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अब पाकिस्तान की सत्ता पर आतंकी हाफिज सईद की नजर, बनाई नई पार्टी, चुनाव में उतारे रिश्तेदार

#new_party_linked_to_hafiz_saeed_to_run_in_pakistan_general_elections 

पाकिस्तान में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पड़ोसी मुल्क में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि एक नई पार्टी पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग आम चुनावों में हिस्सा ले रही है। दरअसल, इस राजनीतिक दल को मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठनों का नया चेहरा माना जाता है।

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी-उर्दू) की एक खबर में कहा गया है कि इस संगठन द्वारा पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से नामांकित कुछ उम्मीदवार हाफिज सईद के रिश्तेदार हैं या उनका संबंध पूर्व में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा या मिल्ली मुस्लिम लीग से रहा है

सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार

पाकिस्तान में दावा किया जा रहा है कि मरकजी मुस्लिम लीग सईद के संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) का नया राजनीतिक चेहरा है। हालांकि, पार्टी के एक प्रवक्ता ने सईद के संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद मरकजी मुस्लिम लीग पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहा है और उसने नेशनल असेंबली के लिए लाहौर से निर्वाचन क्षेत्र संख्या एनए-122 से नामांकन दाखिल किया है। इसी निर्वाचन क्षेत्र से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व संघीय मंत्री ख्वाजा साद रफीक चुनाव लड़ रहे हैं।

जेयूडी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में

पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा (जेयूडी) और उसके सहयोगी दलों और संस्थानों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला है। जेयूडी में खैर नास इंटरनेशनल ट्रस्ट, फलाह इंसानियत फाउंडेशन, अल-अनफाल ट्रस्ट, खमताब खालिक इंस्टीट्यूशन, अल-दावत अल-अरशद, अल-हमद ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन और म्यू अज़ बिन जबल एजुकेशनल ट्रस्ट शामिल हैं। 

पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालतों ने टेरर फंडिंग के कई मामलों में हाफिज सईद को कुल 31 साल की सजा सुनाई है। वह फिलहाल लाहौर की एक जेल में बंद है। उसे 10 दिसंबर 2008 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'वैश्विक आतंकवादियों' की सूची में शामिल किया गया था।

कौन हैं मौलाना सलमान? जिसकी जहरीली जुबान ने मचाया महाराष्‍ट्र से गुजरात तक बवाल

#whoismaulanamuftisalman_azhari

इस्लामी उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्‍ट्र से गुजरात तक बवाल मचा हुआ है।गुजरात के जूनागढ़ में कथित तौर पर हेट स्पीच देने के मामले में गुजरात पुलिस ने रविवार 4 फरवरी को मुंबई के इस्लामिक उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी को हिरासत में लिया। अजहरी ने 31 जनवरी की रात जूनागढ़ के मोकल्या मैदान में कार्यक्रम को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया था। उनके भाषण का एक वीडियो वायरल हो गया। इस मामले में पुलिस ने मुफ्ती सलमान अजहरी को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुफ्ती के सैकड़ों समर्थक उनकी तत्काल रिहाई की मांग को लेकर घाटकोपर पुलिस थाने के बाहर जमा हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया।

दरअसल, मौलाना पर आरोप है कि उन्होंने 31 जनवरी को जूनागढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने मुफ्ती सलमान, कार्यक्रम के आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी और 505 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया। दो स्थानीय आयोजकों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

नशामुक्ति पर उपदेश के बदले उगला जहर

पुलिस के अनुसार, दोनों ने यह कहते हुए उनसे कार्यक्रम की अनुमति मांगी कि अजहरी का संबोधन धर्म और नशामुक्ति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए होगा। जबकि वायरल वीडियो में मौलाना को भड़काऊ बयान देते हुए सुना जा सकता था। अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने भड़काऊ बयान दिए। भाषण के दौरान उन्होंने कहा था, ‘अभी कर्बला का आखिरी मैदान बाकी है। कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा।’ उन्होंने इस्लाम के पैगंबर की बातें मानने पर जोर दिया और लब्बैक या रसूलल्लाह के नारे लगाए। उनके साथ भीड़ भी नारों को दोहरा रही थी।

कौन है मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी?

मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी अपने आप को एक इस्लामी रिसर्च स्कॉलर के रूप में पेश करता है। सलमान अजहरी जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान के संस्थापक हैं। बताया जाता है कि इनकी पढ़ाई काहिरा की अल-अजहर यूनिवर्सिटी से हुई है। मौलाना मुफ्ती कई सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियर रहते हैं। कई मुद्दों पर वह अपनी बात रखते नजर आते हैं। युवा मुस्लिम वर्ग उन्‍हें खासतौर पर बेहद पसंद करता है। वह इस्‍लामी छात्रों के बीच काफी जाते रहते हैं। इस दौरान वह कई बार अपने भड़काई भाषणों को लेकर चर्चा में रह चुका है। हालांकि, इस बार गुजरात में दिया गया उनका भाषण कुछ ज्‍यादा ही भड़काऊ था, जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया है।

चांदी सी चमक रही उत्तराखंड की देवभूमि, सफेद चादर में ढका गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, ग्लेशियर हुए रिचार्ज, अभी भी बर्फबारी जारी

 देवभूमि उत्तराखंड चांदी सी चमक रही है। पहाड़ों पर बर्फबारी की सिलसिला जारी है। वहीं गंगोत्री- यमुनोत्री धाम ने बर्फ की सफेद चादर ओढ ली है। फरवरी की शुरुआत बारिश-बर्फबारी के साथ हुई थी। एक दिन मौसम साफ रहने के बाद फिर मौसम बदला तो सुबह से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया।

इन बर्फीली वादियों के दीदार का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए टूरिस्ट भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। यमुनोत्री धाम सहित आसपास बर्फबारी दूसरे दिन भी जारी है। लगातार बारिश बारिश के बीच यमुनोत्री धाम का ताजा मनमोहक नजारा सामने आया। धाम में रह रहे हनुमान मंदिर के मुख्य भरत महाराज ने बताया कि धाम में करीब तीन फिट से अधिक बर्फ पड़ चुकी है और अभी भी बर्फबारी जारी है।

पहाड़ों की रानी मसूरी में भी देर रात से रुक रुककर हो बारिश, हो रही है। वहीं चमोली के गैरसैंण के पैंसर,पनछूया, भराड़ीसैंण, दूधातोली पर्वत चोटियां बर्फ से ढकी हैं। कर्णप्रयाग में भी रात से बारिश के साथ ही थराली, देवाल, गैरसैण की पहाड़ियां हिमाच्छादित है।

दूसरी तरफ गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग गंगनानी से ऊपर गंगोत्री तक बर्फबारी से अवरुद्ध हैं। बीआरओ द्वारा मशीनरी व मजदूर तैनात किए गए हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों राड़ी टॉप, चौरंगीखाल, गंगनानी, सुक्की टॉप गंगोत्री, हर्षिल, यमुनोत्री, जानकीचट्टी फूलचट्टी क्षेत्रों मे बर्फबारी हो रही है।

इस साल दो बार बारिश-बर्फबारी होने से जहां एक ओर ग्लेशियर रिचार्ज हुए हैं, वहीं किसानों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों के चेहरे पर चमक बिखर गई है।कारोबारियों का कहना है वीकेंड के समय बर्फबारी होने से अच्छा कारोबार हुआ। पहले इस तरह का काम दिसंबर-जनवरी में हुआ करता था।

मौसम के बदले चक्र और जलवायु परिवर्तन के चलते भले ही बारिश-बर्फबारी में देरी हुई है। लेकिन, फरवरी में अभी तक दो बार हुई बर्फबारी से ग्लेशियर अच्छे रिचार्ज हुए हैं। इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। इस महीने अभी एक-दो बार और ऐसा ही मौसम होने की संभावना है।

