*केसीसी की सुस्त रफ्तार, मात्र 35 फीसदी किसान जुड़*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से किसानों को जोड़ने की मुहिम रफ्तार नहीं पकड़ रही है। बैंकों की उदासीनता के चलते तीन साल में मात्र 35 फीसदी किसानों को ही कार्ड दिए जा सके हैं। एक लाख से अधिक किसान अभी इससे दूर हैं। एक लाख 51 हजार किसानों में बैंक एवं कृषि विभाग ने 33 हजार ने नवीनीकरण कराया।
जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के एक लाख 75 हजार लाभार्थी रहे हैं। सत्यापन के बाद 15वीं किस्त एक लाख 51 हजार किसानों के खाते में धन भेजा गया। साल 2020 में केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को केसीसी से जोड़ने का एलान किया।
उसके बाद बैंकों ने शिविर लगाए। इसके बावजूद शत-प्रतिशत किसानों को केसीसी से नहीं जोड़ा जा सका। हाल में ही अक्तूबर से 31 दिसंबर तक केसीसी बनाने के लिए अभियान चला। जिसमें 33 हजार 275 किसानों का नवीनीकरण किया गया जबकि 15 हजार को पंजीकृत किया गया।
तमाम प्रयास के बाद भी एक लाख 51 हजार के सापेक्ष 35 फीसदी किसानों को ही जोड़ा जा सका।
लीड बैंक मैनेजर अरुण कुमार जायसवाल का कहना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभर्थियों को भी केसीसी की प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके लिए भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र अनिवार्य है। उसके बिना किसानों को केसीसी का लाभ नहीं दिया जा सकता है। उधर, उप निदेशक कृषि डॉ अश्वनी सिंह का कहना है कि पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को केसीसी से जोड़ा जा रहा है।
बैंकों को इसके लिए पत्र लिखा जाता है। वित्तीय वर्ष खत्म होने से पूर्व अधिक से अधिक किसानों की केसीसी बनाने का प्रयास रहेगा।
Feb 04 2024, 16:04