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*मुस्लिम समाज ने दी लावारिस लाश को कन्धा*

कानपुर।समाज कल्याण सेवा समिति (पंजी) के तत्वावधान में कानपुर नगर में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 5 दिवसीय लावारिश शवों का ससम्मान कन्धादान अभियान के तहत आज 07 जनवरी 2024 को दोपहर 1.30 बजे पोस्ट मार्टम हाउस कानपुर नगर में लावारिस शवों का ससम्मान कन्धा दान अभियान आयोजित किया गया।

समिति के द्वारा आज मुस्लिम समुदाय द्वारा कन्धादान किया गया, इस अभियान में मुस्लिम समुदाय की ओर से बड़ी संख्या में गणमान्यजनों ने शिरकत की सभी ने अल्लाह से दुआ कर अपने शहर में अमन चैन व शान्ति के साथ दिवंगतों के परिजनों की आत्म शान्ति हेतु अल्लाह से दुआ मांगी और एकमत होकर समिति के सचिव/प्रबन्धक धनीराम पैंथर द्वारा चलाये जा रहे ।

अभियान "न कोई लावारिश पैदा हुआ, न कोई लावारिश मरेगा" इस मानवतावादी सोच की सराहना हुई। इंसानियत को जिन्दा रखने वाली मुहिम से जुड़कर सभी ने तन, मन, धन हर प्रकार से सहयोग देने का आश्वासन दिया। समिति के प्रबन्धक धनीराम पैंथर ने सभी का अभिवादन करते हुये अपने वक्तव्य में कहा कि समिति द्वारा इस अभियान में अभी तक 14000 से अधिक लावारिश शवों का ससम्मान अन्तिम संस्कार कराया जा चुका है व आपदाकाल में कोरोना ग्रसित कानपुर नगर के सभी शवों का भी ससम्मान अन्तिम संस्कार समिति के लोगों द्वारा कराया गया था। हमने अपनी इस मुहिम में सभी से कहा है कि हमें कफन दें, चादर दें, बांस दें, पन्नी दें और यह भी न दे सकें तो लावारिश शवों को कन्धा देकर ससम्मान उनके आखिरी गन्तव्य तक पहुँचायें।

आज मुस्लिम समुदाय द्वारा कन्धादान अभियान में एक शव को फूल मालाओं से लाद कर कानपुर नगर के पोस्ट मार्टम हाऊस से निकाला गया इस शव पर एक कुन्तल फूलों की वर्षा की गयी जिसे देखकर राहगीर भी रूक गये और जानकारी लेने लगे कि यह किस बड़े आदमी की शव यात्रा जा रही है। जानकारी होने पर कई राहगीर भी कन्धा देने को आतुर हुये।

जिन रास्तों से यह शव यात्रा गुजरी वह रास्ते फूलों से पट गये। यह मंजर देख वहाँ से गुजरने वाले सभी लोग भावविभूत हो गये। जनता में इस मानववादी मुहिम की सराहना हुई।

*शिक्षा के बिना समाज का उत्थान अधूरा, सम्मान पाकर मेधावियों के चेहरे खिले*

कानपुर। महार्षि बाल्मीकि जन्मोत्सव मेला कमेटी के तत्वाधान में मोतीझील स्थित बाल्मीकि उपवन मोतीझील में 27 वा नवसंकल्प दिवस प्रतिभावान छात्र छात्राओं, वरिष्ठजनों, खेल के छेत्र में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वालों का सम्मान किया गया।

सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित के साथ बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद सत्यदेव पचौरी ने किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी समाज का उत्थान अधूरा है। जिसको पूरा करने के लिए समाज के सभी लोगों को अपने बच्चों के अच्छी शिक्षा व अच्छे संस्कार के लिए संकल्प लेना चाहिए।