मेरी गिरफ़्तारी भारत के लोकतंत्र का काला अध्याय,विधानसभा में जमकर गरजे झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन, राज्यपाल पर भी लगाए आरोप

 

जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज सोमवार (5 फ़रवरी) को दावा किया कि कथित भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी में राज्यपाल भी शामिल हैं। PMLA कोर्ट द्वारा चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के लिए विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दिए जाने के बाद झारखंड विधानसभा में बोलते हुए, हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को "भारत के लोकतंत्र में काला अध्याय" कहा। 

इससे पहले दिन में, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह कहते हुए हेमंत सोरेन को क्लीन चिट दे दी कि उन्हें ऐसे काम के लिए गिरफ्तार किया गया है जो उन्होंने किया ही नहीं। हेमंत सोरेन ने अपने विधानसभा भाषण में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भूमि घोटाले से अपना संबंध साबित करने की चुनौती दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख ने कहा कि, "आज मुझे 8.5 एकड़ जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यदि उनमें हिम्मत है तो वे मेरे नाम पर दर्ज उक्त जमीन के दस्तावेज दिखाएं। अगर यह साबित हो गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।" 

बता दें कि, हेमंत सोरेन को ED ने पूछताछ में शामिल होने के लिए 10 समन भेजे थे। आखिरी समन में उन्हें 29 जनवरी या 31 जनवरी में से एक तारीख बताने के लिए कहा गया था, जिस दिन वो पूछताछ में शामिल हो सकते हों। हालाँकि, सोरेन ने इसका कोई जवाब नहीं दिया, 29 जनवरी को वे अचानक गायब हो गए। पता चला वे दिल्ली में हैं, जब दिल्ली स्थित उनके बंगले पर पुलिस पहुंची, तो सोरेन वहां से भी गायब मिले। वहां पुलिस को 38 लाख नकद, दो BMW मिले और कुछ डाक्यूमेंट्स मिले, जिसे जब्त कर लिया गया। 29 की रात में सोरेन का वीडियो सन्देश आया कि वे 31 जनवरी को अपने घर पर सवालों के जवाब देंगे। ED ने तय तारीख को उनसे लंबी पूछताछ की, और फिर गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद हेमंत सोरेन को 5 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया। हालाँकि, उन्हें फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दे दी है।

ओझा तांत्रिक ने शराब पीने के बाद पढ़े मंत्र और काट डाला समधी का सिर, मध्यप्रदेश के सिंगरोली से सामने आई चौंकाने वाली घटना

 मध्य प्रदेश के सिंगरौली से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है एक ओझा तांत्रिक ने अपने ही समधी का क़त्ल कर दिया है। अपराधी तांत्रिक ने झाड़ फूंक करते हुए बलुआ से अपने समधी का सिर धड़ से अलग कर दिया है। अपराधी का समधी लंबे वक़्त से बीमार था। उसे शंका थी कि किसी ने उसके ऊपर जादू टोना कर दिया है। ऐसे में वह आरोपी के साथ एक सूनसान स्थान पर झाड़फूंक करा रहा था। वारदात के 2 घंटे पश्चात् खबर प्राप्त होने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

वहीं पुलिस ने अपराधी के घर में दबिश देकर उसे भी दबोच लिया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। घटना सिंगरौली के चितरंगी थाना इलाके में सूदा गांव में रविवार दोपहर की है। पुलिस ने बताया, आरोपी की पहचान सोनभद्र उत्तर प्रदेश के गर्दी गांव निवासी ओझा हरिनारायण पनिका के रूप में हुई है। रविवार को वह अपने समधी रामचंद्र पनिका के बुलावे पर सूदा गांव आया था। रामचंद्र पनिका लंबे वक़्त से बीमार चल रहा था तथा उसे शक था कि किसी ने उसके ऊपर जादू टोना किया है। इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए ओझा हरिनारायण ने एक सूनसान स्थान पर झाड़फूंक आरम्भ की।

