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प्रणब मुखर्जी की बेटी की कांग्रेस को बड़ी नसीहत, बोलीं-पार्टी की बेहतरी के लिए गांधी परिवार से बाहर देखने की जरूरत

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देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है। देश के 28 राज्यों और विधानसभा वाले 2 केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर अब 16 ऐसे राज्य हैं जहां या तो बीजेपी या फिर उसके गठबंधन एनडीए की सरकार है और 12 राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले 7 राज्य ऐसे थे जहां कांग्रेस की सरकार थी या फिर पार्टी वहां सत्ता में भागीदार थी। लेकिन अब यह संख्या घटकर 6 रह गई है। पार्टी की इस हालात पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को बड़ी नसीहत दी है।शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी बुरी तरह हारे। दोनों चुनावों में वो पार्टी की चेहरा थे। अगर कोई पार्टी किसी खास नेता के नेतृत्व में लगातार हार रही है तो पार्टी को इस बारे में सोचने की दरकार है।कांग्रेस को सोचना चाहिए कि पार्टी का चेहरा कौन होना चाहिए।

सोमवार को 17वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से इतर पत्रकारों से बातचीत में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस देश में अब भी मुख्य विपक्षी दल है। इसका स्थान निर्विवाद है, लेकिन यह प्रश्न है कि इसे मजबूत कैसे किया जाए? इस पर विचार करना पार्टी नेताओं का काम है। उन्होंने कहा कि पार्टी में लोकतंत्र की बहाली, सदस्यता अभियान, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव और नीतिगत निर्णयों की प्रक्रिया में हर स्तर पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल करने की जरूरत है, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी डायरी में लिखा है। इसके अलावा कोई जादू की छड़ी नहीं है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि आज मेरे पिता होते तो कांग्रेस के मौजूदा हालत से काफी परेशान होते। उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा हालातों को लेकर चिंता जताई। पार्टी में जो इस समय हालत है, उसे देखकर मुझे परेशानी होती है। 

वहीं, उन्होंने बीजेपी में जाने की अफवाह को खारिज कर दिया। शर्मिष्ठा ने कहा कि मेरा किसी भी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा बनने का कोई इरादा नहीं है। मैं हार्ड कोर कांग्रेसी हूं। मैं कहीं नहीं जा रही। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी को लेकर चिंतित हूं। अब पार्टी नेतृत्व के लिए नेहरू-गांधी परिवार से बाहर देखने की जरूरत है।पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने आगे कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग विचारधाराएं होती हैं, आप उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उस विचारधारा का अस्तित्व गलत है। इसलिए बातचीत होना जरूरी है।

कौन हैं स्पेस में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाले रूसी एस्ट्रोनॉट, जानें कितने समय से हैं अंतरिक्ष में

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रूस ने अंतरिक्ष में बड़ा कमाल कर दिखाया है।रूसी कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय तक रहने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा है। उन्होंने 878 से अधिक दिन में स्पेस में रह कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।ऐसा करके उन्होंने अपने ही देश के अंतरिक्ष यात्री गेन्नेडी पडल्का का रिकॉर्ड तोड़ दिया। गेन्नेडी ने अंतरिक्ष में 878 दिन बिताए थे। वहीं, ओलेग अभी भी स्पेस में बने हुए हैं।

5 जून तक अंतरिक्ष में रह सकते हैं

बताया जा रहा है कि 59 वर्षीय ओलेग 5 जून तक अंतरिक्ष में बने रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो स्पेस में रहते हुए उनके 1 हजार दिन पूरे हो जाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए इंटरव्यू में ओलेग ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया, मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन मैं अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरता हूं, रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं। ओलेग धरती से करीब 427 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे हैं।

2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया

कोनोनेंको ने रूसी एजेंसी तास के दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें बचपन से ही स्पेस में जाने की इच्छा थी। वे अपना पसंदीदा काम करने के लिए अंतरिक्ष में आना पसंद करते हैं। कोनोनेंको ने 2008 से अब तक पांच बार स्पेस में ट्रैवल किया है।

