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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में उमड़ा सैलाब, दर्शन के लिए मंदिर के बाहर जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़


प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। आज वो पहली सुबह है, जब रामभक्त मंदिर में जाकर अपने आराध्य का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार, 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होते ही रामभक्तों का बरसों का इंतजार खत्म हो गया और आज से हर आम श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेगा। रामलला के दर्शन सुबह 8 से रात 10 बजे तक होंगे। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

बता दें कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को संपन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा में 7000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। राम मंदिर करोड़ों रामभक्तों की आस्था का प्रतीक है। मंदिर में भगवान राम की 51 इंच की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज में तैयार किया है। मूर्ति में भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों, भगवान हनुमान जैसे हिंदू देवताओं और अन्य प्रमुख हिंदू धार्मिक प्रतीकों की नक्काशी भी शामिल है।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?


क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।

दिल की सेहत का रखना चाहते है ख्याल तो अपने डायट में शामिल करे ये चार चीजे


आज कल के बेतरतीब जीवनशैली में हार्ट की बीमारी आम हो गई है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगो को बस काम की चिंता होती है, काम के प्रेशर के कारण लोग अपनी सेहत को नजर अंदाज कर देते है। अपने खान पान का ठीक से ख्याल नहीं रखते। जिस कारण कम आयु के युवा वर्ग को भी हार्ट अटैक,हार्ट फेल का खतरा बढ़ गया हैं।

दिल को हेल्दी रखने के लिए वर्कआउट के साथ-साथ सही डाइट का भी अहम रोल होता है. हेल्दी डाइट शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ रोगों से लड़ने की क्षमता देता है।

रिसर्च के मुताबिक जो लोग हेल्दी डाइट फॉलो करते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा 31 फीसदी तक कम होता है.आइए जानते है,दिल की सेहत को स्वस्थ रखने के लिए कौन-कौन से फूड खाने चाहिए।

अखरोट

अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है. ये हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है. रोजाना अखरोट खाने से धमनियों की सूजन को कम किया जा सकता है. अखरोट के हेल्दी फैट्स से दिल भी स्वस्थ रहता है.

संतरा

हाई ब्लड प्रेशर भी दिल की बीमारियों का संकेत हो सकता है. हाई बीपी की शिकायत रहने पर संतरा काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसमें विटामिन सी के अलावा पेक्टिन फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसे नियमित खाने से हाई बीपी की समस्या भी दूर रहती है.

अलसी

अलसी भी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है. अलसी को डाइट में शामिल करने ब्लड का फ्लो ठीक रहता है. बॉडी में फाइबर और फाइटोकेमिकल्स की कमी को पूरा करने वाली अलसी को भून कर और दूसरी रेसिपीज में एड करके खा सकते हैं.

हरे रंग की सब्जियां

हरे रंग की सब्जियों में विटामिन्स और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा, इनमें नाइट्रेट भी पाया जाता है. दिल को स्वस्थ रखने के लिए पालक, बीन्स, सरसों का सार और मेथी को डाइट में शामिल करना चाहिए. इन्हें खाने से शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है. हरी सब्जियां खाने से ऑक्सीजन रिच ब्लड आपके हार्ट तक आसानी से पहुंच पाता है।

आदित्यपुर के कलाकार विवेक मिश्रा द्वारा बनाए गए 18500. वर्गफीट के प्रभु राम की रंगोली का उद्घाटन केन्द्रीय के मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया


जमशेदपुर : सरायकेला जिले के आदित्यपुर के कलाकार विवेक मिश्रा द्वारा जमशेदपुर के गोलमुरी केबुल टाउन स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर प्रांगण में बनाए गए 18500. वर्गफीट के प्रभु राम की रंगोली का उद्घाटन केन्द्रीय कृषि एवं आदिवासी मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. 

मौके पर विधायक सरयू राय के साथ कई गणमान्य लोग मौजूद थे. बता दें कि विवेक मिश्रा ने रंगोली का विश्व रिकार्ड बनाया है. अब तक 14000 वर्गफीट की रंगोली बनाने का विश्व रिकार्ड रिकार्ड इंदौर की शिखा शर्मा के नाम था. विवेक मिश्रा का यह भी रिकार्ड है कि उन्होने यह रंगोली अकेले बनाया है जिसका प्रतिक्षण चार सीसीटीवी कैमरों में क़ैद है.

