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दिल्ली में अभी ठंड शुरू नहीं हुई पर स्कूलों में “विंटर विकेशन”, प्रदूषण के कारण 9 से 18 नवंबर तक बढ़ाई गई छुट्टियां

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बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली सरकार ने 9 से 18 नवंबर तक सभी स्कूलों में “विंटर विकेशन” घोषित किया है। दिल्ली सरकार ने स्कूलों को सर्दी की छुट्टी अभी घोषित करने का निर्देश दिया है।जबकि ठंड अभी शुरू हो ही रही है।बता दें कि दिल्ली में सर्दी काफी पड़ती है। ऐसे में स्कूलों में दिसंबर-जनवरी में विंटर ब्रेक दिया जाता है। जो इस साल नवंबर में ही दे दिया गया है।

प्रदूषण के चलते दिल्ली में सभी स्कूलों को औपचारिक आदेश जारी किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण के चलते 10वी और 12वी को छोड़ सभी स्कूलों की सभी क्लास ऑनलाइन चल रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण के चलते जो स्कूल बंद करने पड़े हैं, उससे कहीं बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसलिए इन छुट्टियों को विंटर ब्रेक के साथ एडजस्ट किया जा रहा है। 

स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा गया है कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है, इसलिए इस बार शीतकालीन अवकाश पहले लिया जा रहा है। अब 12वीं तक के सभी स्कूल 18 नवंबर तक बंद रहेंगे। 19 नवंबर 2023 को रविवार है ऐसे में स्कूलों की छुट्टियां 19 नवंबर तक रहेंगी। इससे पहले प्रदूषण को देखते हुए 10वीं और 12वीं को छोड़कर 10 नवंबर तक छुट्टी की घोषणा की गई थी।बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली सचिवालय में सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हाई लेवल मीटिंग की गई थी, जिसमें 10 नवंबर तक 11वीं तक के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया था।

प्रदूषण के कारण स्कूल में विंटर ब्रेक के नाम से छुट्टी दी गई है। ऐसे में यह भी सवाल है कि क्या हर साल दिसंबर के आखिर में मिलने वाला विंटर ब्रेक इस बार स्कूलों में नहीं रहेगा। दिल्ली में दिसंबर के आखिरी हफ्ते से जनवरी के दूसरे हफ्ते तक मौसम काफी सर्द होता है। ऐसे में विंटर ब्रेक को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है।

जनसंख्या नियंत्रण पर बयान देकर बुरे फंसे नीतीश कुमार, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया आड़े हाथ, बोलीं- C ग्रेड फिल्मों वाले डायलॉग

#national_women_commission_chairperson_got_angry_on_nitish_kumar

विधानसभा में जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टिप्पणी करने के बाद विवादों में घिर गए हैं। विधानसभा में नीतीश कुमार बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं की शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण में कैसे योगदान देती है। नीतीश कुमार की महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी को पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा भड़क गईं हैं।रेखा शर्मा ने नीतीश कुमार के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां महिलाओं के अधिकारों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री को इन बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए देश भर की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री से तत्काल माफी मांगने की मांग की।रेखा शर्मा ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि एनसीडब्ल्यू इस देश की प्रत्येक महिला की ओर से सीएम नीतीश कुमार से तत्काल माफी की मांग करता है। विधानसभा में उनकी अमर्यादित टिप्पणी उस गरिमा और सम्मान का अपमान है जिसकी हर महिला हकदार है। उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है। हम इस तरह के व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और पूरे मामले को लेकर जवाबदेही की मांग करते हैं।

नीतीश सरकार के खराब दिन शुरू हो गए-रेखा शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार की बातें C ग्रेड फिल्मों वाले डायलॉग की तरह थीं। अगर उनको नॉलेज देनी थी, तो और भी कई तरीके है जिससे वो अपनी बात रख सकते थे। हमे मालूम है कि कौरवों ने जब द्रोपदी का अपमान किया था, कौरवों की बर्बादी वही से शुरू हुई थी। मुझे लगता है कि बिहार में भी नीतीश सरकार के खराब दिन शुरू हो गए हैं। 