थोड़ी देर तक झाड़ फूंक के पश्चात् उसने शराब पीया तथा मंत्र पढ़ते हुए रामचंद्र को सिर झुकाने को कहा। जैसे ही रामचंद्र ने सिर झुकाया, आरोपी ओझा ने बलुआ उठाकर पहले आहिस्ता से और फिर पूरी ताकत लगाकर हमला कर दिया। इस वारदात में रामचंद्र का सिर उसके धड़ से अलग हो गया तथा मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसकी खबर ग्रामीणों को हुई तो चारों तरफ दहशत फैल गई। लगभग 2 घंटे पश्चात् ग्रामीणों ने ही घटना की खबर पुलिस को दी। फिर पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए आरोपी के गर्दी स्थित घर पर दबिश दी। इस के चलते आरोपी को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया है।

SDOP आशीष जैन एवं टीआई शेषमणि पटेल ने मौका मुआयना करने के पश्चात् मामले की छानबीन आरम्भ कर दी है। SP सिंगरौली यूसुफ कुरैशी ने बताया कि झाड़फूंक के चलते बलि देने का मामला है। पुलिस आरोपी ओझा को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। मामले की तहकीकात के चलते जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार, आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सिंगरौली में झाड़फूंक एवं बलि देने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी सामने आए आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

आप नेता संजय सिंह नहीं ले सके राज्यसभा सांसद पद की शपथ, कोर्ट के परमिशन पर पहुंचे, लेकिन सभापति धनखड़ ने इस वजह से रोका

#aap_leader_sanjay_singh_to_not_take_oath_as_rajya_sabha

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता आज राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ नहीं ले सके।राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह को सांसद के तौर पर शपथ लेने की अनुमति नहीं दी है। सभापति का कहना है कि यह मामला फिलहाल विशेषाधिकार समिति के पास है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जेल से बाहर आकर राज्यसभा में शपथ लेने की अनुमति दी थी। हालांकि, सोमवार को शपथ ग्रहण से पहले ही राज्यसभा सभापति ने सांसद के तौर पर संजय सिंह को शपथ लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया हैष

बता दें कि गुरुवार 1 फरवरी को संजय सिंह ने अंतरिम जमानत याचिका के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उन्होंने 7 दिन की अंतरिम बेल देने की मांग की थी, ताकि 5 फरवरी को वे राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण कर सकें। शपथ ग्रहण के साथ ही, 5 फरवरी से 9 फरवरी तक चलने वाले संसद सत्र में भी वे भाग ले सकें।

कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। हालांकि, मामूली राहत देते हुए अदालत ने उन्हें 5 फरवरी को जेल से बाहर राज्यसभा जाकर शपथ लेने की अनुमति दी थी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आप नेता संजय सिंह आज राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए सदन पहुंचे। हालांकि, सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बतैर राज्यसभा सांसद शपथ लेने की अनुमति नहीं दी।

‘एहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है…’, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने दोस्तों को डेडिकेट करते हुए गाया गाना, सोशल मीडिया पर वायर

 मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम रविवार को भोपाल के हमीदिया कॉलेज पहुंचे थे। पूर्व में हमीदिया कालेज के छात्र रहे शिवराज चौहान ने स्टेज पर आते ही एक गाना ‘एहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों…’ गाया। इस गाने पर शिवराज ही नहीं, कॉलेज कैंपस में उपस्थित सभी लोग झूम उठे। उन्होंने कहा कि इस विश्व में सबकुछ पीछे छूट जाता है, मगर दोस्ती कभी समाप्त नहीं होती। दोस्तों का साथ हमेशा बना रहता है। यह प्रोग्राम इस कॉलेज पूरा छात्रों के स्वागत के लिए आयोजित किया गया था।

