झोपड़ी में आग लगने से पशु झुलसे एक पशु की हालत गंभीर
कायमगंज /फर्रुखाबाद l भीषण अग्निकांड की घटना कायमगंज क्षेत्र के गांव मंसूर नगर की है । जिसमें आग लगने से यहां के एक गरीब ग्रामीण की झोपड़ी जलकर राख की ढेरी में बदल गई ।वही झोपड़ी नुमा आवास में रखा गृहस्थी का सामान भी जलकर खाक हो गया।
आग की बिकराल विभीषिका से 20 हजार की नकदी तथा कुछ पशु भी बुरी तरह झुलसे इनमें एक मवेशी की हालत ज्यादा गंभीर हो गई ।घटना देर रात सोमवार की बताई जा रही है । गांव मंसूरनगर निवासी बालिस्टर के घर की महिलाएं कहीं पड़ोस में महिलाओं के ढोलक कार्यक्रम में शामिल होने गई थी।
बालिस्टर भी घर पर नहीं थे। घर पर बच्चे ही सो रहे थे। रात करीब 11 बजे अचानक बालिस्टर के घर आग लग गई। झोपड़ी से धुंआ उठता देख आसपास के लोगो ने बालिस्टर के परिवार को जानकारी दी सभी ने मौके पर दौड़कर एकत्र हुए तब तक आग ने बिकराल रूप धारण कर लिया था। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला और ट्राली इंजन चलाकर पानी डाला। कोई मिट्टी तो कोई बालू . डालकर आग बुझाने का प्रयास करने लगा ।
जब तक ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया । तब तक सब कुछ जलकर तवाह हो चुका था। अग्नि पीडित गृहस्वामी ने बताया कि आग से 20 हजार रुपए नकद, कपड़े, गृहस्थी का सारा सामान के अलावा एक जोड़ी झाले, एक जोड़ी पेंडल, करधनी, तोड़िया, बच्चों के खडुुए आदि सामान जलकर नष्ट हो गया। मामले की जानकारी डायल 112 को दी गई ।
जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची जांच पड़ताल की। गृहस्वामी ने बताया एक बकरी का बच्चा गंभीर रूप से जल गया। उसका इलाज जारी है। वही कुछ मवेशी भी झुलस गए हैं। आग की जानकारी तहसील प्रशासन को दी गई है।
इनसेट : –
अग्नि कांड पीड़ित परिवार के लोग – बेवस अपनी तवाही का मंजर निहारने को दिखे मजबूर कायमगंज कहते हैं कि चोर या डाकू लूटें तो कुछ न कुछ बच भी जाता है । किंतु आग का विकराल रूप जब तबाही मचाता है तो सब कुछ जलाकर राख ही कर देता है । तबाही का ऐसा ही नज़ारा आज मंसूरनगर के बलिस्टर के घर पर दिखाई दे रहा था ।
रुँधा हुआ गला और आंखों से बह रहे आंसुओं के साथ रो -रो कर अपनी पीड़ा बयां कर रही उसकी पत्नी तबाही को निहार रही थी । वह कह रही थी कि गरीबी के कारण वह झोपड़ी में रह रही थी । उसने कई बार आवास के लिए गुहार लगाई । लेकिन किसी ने भी नहीं सुना ।बदहवास हालत में बालिस्टर तथा उसके बच्चे कह रहे थे कि अब क्या होगा । सब कुछ बर्बाद हो गया ना कुछ पहनने के लिए बचा और ना ओढने विछाने के लिए ,यहां तक की अब भूख कैसे मिटेगी गृहस्थी का सामान तो जलकर राख हो चुका है ।
ईश्वर ही जाने गुजारा कैसे होगा।वहां मौजूद लोगों का कहना था कि इस अग्नि पीड़ित परिवार को आवास और आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।
Feb 15 2024, 18:40