मुख्य अतिथि द्वारा 21 छात्र/छात्राओं, 11 वरिष्ठ समाजसेवी आदर्श सिंह, हर्षित कुमार विद्यार्थी, सौम्या रावत, सुनैना, पूजा कुमारी, मानवी, तान्या, कु मुस्कान, खुशी, रितिका भारती, मानसी, नंदनी चौधरी, रिषभ कुमार, काजल रावत, कोमल, मालती, मुस्कान, अतुल, सुनीता, शिवांश भारती, नुकुल चौधरी की वरिष्ठजनों में श्री चौधरी रामभरोसे, नरेश पाल, शुम्भू दयाल चौधरी, मातादीन, अशोक कुमार, अनिल भारती, नीतू खुराना, नीरज रक्सेल(पार्षद), कामता प्रसाद कैथेल, डॉ ओमप्रकाश (योग गुरु), राहुल भारती(V.I.P. बैंड) का सम्मान किया गया।

सांसद ने दिव्यांशी बकसरिया को रुपए 5000/- की पुरस्कार देने की धोषणा की

और कहा कि इस पैसा की एफ डी आर करा दी जाए और जब शादी हो तब दे अगर मैं मर गया तो मेरे परिवार को निमंत्रण पत्र भेज देंगे कोई भी परिवार से पहुंच जाएगा। कार्यक्रम में एम एल सी सलिल विश्नोई भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता राम जियावन सागर व संचालन प्रकाश हजारिया ने किया।

कार्यक्रम में उपस्थित विधायका नीलिमा कटियार ने कहा आज बाल्मीकि समाज में भी शिक्षा ग्रहण कर डाक्टर, इंजीनियर बन कर समाज का नाम रोशन कर रहे हैं जो सपना बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने देखा और कहा था कि शिक्षा ग्रहण करोगे तो खुद भी संभलोगे और समाज में संभलेगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रकाश हजारिया रामगोपाल समुन्दरे, रामजियावन सागर,अरूण समुन्दरे, मुन्ना हजारिया, सुरेश भारती, डी डी सुमन, रामगोपाल सागर, राजकुमार वर्मा, मुन्ना पहलवान, श्रीकान्त वैरीशाल ,शिवराम मकोरिया, नरेंद्र खन्ना, अशोक भारती, धनश्याम गहरवार, रामगोपाल बाल्मीकि,रामस्वरूप, विनोद कुमार एडवोकेट, बब्लू खोटे, प्रेमा देवी, प्रांशु चौधरी, राजकुमारी,रमन भारती, मुकेश खन्ना, बल्लू, आदि मौजूद रहे।

*पड़ने लगी ठंड की मार, अब तो अलाव जलवाओ सरकार*

कानपुर- जमुना देवी जन कल्याण समिति (रजि) की ओर से काशीराम कॉलोनी हाईवे सिटी के पास जनमानस के लिए अलाव जलाया गया। संस्थापक/अध्यक्ष समाजसेवी सुशील सोनी ने बताया बीते 3-4 दिनों से सर्दी का सितम शुरू हो गया है, सर्दी की ठिठुरन में घरों में रहने वालों से ज्यादा सड़क किनारे रहने वालों लोगों पर अपना असर दिखाने लगी है। सड़क पर दिन-रात काम करने वाले मजदूर, रिक्शा चालक और रेहड़ी लगाने वालों के साथ अंधेरा ढलते ही मुश्किल का दौर शुरू हो जाता है। ऐसे लोग शरीर को गर्म करने के लिए आज जमुना देवी जन कल्याण समिति की ओर से अलाव की व्यवस्था जनता के लिए शुरू की गई।

अध्यक्ष ने बताया हर वर्ष हम लोग लेबर मंडी एवं मुख्य चौराहों पर अलाव की व्यवस्था संस्था की ओर से करते है। लेकिन समाज सेवियों का कहना है कि सरकारी स्तर पर नगर प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष किया जाने वाले अलाव की व्यवस्था काफी देर से शुरू हो पाती है समाजसेवी सुशील सोनी ने नगर प्रशासन से शीघ्र ही शहर के सभी मुख्य स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था करने की मांग की है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्थापक/अध्यक्ष सुशील सोनी, डॉ आर के सिंह,डॉ.अच्छेलाल निषाद,सीताराम सोनी,राजेश शर्मा,राजेंद्र सोनी,दिनेश पांडे समाजसेवी महिला अध्यक्ष शिक्षक रश्मि सोनी,नीलम मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।