विपक्ष को भी विधानसभा से वाक आउट करना चाहिए था-रेखा शर्मा

रेखा शर्मा ने कहा कि स्पीकर ने अब तक उनके शब्द हटाए नहीं है, मीडिया में उनके बयान चल रहे हैं। रेखा शर्मा ने विपक्ष को भी विधानसभा से वाक आउट करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। 

नीतीश कुमार ने मांगी माफी

इधर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिए गए अपने बयानों को लेकर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा, अगर मेरी कोई बात गलत थी तो मैं माफी मांगता हूं, जो लोग मेरी निंदा कर रहे है उनकी मैं अभिनंदन करता हूं। बिहार में हमने बड़ा काम किया है। लेकिन हम महिलाओं के उत्थान के लिये काम कर रहे हैं। उसके बाद विधानसभा के अंदर गये सीएम ने कहा, मैं मेरे बयानों को वापस लेता हूं। मैंने जो कहा है मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।

कम नहीं हो रही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें, अब एक्‍स बॉयफ्रेंड जय अनंत ने दर्ज कराई एक और शिकायत

#jai_anant_dehadrai_fresh_complaint_against_tmc_mp_mahua_moitra

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। पहले से ही एथिक्स कमेटी की जांच का सामना कर रही मोइत्रा के खिलाफ एक और शिकायत दर्ज कराई गई है।अब उनके पूर्व बॉयफ्रेंड एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने उनके खिलाफ एक और शिकायत दर्ज कराई है। जय अनंत ने अपनी शिकायत में कहा है कि महुआ मोइत्रा जबरन उनके घर में घुस गईं और घर पर मौजूद स्टाफ को धमकाते हुए उनसे बदसलूकी की।बता दें कि जय अनंत ने ही आरोप लगाए थे कि महुआ मोइत्रा पैसे लेकर संसद में सवाल पूछती हैं।

एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत की है। अपनी शिकायत में जय अनंत ने कहा है कि महुआ मोइत्रा 5 और 6 नवंबर को बिना बताए उनके घर आई थीं। उनके अनुसार, इस बात की पूरी संभावना है कि मोइत्रा जानबूझकर मेरे खिलाफ और धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज करने के एकमात्र उद्देश्य से घर आई हों।अपनी शिकायत में देहाद्राई ने आगे कहा है, 'उनका मेरे घर में आना चिंता का गंभीर कारण है। इसने मेरे कर्मचारियों को डरा दिया है। यह एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाता है कि कोई व्यक्ति जिसने मेरे साथ कड़वे अतीत का दावा किया है वह जानबूझकर मेरे आवास पर क्यों आएगा - वह भी लगातार और लगातार दो दिन।

बता दें कि महुआ मोइत्रा और जय अनंत पहले लिव रिलेशनशिप में रह रहे थे। अब दोनों अलग हो चुके हैं। दोनों के अलग होने के बाद से उनके बीच रिश्ते कथित तौर पर अच्छे नहीं रहे। मोइत्रा और देहाद्रई के बीच मनमुटाव का कारण उनका पालतू कुत्ता हेनरी बताया जाता है।दोनों ने एक दूसरे पर हेनरी को 'चोरी' करने का आरोप लगाया है। मोइत्रा और देहाद्रई हेनरी की कस्टडी के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। फिलहाल ये कुत्ता मोइत्रा के पास है।

गौरतलब हो कि जय अनंत की शिकायत के बाद ही महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच हो रही है। जय अनंत का आरोप था कि महुआ मोइत्रा कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे गिफ्ट लेकर उनके हित में संसद में सवाल पूछती रही हैं।

इजराइल-हमास युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र सचिव ने जताया दुख, बोले- गाजा बन रहा बच्चों की कब्रगाह

#israel_hamas_war_un_secretary_general_guterres_says_gaza_become_cemetery_for_children

