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पाकिस्तान में में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ, शहबाज होंगे पीएम, आसिफ जरदारी को राष्ट्रपति की कुर्सी, पीपीपी-पीएमएलएन में सहमति

#pakistan_shahbaz_will_be_new_pm_alliance_between_ppp_and_pml_n

पाकिस्तान में विवादित चुनाव के बाद नई सरकार के गठन लेकर हो रहा इंतज़ार ख़त्म होने जा रहा है। दो प्रमुख पार्टियों ने नई सरकार के गठन के लिए समझौते का औपचारिक एलान कर दिया है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) को समर्थन देने की घोषणा की है।पाकिस्तान में एक नई गठबंधन सरकार के गठन के लिए कई दिनों से जारी बातचीत के बाद आखिरकार मंगलवार को एक समझौते पर पहुंचे।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ फिर से प्रधानमंत्री की भूमिका संभालेंगे, जबकि पीपीपी के सह- अध्यक्ष आसिफ जरदारी देश के अगले राष्ट्रपति होंगे।

प्रेस कांफ्रेंस में शहबाज शरीफ ने बताया हमारी गठबंधन सरकार में पीपीपी के अलावा कई छोटी पार्टियां भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया इस गठबंधन के साथ पीएमएल-एन अलायंस आराम से सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लेगा। पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी पीएमएल-एल के पास 79 सीट हैं जबकी इस गठबंधन की दूसरी पार्टी पीपीपी के पास 54 सीट हैं।

8 फरवरी को हुए चुनाव के बाद पाकिस्तान में किसी भी पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं किया था। इसके बाद पाकिस्तान के सभी दल गठजोड़ के लिए जद्दोजहद में लग गए थे। हालांकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई आखिरी बातचीत बेनतीजा रही, इसके एक दिन बाद दोनों पार्टियों ने केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए पॉवर शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान किया है।

पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच हुए समझौते के तहत शहबाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह दूसरी बार पीएम बनेंगे। वहीं, पीपीपी के आसिफ़ अली ज़रदारी इस नए गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। वह पहले भी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। प्रधानमंत्री के चयन के लिए संसद में चुनाव होगा। यह प्रक्रिया फ़रवरी के अंत में होनी है। इसके बाद के हफ़्तों में देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव होगा। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार में मुख्य पद किस पार्टी को मिलेंगे, किस पार्टी से कितने मंत्री होंगे।

सपा-कांग्रेस में हो गई डील! फाइनल हुआ सीटों का फॉर्मूला

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पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में जारी सियासी हलचल के बाद ऐसा अंदेशा लग रहा था कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” को एक और जोरदार झटका लगने वाला है। हालांकि, अब हालात काबू में होते नजर आ रहे हैं।ऐसे कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि अखिलेश यादव ने अपने हालिया बयान में कहा है कि यूपी में बीजेपी का सफाया होगा। अंत भला तो सब भला। गठबंधन होगा। सीट शेयिंग पर कोई विवाद नहीं है आपके सामने सब चीजे सामने आ जायेगीं।

विपक्षी गठबंधन के साझीदार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने एकसाथ आकर चुनाव लड़ने की पूरी संभवना है। अखिलेश यादव ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ गठबंधन तय है।उन्होंने कहा कि आज शाम तक सीटों का ऐलान हो सकता है। अखिलेश ने कहा कि गठबंधन होगा - अंत भला तो सब भला।

बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से आज बात की और फिर उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है। कांग्रेस की तरफ से मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी गई है। आगे का बातचीत कांग्रेस के यूपी प्रभारी और समाजवादी पार्टी के बीच जारी है।सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को 16 से 18 सीटें मिल सकती हैं। एक से दो सीटों पर पेंच फंसा हुआ है जिसे लेकर बातचीत हो रही है। काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है।आज इसका ऐलान होगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस को 17 सीटें देने को राजी हो गई है, लेकिन कांग्रेस 20 सीट चाहती है। दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर बना गतिरोध कल रात तक जारी रहा जिसके कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव घोषणा करने के बावजूद रायबरेली में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि समाजवादी पार्टी यूपी में अब तक 31 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने इससे पहले 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश की 16 लोकसभा सीटों पर और 19 फरवरी को 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किये थे।