ड्राइवर के बेटे का अंतरिक्ष से लगाव

21 जून, 1964 को तुर्कमेनिस्तान में जन्मे ओलेग को बचपन से अंतरिक्ष को समझने में दिलचस्पी थी। उनके पिता दिमित्री इवानोविच एक कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे और मां ताइसिया तुर्कमेनाबात एयरपोर्ट पर कम्युनिकेशन ऑपरेटर थीं। ओलेग ने इसी देश से हाईस्कूल किया। इसके साथ स्थानीय भाषा में सर्वाधिक नम्बर पाने का कीर्तिमान हासिल किया।

पीएम मोदी ने नेहरू और इंदिरा गांधी पर साधा निशाना, बोले-वे भारतीयों को आलसी कहते थे

#pmnarendramodistatementonnehruandindiragandhi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के निचले सदन यानी लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने विपक्ष पर खूब निशाना भी साधा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को लेकर भी बयान दिया।पीएम मोदी ने नेहरू के लाल किले के उस भाषण का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने भारतीयों में कम काम करने की आदत का मुद्दा उठाया था।

नेहरू-इंदिरा पर निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आम तौर से नहीं है। हम इतना काम नहीं करते हैं कि जितना यूरोप, जापान, चीन, रुस और अमेरिका वाले करते हैं। नेहरू की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी की सोच भी जवाहरलाल नेहरू से ज्यादा अलग नहीं थी। उन्होंने लाल किले से कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते है और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं।

परिवारवाद पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने कहा कि इतने साल हो गए विपक्ष ने नेता नहीं बदला। परिवारवाद का खामियाजा देश ने भुगता है। विपक्ष पुरानी ढपली, पुराना राग अलाप रही है। देश को स्वस्थ, अच्छे विपक्ष की जरूरत है। उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि हम किस परिवारवाद की बात करते हैं? यदि किसी परिवार में एक से अधिक लोग जनसमर्थन से अपने बलबूते पर राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उसे हम परिवारवाद नहीं कहते हैं। हम परिवारवाद उसे कहते हैं जो पार्टी परिवार चलाता है। पार्टी के सारे निर्णय परिवार के लोग करते हैं वो परिवारवाद है।

राहुल गांधी को लेकर क्या कहा?

पीएम मोदी ने सदन में राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगने की नौबत आ गई है। ये सिर्फ परिवारवाद के कारण हो रहा है। कांग्रेस एक परिवार में उलझ गई है। इस दौरान विपक्षी दलों ने अमित शाह और राजनाथ सिंह का नाम लिया तो पीएम मोदी ने कहा कि किसी परिवार में अपने बलबूते पर और जनसमर्थन से एक से अधिक लोग राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं तो उसे हमने परिवारवाद नहीं कहा। हम परिवारवाद उसे कहते हैं जब परिवार पार्टी चलाता है, परिवार के लोगों को प्राथमिकता देता है और सारे निर्णय परिवार के लोग करते हैं। ये परिवारवाद है।

पीएम मोदी का बड़ा दावा, बोले- तीसरा कार्यकाल दूर नहीं, अगले हजार साल के विकसित भारत की नींव रखूंगा

#parliamentsessionpmnarendramodionmotionofthanksonpresident_address 

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव किया। अपने भाषण में पीएम मोदी ने एक तरफ तो आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कई बड़े दावे किए, वहीं, उन्होनें विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संसद के इस नए भवन में जब राष्ट्रपति हमें संबोधित करने आई और जिस गौरव और सम्मान के साथ सेंगोल और पूरे जुलूस का नेतृत्व किया, हम सब उनके पीछे-पीछे चल रहे थे। नए सदन में ये नई परंपरा भारत के आजादी के उस पवित्र पल का प्रतिबिंब जब साक्षी बनता है तो लोकतंत्र की गरिमा कई गुना ऊपर चली जाती है।

