से चार बार कांग्रेस की सांसद रहीं हैं। उन्होंने अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि ‘मैं आज बीजेपी में शामिल हो रही हूं। पिछले 25 साल से मैने लोकतंत्र के लिए काम किया है। आज समय आ गया है जो हमारे बच्चों का कल बेहतर बना सकता है।

परनीत कौर ने भारतीय जनता पार्टी में ज्वाइन को लेकर कहा कि मैं मोदी जी के काम और नीति को देख कर और विकसित भारत का जो कार्यक्रम चल रहा है उससे प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हूं। मैं पीएम मोदी के नेतृत्व में अपने निर्वाचन क्षेत्र, अपने राज्य और देश के लिए काम करूंगी। मोदी जी के नेतृत्व में ही हम अपने बच्चों और देश को सुरक्षित रखा सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी अच्छी पारी रही और मुझे उम्मीद है कि बीजेपी के साथ मेरी पारी बेहतर होगी।

परनीत कौर पिछले 25 वर्षों से पटियाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ती आ रही हैं। परनीत कौर को बीजेपी इसी सीट से उम्मीदवार बना सकती है। इतिहास में पहली बार बीजेपी पटियाला सीट से चुनाव लड़ेगी। परनीत कौर की उम्र 79 वर्ष है, लेकिन उनके लिए भाजपा 75 से अधिक उम्र के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतारने की अपनी नीति में भी ढील दे सकती है।

पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने सांसद परनीत कौर को तीन फरवरी 2023 को पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद भी परनीत पति कैप्टन अमरिंदर के कार्यक्रमों में शामिल होती रहीं। जिसके बाद यह साफ हो गया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगी। में शामिल होती रहीं और तब से ही यह तस्वीर स्पष्ट हो गई थी कि लोकसभा चुनाव के करीब आकर