किसान आंदोलनःबॉर्डर पर बवाल, प्रदर्शनकारी किसानों ने किया पथराव और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश, आंसू गैस के गोलों से रोकने की कोशिश
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पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की कोशिश में लगे हुए हैं।किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है। किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए मंगलवार को पुलिस की ओर से आंसू गैस के दागे गए। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है। इसके अलावा किसानों को रोकने के लिए कटीले तार और कंटेनर भी रखे गए हैं।
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़े हुए हैं। एक ओर जवान तो दूसरी ओर किसान खड़े हुए हैं। सील किए गए पटियाला के शंभू और जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की बीच कई बार टकराव हुआ। पथराव कर रहे और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और रबड़ की गोलियां चलाईं।जींद में लाठियां बरसाई गईं। दोनों बॉर्डर पर हुए टकराव में लगभग 100 किसान व अंबाला के नारायणगढ़ के डीएसपी आदर्शदीप समेत पुलिस व अर्धसैनिक बलों के 27 जवान घायल हुए हैं।
किसानों के पथराव करने पर चलाए आंसू गैस के गोले- हरियाणा पुलिस
हरियाणा पुलिस की प्रवक्ता व एआईजी मनीषा चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया। भारी पथराव किया, जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। प्रदर्शन की आड़ में किसी को भी उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे लोगों पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
अनिल विज ने उठाए सवाल
किसानों के आंदोलन पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, एमएसपी पर रिपोर्ट 2004 में आई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी। उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया? किसान दिल्ली जाकर सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन जब वे चंडीगढ़ आए तो किसान नेताओं ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी है कि पंजाब सरकार ने एक नोटिस जारी कर हमसे कहा है कि हम अपनी सीमा पर ड्रोन न भेजें। जब किसान अमृतसर से आगे बढ़ने लगे, तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की। इसका मतलब साफ है कि वे चाहते हैं कि किसान दिल्ली में आतंक फैलाएं।
Feb 14 2024, 16:22