इजराइल-हमास में एक महीने से ज्यादा दिनों से जंग जारी है। इस युद्ध में 11 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इजराइल हमास के ठिकानों पर लगातार हमला बोल रहा है जिसकी वजह से गाजा पट्टी में भारी तबाही देखने को मिल रहे हैं। अब इस पूरे मामले पर संयुक्त राष्ट्र संध ने बड़ा बयान दिया है।संयुक्त राष्ट्र ने कठोर लहजे में कहा कि गाजा पट्टी बच्चों का कब्रिस्तान बन गई है इसलिए जितनी जल्दी हो सके, इस युद्ध को रोका जाना चाहिए।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि गाजा के हालात मानवीय संकट से कहीं ऊपर हैं। यह मानवता के लिए संकट है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि गाजा में हर गुजरते घंटे के साथ युद्ध विराम की जरूरत और जरूरी होती जा रही है।उन्होंने कहा कि संघर्ष के पक्ष और वास्तव में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक तत्काल और मौलिक जिम्मेदारी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, जंग में दोनों पक्षों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मौलिक जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि जंग की शुरूआत से फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के 89 कर्मचारी मारे गए हैं।उन्होंने सोमवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'हमारे संगठन के इतिहास में हाल के हफ्तों में सबसे अधिक संयुक्त राष्ट्र की सहायता करने वाले कार्यकर्ता मारे गए हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि, इजराइल के हवाई हमले की वजह से गाजा में भारी तबाही देखने को मिल रहे हैं। इसी मसले पर एंटोनिया गुटेरेस ने अमेरिका के न्यूर्याक में एक मीडिया से बातचीत की है और इस पर चिंता जाहिर की है। गाजा में केवल 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है जबकि हमास के हमले की वजह से इजराइल में 1500 से ज्यादा लोगों ने इस जंग में अपनी सांसे खोई है।

केदारनाथ धाम में मिले राहुल और वरुण गांधी, दोनों भाईयों की मुलाकात के बाद तेज हुईं अटकलें, जानें क्या हैं इसके सियासी मायने

#varun_gandhi_met_cousin_rahul_gandhi_in_kedarnath 

राजनीति में मुलाकातों के मायने काफी गहरें होतें हैं। यूं ही कोई किसी के लिए वक्त नहीं निकालता। सियासी गलियारों में अचानक किसी से टकरा जाना भी राई का पहाड़ हो जाता है। ऐसे हालात में जब दो भाई सालों बाद एक दूसरे से मिले तो खबर तो बनती है। खबर और अहम तब हो जाती है, जब दोनों में किसी का राजनीतिक जीवन हिचकोले खा रहा है। हम बता कर रहे हैं, राहुल गांधी और उनके भाई वरूण गांधी की मुलाकात की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वरुण गांधी के बीच केदारनाथ मंदिर में मुलाकात हुई। इसके बाद से एक बार फिर वरुण गांधी के कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। ये कयास इसलिए भी लग रहे हैं क्योंकि पिछले काफी समय से वरुण गांधी भाजपा के खिलाफ आलोचनात्मक रुख अपना रहे हैं। इससे पहले भी वह कई मौकों पर पार्टीलाइन से अलग बयान दे चुके हैं।

भारत के पवित्र केदारनाथ धाम में मंगलवार को गांधी-नेहरू खानदान के उत्तराधिकारियों राहुल गांधी और वरुण गांधी के बीच मुलाकात की हुई। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीते कुछ दिनों से केदरानाथ धाम गए हुए थे। आज सुबह उनके चचेरे भाई वरुण गांधी भी भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे।इस दौरान राहुल गांधी ने अपने चचेरे भाई और भाजपा सांसद वरुण गांधी से संक्षिप्त मुलाकात की। केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने पुष्टि की है कि दोनों भाईयों की मुलाकात वीआईपी हेलीपैड के रास्ते में मुख्य पुजारी निवास में हुई। विरोधी दलों से ताल्लुक रखने वाले दोनों चचेरे भाइयों की मुलाकात बहुत छोटी और गर्मजोशी भरी थी। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस दौरान वरुण की बेटी अनुसूइया से मिलकर बहुत खुश हुए।

वरुण गांधी का परिवार के साथ केदारनाथ धाम दर्शन का पहले से ही कार्यक्रम बना हुआ था। मंगलवार की सुबह वरुण, यामिनी और अनसूया दर्शन करके वहां से निकल ही रहे थे कि इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वहां पहुंचे। आमना-सामना हुआ तो राहुल और उनके चचेरे भाई वरुण के बीच बातचीत का सिलसिला भी शुरू हो गया। राहुल गांधी ने वहां बैठकर पहले अनसूया को दुलारा। उसकी पढ़ाई-लिखाई और शौक के बारे में जाना। यह भी पूछा कि उसे गेम्स में क्या पसंद है। राहुल और वरुण का परिवार काफी खुलकर मिला। यहां तक कि राहुल ने यामिनी से भी घर-परिवार के बारे में भी पूछा।

