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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर सीबीआई की रेड, जानें क्या है मामला?

#jammu_kashmir_former_governor_satya_pal_malik_cbi_raid 

दिल्ली में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पर सीबीआई ने रेड की है। दिल्ली में 30 जगह पर छापेमारी की जा रही है। सीबीआई ने हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट मामले में दबिश दी है। इससे पहले बीमा घोटाले में सीबीआई की मलिक के खिलाफ़ कार्रवाई हो चुकी है। इससे पहले भी सीबीआई जम्मू-कश्मीर में सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के ठिकानों पर रेड कर चुकी है।

मलिक और उनके करीबियों के यहां रेड

सीबीआई की ये ताबड़तोड़ रेड जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर हुए करप्शन के संबंध में हुई है। 2019 में किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार का ये मामला है। सीबीआई पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस भ्रष्टाचार में कौन-कौन शामिल है। सीबीआई की टीम इसी मामले को लेकर सत्यपाल मलिक और उनके करीबियों के यहां रेड डाल रही है।सीबीआई की टीम ने हाइड्रो पावर के अधिकारियों के यहां भी छापेमारी की है. यूपी, बिहार, राजस्थान, मुंबई, हरियाणा में भी सीबीआई की रेड चल रही है।बताया जा रहा है कि मलिक के दिल्ली के सोमविहार वाले फ्लैट से लेकर उनके गांव तक में छापे पड़ रहे हैं। 

मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं-मलिक

सत्यपाल मलिक के यहां ये छापे तब पड़ रहे हैं जब वे अस्पताल में भर्ती हैं।इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, पिछले 3-4 दिनों से मैं बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। जिसके वावजूद मेरे मकान में तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों से छापे डलवाएं जा रहे हैं। मेरे ड्राईवर, मेरे साहयक के ऊपर भी छापे मारकर उनको बेवजह परेशान किया जा रहा है। मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से घबराऊंगा नहीं।मैं किसानों के साथ हूं।

कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट का क्या है मामला?

बता दें कि सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर रहे थे। इसी कार्यकाल के दौरान कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर उनके ऊपर आरोप लगे थे। कीरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट में धांधली का आरोप है।इस मामले में सीबीआई ने 29 जनवरी को भी दिल्ली और जम्मू कश्मीर में आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 21 लाख रुपये कैश और डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए गए थे।

मलिक ने किया था सनसनीखेज दावा

बता दें कि जिस मामले में मलिक के यहां सीबीआई छापेमारी कर रही है, उस मामले को मलिक ने खुद उजागर किया था। मलिक ने दावा किया था कि 2018-19 में जब वो जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, इस दौरान उनसे दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इन दो फाइलों में एक फाइल अंबानी की थी और दूसरी फाइल आएसएस से जुड़े एक शख्स की थी। ये शख्स महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पूर्व पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री थे। उस मंत्री ने पीएम के करीबी होने का दावा किया था।

सरकार बातचीत के लिए तैयार, किसानों ने कहा कि अभी तक वार्ता की चिट्ठी नहीं मिली, आकिर क्या चल रहा है अन्नदाताओं के मन में?

#farmers_protest_delhi_chalo_march 

एमएसपी को लेकर कानून की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने बुधवार को दिल्ली कूच करने की कोशिश की। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव हुआ। कई जगहों पर प्रदर्शन उग्र भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग की ओर बढ़ने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोलों के साथ रबड़ की गोलियां चलाईं। शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने 20 से 25 किसानों को हिरासत में ले लिया। करीब 40 किसानों के घायल होने की खबर है।किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि खनोरी और शंभु बार्डर पर केंद्र सरकार ने बर्बरता की है। 

आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर भी चल रहा है। अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार ने पांचवें दौर की वार्ता का न्योता किसानों को दिया है। कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को किसानों को न्योता दिया। सरकार किसानों से एमएसपी, पराली, फसल विविधता और एफआईआर पर बातचीत करने के लिए तैयार है। हालांकि, सरकार के न्योते पर किसानों ने कहा कि अभी तक बातचीत की चिट्ठी नहीं मिली है।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दिल्ली जाने के फैसले पर दो दिन स्टे होगा। इस दौरान क्या फैसला लेना होगा इसपर विचार करेंगे। अगले दो दिनों तक किसान हालात का जायजा लेंगे और आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। आपस में चर्चा के बाद किसान शुक्रवार शाम को अपने अगले कदम का ऐलान करेंगे।

बता दें कि केंद्र सरकार के साथ किसानों की एमएसपी पर सहमति नहीं बन सकी है। सरकार ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया था। किसान सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। मांगें अब तक नहीं मानी जाने की वजह से किसान एक बार फिर से दिल्ली मार्च कर रहे हैं।

कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स लगाएगी कांग्रेस सरकार, बीजेपी ने बोला जोरदार हमला, बताया हिंदू विरोधी

#karnataka_congress_siddaramaiah_government_10_percent_tax_on_temples

कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित किया है। यह विधेयक सरकार को अधिकार देता है कि वह मंदिरों से टैक्स वसूल सकें। इस विधेयक में हिंदू मंदिरों के राजस्व पर 10 फीसदी टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है। इस पर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है और कांग्रेस सरकार को हिंदू विरोधी बताया है। 

दरअसल, बुधवार को सिद्धारमैया सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित कर दिया। कर्नाटक सरकार की ओर से पारित विधेयक सरकार को उन मंदिरों से 10 प्रतिशत कर एकत्र करने का अधिकार देता है जिनका राजस्व 1 करोड़ रुपये से अधिक है और उन मंदिरों से 5 प्रतिशत कर एकत्र करने का अधिकार है जिनका राजस्व 10 लाख से 1 करोड़ के बीच है।

इस विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश के भाजपा नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस सरकार हिंदू विरोधी नीतियां अपनाकर अपना खाली खजाना भरना चाहती है। उन्होंने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा ‘कांग्रेस सरकार, जो राज्य में लगातार हिंदू विरोधी नीतियां अपना रही है, ने अब हिंदू मंदिरों के राजस्व पर टेढ़ी नजर डाली है और अपने खाली खजाने को भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है।’ उन्होंने कहा कि एकत्रित धन का उपयोग ‘कहीं और’ होगा। उन्होंने कहा कि ‘मंदिर के विकास के लिए भक्तों द्वारा समर्पित प्रसाद को मंदिर के जीर्णोद्धार और भक्तों की सुविधा के लिए आवंटित किया जाना चाहिए। यदि इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए आवंटित किया जाता है, तो यह लोगों की दैवीय मान्यताओं पर हिंसा और धोखाधड़ी है।

बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विजयेंद्र पर पलटवार किया। उन्होंने भाजपा पर धर्म को राजनीति में लाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा- हिंदुत्व की सच्ची समर्थक तो कांग्रेस है। लेकिन भाजपा हमेशा कांग्रेस को हिंदू विरोधी दिखाकर लाभ लेती है। पर, हिंदू धर्म के सच्चे समर्थक हम हैं, क्योंकि वर्षों से कांग्रेस ने मंदिर और हिंदू हितों की रक्षा की है।

यूपी में तो डील हो गई डन, पर दिल्ली में क्या होगा? कांग्रेस-आप के बीच टूट के कगार पर गठबंधन

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लोकसभा चुनाव को लेकर अब बहुत ही कम वक्‍त बचा है। इसके बावजूद इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच ज्‍यादातर राज्‍यों में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। उत्‍तर प्रदेश में आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर उलझन सुलझ गई। कांग्रेस 17 सीटों पर राजी हो गई है बाकी 63 सीटों पर सपा और इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ेंगी। हालांकि, दिल्ली को लेकर पेंच अबी भी फंसा हुआ है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी इसे लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। कहा जा रहा है कि दो-एक दिन में बाते साफ हो जाएंगी।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस दिल्ली में सात में से चार लोकसभा सीटें मांग रही है। उन्‍होंने इंडिया गठबंधन के तहत इससे कम सीटों पर झुकने से इनकार कर दिया है। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी इसके लिए कतई तैयार नहीं है। बीते दिनों में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस को एक सीट देने की बात कही थी। दोनों पक्षों के बीच खींचतान के बीच लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के साथ आने की उम्‍मीद अब धुंधली पड़ती दिख रही है।