 विवेक मिश्रा की 18500 वर्गफीट की प्रभु राम की रंगोली बनाने में 10 प्रकार के रंगों का 3 टन रंगोली लगी है. इसकी व्यवस्था श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर जीर्णोद्धार समिति के संयोजक विधायक सरयू राय एवं अन्य श्रद्धालुओं द्वारा की गई थी. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि श्री रामलला की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर में जमशेदपुर में रंगोली का विश्व रिकार्ड बना है जो हम सभी के लिए गर्व की बात है.

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा,ना दुश्मनों की निन्दा और गुनी से बैर ठीक नही


रांची: हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मैदान में श्री राम कथा का आयोजन किया गया. 

स्वामी उमाकांतानंद जी महाराज ने देवराज के पुत्र जयंत व नारद जी के वृतांत पर चर्चा कर कथा के मर्मज्ञ को समझाया. उन्होंने कहा कि दुश्मन की निंदा कभी नहीं करें और गुणी व्यक्ति से बैर नहीं करें. प्रवक्ता प्रमोद सारस्वत ने बताया कि 22 जनवरी को हरमू मैदान में हवन व भंडारा का आयोजन किया गया है.

अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में आज झारखंड के 51 हजार मंदिरों में हो रही है पूजा,


रांची: श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में रांची सहित पूरे प्रदेश में 51000 मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान, महाआरती, महाप्रसाद वितरण एवं दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा. 

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान के लिए सुबह 11 बजे रांची में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव निवारणपुर तपोवन मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष चंद्रकांत रायपत धुर्वा श्री जगन्नाथ मंदिर, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह हिनू चौक हनुमान मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता मेडिकल चौक दुर्गा मंदिर, प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु बड़ागांई चौक श्री हनुमान मंदिर, प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो इटकी रोड शिव मंदिर, प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख मिथिलेश्वर मिश्र हटिया चौक हनुमान मंदिर, प्रचार प्रसार प्रांत सहप्रमुख प्रकाश रंजन चुटिया श्री राम मंदिर, गोरक्षा प्रांत उपाध्यक्ष गिरजा शंकर पांडेय कांके चौक हनुमान मंदिर, रांची विभाग मंत्री किशुन झा साकेत नगर हिनू हनुमान मंदिर, बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक राजकिशोर बरियातू स्टॉफ क्वार्टर शिव मंदिर, बजरंग दल रांची विभाग संयोजक प्रिंस आजमनी मेन रोड संकट मोचन मंदिर, रांची विभाग सेवा प्रमुख रवि शंकर राय विहिप कार्यालय दुर्गा मंदिर, रांची महानगर अध्यक्ष कैलाश केसरी चुटिया राम मंदिर,रांची महानगर मंत्री हिनू शिवपुरी महादेव मंदिर, महानगर उपाध्यक्ष गोपाल पारीक चैती दुर्गा पूजा मंदिर भुतहा तालाब, महानगर उपाध्यक्षा डॉ ज्योतिका श्रीवास्तव लालपुर चौक मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर संयोजक अंकित सिंह तुपुदाना हनुमान मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर सहसंयोजक दीपक साहु बड़ागांई श्री श्री पंचदेव मंदिर सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के सभी अनुषांगिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में उपस्थित रहेंगे. 

बड़गाईं चौक के श्री हनुमान मंदिर में प्रातः 8 बजे पूजन-अर्चन करके सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ करेंगे. 11 बड़गाईं श्री पंचदेव मंदिर, 11:45 बजे बड़ा तालाब दुर्गा मंदिर, एवं 12:30 बजे महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

बिष्टुपुर गोपाल मैदान में आगामी 21 जनवरी (रविवार) को टुसू मेला का किया जाएगा आयोजन


जमशेदपुर : झारखंड वासी एकता मंच की ओर से इस वर्ष भी बिष्टुपुर गोपाल मैदान में आगामी 21 जनवरी (रविवार) को टुसू मेला का आयोजन किया जाएगा. हर वर्ष की तरह इस बार भी टुसू मेला में टुसू प्रतिमा चौड़ल लेकर आनेवाले प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए जाएंगे.

 साथ ही बूढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को भी नगद इनाम दिए जाएंगे. कुल मिलाकर मेला में आने वालों पर पुरस्कारों की बारिश होगी. उक्त जानकारी आज सोनारी निर्मल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंच के संयोजक सह सांसद विद्युत वरण महतो तथा मुख्य संयोजक सह समाजसेवी आस्तिक महतो ने पत्रकारों को दी. 

