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अब अमेरिकी कंपनी Walmart ने भी चीन को दिया झटका, बीते 5 साल में भारत से और मजबूत हुए संबंध, खरीद रहा 10 गुना अधिक उत्पाद

अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट (Wallmart) चीन पर अपनी निर्भरता कम करके और भारत से आयात बढ़ाकर अपनी सोर्सिंग रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव कर रही है। यह बदलाव अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने का लक्ष्य रखने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच एक व्यापक प्रवृत्ति के अनुरूप है। इस रणनीतिक कदम से न केवल वॉलमार्ट को फायदा होता है बल्कि भारत में स्थानीय उद्योग को भी मजबूती मिलती है।

सोर्सिंग पैटर्न बदलना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वॉलमार्ट ने 2023 में जनवरी और अगस्त के बीच अमेरिकी बाजार के लिए अपना 60% सामान चीन से खरीदा, जो 2018 में 80% से उल्लेखनीय गिरावट है। इसके विपरीत, खुदरा दिग्गज ने अपना लगभग 25% सामान भारत से आयात किया इसी अवधि के दौरान, 2018 में मात्र 2% से पर्याप्त वृद्धि प्रदर्शित हुई। जैसे ही वॉलमार्ट और अन्य बहुराष्ट्रीय निगम चीन का विकल्प तलाश रहे हैं, भारत एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभर रहा है। देश का लागत प्रभावी श्रम बाजार इसके निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य बनाता है, जिससे प्रमुख खुदरा विक्रेता आकर्षित होते हैं। यह बदलाव न केवल वॉलमार्ट के लिए बल्कि चीन से दूर विविधीकरण की समग्र प्रवृत्ति के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत से बढ़ता आयात

वॉलमार्ट वर्तमान में भारत से सालाना 3 बिलियन डॉलर का सामान आयात करता है, जो देश के कुल सामान आयात का 0.6% है। खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की भारत से अपने वार्षिक आयात को 10 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है, जो भारत के निर्यात क्षेत्र के लिए पर्याप्त बढ़ावा को दर्शाता है। वॉलमार्ट की सोर्सिंग रणनीति में यह बदलाव भारत के स्थानीय उद्योग को मजबूत करने में योगदान देता है। भारत से वस्तुओं की बढ़ती मांग देश के विनिर्माण क्षेत्र और रोजगार के अवसरों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती है। भारत से वॉलमार्ट ने तक़रीबन 25% सामान आयातित किया है। जो वर्ष 2018 में महज 2% दर्ज किया गया था, यानी ये बीते 5 सालों में लगभग 10 गुना की वृद्धि है।

व्यापक रुझान: अमेज़ॅन, Apple, और बहुत कुछ

बता दें कि, वॉलमार्ट एकलौती कंपनी नहीं है, जिसने चीन से अपना रुख भारत की तरफ शिफ्ट किया हो। अमेज़ॅन और Apple भी भारत में अधिक से अधिक विनिर्माण का लक्ष्य रख रहे हैं। विशेष रूप से, Apple ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले 6-7 महीनों में ही 5 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात करके सफलता देखी है। 

सरकार का 'मेक इन इंडिया' पर जोर

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल इस प्रवृत्ति के अनुरूप है, जो कंपनियों को भारत में अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। प्रधानमंत्री एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की क्षमता पर जोर देते हैं, जिसका लक्ष्य बढ़े हुए निर्यात के माध्यम से आर्थिक विकास करना है। वॉलमार्ट की सोर्सिंग रणनीति का पुनर्गठन वैश्विक बाजार में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है। विदेशी कंपनियां देश की आर्थिक क्षमता और विनिर्माण क्षेत्र में चीन के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में इसकी भूमिका को पहचान रही हैं।

जैसे-जैसे वॉलमार्ट चीन से अपनी सोर्सिंग दूर कर रहा है, भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। यह बदलाव न केवल भारत के निर्यात को लाभ पहुंचाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में देश के बढ़ते महत्व को भी उजागर करता है।

गिरफ्तार होने पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए या जेल से सरकार चलानी चाहिए ? जनता से पूछेगी AAP, शुरू होगा हस्ताक्षर अभियान