हालांकि, सीएम केजरीवाल ने एक दिन पहले ही यह बयान दिया था कि उनकी कांग्रेस के साथ गठबंधन पर बातचीत अंतिम चरण में है। जल्‍द ही इसपर बात बन सकती है। गठबंधन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि देखते हैं अगले एक से दो दिन में क्या होता है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि बहुत देरी हो गई है, जल्दी होना चाहिए। 

वहीं, आज यूपी में इंडिया गठबंधन के घटक दल सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन तय हो गया। कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। बताया जा रहा है कि गठबंधन में अहम भूमिका प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की रही। दोनों नेताओं के बीच फोन पर विस्तार से चर्चा हुई जिसके बाद गठबंधन को अंतिम रूप देने पर फैसला हुआ। कांग्रेस रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया सीटों से चुनाव लड़ेगी।

खुल गई गठबंधन की गांठःयूपी में सपा और कांग्रेस साथ आए, जानें कितने सीटों पर हुई डील

#congresssamajwadipartycametogetherinuttar_pradesh

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। कांग्रेस 17 सीटों पर राजी हो गई है। जबकि बाकी 63 सीटों पर सपा और इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ेंगी।सीट शेयरिंग पर बात पक्की होने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने लखनऊ में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डील डन होने की वजह से विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन मजबूत होगा।

लखनऊ में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि हम मिलकर लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे। कांग्रेस पूरे देश को जोड़ने का लगातार प्रयास कर रही है। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि हम उनके प्रति आभार जताते हैं कि उनके प्रयासों से ही यह गठबंधन अंजाम तक पहुंचा है।

इन सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को जो सीटें दी गई हैं, उनमें अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, वाराणसी, महाराजगंज, अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, झांसी, बाराबंकी, फतेहपुर सीकरी, सहारनपुर, देवरिया, बांसगांव, सीतापुर और मथुरा के नाम शामिल है।

अखिलेश बोले-अंत भला तो सब भला

इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुरादाबाद में संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा, ‘अंत भला तो सब भला। बाकी आप लोग समझदार हैं।’ इस सवाल पर कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा या नहीं, अखिलेश ने कहा, ”होगा।” कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर विवाद के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा, ‘कोई विवाद नहीं है। आपके सामने सब चीजें साफ हो जाएंगी।

पेपर देने आई एक छात्रा के लिए तैनात रही 8 कर्मचारियों की टीम, जानिए पूरा मामला

मध्य प्रदेश के अशोकनगर से बोर्ड परीक्षा के चलते अनोखी घटना सामने आई। जिला मुख्यालय के सबसे बड़े परीक्षा केंद्र सरस्वती शिशु मंदिर में केवल छात्रा ने परीक्षा दी। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि परीक्षा लेने के लिए 9 सरकारी कमर्चारियों की टीम तैनात रही। इन दिनों मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। इस बीच अशोकनगर जिले से एक रोचक घटना सामने आई। 

अशोकनगर एवं मुंगावली के स्कूल में संस्कृत विषय की केवल एक-एक छात्रा ही परीक्षा देने पहुंची। जिनके लिए तकरीबन 8 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। दरअसल, अशोकनगर के पठार स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में केंद्र बनाया गया था। केंद्र में कुल 858 छात्र पेपर दे रहे थे। किन्तु यहां पर एक कक्ष ऐसा भी था, जहां पर सिर्फ एक ही छात्रा मनीषा अहिरवार पेपर दे रही थी। छात्रा ने संस्कृत विषय का पेपर दिया, जिसके लिए 8 कर्मचारियों की ड्यूटी लगी हुई थी। 

मुंगावली के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ऐसा ही हाल देखने को मिला। यहां पर भी एक छात्रा ने पेपर दिया। हाई सेकेंडरी के संस्कृत विषय की परीक्षा के लिए जिले में 20 एग्जाम सेंटर बनाए गए थे।