कांग्रेस पर कहावत सुनाकर कसा तंज

प्रधानमंत्री ने आगे विपक्ष पर करारा हमला बोला।पीएम मोदी ने कहावत सुनाकर किया कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कहा, 'नौ दिन चले, ढाई कोस...ये कहावत पूरी तरह कांग्रेस को परिभाषित करती है। कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है। आज देश में जिस रफ्तार के साथ काम हो रहा है, कांग्रेस सरकार इस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती। हमने गरीबों के लिए चार करोड़ घर बनाए इसमें से 80 लाख पक्के मकान शहरी गरीबों के लिए बने। अगर कांग्रेस की रफ्तार से काम हुआ होता तो इतना काम होने में 100 साल लगते, 100 पीढ़ियां बीत जातीं। उन्होंने कहा, '10 वर्ष में 40 हजार किलोमीटर रेलने ट्रैक का विद्युतीकरण हुआ है। अगर कांग्रेस की रफ्तार से देश चलता तो इस काम को करने में 80 साल लग जाते। उन्होंने कहा, हमने 17 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन दिए हैं, अगर कांग्रेस की रफ्तार से चलते तो इस काम को करने में और 60 साल लग जाते हैं। तीन पीढ़ियां धुएं में खाना बनाने-बनाते गुजर जाती। कांग्रेस की जो मानसिकता है, जिसका देश को बहुत नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं किया, वो अपने आप को शासक मानते रहे और जनता-जनार्दन को कमतर आंकते गए। 

विपक्ष अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। मैं देख रहा हूं कि से बहुत लोग चुनाव लड़ने का हौसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है बहुत लोग सीट बदलने की फिराक में हैं। बहुत लोग लोकसभा के बदले अब राज्य सभा में जाना चाहते हैं। वे विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है।

गठबंधन पर किया करार प्रहार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया। वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता को कमतर आंकते रहे। उन्होंने कहा, कांग्रेस का विश्वास सिर्फ एक परिवार पर ही रहा है, एक परिवार के आगे वे न कुछ सोच सकते हैं और न देख सकते हैं। कुछ दिन पहले भानुमति का कुनबा जोड़ा लेकिन फिर एकला चलो रे करने लग गए। अलायंस का ही अलाइनमेंट बिगड़ गया। 

विपक्ष के संकल्प की सराहना करता हूं- पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि मैं विशेष रूप से विपक्ष ने जो संकल्प लिया है, उसकी सराहना करता हूं। उनके भाषण के एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां रहने का संकल्प ले लिया है। आप कई दशक तक जैसे यहां (सत्ता में) बैठे थे, वैसे ही कई दशक वहां (विपक्ष) बैठने का आपका संकल्प ले लिया है। जनता-जनार्दन तो ईश्वर का रूप होती है।जनता-जनार्दन आपको जरूर आशीर्वाद देगी।पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं देख रहा हूं कि आपमें से बहुत से लोग चुनाव लड़ने का हौंसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है कि बहुत सारे लोगों ने पिछली बार भी सीट बदली थी, इस बार भी सीट बदलने की फिराक में हैं। मैंने सुना बहुत सारे लोग लोकसभा से राज्यसभा में जाने वाले हैं। स्थितियों का आकलन करके वे अपना रास्ता ढूंढ रहे हैं।

बताया तीसरे टर्म का बताया प्लान

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा कि तीसरे टर्म में हम भारत को समृद्ध और सिद्धि के शिखर पर देखना चाहते हैं, पहले टर्म में हमने कांग्रेस के गड्ढे भरे, दूसरे में विकसित भारत की नींव रखी। हमारा तीसरा कार्यकालअगले 1000 वर्षों के लिए देश को मजबूत करने का काम करेगा। मुझे भारत के 140 करोड़ लोगों के सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है।

पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की जेल और लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, मोदी सरकार ला रही सख्त कानून

#paper_leak_bill_introduced_in_lok_sabha_10_years_jail_and_fine_of_rs_1_crore 

केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए एक बेहद सख्त कानून ले कर आई है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 लोकसभा में आज पेश कर दिया गया। इस बिल का मकसद परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकना है। पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। वहीं दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक संसद में पेश किया। इसमें पेपर लीक के मामलों में कम से कम तीन से पांच साल की सजा का प्रस्ताव है। बिल का उद्देश्य यूपीएससी,एसएससी, रेलवे, नीट, जेईई और सीयूईटी सहित तमाम परीक्षाओं में चीटिंग को रोकना है। इन परीक्षाओं में लाखों की संख्या में युवा भाग लेते हैं।