वही इस अवसर पर शिवराज चौहान भी सबकुछ भूलकर उन पुराने दिनों में चले गए थे, जैसे वह कॉलेज के दौर में थे। मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से लोकप्रिय शिवराज सिंह चौहान का मिजाज बिलकुल बदला हुआ था। लग ही नहीं रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री है। उनके रूप को कॉलेज के छात्रों ने हाथों हाथ लिया। कॉलेज पहुंचने के थोड़ी ही देर पश्चात् जैसे ही वह स्टेज पर आए, माइक थामते ही गाना गाने लगे। इस गाने का एक वीडियो भी सामने आया है। स्वयं शिवराज चौहान ने ही यह वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है। इसमें शिवराज चौहान अपने दोस्तों को डेडिकेट करते हुए गाना गा रहे हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है कि इस प्रोग्राम के माध्यम से उन्होंने सालों पश्चात् एक बार फिर से उन पलों को जी लिया। 

बता दें कि शिवराज सिंह चौहान एक वक़्त में हमीदिया कॉलेज के स्टूडेंट रहे हैं। उन्होंने इस कॉलेज से फिलॉस्फी में MA किया था। अपने कॉलेज के दिनों में भी शिवराज चौहान स्टेज पर आते ही गाना गाने लगते थे। ऐसे में जब पूरा छात्रों के स्वागत का कार्यक्रम हुआ तथा उन्हें न्यौता प्राप्त हुआ तो वह स्वयं को नहीं रोक सके। वह ना सिर्फ पूरे वक़्त तक कार्यक्रम में उपस्थित रहे, बल्कि इस के चलते उन्होंने उपस्थित छात्रों को एहसास ही नहीं होने दिया कि वह बहुत पहले कॉलेज छोड़ चुके हैं। राजनीतिक कार्यक्रमों में भी कई बार शिवराज चौहान को स्टेज पर गाना गाते हुए देखा गया है। वर्ष 2021 में भी उनका एक वीडियो सामने आया था। इसमें वह विधानसभा के भीतर शोले फिल्म का गाना ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे’ गाया था। उस वक़्त उनके साथ कैलाश विजयवर्गीय भी गाना गा रहे थे।

'ये 3 मंदिर हमें दे दें फिर किसी मस्जिद की तरफ नहीं देखेंगे', पढ़िए, राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कही बड़ी बात

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 श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने काशी, मथुरा को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि पुणे में एक समारोह के चलते प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अयोध्या के पश्चात् काशी एवं मथुरा के धार्मिक स्थलों का शांति से मिल जाने के बाद हम लोग किसी अन्य सभी मंदिरों से संबंधित मुद्दों को छोड़ देंगे। गोविंद देव गिरी महाराज ने प्रेस वार्ता में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बोलते हैं कि मैंने पहले ही बता दिया है कि 3 मंदिर शांति से मिल जाने के बाद हम अन्य मंदिरों पर ध्यान देने की इच्छा भी नहीं करते हैं, क्योंकि हम लोगों को भविष्य में जीना है। भूतकाल में नहीं जीना है। देश का भविष्य अच्छा होना चाहिए तो इसलिए अगर समझदारी के साथ ये 3 मंदिर (अध्योया, काशी, मथुरा) हमें प्रेम से मिल जाते हैं, फिर हम सारी अन्य बातों को भूल जाएंगे।

वही एक अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी प्यार से समझाएंगे। देखो इन सभी जगहों के लिए एक बात नहीं बोली जा सकती। कहीं-कहीं समझदार लोग होते हैं, कहीं-कहीं समझदार लोग नहीं होते हैं। जहां जैसे हालात है वहां उसी तरह से लोगों को समझाने का प्रयास करें। हम किसी भी तरह देश में शांति नहीं होने देंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज अपने 75वें जन्मदिन के अवसर पर 4 फरवरी से 11 फरवरी के बीच कई धार्मिक स्थलों पर समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में वह पुणे के आलंदी पहुंचे थे, जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी आयोजन किया था। इस समारोहों में RSS प्रमुख मोहन भागवत तथा श्री श्री रविशंकर समेत अन्य लोग ने भी हिस्से लिया।