*लावारिस शवों के लिए ईसाई समुदाय द्वारा किया गया कन्धादान*

कानपुर- लावारिस शवों को ससम्मान कंधा दान आयोजन में समिति के द्वारा आज ईसाई समुदाय द्वारा कन्धादान किया गया। इस अभियान में ईसाई समुदाय की ओर से बड़ी संख्या में गणमानय जनों ने शिरकत की सभी ने मामबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की । सभी ने एक मत होकर समिति के सचिव धनीराम पैंथर जी द्वारा चलाए जा रहे अभियान " ना कोई लावारिस पैदा हुआ है ना कोई लावारिस मरेगा" इस मानवतावादी सोच की सराहना की। इंसानियत को जिंदा रखने वाली इस मुहिम से जुड़कर सभी ने तन मन धन हर प्रकार से सहयोग का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री पास्टर जितेंद्र सिंह, पास्टर सैमुअल सिंह, पास्टर ए बी सिंह, पास्टर अनिल गिल्बर्ट , पास्टर रवि, पास्टर आई के दास , पादरी हरि सिंह, पादरी सैमुअल कुमार, पादरी भीम सिंह, पादरी प्रदीप सिंह, चेतन मल, भाई अमन कुमार, पादरी राकेश मसीह , पादरी पारसनाथ, पास्टर ,संजय आलविन, पादरी बृजेश कुमार, पादरी संदीप मसीह, अवधेश अवस्थी , नरेंद्र सिंह एडवोकेट , मनोज गुप्ता, संजय गुप्ता , चंदन निषाद, शिवम सिंह आजाद, नन्हे उस्ताद, मोहम्मद आरिफ, शिव प्रताप बौद्ध, अनिल जायसवाल, अनिल प्रजापति , राहुल गौतम, वैभव चौधरी , धर्मेंद्र कठेरिया, श्रीराम,, अज्जू पैंथर, शुभम जायसवाल, मोहम्मद अखलाक, आसिफ, मोहम्मद बस्सी , अजगर, मोहम्मद रिजवान , सुरेंद्र पैंथर, उमेश पैंथर जय कठेरिया, रोमी गौतम सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

*ना कोई लावारिस पैदा हुआ और न ही कोई लावारिस मरेगा*

कानपुर। समाज कल्याण सेवा समिति (पंजीकृत) के तत्वाधान में कानपुर नगर में चलाए जा रहे अभियान " ना कोई लावारिस पैदा हुआ और न ही कोई लावारिस मरेगा" इस मुहिम के तहत विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी पांच दिवसीय लावारिस शवों का सम्मान कंधा दान अभियान के तहत 5 जनवरी 2024 से कानपुर नगर में लावारिस शवों का सम्मान कन्धादान अभियान का प्रारंभ किया गया।

समिति के द्वारा आज हिंदू समुदाय द्वारा कन्धादान अभियान की शुरुआत हुई । इस अभियान में हिंदू समुदाय की ओर से बड़ी संख्या में गणमान्य जन शामिल हुए।सभी ने एक मत होकर समिति के सचिव धनीराम पैंथर जी द्वारा चलाए जा रहे अभियान " ना कोई लावारिस पैदा हुआ और न ही कोई लावारिस मरेगा" इस मानवतावादी सोच की सराहना की ।

इंसानियत को जिंदा रखने वाली इस मुहिम से जोड़कर सभी ने तन- मन -धन हर प्रकार से साथ देने का आश्वासन दिया । समिति के सचिव धनीराम पैंथर जी ने सभी का अभिवादन करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि समिति द्वारा इस अभियान में अभी तक 15500 से अधिक लावारिस शवों का सम्मान अंतिम संस्कार कराया जा चुका है।