इस प्रस्तावित कानून के अनुसार, सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में अनुचित साधनों से संबंधित सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य होंगे। अगर ये विधेयक पारित हो जाता है, तो परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी में शामिल व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की कैद की सजा हो सकती है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, परीक्षा के लिए सेवा प्रदाता पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और परीक्षा की आनुपातिक लागत कंपनी से ही वसूली जाएगी। सेवा प्रदाता को 10 साल की जेल और चार साल की अवधि के लिए परीक्षा आयोजित करने का कोई भी अनुबंध लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।

इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में आए दिन पेपर लीक और नकल की घटनाएं होती रहती हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी और दोबारा एग्जाम कराने पड़े।वहीं दोबारा से परीक्षा कराने पर राज्य सरकार का पैसा खर्च होता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को छात्रों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है।

मनीष सिसोदिया को मिली कोर्ट से बड़ी राहत, बीमार पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की इजाजत

#delhi_rouse_avenue_court_allows_manish_sisodia_to_meet_his_wife_once_a_week 

दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को लंबे समय से जमानत नहीं मिल पा रही है। हालांकि, इस बीच कोर्ट से मनीष सिसोदिया को एक बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को हफ्ते में एक दिन अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी है। मनीष सिसोदिया कस्टडी पैरोल में पत्नी से मिल सकेंगे। वह डॉक्टर से भी मिल सकेंगे। बता दें मनीष सिसोदिया की पत्नी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे में कोर्ट की ओर से ये बड़ी राहत मानी जा रही है।

सोमवार को ही मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2023 में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी दो उपचारात्मक याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने की अर्जी दी। सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि वह (सिसोदिया) एक वर्ष से जेल में बंद हैं और उन्होंने इन उपचारात्मक याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है।

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2023 को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज करने के 30 अक्टूबर के फैसले की समीक्षा का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था कि जांच एजेंसियों द्वारा दाखिल सबूत 338 करोड़ रुपये के अप्रत्याशित लाभ की की बात का समर्थन' करते प्रतीत होते हैं। 

सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

बता दे कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की पत्नी मल्टिपल स्केलेरोसिस ऑटोइम्युन नाम की बीमारी है। वह पिछले 23 साल से इससे जूझ रही हैं और उनका इलाज जारी है। इस बीमारी में इंसान के शरीर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और चलने-फिरने में दिक्कत आती है। ऐसे में मनीष सिसोदिया कई बार दलील दे चुके हैं कि उनकी पत्नी को देखभाल की जरूरत है। हालांकि, कोर्ट ने जमानत देने के बजाय उन्हें हफ्ते में एक दिन पत्नी से मिलने की अनुमति दी है।

अब पाकिस्तान की सत्ता पर आतंकी हाफिज सईद की नजर, बनाई नई पार्टी, चुनाव में उतारे रिश्तेदार

#new_party_linked_to_hafiz_saeed_to_run_in_pakistan_general_elections 

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पड़ोसी मुल्क में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि एक नई पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग आम चुनावों में हिस्सा ले रही है। दरअसल, इस राजनीतिक दल को मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा माना जाता है।

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी-उर्दू) की एक खबर में कहा गया है कि इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या उनका संबंध पूर्व में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहा है

सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार

पाकिस्तान में दावा किया जा रहा है कि मरकजी मुस्लिम लीग सईद के संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) का नया राजनीतिक चेहरा है। हालांकि, पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहा है और उसने नेशनल असेंबली के लिए लाहौर से निर्वाचन क्षेत्र संख्या एनए-122 से नामांकन दाखिल किया है। इसी निर्वाचन क्षेत्र से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक चुनाव लड़ रहे हैं।

जेयूडी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में

पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा (जेयूडी) और उसके सहयोगी दलों और संस्थानों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला है। जेयूडी में खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खालिक इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और म्यू अज़ बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट शामिल हैं। 