शंभू बॉर्डर पर उग्र हुए अन्नदाता, जवानों ने दागे आंसू गैस के गोले, जींद में पुलिस और किसान के बीच टकराव

#kisan_andolan_farmers_delhi_march

किसानों और केंद्र सरकार के बीच एमएसपी पर अटकी बात का कोई हल नहीं निकला। किसानों ने सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था। बात न बनने के बाद अब किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसान शंभू बॉर्डर पर उग्र हो गए हैं। किसानों ने बॉर्डर पर बने बने बैरिकेड को तोड़कर हरियाणा में घुसने की कोशिश की। पुलिस ने उग्र किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे हैं। किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस की तरफ से लगातार आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। शंभू बॉर्डर पर इस वक्त अफरा-तफरी का माहौल है।हरियाणा पुलिस ने अभी किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया है।

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस व किसानों के बीच टकराव

जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर दोपहर लगभग एक बजे पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया। यहां पंजाब की तरफ से किसान बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। इसमें लगभग 12 किसान घायल हो गए हैं। उनको एंबुलेस द्वारा अस्पतालों में भिजवाया जा रहा है। खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। किसान भी ट्रैक्टरों के अलावा जेसीबी व पोकलेन मशीनें लेकर पहुंच रहे हैं। किसान किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। 

किसानों से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा की अपील

दिल्ली: किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं किसान संगठनों से अपील करूंगा कि इसे हमें संवाद से समाधान की तरफ ले जाना है इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं। हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करे। हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग सहमत नहीं हुए। हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए। हम अच्छा करना चाहते हैं इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है। मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकाले।

जानें कौन थे अमीन सयानी? हार्ट अटैक से 91 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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क्या आप भी रेडियो सुनने के शौकिन रहे हैं? तो ये खबर आपको जरूर झटका देगी। रेडियो के गोल्डन एरा की आवाज माने जानेवाले अमीन सयानी का निधन हो गया है। श्रोताओं के दिलों पर राज करने वाले सयानी का निधन हो गया है। लोगों तक सुरीले नगमें पहुंचाने वाली ये जादुई आवाज अब खामोश हो गई है। रेडियो की दुनिया में आवाज के जादूगर कहे जाने वाले दिग्गज के निधन की पुष्टि उनके बेटे रजिल सयानी ने की है। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। 

अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने ये दुखद खबर शेयर की है। उनके मुताबिक सयानी को बीती रात एच एन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। लेकिन उन्हें हार्ट अटैक आया जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। राजिल ने बताया कि अंतिम संस्कार को लेकर जल्द जानकारी साझा की जाएगी।अमीन सयानी के निधन से उनके परिवार और करीबी लोग सदमे में हैंय़ वहीं उनके फैंस भी ये दुखभरी खबर सुनकर मायूस हैं।

अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था। अमीन सयानी ने 1951 में अपने रेडियो करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो मुंबई से की थी। उनके भाई हामिद उन्हें वहां ले गए थे। उन्होंने अंग्रेजी भाषा के कार्यक्रमों से अपना करियर शुरू किया। लेकिन जब हिंदी कार्यक्रम करने उतरे तो मानो अपने पेशे और रेडियो प्रेजेंटेशन की विधा में अमर हो गए। अमीन सयानी ने अपनी आवाज और कार्यक्रम की प्रस्तुति से देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब नाम कमाया। उनकी फैन फॉलोइंग बड़ी जबरदस्त थी।उनके नाम श्रोताओं की चिठ्ठियां आती थीं।

ऑल इंडिया रेडियो को घर-घर में पॉपुलर करने का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। एक जमाना था जब अपने ‘बिनाका गीत माला’ कार्यक्रम के माध्यम से आवाज के इस शहंशाह ने अपने नाम और काम की धूम मचा दी थी। उस दौर में 'भाइयों और बहनों' के संबोधन से शुरू होने वाले कार्यक्रम को सुनने के लिए कामकाज छोड़कर रेडियो ऑन कर बैठ जाते थे।