आपदाकाल में कोरोना ग्रसित शवों का भी जनपद कानपुर नगर में सम्मान अंतिम संस्कार कराया गया था‌। हमने इस अपनी मुहिम में सभी से कहा है कि हमें कफन दें , चादर दे , बांस दे, पन्नी दें और यह भी ना दे सके तो लावारिस शवों को कंधा देकर सासम्मान उनके आखिरी गंतव्य तक पहुंचाएं ।

आज हिंदू समुदाय द्वारा कन्धादान अभियान में दो शवों को फूल मालाओं से सजाकर पोस्टमार्टम हाउस से निकाला गया ।इन शवों पर एक कुंतल फूलों की वर्षा की गई जिसे देखकर राहगीर भी रुक गए और जानकारी लेने लगे की यह किस बड़े आदमी की शव यात्रा जा रही है ।जानकारी होने पर कई राहगीर भी कंधा देने को आतुर हुए। जिन रास्तों से यह शव यात्रा गुजरी वह रास्ते फूलों से पट गए। यह मंजर देख वहां से गुजरने वाले सभी लोग भाव विभूति हो गए।सभी ने इस मानववादी मुहिम की सराहना की।

लावारिस शवों के कन्धादान कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री राजा रामपाल (पूर्व सांसद), अमिताभ बाजपेई ( विधायक) , सतीश निगम (पूर्व विधायक) , एडवोकेट अनूप कुमार द्विवेदी (अध्यक्ष), बलजीत सिंह यादव (पूर्व अध्यक्ष), विनोद पाल (एडवोकेट), दिलीप यादव, संजय गुप्ता, राकेश राव , आशीष सेंगर ,आजाद मनोज दिवाकर, इंजीनियर कोमल सिंह, जीतू सोनकर, नरेंद्र कुमार, रघुराज सिंह, मोहम्मद यूसुफ, दीपक राज , राहुल गौतम, वैभव चौधरी, राजू यादव, सुभाष साहू, मोहम्मद रिजवान, जय कठेरिया, विनीत कुमार, वीरेंद्र कुमार, हनुमान पाल, श्री राम, एडवोकेट विजय सागर, एडवोकेट अनिल बाबू चौधरी, सरवन, सूर्य , श्रीमती मनीषा पैंथर, विनय बौद्ध, श्रीमती आरती राव , शाहजहां, श्रीमती अनीता, श्रीमती जमुना विश्वकर्मा सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

*वो शख्स जो सांसद और भारत सरकार में मंत्री रहते हुए भी नहीं बनवाया खुद का मकान*

कानपुर- समाजवादी पार्टी कानपुर ग्रामीण ने समाजवादी पुरोधा लोकबंधु राज नारायण जी की 37 वीं पुण्य तिथि 1 नवीन मार्केट कार्यालय में विचार गोष्ठी के रूप में मनाई गई । उनके चित्र पर माल्यार्पण कर सुरेश गुप्ता ने संबोधन में राज नारायण जी को जीवट और बहादुर तथा सिद्धांतों से समझौता न करने वाला नेता बताया उन्होंने 1977 में देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को रायबरेली के चुनाव में हराया था तथा उनकी तानाशाही के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल कर कोर्ट में भी हराने का काम किया था। जिससे मजबूर होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश में आपातकाल लगाना पड़ा था। 

आजादी से पहले और आजादी के बाद जन समस्याओं को लेकर लगभग 80 बार उन्होंने जेल यात्रा की थी। विधायक से लेकर सांसद और भारत सरकार के मंत्री रहते हुए भी उनका अपना खुद का मकान नहीं था उनके मरने के पश्चात उनका ₹4000 बैंक बैलेंस और चार जोड़ी कपड़े मात्र मिले थे। इसीलिए उन्हें फक्कड़ नेता के रूप में जाना जाता था उनके संघर्षों को देखकर लोग उन्हें नेताजी के नाम से जानते थे। गोष्ठी में अन्य वक्ताओं ने भी राज नारायण जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी का संचालन महामंत्री ने किया। 