 आम आदमी पार्टी (AAP) के गोपाल राय ने आज गुरुवार (30 नवंबर) को कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को "भाजपा की साजिश" के तहत गिरफ्तार किया जाता है, तो क्या उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, इस पर लोगों की राय जानने के लिए AAP 1 से 20 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। 

AAP सांसद राघव चड्ढा के साथ एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, गोपाल राय ने आरोप लगाया कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) को खत्म करने की उम्मीद के साथ "फर्जी" शराब घोटाला मामले के तहत अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश रची है। शुक्रवार से 'मैं भी केजरीवाल' अभियान के तहत, AAP स्वयंसेवक शहर भर के सभी 2,600 मतदान केंद्रों पर लोगों के हस्ताक्षर लेने के लिए पर्चे ले जाएंगे, जिसमें उनकी राय पूछी जाएगी कि क्या अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ देना चाहिए। 

गोपाल राय ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने AAP विधायकों और पार्षदों से मुलाकात कर इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी और इस बात पर आम सहमति थी कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए और जेल में रहकर दिल्ली की सरकार चलानी चाहिए। राय ने कहा कि 21 दिसंबर से 24 दिसंबर तक AAP शहर के हर वार्ड में 'जनसंवाद' आयोजित करेगी, जिसमें लोगों से कथित शराब घोटाले के साथ-साथ 'अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कराने की भाजपा की साजिश' पर चर्चा की जाएगी और क्या केजरीवाल को गिरफ़्तारी के बाद सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए, इस पर उनकी राय भी मांगी जाएगी।

बता दें कि, इस महीने की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को तलब किया था। हालांकि, केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे और मांग की थी कि उसे अपना नोटिस वापस लेना चाहिए, यह दावा करते हुए कि यह "अवैध और राजनीति से प्रेरित" था।

अब ट्रेनों से कटकर नहीं होगी पशुओं की मौत..! भारतीय रेलवे में लागू होने जा रहा ये ख़ास सिस्टम, यहां जानिए, कैसे करेगा कार्य

 केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेल पटरियों पर हाथियों की मौत को रोकने के लिए वन क्षेत्रों से गुजरने वाले 700 किलोमीटर के मार्ग पर AI-आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि, 'हमने असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, झारखंड और छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में वन क्षेत्रों की पहचान की है, जो हाथियों के घर हैं। यह AI-आधारित निगरानी प्रणाली इन क्षेत्रों में लागू की जाएगी, जो पटरियों पर हाथियों की उपस्थिति के बारे में लोको पायलटों को समय पर सचेत कर सकती है।''

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, रेलवे द्वारा कुछ स्टार्ट-अप के सहयोग से विकसित की गई तकनीक को पिछले साल असम में 150 किलोमीटर की दूरी पर पेश किया गया था और यह काफी उपयोगी साबित हुई है। वैष्णव ने कहा कि, "हमने अपने क्षेत्र के अनुभव के आधार पर प्रणाली में कुछ सुधार किए हैं और अब यह 99.5 प्रतिशत सटीकता के साथ पटरियों पर हाथियों की उपस्थिति का पता लगाता है।" उन्होंने कहा कि इस तकनीक की मदद से अब तक कई हाथियों को बचाया जा चुका है। 700 किलोमीटर के ट्रैक पर परियोजना कार्यान्वयन की कुल लागत 181 करोड़ रुपये होगी। वैष्णव ने यह भी कहा कि उनके अधिकारी परियोजना के दायरे का विस्तार करने के लिए ऐसे और क्षेत्रों की पहचान करने के लिए वन विभागों के संपर्क में हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या रेलवे ने आधिकारिक तौर पर इस प्रणाली का नाम रखा है, मंत्री ने कहा कि, "आप इसे 'गजराज प्रणाली' कह सकते हैं।" सितंबर 2023 में, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने इस प्रणाली की सराहना की और कहा कि पूर्वोत्तर में 11 हाथी गलियारों में इसकी शुरूआत से ट्रेन की टक्कर के कारण हाथियों की मौत को रोकने में मदद मिली। मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान NFR में इस प्रणाली की शुरुआत का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 में, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने 11 हाथी गलियारों में घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली (IDS) की शुरुआत की थी। इन गलियारों में अलीपुरद्वार डिवीजन में पांच और लुमडिंग डिवीजन में छह शामिल हैं।