एमपी के व्यापम घोटाले में आखिर आ ही गया फैसला, कोर्ट ने 7 दोषियों को सुनाई 7 साल की सजा, 12 बरी

करीब एक दशक की कानूनी कार्यवाही के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला फैसले पर पहुंच गया है। मामले में शामिल सात व्यक्तियों को दोषी पाया गया और प्रत्येक को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई, साथ ही उनमें से प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। हालांकि, अपर्याप्त सबूतों के कारण 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं से जुड़ा यह घोटाला 2013 में सामने आया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 21 व्यक्तियों पर आरोप लगाए गए, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत ने यह फैसला सुनाया। जांच के दौरान, मामले से जुड़े 41 व्यक्तियों की कथित तौर पर मौत हो गई है। फंसे लोगों में मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव भी शामिल थे। हालाँकि, 25 मार्च, 2015 को शैलेश की अचानक और संदिग्ध मौत के बाद मामले की दिशा नाटकीय रूप से बदल गई, जिससे राम नरेश यादव पर ध्यान गया, जो घोटाले में भी आरोपी थे। रामनरेश यादव की संलिप्तता की जांच करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी शामिल थे।

मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (व्यापम) राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न प्रवेश और भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार था। व्यापमं के खिलाफ सामने आए आरोपों से पता चलता है कि सरकारी पदों को मिलीभगत के जरिए अवैध तरीके से हासिल किया जा रहा है, साथ ही कॉलेज प्रवेश में भी धोखाधड़ी देखी गई है। इस घोटाले ने तब तूल पकड़ लिया जब मेडिकल कॉलेजों में 500 से अधिक संदिग्ध नियुक्तियों सहित हजारों फर्जी भर्तियों के बारे में अफवाहें सामने आईं।

2013 में, एमबीबीएस भर्ती परीक्षा के दौरान, अधिकारियों ने फर्जी उम्मीदवारों को पकड़ा, जिससे एक फर्जी भर्ती सिंडिकेट का पता चला। जांच के एक प्रमुख व्यक्ति डॉ। जगदीश सागर ने पूछताछ के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को फंसाया। नतीजतन, 16 जून 2014 को, लक्ष्मीकांत शर्मा, जो उस समय व्यापम के अध्यक्ष भी थे, को गिरफ्तार कर लिया गया।

लोकसभा चुनाव से पहले फिर विदेश जा रहे राहुल गांधी, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर का मिला मौका, 5 दिनों तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर लगेगा

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आने वाले महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, अब तक चुनाव की तारीख घोषित नहीं हुई है। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए आम लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।इस बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लगने वाली है।26 फरवरी से 1 मार्च तक यात्रा नहीं होगी।बताया गया है कि राहुल को ब्रिटेन में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में विशेष लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा वे दिल्ली में कुछ अहम बैठकों में हिस्सा लेंगे। उनकी इन व्यस्तताओं के चलते भारत जोड़ो यात्रा कुछ दिन रोकी जाएगी। 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस बात की जानकारी दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बुधवार को कानपुर चरण पूरा होने के बाद 22 और 23 फरवरी को भारत जोड़ो यात्रा आगे नहीं बढ़ेगी। यह यात्रा 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में होगी। इसके बाद राहुल संभल, अलीगढ़, हाथरस और आगरा जाएंगे। यहां से भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के ढोलपुर पहुंचेगी।जयराम रमेश ने कहा, ‘‘26 फरवरी से एक मार्च तक यात्रा में विराम होगा, ताकि राहुल गांधी 27 और 28 फरवरी को इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय (जहां से उनकी शिक्षा हुई) में दो विशेष व्याख्यान देने के अपने एक साल पहले के वादे को पूरा कर सकें और इसके बाद उन्हें नई दिल्ली में होने वाली कुछ अहम बैठकों में शामिल होने का मौका मिल सके।’’