गोष्ठी में प्रमुख रूप से मगन सिंह भदोरिया, मजदूर सभा प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, अल्पसंख्यक सभा राष्ट्रीय सचिव इम्तियाज रसूल कुरैशी,योगेंद्र कुशवाहा, रघुनाथ यादव, शिव कुमार साहू, आशीष गौतम, रमेश बाल्मिकी बाबा, संजय सोनकर रवि यादव, सलमान इदरिशी, राजीव अवस्थी आदि समाजवादी शामिल थे।

भारतीय मजदूर संघ के कुशल कार्यकर्ता थे गिरीश अवस्थी

कानपुर। गिरीश अवस्थी जी भारतीय मजदूर संघ के कुशल कार्यकर्ता थे। सदैव संगठन के कार्यों में लगे रहे। 

ये बातें भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रविंद्र हिमते ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, बेनाझावर में शनिवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहीं। भारतीय मजदूर संघ के पूर्व अखिल भारतीय अध्यक्ष व अनेक दायित्वों का निर्वहन करने वाले गिरीश अवस्थी जी का निधन 23 दिसंबर को ह्रदय गति रुक जाने के कारण हो गया था।

 इस मौके पर उनके साथ कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं ने गिरीश जी के जीवन पर प्रकाश डाला। श्रद्धांजलि सभा में संघ, अनुषांगिक संगठन सेवा भारती, विद्यार्थी परिषद, संस्कार भारती, ग्राहक पंचायत, भाजपा समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजदू रहे। 

इस मौके पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम, प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय, पूर्व महामंत्री श्रीकांत अवस्थी, प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मुकेश सिंह, एमएलसी अरुण पाठक, सेवा भारती कानपुर प्रांत के संरक्षक स्वतंत्र अग्रवाल, अरविंद अवस्थी, सुखदेव प्रसाद मिश्रा, रामनिवास सिंह, साधू सिंह, रामकिशोर मिश्र, प्रदीप राय, सुरेश यादव, संजय प्रताप सिंह, जिला मंत्री फिरोज आलम, प्रदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

ठन्ड परेशान गरीबों को कम्बल एवं अलाव जलाने की मुख्यमंत्री से मांग

       

कानपुर।आदर्श लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव/प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनता दल से महापौर पूर्व प्रत्याशी शाकिर अली उस्मानी, पूर्व मेयर प्रत्याशी शबाना उस्मानी ने उ०प्र० के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मांग की है कि कड़ाके की ठंड एवं बर्फीली हवाओं से उ०प्र० का मजदूर एवं गरीब जनता अलाव से पूरे प्रदेश में वंचित है । 

उ०प्र० स्रकार हर साल अलाव जलाने एवं गरीबों को कम्बल दिये जाने के मद में सैकड़ों करोड़ रूपया खर्च करती है । परन्तु गरीबों व मजदूरों को इसका लाभ न मिल करके अधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों के जेबों में चला जाता है। कानपुर जैसे प्रमुख महानगर में प्रमुख चौराहों, दादा नगर, पनकी, विजय नगर, हैलट चौराहा, कल्यानपुर चौराहा, रावतपुर चौराहा होते हुए चुन्नीगंज चौराहा, नवीन मार्केट, मूलगंज, घण्टाघर, नयागंज, जाजमऊ, पुरानी चुंगी / नई चुंगी, मदीना मस्जिद रोड सहित लाल बंगला चौराहे तक कहीं भी अलाव जलाये जाने की अभी तक व्यवस्था नहीं की गई है । 

मुख्यमंत्री से मांग है कि कानपुर नगर सहित उ0प्र0 के 75 जिलों में अलाव जलाने/कम्बल बंटवाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराकर गरीब जनता व मजदूरों, किसानों को राहत पहुंचाने का कार्य करें । उस्मानी जी ने सम्पन्न व्यक्तियों से भी अपील की है कि वे अपने घरों के पास जो गरीब मजदूर जनता रहती हैं, उनके लिये अलाव जलाने की व्यवस्था करें ।