उन्होंने बताया कि इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. मेला में इस बार भी झारखंड के विभिन्न जिला सहित पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा के कई जिलों से प्रतिभागी शामिल होंगे. माना जा रहा है की लाखों की संख्या में इस बार लोग मेला में आएंगे तथा इसका आनंद उठाएंगे. 

सांसद ने बताया कि सुबह 10 बजे से प्रतिभागियों का आगमन मैदान में आरम्भ हो जाएगा. इस दौरान टुसू प्रतिमा, चौड़ल, बूढ़ी गाड़ी नाच के अलग अलग श्रेणियों में प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार के अलावा सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत वर्ष 2006 में पूर्व सांसद स्वर्गीय सुनील महतो में की थी तभी से लेकर आज तक झारखंड की संस्कृति और परंपरा को कायम रखने के लिए हर वर्ष 21 जनवरी को ट्यूशन मेला का आयोजन किया जाता रहा है.

आस्तिक महतो ने बताया कि मेला में होनेवाली भीड़ को देखते हुए सभी सुरक्षात्मक उपाय किये जायेंगे. 

इसमे प्रशासन के साथ साथ मंच के कार्यकर्ता भी लोगों की सहूलियत अनुसार उपलब्ध रहेंगे. संवाददाता सम्मेलन में विद्युत महतो, आस्तिक महतो के साथ फणीन्द्र महतो, सुखदेव महतो, बबलू महतो, करमु हांसदा, युगल किशोर मुखी, सचिन महतो, सत्यनारायण महतो, हसीन अहमद, गोपाल महतो, चुनका मार्डी, नारायण महतो, कमल महतो, विजय महतो, अशोक महतो, ओपा सिंह, कैलाश सिंह, दिलजय बोस सहित कई सदस्य मौजूद थे.

टुसू प्रतिमा का पुरस्कार

प्रथम - 31 हज़ार रु

द्वितीय - 25 हज़ार रु

तृतीय - 20 हज़ार रु

चतुर्थ - 15 हज़ार रु

पंचम - 11 हज़ार रु

छठा - 7 हज़ार रु

सातवां - 5 हज़ार रु

चौड़ल का पुरस्कार

प्रथम - 25 हज़ार रु

द्वितीय - 20 हज़ार रु

तृतीय - 15 हज़ार रु

चतुर्थ - 5 हज़ार रु

बूढ़ी गाड़ी नाच का पुरस्कार

प्रथम - 15 हज़ार रु

द्वितीय - 11 हज़ार रु

तृतीय - 7 हज़ार रु

चतुर्थ - 5 हज़ार रु

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त एवम वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल ने की प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक

ठंड को लेकर स्कूलों के समय में बदलाव का अनुपालन कराने तथा प्रमुख चौक चौराहों में अलाव व्यवस्था के दिये निर्देश

विधि व्यवस्था की समीक्षा कर सतर्कता बरतने का दिया गया निर्देश

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तापमान में गिरावट व शीतलहरी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन काफी सजग है।ठंड से किसी प्रकार से कोई नुकसान नहीं हो इसे देखते हुए जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री एवम वरीय पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल द्वारा प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि आगामी 25 जनवरी तक तापमान में ऐसे ही गिरावट बने रहने की सम्भावना है। बच्चों के स्वास्थ सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी कोटि के सरकारी, गैर सरकारी सहायता प्राप्त / गैर सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) एवं सभी निजी विद्यालयों में दिनांक 19.01.2024 से दिनांक 25.01.2024 तक के लिये वर्ग-KG से वर्ग-05 तक की कक्षायें पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 02:00 बजे तक संचालित करने का आदेश जारी किया है। वहीं वर्ग-06 से वर्ग-12 तक की कक्षायें पूर्ववत् पूर्वाह्न 09:00 बजे से अपराह्न 03:00 बजे तक संचालित होंगी। मध्याह्न भोजन पूवर्वत चालू रहेगा।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा सभी बीडीओ/ सीओ व थाना प्रभारी व नगर निकाय पदाधिकारी को लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि गरीब, बेसहारा, खुले में सोने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से रैन बसेरा या नजदीकी सामुदायिक भवन पहुंचाएं। ठंड से बचाव को लेकर सभी प्रमुख चौक चौराहों व सार्वजनिक स्थलों में अलाव की व्यवस्था रखें। बेसहारा लोगों के लिए रैन बसेरा व सामुदायिक भवनों में भोजन का इंतजाम रखें।

