*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की*
लखनऊ। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की।
मुलाकात के पश्चात उन्होंने माननीय वित्त मंत्री को उत्तर प्रदेश में ईंट भट्ठों से प्राप्त होने वाली राजस्व एवं उसमें आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीणांचलों में ईंट-भट्ठे कुटीर उद्योग के रूप में कार्यरत हैं जो कि बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराते हैं। साथ ही ये राज्य के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
सुरेश कुमार खन्ना ने वित्त मंत्री से ईंट-भट्ठों के सम्बंध में पूर्व प्रचलित व्यवस्था के समान उत्पादन क्षमता आधारित समाधान योजना को जीएसटी व्यवस्था के तहत लागू किये जाने की व्यवस्था करने हेतु आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के 6 प्रतिशत तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के साथ 12 प्रतिशत निर्धारित व्यवस्था के बावजूद राजस्व संग्रह पूर्व के समतुल्य नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त व्यवस्था लागू करने से राजस्व बढ़ने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है।
श्री खन्ना ने अवगत कराया कि जीएसटी व्यवस्था का प्रारंभ एक राष्ट्र एक कर के सिद्धांत के आधार पर किया गया था। इस प्रणाली में आईटीसी के निर्वाध प्रवाह के लिए प्रावधान किए गए थे जिससे पंजीकृत करदाताओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े। परंतु जी०एस०टी० व्यवस्था लागू होने के पश्चात भी जहां प्राप्तकर्ता द्वारा पर्याप्त सावधानी बरतने के बाद भी, बिना किसी गलती के आपूर्तिकर्ता के गलत कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ता है।
उन्होंने अवगत कराया कि उन परिस्थितियों में जहां प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त की गई पूर्ति के सम्बंध में आपूर्तिकर्ता को माल के मूल्य के साथ देय जीएसटी का भी भुगतान किया जाता है तथा इससे संबंधित टैक्स इनवाइस भी प्राप्त की जाती है, परंतु आपूर्तिकर्ता द्वारा इस इनवाइस को अपने रिटर्न में घोषित नहीं किए जाने पर परिणाम प्राप्तकर्ता को भुगतना पड़ता है। ऐसी दशा में प्राप्तकर्ता को पुनः एक बार कर तथा इसके साथ-साथ ब्याज एवं अर्थदंड का भी भुगतान करना पड़ता है।
श्री खन्ना ने माननीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि पूर्व में जी०एस०टी० काउन्सिल द्वारा इस संबंध में क्रेता एवं विक्रेता दोनों ही पर कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया था परंतु जेनविन टैक्स पेयर्स के समक्ष आ रही समस्याओं के दृष्टिगत प्रकरण पर पुनः सहृदयता पूर्वक विचार किया जाए, जिससे किसी भी करदाता को एक ही कर दो बार जमा करने की स्थिति उत्पन्न न होने पाए ।
Jan 05 2024, 20:14