*भारतीय मजदूर संघ के कुशल कार्यकर्ता थे गिरीश अवस्थी*

कानपुर। गिरीश अवस्थी जी भारतीय मजदूर संघ के कुशल कार्यकर्ता थे। सदैव संगठन के कार्यों में लगे रहे।

ये बातें भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रविंद्र हिमते ने बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, बेनाझावर में शनिवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहीं। भारतीय मजदूर संघ के पूर्व अखिल भारतीय अध्यक्ष व अनेक दायित्वों का निर्वहन करने वाले गिरीश अवस्थी जी का निधन 23 दिसंबर को ह्रदय गति रुक जाने के कारण हो गया था।

इस मौके पर उनके साथ कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं ने गिरीश जी के जीवन पर प्रकाश डाला। श्रद्धांजलि सभा में संघ, अनुषांगिक संगठन सेवा भारती, विद्यार्थी परिषद, संस्कार भारती, ग्राहक पंचायत, भाजपा समेत विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजदू रहे।

इस मौके पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम, प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय, पूर्व महामंत्री श्रीकांत अवस्थी, प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मुकेश सिंह, एमएलसी अरुण पाठक, सेवा भारती कानपुर प्रांत के संरक्षक स्वतंत्र अग्रवाल, अरविंद अवस्थी, सुखदेव प्रसाद मिश्रा, रामनिवास सिंह, साधू सिंह, रामकिशोर मिश्र, प्रदीप राय, सुरेश यादव, संजय प्रताप सिंह, जिला मंत्री फिरोज आलम, प्रदीप सिंह आदि मौजूद रहे।

क्रोनिक लिवर डिजीज इलाज एवं बचाव


कानपुर।लिवर से जुड़ी बीमारियां भारत में तेजी से एक बड़ी हेल्थ समस्या बनती जा रही है. हाल के आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनिया में लिवर डिजीज से होने वाली मौतों में करीब 18-20 फीसदी भारत में थीं. लिवर डिजीज को अलग-अलग एक्यूट कंडीशन में बांटा जा सकता है। एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस के ज्यादातर मामलों में स्वत: नियंत्रण किया जा सकता है, और क्रोनिक लिवर डिजीज में सिरोसिस व उससे जुड़ी स्थितियां होती हैं।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत में लिवर ट्रांसप्लांट एंड बिलियरी साइंसेज, रोबोटिक सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर शालीन अग्रवाल ने बताया कि हालांकि एक्यूट लिवर डिजीज कुछ मामलों में जानलेवा हो सकती है लेकिन क्रोनिक लिवर डिजीज (सिरोसिस) हमारे देश के हेल्थ केयर सिस्टम को काफी प्रभावित कर रहा है। लिवर डिजीज के ज्यादातर मामलों में मुख्य रूप से चार बड़े कारण होते हैं।

हेपेटाइटिस बी और सी से होने वाला क्रोनिक इंफेक्शन, क्रोनिक एल्कोहल एब्यूज, डायबिटीज और मोटापा. हेपेटाइटिस बी और सी के साथ इंफेक्शन अनस्क्रीन ब्लड प्रोडक्ट के ट्रांसफ्यूजन के कारण होता है, इंफेक्टेड नीडल्ड के दोबारा इस्तेमाल से होता है, सीरींज और ग्रसित व्यक्ति के साथ सेक्सुअल संबंध स्थापित करने से इंफेक्शन होते हैं. इसके अलावा, शराब का सेवन, डायबिटीज और मोटापा जैसी खराब लाइफस्टाइल से भी नुकसान होता है। जब से हेपेटाइटिस सी के लिए एंटी वायरल इलाज आया है, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सुरक्षित तरीके से हो रहा है, हेपेटाइटिस बी के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन उपलब्ध है।

