सरकार बातचीत के लिए तैयार, किसानों ने कहा कि अभी तक वार्ता की चिट्ठी नहीं मिली, आकिर क्या चल रहा है अन्नदाताओं के मन में?
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एमएसपी को लेकर कानून की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने बुधवार को दिल्ली कूच करने की कोशिश की। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव हुआ। कई जगहों पर प्रदर्शन उग्र भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग की ओर बढ़ने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोलों के साथ रबड़ की गोलियां चलाईं। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने 20 से 25 किसानों को हिरासत में ले लिया। करीब 40 किसानों के घायल होने की खबर है।किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि खनोरी और शंभु बार्डर पर केंद्र सरकार ने बर्बरता की है।
आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर भी चल रहा है। अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार ने पांचवें दौर की वार्ता का न्योता किसानों को दिया है। कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को किसानों को न्योता दिया। सरकार किसानों से एमएसपी, पराली, फसल विविधता और एफआईआर पर बातचीत करने के लिए तैयार है। हालांकि, सरकार के न्योते पर किसानों ने कहा कि अभी तक बातचीत की चिट्ठी नहीं मिली है।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली जाने के फैसले पर दो दिन स्टे होगा। इस दौरान क्या फैसला लेना होगा इसपर विचार करेंगे। अगले दो दिनों तक किसान हालात का जायजा लेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। आपस में चर्चा के बाद किसान शुक्रवार शाम को अपने अगले कदम का ऐलान करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार के साथ किसानों की एमएसपी पर सहमति नहीं बन सकी है। सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया था। किसान सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। मांगें अब तक नहीं मानी जाने की वजह से किसान एक बार फिर से दिल्ली मार्च कर रहे हैं।
Feb 22 2024, 11:22