NFR के अनुसार, दिसंबर 2022 में लॉन्च और इस साल जुलाई के बीच आठ महीनों में, सिस्टम ने 9,768 अलर्ट या प्रतिदिन औसतन 41 अलर्ट दिए। इसमें कहा गया है कि सिस्टम के लॉन्च के बाद से, इन 11 गलियारों में ट्रेन-हाथी की टक्कर की कोई सूचना नहीं है। जब भी कोई हाथी ट्रैक पर कदम रखता है, तो सिस्टम ट्रेन नियंत्रक, स्टेशन मास्टर, ट्रेन ड्राइवरों और अन्य हितधारकों को अलर्ट उत्पन्न करता है जो आसन्न खतरे से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाते हैं। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश में हर साल ट्रेन की टक्कर से औसतन 20 हाथियों की मौत हो जाती है और इनमें से अधिकतर घटनाएं पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में होती हैं। अधिकारियों ने कहा कि IDS की सफलता से उम्मीद जगी है कि ऐसी दुर्घटनाएं अतीत की बात हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) जिसे रेलवे ने दूरसंचार और सिग्नलिंग उद्देश्यों के लिए पटरियों के नीचे बिछाया है, IDS की स्थापना के लिए काम में आता है। OFC नेटवर्क में लगा यह उपकरण, जब कोई हाथी ट्रैक पर आता है तो कंपन को पकड़ लेता है और डिवीजन नियंत्रण कक्ष और एक मोबाइल एप्लिकेशन को वास्तविक समय में अलर्ट भेजता है। यह प्रणाली फाइबर ऑप्टिकल केबल से 5 मीटर की दूरी तक घूम रहे हाथियों का पता लगाने और उनका पता लगाने में सक्षम है।

यह प्रणाली NFR के तत्कालीन महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता के दिमाग की उपज थी, जिन्हें 13 साल पहले इस तकनीक के बारे में पता चला था जब वह लंदन की यात्रा पर थे। मार्च 2023 में सेवानिवृत्त हुए गुप्ता ने कहा कि, "मैंने इसे दो बार प्रयोग किया, एक बार 2011 में और फिर 2016 में विभिन्न रेलवे डिवीजनों में, लेकिन इसका सफल कार्यान्वयन दिसंबर 2022 में हुआ जब हमने 11 गलियारों में इस परियोजना को लॉन्च किया।"

तेलंगाना में कांग्रेस सबसे आगे, एग्जिट पोल में पिछड़े केसीआर

#telangana_exit_poll_results

तेलंगाना में आज कुल 2290 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है। साढ़े नौ साल पहले अप्रैल 2014 में यहां पहला मुख्यमंत्री बना था। तब से केसीआर ही इस राज्य को चला रहे हैं।ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या केसीआर को तीसरी बार सत्ता मिलेगी? एग्जिट पोल के नतीजों को देखा जाए केसीआर के इस बार बड़ा झटका लग सकता है। एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस बढ़त बनाते हुए दिखाई दे रही है।

Polstrat के मुताबिक, कांग्रेस को 49 से 59 सीटें मिल सकती है, जबकि बीआरएस को 48 से 58 सीटें, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 6 से 8 सीटे और बीजेपी को 5 से 10 सीटें मिल सकती हैं।इस चुनाव में ओवैसी किंगमेकर की भूमिका अदा कर सकते हैं और एक बड़ा गेम खेल सकते हैं।

जन की बात ने अपने एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को आगे दिखाया है। एग्जिट पोल में बीआरएस को 40-55, कांग्रेस 48 से 64, बीजेपी को 7 से 13 और एआईएमआईएम को 4 से 7 सीटें खाते में जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

इंडिया टीवी-सीएनएक्स के अनुसार, यहां कांग्रेस को 63-79 सीटें मिल सकती हैं। वहीं बीआरएस को 31-47 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 2-4 और अन्य को 5-7 सीटें मिल सकती हैं। 