देश के प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले दोनों चचेरे भाइयों की मुलाकात ने वरुण गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर कुछ हलकों में अटकलें शुरू कर दी हैं। अब जब लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है, ऐसे में इस बात की अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि असंतुष्ट भाजपा सांसद वरुण कांग्रेस में जा सकते हैं।

संजय गांधी और मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी को हाल के महीनों में भाजपा की प्रमुख बैठकों में नहीं देखा गया है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय पार्टी से अलग रही है। पीलीभीत सांसद वरुण गांधी कई मुद्दों पर भाजपा के खिलाफ आलोचनात्मक रुख अपना रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को लेकर यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोला था। इससे पहले 2021 में वरुण गांधी एक मात्र ऐसे भाजपा नेता थे, जिन्होंने यूपी के लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा चलाए जा रहे वाहन से कुचलकर मारे गए चार किसानों सहित आठ लोगों मौत पर जवाबदेही मांगी थी। वरुण गांधी के बयान के कुछ देर बाद ही उनकी मां भाजपा सांसद मेनका गांधी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति से हटा दिया गया था। वरुण गांधी ने दिल्ली में किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का भी समर्थन किया था। ये वो वक्त था जब भाजपा नेता इस आंदोलन को विपक्ष द्वारा पोषित राष्ट्र विरोधी आंदोलन बताकर इसकी निंदा कर रहे थे।

देश के पहले दलित सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर विवाद, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

#cic_heeralal_samariya_bjp_congress_adhir_ranjan_chowdhury_letter_president 

सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया ने छह नवंबर को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के प्रमुख के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 63 वर्षीय सामरिया को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह के दौरान मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ दिलाई। अब इस नियुक्ति पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें अंधेरे में रखा गया। कांग्रेस ने संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किए जाने की बात की है।

अधीर रंजन ने पत्र में लिखा, 'अत्यंत दुख और भारी मन से मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि केंद्रीय सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन के मामले में सभी लोकतांत्रिक मानदंडों, रीति-रिवाजों और प्रक्रियाओं को ताक पर रख दिया गया।' उन्होंने कहा कि सरकार ने चयन के बारे में न तो उनसे सलाह ली और न ही उन्हें जानकारी दी। 

उन्होंने कहा, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता के तौर पर चयन समिति का सदस्य होने के सीआईसी/आईसी के चयन को लेकर मुझे अंधेरे में रखा गया। उन्होंने ये भी कहा कि सीआईसी के चयन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर 3 नवंबर को बैठक भी की गई, मगर इस बारे में भी मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई।

 

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को हीरालाल सामरिया को सीआईसी के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई। राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले हीरालाल सामरिया देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त बने हैं। वह 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। बता दें कि मुख्य सूचना आयुक्त का पद तीन अक्टूबर को ही खाली हो गया था क्योंकि उस दिन वाई के सिन्हा का कार्यकाल खत्म हो गया था। सामरिया की नियुक्ति के बाद भी सूचना आयुक्त के आठ पद खाली हैं. सीआईसी में इस समय दो सूचना आयुक्त हैं।

ईरान की जेल में भूख हड़ताल पर बैठी नोबेल विजेता नरगिस मोहम्मदी, जानें क्या है वजह

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ईरान की जेल में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ईरान में महिला अधिकारों के लिए लड़ने के लिए नरगिस मोहम्मदी जेल के अंदर भी अपने अभियान को जारी रखा है।नरगिस महिलाओं के अनिवार्य रूप से हिजाब पहनने के साथ ही जेल में महिला कैदियों को चिकित्सा सुविधाएं नहीं देने का विरोध कर रही हैं।बता दें कि महिला अधिकारों के लिए लड़ने के लिए नरगिस मोहम्मदी को इसी साल शांति का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

नरगिस दिल और फेफड़े की समस्याओं से जूझ रही हैं। प्रशासन ने उन्हें अस्पताल ले जाने से महज इसलिए मना कर दिया, क्योंकि नरगिस ने अस्पताल जाने के लिए हिजाब पहनने से मना कर दिया था। इसके बाद उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