राहलु गांधी 2 मार्च से यात्रा फिर से शुरू करेंगे। मार्च को दोपहर 2 बजे धौलपुर से एक बार फिर भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होगी। इसके बाद यह मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, शाजापुर, और उज्जैन-सहित मध्यप्रदेश के अन्य ज़िलों से गुजरेगी। और 5 मार्च को राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर जाएंगे।

दिल्ली मार्च से पहले किसानों की सरकार को किया आगाह, जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा- कहीं ऐसा न हो हम आपा खो बैठें

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केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान आज दिल्ली कूट करने के लिए पूरी तैयारी में हैं।इसके लिए शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। किसानों का कूच रोकने के लिए दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा चाक चौबंद है। शंभू बॉर्डर पर दंगा रोधी पुलिस के 700 जवान तैनात हैं। पंजाब से हरियाणा जाने वाली भारी मशीनों की आवाजही पर रोक है। केंद्र ने अनुमान लगाया है कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर 1,200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों के अलावा छोटे वाहनों के साथ लगभग 14,000 लोग एकत्र हुए हैं।

जगजीत सिंह डड्डेवाल ने सरकार को किया आगाह

अन्नदाताओं के प्रदर्शन के किसान नेता जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जिद पर अड़ी है। ऐसे में वे सरकार को 2 विकल्प देते हैं। पहला यह कि दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जाने दिया जाए और दूसरा यह कि अगर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी जाती है तब केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी बाकी मांगों को मान ले।जगजीत सिंह डड्डेवाल ने आगे आगाह करते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे लोग (किसान) आपा खो बैठें।

एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएं, आंदोलन अभी खत्म हो जाएगा-पंधेर

दिल्ली कूट से पहले शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमें वार्ता का न्योता मिला हम उसमें गए। हमने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि हमारे मसलों को हल कीजिए। चर्चा हो गई अब तो निर्णय लेने का समय है।पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और पूरी दुनिया हमें शांति से आगे बढ़ते हुए देखेगी। अगर सरकार को लगता है कि किसानों को मारने से उनकी समस्या हल हो जाएगी तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन हम शांतिपूर्वक आगे बढ़ना जारी रखेंगे। पंधेर ने कहा कि हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे। हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है।

किसानों को दिल्ली आने देना चाहिए- उदित राज

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि किसान समझ गया है कि उनको मांगों पर टिके रहना है। सरकार की तरफ से ही आंसू गैस फेंके जा रहे हैं। यह हमारे देश के अन्नदाता हैं। समझ नहीं आ रहा है यह लोकतंत्र है।उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसान आ रहे हैं तो आने देना चाहिए उन्हें बात करना चाहिए।

किसानों का आज दिल्ली चलो मार्च, बॉर्डर पर जेसीबी-पोकलेन के साथ डटे, पुलिस चौकस

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आज दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा सकती है। दरअसल पंजाब के किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हैं। फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद को लेकर केंद्र सरकार के ऑफर को ठुकराने के बाद किसान आज एक बार फिर ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं।इस बार किसानों ने बॉर्डर पर पुलिस की किलेबंदी तोड़ने के लिए भारी जेसीबी मशीनें लेकर तैयार हैं।मंगलवार को पंजाब की ओर से युवा किसान जेसीबी और पोकलेन मशीन लेकर पहुंच गए हैं। ट्रैक्टर मार्च के बीच में इन मशीनों को लाया गया, जिससे कोई रास्ते में रोक न सके।

पंजाब के हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच वह पुलिस की किलेबंदी तो तोड़ने के लिए भारी मशीनें और जेसीबी लेकर पहुंचे हैं। उन जेसीबी को भी उन्होंने खास तरह से बख्तरबंद कर रखा है।

बुलडोजर-जेसीबी जब्त करने के निर्देश

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने पंजाब के अपने समकक्ष गौरव यादव को एक पत्र लिखकर पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उन उपकरणों को जब्त करने को कहा, जिन्हें ‘दो बॉर्डर प्वाइंट पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं।’ उन्होंने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और प्रदर्शनकारी किसानों को ऐसे उपकरण उपलब्ध कराने पर इनके मालिकों को सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए, क्योंकि यह ‘एक आपराधिक कृत्य होगा।’