टाइम्स नाऊ- ईटीजी ने एग्जिट पोल में बीआरएस को 37-45 सीटें, कांग्रेस को 60-70 सीटें, भाजपा को 6-8 सीटें और अन्य को 5-7 सीटें दी हैं। 

न्यूज 24- टुडेज चाणक्या ने अपने एग्जिट पोल में बीआरएस को 33 सीटें, कांग्रेस को 71 सीटें, भाजपा को 7 सीटें और अन्य को 8 सीटें दी हैं। 

रिपब्लिक- मैट्रिज के अनुसार, यहां कांग्रेस को 58-68 सीटें मिल सकती हैं। वहीं बीआरएस को 46-56 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 4-9 और अन्य को 5-8 सीटें मिल सकती हैं।

राजस्थान में बीजेपी को मिल रहा बहुमत, जानें कांग्रेस को कितनी सीटें मिलने का अनुमान

#rajasthan_exit_poll_results_2023_assembly_election

राजस्थान में राज बदलेगा या रिजाव? ये सवाल इसलिए क्योंकि, राजस्थान में माना जाता है कि वहां पर जनता लगातार दूसरी बार किसी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं देती। राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें 199 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ। इसका एग्जिट पोल जारी कर दिया गया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को बहुमत मिलता नजर आ रहा है।

Polstrat के सर्वे में यहां भाजपा सरकार बनाते दिख रही है, कांग्रेस को यहां बड़ा झटका लगने का अनुमान है।यहां भाजपा 100 से 110 सीटें लाती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस के 90 से 100 सीटों के बीच सिमटने का अनुमान जताया जा रहा है। अन्य दल 5 से 15 सीटें जीत सकती हैं।यदि वोट शेयर की बात करें तो यहां Polstrat के सर्वे में41.8 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भाजपा अव्वल है, कांग्रेस के खाते में 39.9 प्रतिशत वोट शेयर जाता नजर आ रहा है। अन्य के खाते में 18.3 प्रतिशत वोट शेयर जाने का अनुमान है।

जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस को केवल 62-85 सीटें मिलने का अनुमान है। भाजपा को 100-122 सीटें मिल सकती हैं। अन्य दलों के खाते में 14-15 सीटें जाने का अनुमान है।

टाइम्स नाऊ-ईटीजी के मुताबिक राजस्थान में भाजपा बढ़त में दिख रही है। भाजपा को 110-128 सीटें मिल रहीं हैं तो वहीं कांग्रेस को 56 से 72 सीटें और अन्य 13 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है। रिपब्लिक-मैट्रिज के सर्वे के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस को 65-75 सीटें। भाजपा को 115-130 सीटें और अन्य 12-19 सीटें मिलने का अनुमान है।

इंडिया टीवी और सीएनएक्स के एग्जिट पोल के अनुसार राजस्थान में बीजेपी- कांग्रेस के बीच टाइट फाइट है। इसके अनुसार अशोक गहलोत दोबारा सीएम बन सकते हैं। डेटा के अनुसार कांग्रेस को इस बार राजस्थान में 94 से लेकर 104 सीटें मिल सकती है। वहीं बीजेपी को यहां 80 से 90 सीटें मिलने की संभावना है। अन्य के खाते में 14 से 18 सीटें जाने की संभवाना जताया जा रहा है।इसके अलावा टीवी9 भारतवर्ष पोलस्ट्रेट एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को 100-110 और बीजेपी को 90-100 सीटें मिलने के अनुमान है। निर्दलीय यहां 15 सीटें निकाल सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में फिर आ रही कांग्रेस! अधिकांश एग्जिट पोल में दिख रही बढ़त

#chhattisgarh_exit_poll_results_2023_assembly_election

छतीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित होंगे। लेकिन उससे पहले, एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए हैं।अधिकांश सर्वे में कांग्रेस को बढ़त का अनुमान है, पार्टी की भाजपा से कांटे की टक्कर है।बता दें कि छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें में हैं। छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटों की जरूरत है। 