तब से हेपेटाइटिस बी और सी के साथ क्रोनिक लिवर डिजीज के मामलों में काफी तेजी से गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ शराब के सरेआम सेवन खराब लाइफस्टाइल और खाने-पीने की खराब आदतों के चलते शराब और मोटापे से जुड़े लिवर डिजीज के मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

क्रोनिक लिवर डिजीज काफी लंबे समय तक एसिम्पटोमेटिक रही है। हालांकि ब्लड टेस्ट, पेट के अल्ट्रासाउंड और अल्ट्रासाउंड इलास्टोग्राफी के जरिए इसे आसानी से डायग्नोज किया जा सकता है. इसमें प्रारंभिक लक्षण आमतौर पर कमजोरी और थकान के रूप में सामने आते हैं। हालांकि ये अस्पष्ट होते हैं। वहीं एक बार जब लिवर खराब होने लगता है तो मरीज को आमतौर पर पीलिया (आंखों और मूत्र का पीला होना) हो जाती है, पेट या चेस्ट कैविटी में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। खून की उल्टियां होने लगती हैं या मल काला भी हो सकता है. इसके अलावा कभी-कभी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे इधर-उधर की बातचीत, भटकाव या फिर कोमा की स्थिति भी पैदा हो सकती है। सिरोसिस वाले मरीजों में शुरुआती लक्षण कैंसर युक्त ट्यूमर के रूप में होती है।

हालांकि लिवर फेल का इलाज मुश्किल है लेकिन इसकी रोकथाम आसानी से की जा सकती है। शराब से ज्यादा सेवन से बचना चाहिए, स्वस्थ लाइफस्टाइल प्रैक्टिस को अपनाना चाहिए जैसे कि रेगुलर एक्सरसाइज करें, फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें, अपने शरीर का वजन लगातार चेक करते रहें, हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीनेशन कराएं और सुरक्षित ट्रांसफ्यूजन प्रैक्टिस अपनाएं। इस तरह की सावधानियों से क्रोनिक लिवर डिजीज के असर को कम किया जा सकता है और मृत्यु दर व बीमारी को कम किया जा सकता है।

ऊपर जिन लक्षणों की चर्चा की गई है ये एडवांस लिवर डिजीज के संकेत हैं। एल्कोहोलिक लिवर पेशंट के लिए शराब का सेवन पूरी तरह से रोकना बेहद जरूरी है। इसमें शुरुआती इलाज दवाओं से होता है, जिसकी मदद से शरीर की सूजन, फ्लूड जमा होना, दिमागी स्थिति और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जा सकता है. जिन मरीजों खून की उल्टी की समस्या रहती है। उनके लिए एंडोस्कोपिक इलाज ही बेहतर माना जाता है।

लिवर ट्रांसप्लांट सबसे कारगर और अंतिम उपाय माना जाता है सिम्पटोमैटिक सिरोसिस के मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट का सक्सेस रेट 90 फीसदी से भी ज्यादा रहता है. लिवर के इलाज में अन्य सभी थेरेपी का इस्तेमाल लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है जबकि लिवर ट्रांसप्लांट में ग्रसित लिवर को नए व स्वस्थ लिवर से बदल दिया जाता है जिससे मरीज को न सिर्फ राहत मिलती है बल्कि उसे नए जीवन की अनुभूति होती है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आमतौर पर कोई करीबी रिश्तेदार लिवर डोनेट करते हैं, या फिर किसी ब्रेन डेड व्यक्ति के परिजनों की परमिशन से उसके लिवर का इस्तेमाल किया जाता है। या फिर मानव कल्याण के लिए अपने मृत परिजनों के अंगों का दान करने वाले भी इस पुण्य क्रिया का हिस्सा बनते हैं।

सफल लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति सामान्य जीवन गुजार सकता है. हालांकि ऐसे मरीज को कुछ इम्यूनोसप्रोसिव दवाएं लेनी पड़ती हैं. ये दवाएं उसी तरह होती हैं जैसे रोज डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की मेडिसिन ली जाती है।