पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने के प्रस्ताव पर दो भाग में बंटे सपा विधायक, 14 ने किया विरोध, बाकी ने समर्थन
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देने वाला प्रस्ताव यूपी विधानसभा से पारित हुआ है। राम मंदिर निर्माण और राललला की प्राण प्रतिष्ठा के इस प्रस्ताव को विधानसभा में पार्टी लाइन से परे ज्यादातर विधायकों ने समर्थन दिया। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी बंटी हुई नजर आई। उसके 108 में से 14 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि बाकी ने इसका समर्थन किया। इस तरह राम मंदिर को लेकर क्या रुख अपनाया जाए, इसे लेकर पार्टी में ही दोफाड़ की स्थिति नजर आई।
यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के कुल 108 विधायक हैं। इनमें से 14 ने प्रस्ताव का विरोध किया था, लेकिन सदन में मौजूद अन्य विधायकों ने समर्थन किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौके पर कितने विधायक थे, जिन्होंने प्रस्ताव का समर्थन किया। पीएम मोदी और सीएम योगी को धन्यवाद देने वाले इस प्रस्ताव को मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया था। इस पर लालजी वर्मा ने सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर ऐसे प्रस्ताव की जरूरत क्या है। लालजी वर्मा ने 2022 में ही बसपा को छोड़ सपा जॉइन कर ली थी। उनके विरोध पर भाजपा के विधायक हल्ला करने लगे। इस पर स्पीकर सतीश महाना ने दखल दिया और कहा कि जो समर्थन में हैं वे करें। जो विरोध में हैं, वे इसके लिए स्वतंत्र हैं।
इसके बाद उन्होंने वोटिंग कराई। महाना ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि इस प्रस्ताव का कोई विरोध करेगा। इसके बाद भी यदि कोई विरोध में है तो वह अपने हाथ खड़े कर सकता है।' सुरेश खन्ना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अयोध्या धाम में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर लगभग 500 साल के अंतराल के बाद भगवान श्रीरामलला की प्रतिमा की स्थापना 22 जनवरी 2024 को कर नया इतिहास रचने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व यूपी के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हम बधाई देते हैं।
14 ने विरोध में उठाए हाथ, बाकी विधायकों ने कर दिया समर्थन
प्रस्ताव रखने के बाद स्पीकर महाना ने कहा कि जो इसके पक्ष में हों, वे अपना हाथ उठाएं। जो सदस्य इसके पक्ष में नहीं है, वे 'न' कहें, जिस पर विपक्ष के मात्र 14 सदस्यों ने अपने हाथ उठाए यानी उनके द्वारा प्रस्ताव का विरोध जताया गया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश माहना द्वारा कहा गया कि 14 सदस्यों को छोड़कर उक्त प्रस्ताव सदन के समस्त सदस्यों द्वारा पारित किया गया। इससे साफ है कि समाजवादी पार्टी के तमाम सदस्यों ने विरोध में हाथ नहीं उठाया और इस तरह वह धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते दिखे जबकि कुछ सदस्यों ने 'न' के पक्ष में अपना हाथ उठाकर विपरीत रूख अपनाया।
Feb 07 2024, 12:07