Polstrat के अनुसार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी हो रही है। कांग्रेस को 40 से 50 सीटें, बीजेपी को 35 से 45 और अन्य को 0 से तीन सीटें मिलने के अनुमान हैं। एक्जिट पोल का दावा है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है।

एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में फिर एक बार कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है। पोल में छत्तीसगढ़ कांग्रेस को 45 से 50 सीटें मिलती हुई बताई गई है।वहीं, भाजपा को 38 से 46 सीटें दी गई हैं।

C-VOTER के एग्जिट पोल के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 41 से 53 सीट मिल सकती है। तो वहीं बीजेपी को 36 से 48 सीट तो वहीं अन्य के खाते में 04 सीट जा सकती है। सी वोटर के अनुसार, कांग्रेस को यहां पर 43 फीसदी मत शेयर, भाजपा को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। 16 फीसदी वोट अन्य के खाते में जाते दिख रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोट डाले गए। पहले चरण की वोटिंग 7 नवंबर को 20 सीटों पर हुई थी। इस दौरान, 78 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को हुई थी। नक्सल प्रभावित इस राज्य में 69.78 फीसदी वोट पड़े थे। फिलहाल अब कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल और बीजेपी की किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा।

मध्य प्रदेश में फिर खिलेगा कमल या आएगी कांग्रेस की सरकार? जानिए क्या कहती हैं एग्जिट पोल के नतीजे

#madhya_pradesh_exit_poll_2023_results_assembly_election

मध्य प्रदेश के एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। तमाम एजेंसियों ने परिणामों का ऐलान कर दिया है।इस बार मध्यप्रदेश चुनवा में प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखी जा रही है।कई सर्वे कह रहे हैं कि शिवराज की अगुवाई वाली सरकार पर जनता ने एक बार फिर से मुहर लगा दी है। कई एग्जिट पोल्स में बीजेपी की सरकार बनती नजर आ रही है।हालांकि कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा पीछे नहीं दिखाया गया है।ऐसे में यहां पर कड़े मुकाबले के आसार लग रहे हैं। मध्य प्रदेश की बात की जाए तो यहां की 230 सीटें है और बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 है।

मध्य प्रदेश में टुडेज चाणक्य के ओपिनियन पोल में बीजेपी को बंपर बहुमत मिल रही है। सर्वे के अनुसार एमपी में बीजेपी को 151 औऱ कांग्रेस को 74 सीटें मिल रही हैं। इसके साथ ही अन्य के खाते में 5 सीटें जा रही हैं।

रिपब्लिक भारत के एग्जिट पोल में बीजेपी को 43.4 और कांग्रेस को 41.7 फीसदी वोट शेयर है। वहीं, अगर सीटों की बात करें तो बीजेपी को 118-130 और कांग्रेस को 97-107 और अन्य को दो सीटें मिल रही हैं।

वहीं, जन की बात के एग्जिट पोल में कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है। जन की बात में बीजेपी 100 से 123 और कांग्रेस को 102 से 125 सीटें मिलती दिख रही है। वहीं, अन्य को छह सीटें मिल रही हैं। इसके अलावा, टीवी-9 भारतवर्ष और पोलस्टार्ट के अनुसार एमपी में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। कांग्रेस को 111-121 और बीजेपी को 106-116 सीटें मिलती दिख रही हैं।साथ ही, PolStrat के एग्जिट पोल सर्वे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। कांग्रेस के खाते में की तस्वीर साफ हो गई है। कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस बहुमत के साथ फिर से लौटती दिख रही है। कांग्रेस को यहां पर 230 सीटों में से 111 से लेकर 121 सीटें मिलने का दावा किया गया है। जबकि बीजेपी के खाते में 106 से 116 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।

2024 में खेले जाने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए सभी 20 टीमें फाइनल, युगांडा ने रचा इतिहास

#t20_world_cup_2024_uganda_cricket_team_qualify

अगले साल अमेरिका और वेस्टइंडीज में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 का पहला मुकाबला 3 जून को खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में 20 टीमों के बीच कुल 55 मुकाबले खेले जाएंगे। इस आईसीसी टूर्नामेंट के लिए गुरुवार को 20वीं टीम भी मिल गई। युगांडा ने पहली बार टी20 विश्व कप के लिए क्वालिफाई कर लिया है। इसी के साथ वनडे वर्ल्ड कप 2023 से बाहर रहने वाली जिम्बाब्वे इस टी20 वर्ल्ड कप में भी खेलते हुए नहीं दिखाई देगी।