बैठक में विधि व्यवस्था की भी समीक्षा कर सभी सम्बन्धित पदाधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया। उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, सिटी एसपी श्री मुकेश लुणायत, रूरल एसपी श्री ऋषभ गर्ग, एसडीएम धालभूम श्री पीयूष सिन्हा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री राजीव रंजन, एसडीएम घाटशिला श्री सत्यवीर रजक तथा अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ व डीएसपी ऑनलाइन बैठक से जुड़े।

दो साल के कोर्स को 15 दिनों में कराने के लिए किया जा रहा है निबंधन, पारा मेडिकल स्टाफ ने किया विरोध प्रदर्शन


झारखंड के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दो साल के कोर्स को 15 दिनों में पूरा कराया जा रहा है, इसके लिए निबंधन किया जा रहा है. इससे पारामेडिकल स्टाफ में आक्रोश देखा जा रहा है. 

मंगलवार को पारा मेडिकल स्टाफ का गुस्सा फूट पड़ा. पारामेडिकल स्टाफ ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. 

इस दौरान हेमंत सोरेन और बन्ना गुप्ता हाय-हाय के भी नारे लगाए गए. पारामेडिकल स्टाफ का कहना था कि उन लोगों ने दो साल का डिप्लोमा कोर्स किया है और साथ ही एक साल का इंटर्नशिप को भी पूरा किया है जिसके बाद वे लोग अनुबंध पर काम कर रहे है.

 अब झारखंड सरकार द्वारा पारामेडिकल स्टाफ को स्थाई करने के लिए कुल 600 से ज्यादा पद निकाले गए है जिसके लिए झारखंड में निबंधन होना आवश्यक है. अब पूर्व में जिन लोगों ने राज्य के बाहर छह माह का कोर्स किया है उन्हें मात्र 15 दिनों की ट्रेनिंग देकर उनके बराबर ही दर्जा दिया जा रहा है.

 साथ ही झारखंड में उनका निबंधन भी करा दिया जा रहा है. अब पारामेडिकल स्टाफ खुद को ठगा महसूस कर रहे है. 

बन्ना गुप्ता ने भी नहीं की मदद

पारामेडिकल स्टाफ ने बताया कि पूर्व में इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई थी जिसके बाद मामले को संज्ञान में लिया गया था पर अब फिर से 15 दिनों की ट्रेनिंग देकर निबंधन कराया जा रहा है.

 पारामेडिकल स्टाफ एसोसिएशन द्वारा कई बार बन्ना गुप्ता से शिकायत की गई पर कोई हल नहीं निकला. उन्होंने डीएलसी को भी इसकी जानकारी दी पर कोई भी उनकी मदद को तैयार नहीं है. बताया गया कि जितने भी रिक्त पदों की भर्ती निकाली गई है उसमें भी 50 प्रतिशत आरक्षित है. 

पारामेडिकल स्टाफ ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनती है तो यह आंदोलन और उग्र होगा.

पप्पू सरदार ने बिष्टुपुर श्रीराम मंदिर में पूजा अर्चना के बाद किया भगवान का निःशुल्क बैच वितरण


जमशेदपुर। बिष्टुपुर स्थित आंघ्रभक्त श्रीराम मंदिर में सिनेतारिका माधुरी दीक्षित के प्रशंसक समाजसेवी पप्पू सरदार ने पूजा अर्चना कर भगवान श्रीराम के बैच (बिल्ला) का आम लोगों के बीच निःशुल्क वितरण का शुभारंभ किया।

 पंडित संतोष कुमार के नेतृत्व में पांच पंडितों ने पूजा की। साथ ही जय श्रीराम के आकार का बनाकर 1100 दिये प्रज्जवलित किये गये। पूजा एवं आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर समाजसेवी पप्पू सरदार ने पांचों पंडितों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

 पप्पू के सेवा कार्य को देखते हुए प्र्रमुख पंडित संतोष कुमार ने भी पप्पू को सम्मानित किया। इस दौरान पप्पू सरदार ने कहा कि अयोध्याधाम में बन रहे प्रभु श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश के साथ हमारे जमशेदपुर में भी उत्साह का माहौल बना हुआ है। इसमें सभी जमशेदपुर वासियों को भी अपने शहर को राममय बनाने के लिए अपने-अपने स्तर से हर संभव प्रयास करना चाहिए।

 इस अवसर पर मंदिर परिसर एवं आस-पास उपस्थित सैकड़ों लोगों के बीच प्रसाद एवं भगवान श्रीराम के बैच का वितरण किया गया।