अशोकनगर के सरस्वती शिशु मंदिर में एग्जाम सेंटर बना था, जहां पर हाई सेकेंडरी के 466 परीक्षार्थी पेपर दे रहे थे। किन्तु संस्कृत विषय की परीक्षा में बैठने कचनार गांव की छात्रा मनीषा अहिरवार ही पहुंची। एग्जाम सेंटर पर कलेक्टर प्रतिनिधि, पर्यवेक्षक, केंद्र अध्यक्ष ,सहायक केंद्र अध्यक्ष एवं एक पुलिसकर्मी समेत 2 चपरासियों की नियुक्ति थी।

पाकिस्तान में में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ, शहबाज होंगे पीएम, आसिफ जरदारी को राष्ट्रपति की कुर्सी, पीपीपी-पीएमएलएन में सहमति

#pakistan_shahbaz_will_be_new_pm_alliance_between_ppp_and_pml_n

पाकिस्तान में विवादित चुनाव के बाद नई सरकार के गठन लेकर हो रहा इंतज़ार ख़त्म होने जा रहा है। दो प्रमुख पार्टियों ने नई सरकार के गठन के लिए समझौते का औपचारिक एलान कर दिया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) को समर्थन देने की घोषणा की है।पाकिस्तान में एक नई गठबंधन सरकार के गठन के लिए कई दिनों से जारी बातचीत के बाद आखिरकार मंगलवार को एक समझौते पर पहुंचे।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री की भूमिका संभालेंगे, जबकि पीपीपी के सह- अध्यक्ष आसिफ जरदारी देश के अगले राष्ट्रपति होंगे।

प्रेस कांफ्रेंस में शहबाज शरीफ ने बताया हमारी गठबंधन सरकार में पीपीपी के अलावा कई छोटी पार्टियां भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया इस गठबंधन के साथ पीएमएल-एन अलायंस आराम से सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लेगा। पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी पीएमएल-एल के पास 79 सीट हैं जबकी इस गठबंधन की दूसरी पार्टी पीपीपी के पास 54 सीट हैं।

8 फरवरी को हुए चुनाव के बाद पाकिस्तान में किसी भी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं किया था। इसके बाद पाकिस्तान के सभी दल गठजोड़ के लिए जद्दोजहद में लग गए थे। हालांकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई आखिरी बातचीत बेनतीजा रही, इसके एक दिन बाद दोनों पार्टियों ने केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान किया है।

पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच हुए समझौते के तहत शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह दूसरी बार पीएम बनेंगे। वहीं, पीपीपी के आसिफ़ अली ज़रदारी इस नए गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। वह पहले भी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। प्रधानमंत्री के चयन के लिए संसद में चुनाव होगा। यह प्रक्रिया फ़रवरी के अंत में होनी है। इसके बाद के हफ़्तों में देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार में मुख्य पद किस पार्टी को मिलेंगे, किस पार्टी से कितने मंत्री होंगे।

सपा-कांग्रेस में हो गई डील! फाइनल हुआ सीटों का फॉर्मूला

#loksabha_election_sp_and_congress_alliance_final

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में जारी सियासी हलचल के बाद ऐसा अंदेशा लग रहा था कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” को एक और जोरदार झटका लगने वाला है। हालांकि, अब हालात काबू में होते नजर आ रहे हैं।ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि अखिलेश यादव ने अपने हालिया बयान में कहा है कि यूपी में बीजेपी का सफाया होगा। अंत भला तो सब भला। गठबंधन होगा। सीट शेयिंग पर कोई विवाद नहीं है आपके सामने सब चीजे सामने आ जायेगीं।

विपक्षी गठबंधन के साझीदार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने एकसाथ आकर चुनाव लड़ने की पूरी संभवना है। अखिलेश यादव ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन तय है।उन्होंने कहा कि आज शाम तक सीटों का ऐलान हो सकता है। अखिलेश ने कहा कि गठबंधन होगा - अंत भला तो सब भला।

बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से आज बात की और फिर उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है। कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है। आगे का बातचीत कांग्रेस के यूपी प्रभारी और समाजवादी पार्टी के बीच जारी है।सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को 16 से 18 सीटें मिल सकती हैं। एक से दो सीटों पर पेंच फंसा हुआ है जिसे लेकर बातचीत हो रही है। काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है।आज इसका ऐलान होगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस को 17 सीटें देने को राजी हो गई है, लेकिन कांग्रेस 20 सीट चाहती है। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर बना गतिरोध कल रात तक जारी रहा जिसके कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव घोषणा करने के बावजूद रायबरेली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि समाजवादी पार्टी यूपी में अब तक 31 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर और 19 फरवरी को 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किये थे।

शंभू बॉर्डर पर उग्र हुए अन्नदाता, जवानों ने दागे आंसू गैस के गोले, जींद में पुलिस और किसान के बीच टकराव

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किसानों और केंद्र सरकार के बीच एमएसपी पर अटकी बात का कोई हल नहीं निकला। किसानों ने सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था। बात न बनने के बाद अब किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसान शंभू बॉर्डर पर उग्र हो गए हैं। किसानों ने बॉर्डर पर बने बने बैरिकेड को तोड़कर हरियाणा में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उग्र किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे हैं। किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस की तरफ से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर इस वक्त अफरा-तफरी का माहौल है।हरियाणा पुलिस ने अभी किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया है।

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस व किसानों के बीच टकराव

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर दोपहर लगभग एक बजे पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया। यहां पंजाब की तरफ से किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। इसमें लगभग 12 किसान घायल हो गए हैं। उनको एंबुलेस द्वारा अस्पतालों में भिजवाया जा रहा है। खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसान भी ट्रैक्टरों के अलावा जेसीबी व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं। किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। 

किसानों से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा की अपील

दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं किसान संगठनों से अपील करूंगा कि इसे हमें संवाद से समाधान की तरफ ले जाना है इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं। हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करे। हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग सहमत नहीं हुए। हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए। हम अच्छा करना चाहते हैं इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है। मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकाले।

जानें कौन थे अमीन सयानी? हार्ट अटैक से 91 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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क्या आप भी रेडियो सुनने के शौकिन रहे हैं? तो ये खबर आपको जरूर झटका देगी। रेडियो के गोल्डन एरा की आवाज माने जानेवाले अमीन सयानी का निधन हो गया है। श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। लोगों तक सुरीले नगमें पहुंचाने वाली ये जादुई आवाज अब खामोश हो गई है। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन की पुष्टि उनके बेटे रजिल सयानी ने की है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। 

अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने ये दुखद खबर शेयर की है। उनके मुताबिक सयानी को बीती रात एच एन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। लेकिन उन्हें हार्ट अटैक आया जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। राजिल ने बताया कि अंतिम संस्कार को लेकर जल्द जानकारी साझा की जाएगी।अमीन सयानी के निधन से उनके परिवार और करीबी लोग सदमे में हैंय़ वहीं उनके फैंस भी ये दुखभरी खबर सुनकर मायूस हैं।

अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। अमीन सयानी ने 1951 में अपने रेडियो करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद उन्हें वहां ले गए थे। उन्होंने अंग्रेजी भाषा के कार्यक्रमों से अपना करियर शुरू किया। लेकिन जब हिंदी कार्यक्रम करने उतरे तो मानो अपने पेशे और रेडियो प्रेजेंटेशन की विधा में अमर हो गए। अमीन सयानी ने अपनी आवाज और कार्यक्रम की प्रस्तुति से देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब नाम कमाया। उनकी फैन फॉलोइंग बड़ी जबरदस्त थी।उनके नाम श्रोताओं की चिठ्ठियां आती थीं।

ऑल इंडिया रेडियो को घर-घर में पॉपुलर करने का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। उस दौर में 'भाइयों और बहनों' के संबोधन से शुरू होने वाले कार्यक्रम को सुनने के लिए कामकाज छोड़कर रेडियो ऑन कर बैठ जाते थे।