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने टेरर फंडिंग के कई मामलों में हाफिज सईद को कुल 31 साल की सजा सुनाई है। वह फिलहाल लाहौर की एक जेल में बंद है। उसे 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'वैश्विक आतंकवादियों' की सूची में शामिल किया गया था।

कौन हैं मौलाना सलमान? जिसकी जहरीली जुबान ने मचाया महाराष्‍ट्र से गुजरात तक बवाल

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इस्लामी उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्‍ट्र से गुजरात तक बवाल मचा हुआ है।गुजरात के जूनागढ़ में कथित तौर पर हेट स्पीच देने के मामले में गुजरात पुलिस ने रविवार 4 फरवरी को मुंबई के इस्लामिक उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी को हिरासत में लिया। अजहरी ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ के मोकल्या मैदान में कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया था। उनके भाषण का एक वीडियो वायरल हो गया। इस मामले में पुलिस ने मुफ्ती सलमान अजहरी को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुफ्ती के सैकड़ों समर्थक उनकी तत्काल रिहाई की मांग को लेकर घाटकोपर पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया।

दरअसल, मौलाना पर आरोप है कि उन्होंने 31 जनवरी को जूनागढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मुफ्ती सलमान, कार्यक्रम के आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी और 505 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया। दो स्थानीय आयोजकों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

नशामुक्ति पर उपदेश के बदले उगला जहर

पुलिस के अनुसार, दोनों ने यह कहते हुए उनसे कार्यक्रम की अनुमति मांगी कि अजहरी का संबोधन धर्म और नशामुक्ति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए होगा। जबकि वायरल वीडियो में मौलाना को भड़काऊ बयान देते हुए सुना जा सकता था। अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए। भाषण के दौरान उन्होंने कहा था, ‘अभी कर्बला का आखिरी मैदान बाकी है। कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा।’ उन्होंने इस्लाम के पैगंबर की बातें मानने पर जोर दिया और लब्बैक या रसूलल्लाह के नारे लगाए। उनके साथ भीड़ भी नारों को दोहरा रही थी।

कौन है मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी?

मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी अपने आप को एक इस्लामी रिसर्च स्कॉलर के रूप में पेश करता है। सलमान अजहरी जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान के संस्थापक हैं। बताया जाता है कि इनकी पढ़ाई काहिरा की अल-अजहर यूनिवर्सिटी से हुई है। मौलाना मुफ्ती कई सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियर रहते हैं। कई मुद्दों पर वह अपनी बात रखते नजर आते हैं। युवा मुस्लिम वर्ग उन्‍हें खासतौर पर बेहद पसंद करता है। वह इस्‍लामी छात्रों के बीच काफी जाते रहते हैं। इस दौरान वह कई बार अपने भड़काई भाषणों को लेकर चर्चा में रह चुका है। हालांकि, इस बार गुजरात में दिया गया उनका भाषण कुछ ज्‍यादा ही भड़काऊ था, जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया है।

चांदी सी चमक रही उत्तराखंड की देवभूमि, सफेद चादर में ढका गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, ग्लेशियर हुए रिचार्ज, अभी भी बर्फबारी जारी

 देवभूमि उत्तराखंड चांदी सी चमक रही है। पहाड़ों पर बर्फबारी की सिलसिला जारी है। वहीं गंगोत्री- यमुनोत्री धाम ने बर्फ की सफेद चादर ओढ ली है। फरवरी की शुरुआत बारिश-बर्फबारी के साथ हुई थी। एक दिन मौसम साफ रहने के बाद फिर मौसम बदला तो सुबह से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया।

इन बर्फीली वादियों के दीदार का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए टूरिस्ट भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यमुनोत्री धाम सहित आसपास बर्फबारी दूसरे दिन भी जारी है। लगातार बारिश बारिश के बीच यमुनोत्री धाम का ताजा मनमोहक नजारा सामने आया। धाम में रह रहे हनुमान मंदिर के मुख्य भरत महाराज ने बताया कि धाम में करीब तीन फिट से अधिक बर्फ पड़ चुकी है और अभी भी बर्फबारी जारी है।