युगांडा ने पूरी दुनिया को चौंका दिया

साल 2024 में जून महीने में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन किया जाएगा। इस मेगा इवेंट में कुल 20 टीमें हिस्सा लेंगी जिसमें आखिरी टीम के तौर पर अफ्रीकी रीजन से यूगांडा की टीम ने क्वालीफाई किया है। टी20 वर्ल्ड कप में अफ्रीका रीजन क्वालिफायर्स से 2 टीमों को जगह मिलनी थी। इस मुकाबले में जिम्माब्वे, नामीबिया और केन्या जैसी मजबूत टीमें थीं, जिन्हें पहले भी कई बार आईसीसी इवेंट्स में खेलने का अनुभव रहा है। ऐसा ही लग रहा था कि इनमें से ही कोई 2 टीमें कैरेबियन और अमेरिका में होने वाले टूर्नामेंट का हिस्सा बनेंगी लेकिन युगांडा ने पूरी दुनिया को चौंका दिया।

युगांडा ने जिम्बाब्वे का दिखाया बाहर का रास्ता

आईसीसी पुरुष टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अफ्रीकी रीजन से नामीबिया ने अपनी जगह पक्की की, वहीं दूसरी और आखिरी टीम के रूप में यूगांडा की टीम अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गई है। अफ्रीकी रीजन से सात टीमों के बीच क्वालीफायर राउंड खेले गए, जिसमें नामीबिया की टीम जहां इस समय प्वाइंट्स टेबल में पहले स्थान पर है, तो वहीं यूगांडा की टीम 6 मैचों में पांच जीत के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। यूगांडा ने इन 5 जीतो में से एक जिम्बाब्वे के खिलाफ भी दर्ज की है, जिसमें उन्होंने पांच विकेट से मुकाबले को अपने नाम किया था। वहीं जिम्बाब्वे की टीम का तीसरे स्थान पर प्वाइंट्स टेबल पर खत्म करना तय हो गया है। यूगांडा और नामीबिया ने 10-10 अंकों के साथ खत्म किया लेकिन बेहतर नेट रनरेट की वजह से नामीबिया की टीम पहले स्थान पर काबिज है।

इन 20 टीमों ने किया टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए क्वालीफाई

वेस्टइंडीज और यूएस की मेजबानी में खेले जाने वाले टी20 वर्ल्ड कप में पहली बार 20 टीमें हिस्सा लेंगी। इसमें मेजबान होने के नाते वेस्टइंडीज और अमेरिका पहले ही अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, आयरलैंड, स्कॉटलैंड, पापुआ न्यू गिनी, कनाडा, नेपाल, ओमान, नामीबिया और यूगांडा की टीम शामिल है।

वेस्टइंडीज और यूएसए में होंगे मैच

बता दें कि आगामी टी20 वर्ल्ड कप 3 जून से लेकर 30 जून तक वेस्टइंडीज और यूएसए में खेला जाना है।टी20 वर्ल्ड कप के मुकाबले वेस्टइंडीज के एंटीगुआ एवं बारबुडा, डोमिनिका, गुयाना, सेंट लूसिया, बारबाडोस, ग्रेनेडाइंस एवं त्रिनिदाद, सेंट विंसेंट और टोबैगो में खेले जाएंगे। इसके साथ ही पहली बार अमेरिका के तीन शहर फ्लोरिडा, डल्लास और न्यूयॉर्क में भी मैच खेले जाएंगे। ये पहली बार है, जब वेस्‍टइंडीज के साथ ही अमेरिका भी आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है।

पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिकी आरोपों से कनाडाई पीएम ट्रूडो को मिला बल, फिर अलापा पुराना राग

