15 साल बाद फिर से चम्पई सोरेन चुने गए विधयाक दल के नेता
सरायकेला : तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम में चम्पई सोरेन को गठबंधन की बैठक में विधयाक दल का नेता चुना गया 15 साल बाद फिर से चम्पई सोरेन विधयाक दल के नेता चुने गए इससे पहले 2009 में उन्हें विधयाक दल का नेता चुना गया था चम्पई सोरेन को जेएमएम ,कांग्रेस, ओर आरजेडी विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया है।
चम्पई सोरेन को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है ,सरायकेला के विधयाक चम्पई सोरेन का राजनीतिक सफर संघर्षमय रहा है 90 के दशक में अलग झारखंड राज्य आंदोलन के माध्यम से चम्पई सोरेन ने राजनीति में कदम रखा था।
चम्पई सोरेन चुनावी राजनीति में सफल राजनीतिज्ञ माने जाते है वर्ष 1991 से 2019 तक सरायकेला विस क्षेत्र के लिए हुए विधानसभा चुनाव में एक टर्म को छोड़ कर उन्होने सभी चुनावो में जीत दर्ज की है जबकि उन्हें वर्ष 2000 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था चम्पई सोरेन कोल्हान में झारखंड टाइगर के नाम से प्रसिद्ध है झामुमो के संगठन में भी केंद्रीय उपाध्यक्ष है पूर्व में पार्टी में महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके है ।
चंपई सोरेन पहली बार वर्ष 1991 के सरायकेला विस क्षेत्र से उपचुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज कर
विधायक बने थे. उस चुनाव में चंपई सोरेन ने सिंहभूम के तत्कालीन सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी मोती मार्डी को
हराया था.
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे
मुड़ कर नहीं देखा. वर्ष 1995 के विस. चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर भाजपा के पंचू टुडू को हरा कर विधायक बने. वर्ष 2000 के विधानसभा
चुनाव में भाजपा लहर के क्राण अनंत राम टुडू के हाथों पहली बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वर्ष 2005 में चंपई सोरेन ने भाजपा के
लक्ष्मण टुडू को 880 वोट के अंतर से जीत दर्ज की. 2009 के चुनाव में भी भाजपा के लक्ष्मण टुडू को 3200 वोट से हरा कर जीत दर्ज की. वर्ष 2014 के
विस चुनाव में 1100 तथा 2019 के विस चुनाव में करीब 16 हजार वोट से जीत दर्ज कर विस पहुंचे.
वर्ष 2020 में चंपई सोरेन राज्य में तीसरी बार मंत्री बने. पहली बार वर्ष 2010 में भाजपा झामुमो गठबंधन वाली अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद वर्ष 2013 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो इन्हें फिर से मंत्री पद मिला और तीन विभाग उद्योग, परिवहन और आदिवासी कल्याण मंत्रालय के मंत्री रहे. वर्ष 2019 में राज्य में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार में 28 जनवरी 2020 को
चंपई सोरेन को फिर एक बार मंत्री बनाया गया.
इस बार चंपई सोरेन जनजाती कल्याण व परिवॉहन मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बनाये गये.
झारखंड राज्य की मांग उठने लगी शिबू सोरेन के साथ ही चम्पई की झारखंड के आंदोलन में उतर गए जल्द ही झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर हुए
इधर भाजपा नेता रमेश हांसदा ने भी परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन को मुख्यमंत्री पद संभालने का बधाई देते हुए सोरेन परिवार पर तंज करते हुए कहा कि अच्छा हुआ कि सोरेन परिवार सत्ता से बाहर निकली हेमन्त सोरेन की सरकार जब भ्र्ष्टाचार में घिरती रही सरकार पर संकट छया , ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा के परिवारवाद या वंश वाद से बाहर निकली है तो कही न कही भाजपा की देन है वही मंत्री चम्पई सोरेन को बधाई दी और कहा कि आदिवासी मुद्दे जो बहुत दिनों से पड़ा हुआ है उसे उठाने की बात करे आदिवासियों का कल्याण करे इन्होंने कहा कि पहले भी एक बार विधायक दल का नेता चुना गया था लेकिन मुख्यमंत्री नही बन पाए कही इस बार भी ऐसा तो नही क्योंकि अभी भी गठबंधन सरकार में अंदरूनी अंत कलह है हालकि मंत्री चम्पई सोरेन को झारखंड टाइगर से लोग जानते है कि उन्होंने पूर्ण बहमुत की सरकार बनायी झामुमो के वरिष्ठ विधायक और टाइगर के नाम से महसूर चम्पई सोरेन ओर शिबू परिवार से सत्ता सौप दी ।
Feb 01 2024, 20:07