नरगिस मोहम्मदी को रिहा कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान फ्री नरगिस मोहम्मदी के एक कार्यकर्ता ने नरगिस के परिवार के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि नरगिस ने एविन जेल से एक संदेश भेजकर अपने परिवार को बताया कि वो भूख हड़ताल पर कर रही हैं। नरगिस दिल और फेफड़े की समस्याओं से जूझ रही हैं, जिसको लेकर वो और उनके वकील काफी समय से अस्पताल में भर्ती कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इधर कुछ दिन पहले नरगिस के परिवार ने भी उनकी बीमारी के बारे में जानकारी दी थी। नरगिस मोहम्मदी के परिवार ने बताया है कि उनकी तीन नसों में ब्लॉकेज है और फेफड़ों में भी समस्या है लेकिन जेल अधिकारियों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया है क्योंकि उन्होंने हिजाब नहीं पहना।

इधर नॉर्वे की नोबेल समिति ने नरगिस मोहम्मदी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की है। समिति के प्रमुख बेरित रीज एंडरसन का कहना है कि महिला कैदियों अस्पताल में भर्ती कराने के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य करना अमानवीय और नैतिक रूप से अस्वीकार्य है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नरगिस ने जेल के हालात को बयां करने के लिए भूख हड़ताल शुरू की है। नार्वे नोबेल समिति ने ईरान प्रशासन से नरगिस समेत दूसरी महिला कैदियों को फौरन जरूरी चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की गुजारिश की है।

आपको बता दें नरगिस मोहम्मदी एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, उनके पति तगी रहमानी भी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वो भी कई बार जेल जा चुके हैं। नरगिस मोहम्मदी पिछले 30 सालों से लोगों के हितों के लिए अपनी आवाज बुलंद करती आई हैं।यही वजह है कि उन्हें कई बार गिरफ्तारी का सामना भी करना पड़ा। विरोध प्रदर्शन के चलते उन्हें 154 कोड़े मारने की सजा भी सुनाई भी सुनाई जा चुकी है। उनके खिलाफ और भी मामले चल रहे हैं।मोहम्मदी विभिन्न आरोपों में 12 साल जेल की सजा काट रही हैं। मोहम्मदी पर ईरान की सरकार के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने का भी आरोप है।

रश्मिका मंदाना डीप फेक वीडियो मामले पर एक्शन में सरकार, जारी की एडवाइजरी

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की बनाई गई फर्जी वीडियो के मामले के तूल पकड़ने के बाद केंद्र सरकार एकेसन मोड़ में आ गई है।केंद्र सरकार ने एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल होने के मामले को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एडवाइजरी जारी की है और आईटी इंटरमीडिएट रूल्स का पालन करने के लिए कहा है।

सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी का हवाला दिया है। ये धारा कंप्यूटर संसाधन का उपयोग कर धोखाधड़ी के लिए सजा से संबंधित है। इसके मुताबिक, जो कोई भी किसी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करता है, उसे दंडित किया जाएगा। उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ये एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है।

क्या कहता है नियम?

सरकार की तरफ से नियमों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म से कहा गया कि उनकी भूमिका मध्यस्थ प्‍लेटफॉर्म की है। उन्‍हें नियमों और विनियमों, गोपनीयता नीति या मध्यस्थ के उपयोगकर्ता समझौते को सुनिश्चित करने सहित उचित परिश्रम का पालन करना होगा ताकि उपयोगकर्ताओं को किसी अन्य व्यक्ति का प्रतिरूपण करने वाली किसी भी सामग्री को होस्ट न करने की जानकारी दी जा सके। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी के मुताबिक, कंप्यूटर संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए प्रतिरूपण कर धोखाधड़ी करने पर तीन साल तक की कैद और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।नियमों के मुताबिक, शिकायत मिलने पर कंपनियों को 24 घंटे के अंदर कंटेंट हटाना होता है।

मंदाना ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर रश्मिका मंदाना ने कहा, ये वाकया बेहद डरावना है। मुझे इसे साझा करते हुए वास्तव में दुख हो रहा है और मुझे ऑनलाइन फैलाए जा रहे मेरे डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी पड़ रही है। ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर किसी के लिए बेहद डरावना है, जो आज टेक्नालॉजी के दुरुपयोग के कारण बहुत अधिक नुकसान की चपेट में है। अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित फिल्म उद्योग में कई लोगों ने इस मामले को उठाया और कानूनी कार्रवाई की मांग की।