दिल्ली एनसीआर की रफ़्तार धीमी

गाजीपुर बॉर्डर पर सर्विस लेन 200 मीटर तक पूरी तरह से बंद है। फ्लाइओवर पर चार लेन बैरिकेडिंग के कारण डिस्टर्ब हैं। पंजाब से दिल्ली कूच करने वाले किसानों के लिए बेशक अभी दिल्ली दूर है और हरियाणा में प्रवेश और पार करना भी मुश्किल लग रहा है लेकिन दिल्ली के बॉर्डरों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम ने दिल्ली एनसीआर की रफ़्तार धीमी कर दी है। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर सर्विस लेन को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया जबकि फ्लाइओवर के आंशिक रूप से ब्लॉक होने के कारण एक्सप्रेसवे पर चार लेन दोनों तरफ डिस्टर्ब हुए हैं। सुरक्षा बैरिकेडिंग के कारण फ्लाइओवर पर रफ़्तार धीमी हो रही है।

किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो स्थानों से बुधवार को फिर से अपना मार्च शुरू करने के लिए तैयार हैं। किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी. लेकिन, किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

कौन है यूलिया नवलनया जिसने पुतिन को ललकारा? पति की मौत के लिए ठहराया जिम्मेदार

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रूस की जेल में पति एलेक्सी नवलनी की मौत के बाद उनकी पत्नी यूलिया नवलनया रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोध में उतर आईं है।रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की विधवा पत्नी यूलिया नवलनाया ने अपने पति की मौत के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। यूलिया ने पुतिन पर आरोप लगाते हुए आजाद रूस के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। दरअसल, एलेक्सी नवलनी की मौत जेल में संदिग्ध तरीके से हुई थी।यूलिया ने एक बार फिर ये भी दोहराया है कि जेल में उनके पति की स्वभाविक मौत नहीं हुई है बल्कि राष्ट्रपति पुतिन ने साजिश रचकर उनकी हत्या कराई है।

पुतिन के आलोचक और कट्टर विरोधी एलेक्सी नवलनी की जेल में संदिग्ध मौत के बाद यूलिया का कहना है, उनके पति को जहर दिया गया। उन्होंने पति की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार बताया है। यूलिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जानबूझकर जेल प्रशासन उनके पति एलेक्सी का शव नहीं दे रहा। यूलिया ने रूसी अधिकारियों पर अपने पति का शव छिपाने का भी आरोप लगाया है, जिससे कि उनके शरीर से नोविचोक नर्व एजेंट के निशान गायब हो सकें।

सोमवार को एक नौ मिनट का वीडियो जारी करते हुए यूलिया ने कहा, 'तीन दिन पहले व्लादिमीर पुतिन ने मेरे पति एलेक्सी नवलनी की हत्या कर दी। एलेक्सी की हत्या के साथ ही पुतिन ने मुझे, मेरे दिल को और मेरी आत्मा को भी आधा मार दिया है। लेकिन मेरे पास अभी भी आधा हिस्सा बचा हुआ है, जो मुझे यह बताता है कि मुझे अभी हार नहीं मानना है। मैं एलेक्सी के कम को जारी रखूंगी और अपने देश के लिए लड़ना जारी रखूंगी।

एलेक्सी ने कहा है कि मैं पुतिन और उनके सभी कर्मचारियों को यह बताना चाहती हूं कि उन्होंने मेरे पति के साथ जो किया है उसके लिए मैं उन्हें माफ नहीं करूंगी। पिछले कुछ सालों में देश में किए गए अत्याचारों के लिए पुतिन को दोषी ठहराया जाना चाहिए।

यूलिया ने आगे कहा, मैं एक स्वतंत्र रूस में रहना चाहती हूं। मैं स्वतंत्र रूस बनाना चाहती हूं। मेरी आपसे विनती है कि आप मेरे साथ खड़े रहें। मैं आपसे आपके गुस्से को साझा करने के लिए कह रहीं हूं। उन लोगों के प्रति गुस्सा और नफरत है, जिन्होंने हमारे भविष्य को खत्म करने का साहस किया है।