पहाड़ों की रानी मसूरी में भी देर रात से रुक रुककर हो बारिश, हो रही है। वहीं चमोली के गैरसैंण के पैंसर,पनछूया, भराड़ीसैंण, दूधातोली पर्वत चोटियां बर्फ से ढकी हैं। कर्णप्रयाग में भी रात से बारिश के साथ ही थराली, देवाल, गैरसैण की पहाड़ियां हिमाच्छादित है।

दूसरी तरफ गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग गंगनानी से ऊपर गंगोत्री तक बर्फबारी से अवरुद्ध हैं। बीआरओ द्वारा मशीनरी व मजदूर तैनात किए गए हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों राड़ी टॉप, चौरंगीखाल, गंगनानी, सुक्की टॉप गंगोत्री, हर्षिल, यमुनोत्री, जानकीचट्टी फूलचट्टी क्षेत्रों मे बर्फबारी हो रही है।

इस साल दो बार बारिश-बर्फबारी होने से जहां एक ओर ग्लेशियर रिचार्ज हुए हैं, वहीं किसानों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों के चेहरे पर चमक बिखर गई है।कारोबारियों का कहना है वीकेंड के समय बर्फबारी होने से अच्छा कारोबार हुआ। पहले इस तरह का काम दिसंबर-जनवरी में हुआ करता था।

मौसम के बदले चक्र और जलवायु परिवर्तन के चलते भले ही बारिश-बर्फबारी में देरी हुई है। लेकिन, फरवरी में अभी तक दो बार हुई बर्फबारी से ग्लेशियर अच्छे रिचार्ज हुए हैं। इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। इस महीने अभी एक-दो बार और ऐसा ही मौसम होने की संभावना है।

मेरी गिरफ़्तारी भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय,विधानसभा में जमकर गरजे झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, राज्यपाल पर भी लगाए आरोप

 

जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज सोमवार (5 फ़रवरी) को दावा किया कि कथित भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी में राज्यपाल भी शामिल हैं। PMLA कोर्ट द्वारा चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के लिए विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दिए जाने के बाद झारखंड विधानसभा में बोलते हुए, हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को "भारत के लोकतंत्र में काला अध्याय" कहा। 

इससे पहले दिन में, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह कहते हुए हेमंत सोरेन को क्लीन चिट दे दी कि उन्हें ऐसे काम के लिए गिरफ्तार किया गया है जो उन्होंने किया ही नहीं। हेमंत सोरेन ने अपने विधानसभा भाषण में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भूमि घोटाले से अपना संबंध साबित करने की चुनौती दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख ने कहा कि, "आज मुझे 8.5 एकड़ जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यदि उनमें हिम्मत है तो वे मेरे नाम पर दर्ज उक्त जमीन के दस्तावेज दिखाएं। अगर यह साबित हो गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।" 

बता दें कि, हेमंत सोरेन को ED ने पूछताछ में शामिल होने के लिए 10 समन भेजे थे। आखिरी समन में उन्हें 29 जनवरी या 31 जनवरी में से एक तारीख बताने के लिए कहा गया था, जिस दिन वो पूछताछ में शामिल हो सकते हों। हालाँकि, सोरेन ने इसका कोई जवाब नहीं दिया, 29 जनवरी को वे अचानक गायब हो गए। पता चला वे दिल्ली में हैं, जब दिल्ली स्थित उनके बंगले पर पुलिस पहुंची, तो सोरेन वहां से भी गायब मिले। वहां पुलिस को 38 लाख नकद, दो BMW मिले और कुछ डाक्यूमेंट्स मिले, जिसे जब्त कर लिया गया। 29 की रात में सोरेन का वीडियो सन्देश आया कि वे 31 जनवरी को अपने घर पर सवालों के जवाब देंगे। ED ने तय तारीख को उनसे लंबी पूछताछ की, और फिर गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद हेमंत सोरेन को 5 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया। हालाँकि, उन्हें फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दे दी है।