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अमेरिका के एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्‍ता पर खालिस्‍तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नू की हत्‍या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमेरिका के इन आरोपों के बाज अनाडा को एक बार फिर भारत के खिलाफ जगह उगलने का मौका मिल गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिर से पुराना राग अलापा है। ट्रूडो ने कहा कि कनाडा शुरू से ही इसकी बात कर रहा था। ट्रूडो ने कहा, भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबरों के मुताबिक कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को कहा कि अमेरिका की तरह की आरोप कनाडा ने भी भारत पर लगाया है, जिसको उसे गंभीरता से लेना चाहिए। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अमेरिका का आरोप है कि भारत सरकार के एक अधिकारी ने अमेरिकी धरती पर एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या की असफल साजिश रची थी, कनाडा ने भी ऐसा ही आरोप लगाया था, जिसको भारत को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

ट्रूडो ने कहा, अमेरिका से आ रही खबरें इस बात को और इशारा करती हैं कि हम शुरू से ही किस बारे में बात कर रहे हैं। यानी कि भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, भारत सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करने की जरूरत है कि हम इसकी तह तक पहुंच रहे हैं।बता दें कि कनाडा के पीएम ने आरोप लगाया है कि खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की कनाडा में हुई हत्‍या में भारतीय एजेंटों का हाथ है लेकिन अभी तक वह कोई ठोस सबूत नहीं दे सके हैं।

बता दें कि अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में न्यूयॉर्क पुलिस की एक चार्जशीट सामने आई है। इसमें एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। भारत के एक सीआरपीएफ अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था।बुधवार देर रात को सामने आई चार्जशीट में लिखा है कि भारतीय अफसर के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में वह एक अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से कराई, जिसने पन्नू का मर्डर करने की बात कही। इस लिए करीब 83 लाख रुपए में डील हुई थी।

इससे पहले ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पिछले हफ्ते एक खबर प्रकाशित की थी जिसमें अज्ञात स्रोतों का हवाले से बताया गया था कि अमेरिकी अधिकारियों ने प्रतिबंधित ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम करने कर दिया गया।इस साजिश में शामिल होने का आरोप भारत पर लगाया था। इसके बाद खुद अमेरिका ने संगठित अपराधियों, हथियारबंद हमलावरों और आतंकियों के बीच सांठगांठ का इनपुट भी भारत सरकार को दिया था। जिसके बाद भारत ने अमेरिकी धरती पर एक सिख चरमपंथी को मारने की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।

भारतीय पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप, विदेश मंत्रालय ने कही बड़ी बात

#india_respond_on_us_charges_against_indian_citizen_nikhil_gupta_case_gurpatwant_singh_pannu

खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अमेरिका में केस दर्ज किया गया है।इस मामले पर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की।विदेश मंत्रालय ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है, जो जांच में जुटी है। मंत्रालय ने बिना जांच के कुछ भी कहने से फिलहाल इनकार किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे मामले को भारत सरकार की नीति के उलट बताया है। अरिंदम बागची ने गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ‘जैसा कि हमने पहले कहा है, द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए। हम ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से और उच्च स्तर पर लेते हैं। मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए स्तरीय जांच समिति की स्थापना की गई है।बागची ने कहा कि अमेरिका में दर्ज मामले में भारतीय अधिकारी का जिक्र होना चिंताजनक है। 

अरिंदम बागची ने आगे कहा कि जहां तक कनाडा की बात है, हमने पहले भी कहा है कि कनाडा में भारत विरोधी कट्टरपंथियों को पनाह दी जा रही है और यह अहम मुद्दा है। कनाडा में हमारे राजनयिक को निशाना बनाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि कनाडा की सरकार विएना कन्वेंशन की शर्तों का पालन करे। हमने देखा है कि कनाडा के राजनयिक हमारे अंदरुनी मामलों में भी दखल दे रहे हैं, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।

बता दें कि अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में न्यूयॉर्क पुलिस की एक चार्जशीट सामने आई है। इसमें एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। भारत के एक सीआरपीएफ अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था।बुधवार देर रात को सामने आई चार्जशीट में लिखा है कि भारतीय अफसर के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में वह एक अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से कराई, जिसने पन्नू का मर्डर करने की बात कही। इस लिए करीब 83 लाख रुपए में डील हुई थी