सौरभ भारद्वाज का दावाः 2-3 दिन में गिरफ्तार हो सकते हैं सीएम केजरीवाल, आज शाम तक मिल स कता है एक और नोटिस
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी अब तक सात समन भेजा चुकी है।हालांकि केजरीवाल ने ईडी के हर समन की अनदेखी की है और पेश नहीं हुए हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि शुक्रवार को दिन में या शाम तक अरविंद केजरावल को एक और नोटिस भेजा जा सकता है। खबर है कि सीबीआई केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए कदम बढ़ा रही है।दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ये दावा किया है।
सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हमें जानकारी है कि अगले दो से तीन दिनों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सवाल ये है कि केंद्र सरकार इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है।उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के लोग भी हैं हमें बता रहे हैं कि अगर गठबंधन (कांग्रेस के साथ) होता है, तो अरविंद केजरीवाल को जेल हो जाए और अगर हम उन्हें बाहर देखना चाहते हैं तो एक ही रास्ता है कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन का हिस्सा न बनें।
आतिशी ने भी किया कुछ ऐसा ही दावा
इससे पहले गुरूवार को दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के दावा किया कि आप नेताओं को मैसेज आया है। जिसमें इंडिया गठबंधन छोड़ने को कहा गया है। गठबंधन करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी गई है। दो दिन में सीबीआई का नोटिस आ सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी की साजिश रची जा रही है।
अब तक केजरीवाल को मिल चुका है 7 समन
बता दें, शराब नीति में हुए कथित घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय अब तक सात समन जारी कर चुकी है। ईडी ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरूवार को सातवां समन भेजा है।जांच एजेंसी ने केजरीवाल को सोमवार यानी 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले 19 फरवरी को ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन वह पेश नहीं हुए। आम आदमी पार्टी और केजरीवाल लगातार ईडी के समन की अनदेखी कर रहे हैं और उनसे गैर कानूनी बता रहे हैं। ईडी के नोटिस पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि केजरीवाल को गैरकानूनी नोटिस भेजा गया है। आप ने बार-बार ये सवाल उठाया है कि किस आधार पर ये समन भेजा गया है। जब ईडी खुद इस मामले को लेकर कोर्ट गई है तो इंतजार क्यों नहीं कर सकती।
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।सीबीआई के बाद ईडी ने 22 अगस्त, 2022 को आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर जांच शुरू की।
Feb 23 2024, 13:30