यूलिया ने इससे पहले राजनीतिक रूप से सक्रिय होने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी लेकिन अब उन्होंने भूमिका बदलने का फैसला लिया है।यूलिया राजनीति में आने के सवाल पर कहती रही थीं कि वह एक पत्नी और मां की भूमिका में खुश हैं लेकिन शुक्रवार को अपने पति की मौत के बाद वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध खड़ी हो गई हैं। यूलिया रूस के एक वैज्ञानिक बोरिस अंब्रोसिमोव की बेटी हैं। 1998 में उनकी मुलाकात एलेक्सी से हुई थी। यूलिया और एलेक्सी युवावस्था से ही एक जैसे राजनीतिक विचार रखते थे। दोनों ने रूस की लिबरल पार्टी याबलोको की सदस्यता ली थी। बाद में यूलिया ने खुद को घर तक सीमित किया और एलेक्सी राजनीति में आगे बढ़ गए।

राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं सोनिया गांधी, नड्डा सहित ये उम्मीदवार भी निर्वाचित

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राज्यसभा के लिए कई दिग्गज नेता निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन ली गई हैं। राजस्थान से राज्यसभा चुनाव में सोनिया गांधी समेत तीनों प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। इन तीन सदस्यों में कांग्रेस की सोनिया गांधी और बीजेपी के मदन राठौड़ तथा चुन्नीलाल गरासिया निर्वाचित घोषित किए गए हैं। उधर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तीन अन्य उम्मीदवारों को भी गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। तो बिहार के सभी छह उम्मीदवार भी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं।

राजस्थान के कोटे की 10 में से सीटों में से 3 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। इन तीन सीटों में से बीजेपी ने दो ही सीट के लिए अपने प्रत्याशी मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं एक सीट के लिए कांग्रेस ने अपनी पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को चुनाव मैदान में खड़ा था। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में चौथा कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं था। 20 फरवरी नाम वापसी की अंतिम तारीख थी। आज नाम वापसी का निर्धारित समय निकल जाने के बाद स्थिति बिल्कुल साफ हो गई। उसके बाद रिटर्निंग अधिकारी ने तीनों प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया।

पहली बार राज्यसभा पहुंचेंगी सोनिया

लोकसभा सांसद के रूप में पांच कार्यकाल पूरा करने के बाद 77 वर्षीया सोनिया गांधी का राज्यसभा में ये पहला कार्यकाल होगा। साल 1999 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वह पहली बार सांसद चुनी गईं। वह पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में प्रवेश करने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी। इंदिरा गांधी अगस्त 1964 से फरवरी 1967 तक राज्यसभा की सदस्य थीं।

गुजरात में चारों प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित

गुजरात में राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं और सभी सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। किसी अन्य ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी रीता मेहता ने नड्डा सहित चारों भाजपा उम्मीदवारों को संसद के ऊपरी संदन के लिए निर्विरोध विजयी घोषित किया। नड्डा के अलावा निर्विरोध चुने गए तीन अन्य उम्मीदवारों में हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, भाजपा नेता जसवन्तसिंह परमार और मयंक नायक हैं।

ओडिशा से अश्विनी वैष्णव निर्विरोध चुने गए

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी ओडिशा से निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। उन्हें जीत का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। वैष्णव भुवनेश्वर के राम मंदिर में प्रार्थना करने पहुंचे।

बिहार के सभी छह उम्मीदवार निर्वाचित

उधर बिहार के भी सभी छह उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। राज्यसभा के लिए बिहार से बीजेपी के दो, आरजेडी के दो, आरजेडी के एक और कांग्रेस से एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। सभी को निर्विरोध राज्यसभा का सदस्य चुन लिया गया है। बीजेपी की तरफ से भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता ने नामांकन दाखिल किया था जबकि जेडीयू से संजय झा को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया गया था। वहीं राष्ट्रीय जनता दल से मनोज झा और संजय यादव, कांग्रेस से अखिलेश प्रसाद सिंह ने नोमिनेशन फाइल किया था।