बता दें कि 500 वर्षों के पश्चात् सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिसाहिक फैसले के पश्चात् राम मंदिर का निर्माण हुआ है। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है, किन्तु अभी मंदिर के निर्माण काम चल रहा है तथा इस दिसंबर तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इसके तिरिक्त ज्ञानवापी एवं मथुरा श्री कृष्ण जन्मस्थान का मामला कोर्ट में लंबित है।

कांग्रेस के 10 साल बनाम मोदी सरकार के 10 साल: संसद में रखा जाएगा श्वेतपत्र, सभी भाजपा सांसदों को मौजूद रहने के निर्देश

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपने लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया और उनसे कल सदन में मौजूद रहने को कहा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 जनवरी, 2024 को संसद में दिए गए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देंगे। इससे पहले 2 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में सरकार की रणनीति पर चर्चा के लिए शीर्ष मंत्री के साथ बैठक की थी। 

बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हैं। गुरुवार को सरकार ने 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। सरकार ने कहा कि बजट उन आर्थिक नीतियों पर केंद्रित है जो विकास को बढ़ावा देती हैं, समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं, उत्पादकता में सुधार करती हैं और विभिन्न वर्गों के लिए अवसर पैदा करती हैं, जबकि यह ध्यान दिया जाता है कि इसमें बिहार, झारखंड राज्यों सहित पूर्वी क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाएगा। 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य के तहत छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को विकास इंजन बनाया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उल्लेख किया था कि सरकार तेजी से जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का गहन विश्लेषण करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाएगी। इसके अतिरिक्त, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत पिछले 10 वर्षों के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्षों से करते हुए एक श्वेत पत्र प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि, इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद के साथ यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट था। लोकसभा में अपना छठा बजट पेश करने वाली सीतारमण ने भाजपा नीत राजग के दोबारा सत्ता में आने पर भरोसा जताया।

चुनाव से पहले पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, 10 पुलिस जवानों की मौत

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पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। जिसको लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां जोर शोर से तैयारियों में जुटी हैं। इससे पहले देश में लगातार कई जगहों पर हिंसा और आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं। बलूचिस्तान में चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर विस्फोट के बाद फिर से पाक में आतंकियों ने दहशत फैलाई है।पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के डेरा इस्माइल खान में एक पुलिस स्टेशन पर आतंकवादियों ने हमला किया है।हमले में कम से कम 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और छह घायल हो गए हैं।हमला आधी रात के बाद किया गया, जब अधिकतकर पुलिसकर्मी सो रहे थे।

पुलिस के मुताबिक इस आतंकी हमले में दस पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 6 लोग जख्मी हो गए, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने इस वारदात को सोमवार को अहले सुबह अंजाम दिया। इस दौरान अज्ञात आतंकवादियों ने पहले स्नाइपर शॉट दागे उसके बाद चौधवन पुलिस स्टेशन में घुस गए. इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की साथ ही हथगोले भी बरसाए। बताया जा रहा है कि हमले में जान गंवाने वालों में स्वाबी की एलीट पुलिस यूनिट के 6 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्हें चुनावों के दौरान स्थानीय पुलिस की मदद करने के लिए क्षेत्र में तैनात किया गया था।

पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हैं। लेकिन इससे पहले ऐसी बड़ी आतंकी गतिविधियों ने चुनाव शांति और निष्पक्ष तरीके से पूर्ण होने पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। आतंकियों की पनाहगाह के रूप में दुनिया में प्रसिद्ध पाकिस्तान आज खुद आतंकवाद का शिकार हो गया है। इसके पीछे वही खुद कसूरवार है। जिन आतंकियों को पाला, जिन आतंकी संगठनों को पनाह दी, आज वो ही पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गए हैं।