दिल्ली के बाद अब नोएडा में 10 नवंबर तक स्कूल बंद, “खतरनाक” हुआ प्रदूषण, ऑनलाइन होंगी क्लासेज

#schools_will_remain_closed_in_noida_from_7_to_10_november

देश की राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर में प्रदूषण चरम पर है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली के बाद नोएडा में भी स्कूल बंद किए गए हैं। अब गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों को बंद कर दिया है। जिला प्रशासन ने प्राइमरी से लेकर कक्षा 9 वीं तक के स्कूलों को आगामी 10 नवंबर तक बंद करने का फैसला किया है।

गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी मनीष वर्मा की ओर से मंगलवार को एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों को ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान स्टेज-4 का पालन करना होगा। इसके तहत प्री स्कूल से लेकर नौवीं तक की क्लास को 10 नवंबर तक के लिए ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन करना होगा। जिलाधिकारी का आदेश ऐसे वक्त में आया है जब नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 400 के पार चला गया है।

आदेश के मुताबिक जिले के सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे जीआरएपी के स्टेज चार को लागू करें और साथ ही नौवीं तक के क्लास में फिजिकल क्लास न लिया जाए। इसकी जगह बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जाए।बता दें कि प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में 3 नवंबर से स्कूल बंद हैं। वहीं गुरुग्राम और फरीदाबाद में 7 नवंबर से स्कूलों को बंद कर दिया गया है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 8 नवंबर से स्कूल बंद रहेंगे।

सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 421 दर्ज किया गया। हालांकि, रविवार के मुकाबले 33 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। जहांगीरपुरी और वजीरपुर समेत 24 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह से ही स्मॉग की चादर छाई रही। ऐसे में यही स्थिति बृहस्पतिवार तक बने रहने का अनुमान है। एनसीआर में दिल्ली के बाद ग्रेटर नोएडा की हवा अधिक प्रदूषित रही। दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है।

भारत ने सफलतापूर्वक किया 'प्रलय' मिसाइल का परीक्षण, “पड़ोसियों” की बढ़ने वाली है परेशानी, रेंज सुनकर उड़ जाएंगे होश

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अब दुश्मन का ठिकाना दूर नहीं होगा। देश की सीमा पर आंख गड़ा कर बैठे दुशमनों की अब खैर नहीं है।दरअसल, भारत ने अपनी नई, तेज और घातक मिसाइल प्रलय का सफल परीक्षण कर लिया है।ओडिशा तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) 'प्रलय' का मंगलवार को सफल परीक्षण किया।प्रलय मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर तक दुश्मन के किसी भी तरह के अड्डे को बर्बाद कर सकती है।

सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल

जमीन से जमीन पर मार करने वाली प्रलय को पृथ्वी मिसाइल प्रणाली पर बनाया गया है। प्रलय मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है, जो इंटरसेप्टर मिसाइलो को मात देने में भी सक्षम है। इसके लिए इसे एडवांस मिसाइल की तरह बनाया गया है। 'प्रलय' को वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा के पास तैनात करने के लिए विकसित किया गया है।

एलओसी के पास से चीन पर होगा निशाना

प्रलय लगभग 350 से 700 किलोग्राम तक वजन का हथियार ले जाने में सक्षम है, जो इसे और घातक बनाता है। सटीक मार्ग क्षमता और तेज रफ्तार से यह मिसाइल ज्यादा शानदार बनती है। यदि एलओसी के पास से इसे दागा जाए तो चीन के बंकर, तोप आदि को नष्ट और खत्म किया जा सकता है।

सरकार की क्या है तैयारी

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और चीन की सीमा पर 120 विध्वंसक मिसाइल प्रलय की तैनाती की हरी झंडी दे दी है।अब इन दोनों देशों की हिम्मत नहीं होगी कि भारतीय जमीन की तरफ बुरी नजर डाल सकें।छोटी दूरी की इस बैलिस्टिक मिसाइल की गति ही इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है।प्रलय मिसाइल की तुलना चीन की 'डोंग फेंग 12' और रूस की 'इस्केंडर' से की जा सकती है, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में किया गया था।